हिंदी और बांग्ला फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री मुनमुन सेन की बेटी राइमा सेन एक बहुत ही खुबसूरत, हंसमुख, शालीन और मृदुभाषी अभिनेत्री है. उनका चेहरा बंगाल की लिजेंड अभिनेत्री और उनकी नानी सुचित्रा सेन की तरह है, इसलिए उन्हें हमेशा शालीन और शांत भारतीय नारी की भूमिका ही फिल्मों या वेब सीरीज में मिला करती है, जिसे वह करना पसंद करती है.

फ़िल्मी माहौल में पली और बड़ी हुई राइमा सेन शुरू से अभिनय के अलावा कुछ दूसरा काम करने के बारें में नहीं सोचा था. 17 साल की उम्र में उन्होंने हिंदी फिल्म ‘गॉडमदर’ में काम शुरू किया था. उनका फ़िल्मी जीवन कमोवेश सफल रहा, लेकिन उनके निजी जीवन में सफलता नहीं मिली, उनका नाम व्यवसायी वरुण थापर, अभिनेता कुनाल कपूर और राजनेता कलिकेश नारायण सिंह देव के साथ जुड़े, पर उन्होंने किसी को भी अपना जीवन साथी न बनाकर, काम को अधिक महत्व दिया. उनकी हिंदी फिल्म ‘द वैक्सीन वार’ रिलीज हो चुकी है, उन्होंने अपनी जर्नी के बारें में ज़ूम पर बात की, पेश है कुछ खास अंश.

राइमा इस फिल्म को लेकर बहुत उत्साहित हूँ, क्योंकि बहुत दिनों बाद उन्होंने बड़े पर्दे के लिए काम किया है. इसमें पेंडेमिक के समय वैक्सीन की खोज को दिखाया गया है, जिसमें महिला वैज्ञानिकों की मेहनत, लगन और अचीवमेंट को सेलिब्रेट करने को प्रमुखता दी गई है. वह कहती है कि ये इंडिया की पहली बायो साइंस फिल्म है. मैंने इसमें एक साइंस जर्नालिस्ट की स्ट्रोंग भूमिका निभाई है. मैंने इस किरदार को ईमानदारी से निभाने की कोशिश की है.

साइंस जर्नालिस्ट की अभिनय के लिए राइमा ने कई तैयारियां की है. राइमा कहती है कि इस फिल्म में कई बड़े – बड़े आर्टिस्ट मेरे साथ काम कर रहे है, ऐसे में मेरी एक्टिंग सही हो, उसकी कोशिश की है. मैंने कई वर्कशॉप किये है, अभिनेत्री पल्लवी जोशी से कई टिप्स लिए है.

क्या ये फिल्म दर्शकों को हॉल तक ला पायेगी? राइमा कहती है कि कोविड के बाद से थिएटर हॉल में जाना लोगों में कमी आई है, लेकिन फिल्म का इम्पैक्ट ही दर्शकों को हॉल तक ला सकती है. बाकी फिल्म से अलग अगर कोई विषय हो, तो लोग अवश्य देखना पसंद करेंगे. मैं खुद भी किसी फिल्म को हॉल में देखने तब जाती हूँ , जब लोग उसकी काफी तारीफ करते है. नहीं तो मैं टीवी पर ही फिल्में देखती हूँ.

करती हूँ मेहनत  

एक्टिंग में रियलिटी को लाने के लिए राइमा बहुत मेहनत करती है. वह कहती है कि मैं खुद को लकी मानती हूँ, कि मुझे हमेशा अच्छे कलाकारों और निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिला है. मैंने कभी एक्टिंग सीखा नहीं है. 17 साल की उम्र में जब मैं अभिनय करने आई थी, तो बंगाल में मेरे ऊपर बहुत बड़ा प्रेशर, तुलना, आशाएं बहुत थी. एक्टिंग के बारें में मुझे कुछ मालूम नहीं था, लेकिन मैंने बहुत मेहनत की है. मैंने ऑन द जॉब सब कुछ सीखