हिंदी फिल्मों में अभिनय करने वाली खूबसूरत, समार्ट और हंसमुख एक्ट्रेस दिलनाज़ ईरानी मुंबई की है. उन्होंने मॉडलिंग और थिएटर से अभिनय की शुरुआत की. मुंबई से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ़ लंदन से आठवीं स्तर की परीक्षा भी पूरी की है. बॉलीवुड में आने से पहले उन्होंने चार साल तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर भी काम किया है.

उन्हें बचपन से ही अभिनय का शौक था. उन्होंने स्कूल और कॉलेज में आयोजित नाटकों और मॉडलिंग में कई बार भाग लिया. फैशन पत्रिकाओं के लिए भी उन्होंने कई बार एक मॉडल के रूप में काम किया है. इसके अलावा उन्होंने एक म्यूजिक वीडियो और म्यूजिक शो में वीजे के रूप में भी काम किया है. असल जिंदगी में दिलनाज़ छोटे बाल रखती है और जींस टी शर्ट पहनती है.

दिलनाज़ ने बॉलीवुड में फिल्म ‘68 पेजेस’ से डेब्यू किया है. इसमें उन्होंने नेहा का किरदार निभाया था. फिल्म एचआईवी और एड्स के बारे में ज्ञान बढ़ाने के लिए थी. इस फिल्म का प्रीमियर केरल के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हुआ था, जिसमे उनके अभिनय को काफी तारीफ मिली. इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘जोधा अकबर’ में सपोर्टिंग एक्ट्रेस के रूप में अभिनय किया. फिल्मों के अलावा दिलनाज़ ने कुछ धारावाहिकों में भी काम किया है. उनकी एक तमिल वेब सीरीज ‘माथागम’ के बाद फिल्म ‘सुखी’ रिलीज हो चुकी है, जिसमे उन्होंने अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के साथ अभिनय किया है, उन्होंने अपनी जर्नी को खास गृहशोभा के साथ शेयर किया.

तमिल वेब शो ‘माथागम’ में दिलनाज़ ने एक यंग बंगाली पुलिस कमिश्नर शायन्तिका बिस्वास की भूमिका निभाई है, जो बहुत ही चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि मुंबई की दिलनाज़ को तमिल बोलना पड़ा. तमिल भाषा के साथ थोड़ी बांग्ला भी बोलना पड़ा, जिसके लिए उन्होंने ससुराल वालों की सहयोग लिया,क्योंकि वे कोलकाता से है, इससे अभिनय में आसानी हुई. इसके अलावा तमिल भाषा के लिए उन्हें  कोच से तमिल सीखनी पड़ी. ये सीरीज कई भाषाओँ में है , लेकिन इसकी शूटिंग तमिल में हुई है. ये एक सच्ची कहानी पर आधारित वेब सीरीज है.

अभी उनकी फिल्म ‘सुखी’ भी चार दोस्तों की कहानी है, जो अपने परिवार और बच्चे के साथ इतनी व्यस्त हो जाती है कि उन्हें खुद के लिए वक़्त निकलना मुश्किल होता है. सेल्फ लव उनमें नहीं है. वह कहती है कि मैं इसमें एक कॉर्पोरेट वुमन की भूमिका निभा रही हूँ. इसमें सभी महिला दोस्त मिलकर आपस में एक नई जिंदगी जी रही है, जिसकी इच्छा उन्होंने कभी नहीं की है. ये रियलिटी है, महिलाओं की, जिसे बहुत ही सुंदर तरीके से दिखाने की कोशिश की गई है.

मिली प्रेरणा

दिलनाज़ आगे कहती है कि बचपन में कभी पुलिस ऑफिसर, तो कभी एस्ट्रोनोट्स, तो कभी फायरमैन आदि बनने की इच्छा होती थी, लेकिन एक दिन मैंने सोचा कि अगर मैं एक्टर बनूँ, तो इन सारी चीजो को अभिनय के माध्यम से कर सकती हूँ. मैंने एक्टिंग सीखी, और इस क्षेत्र में आई, लेकिन मैं स्टडी में भी काफी अच्छी थी. मेरी माँ टीचर रही है. मेरे परिवार को और मुझे इंडस्ट्री के बारें में जानकारी नहीं थी और इंडस्ट्री में स्टार किड्स को ही चांस मिलता है, ऐसे में मेरे पेरेंट्स ने मुझे इंडस्ट्री में काम करने को मुश्किल समझा और मेरे स्टडी को आगे बढाने की सलाह दी. मैंने वही किया और मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की, लेकिन मैं शुरू से नाटकों में अभिनय किया करती थी, जिसमे बमन ईरानी, रजत कपूर आदि थे, उनके साथ काम करने का अवसर मिलता रहा. 16 साल की उम्र से मैंने प्रोफेशनल थिएटर करना शुरू कर दिया था.

मिला ब्रेक

एक्ट्रेस कहती है कि एक्टिंग मैंने कम उम्र से ही शुरू कर दिया था. डिग्री पूरी करने के बाद कैंपस प्लेसमेंट भी मिल गया, लेकिन अभिनय मेरा पैशन था. धीरे-धीरे टीवी पर छोटे -छोटे अभिनय मिलने लगे. मैं एक ग्लैडराग मॉडल होने की वजह से मॉडलिंग भी शुरू हो गई. फिर मैंने एक साल की छुट्टी जॉब से लेकर अभिनय में उतरी और अब ये 15 साल अभिनय में बीत गए है. मुझे अभी तक बड़ी ब्रेक नहीं मिली, लेकिन मुझे इंडस्ट्री के सभी जानते है, क्योंकि मैंने थिएटर, टीवी शोज और वेब सीरीज में काम किया है. फिल्म इंडस्ट्री वाले भी जोधा अकबर से पहचानने लगे थे. वेब सीरीज की वजह से लोग अधिक जानने लगे है.

मिला परिवार का सहयोग

दिलनाज़ के परिवार का सहयोग पहले नहीं था, बहुत कुछ उन्हें सुनने को मिला, क्योंकि वह एक अच्छी जॉब से एक साल की छुट्टी ले रही थी, पर बहुत अधिक मना उन्होंने नहीं किया, क्योंकि उन्हें लगा कि वह एक साल बाद फिर से जॉब पर आ जाउंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वह कहती है कि मेरे पति कइजात गडा कोलकाता के पारसी परिवार से है और एक म्यूजिक डायरेक्टर है. थिएटर के दौरान उनसे मुलाकात हुई, प्यार हुआ और शादी की.

किये संघर्ष

इंडस्ट्री में संघर्ष के बारें में पूछने पर दिलनाज़ कहती है कि रिजेक्शन आज भी होता है. डायरेक्टर के तीन से चार तरीके होते है, जिसमे उनसे मिलना, स्क्रिप्ट देखना और अपनी भूमिका को समझना, लेकिन कई बार सब कुछ सही होने के बाद भी रिजेक्शन होता है. आज भी ऑडिशन होते है, लुक टेस्ट वे करते है, लेकिन कई बार वे बताते भी नहीं है कि मेरा रिजेक्शन हुआ है. 15 से 20 साल बाद आज भी एक काम मिलना कठिन होता है. जब मैं न्यू कमर थी तो मुश्किलें और अधिक थी, एक एक्ट्रेस बनने के लिए बहुत स्ट्रोंग होना पड़ता है. एक्टिंग करना कठिन नहीं, लेकिन उसके साथ – साथ रिजेक्शन, फैल्यौर आदि को सम्हालना अधिक मुश्किल होता है. सालों की मेहनत के बाद भी कई बार फिल्म फ्लॉप हो जाती है. उस वक्त उसे स्वीकार करना पड़ता है.

इंटिमेट सीन्स करने में नहीं हर्ज़

दिलनाज़ का कहना है कि वेब सीरीज में इंटिमेट सीन्स को करने में मुझे कोई समस्या नहीं, कहानी में अगर उस बात की डिमांड है, तो मैं कर सकती हूँ. मजे के लिए गन्दी भाषा, सीन्स को डाल देना मुझे पसंद नहीं. मार्केटिंग के लिए वे कुछ भी वेब में डालने से परहेज नहीं करते और मुझे वो पसंद नहीं.

एक्टिंग के अलावा मुझे और कुछ पसंद नहीं, क्योंकि एक्टिंग से मैं अभी तक पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो पाई हूँ. एक बार कुछ बड़ा काम करने के बाद मैं कुछ दूसरा काम करने के बारें में सोच सकती हूँ. मैं हर नए चरित्र की जिंदगी में घुसना बहुत पसंद करती हूँ. किसी दूसरे की जिंदगी को जीने का थ्रिल मुझे अच्छा लगता है.

रियल लाइफ में दिलनाज़ एनर्जेटिक, उत्साही स्वभाव की है, लेकिन बहुत शाय नेचर की है. वह कहती है कि सेट पर काफी सारे लोग होने पर मैं शाय हो जाती हूँ. मेरा सपना है कि मैं हमेशा कुछ अच्छा काम करूँ, ताकि दर्शक मेरे अभिनय से प्रभावित हो सकें.

सम्हालना पड़ता है खुद को  

इंडस्ट्री की अच्छी बात का जिक्र करती हुई दिलनाज़ कहती है कि इंडस्ट्री जितना प्यार हमें देती है, वह किसी और इंडस्ट्री में संभव नहीं. यहाँ दर्शक का प्यार बहुत होता है, लेकिन वही इंडस्ट्री जब किसी को गिराती है तो एक सेकेण्ड में नीचे कर देती है, इसे काफी लोग सह नहीं पाते, जितनी ऊंचाई पर ये ले जा सकती है उतना ही नीचे ये गिरा भी सकती है.

महिलाओं से दिलनाज़ का कहना है कि आप खुद से प्यार अवश्य करें, तभी आप दूसरों से प्यार कर सकते है.

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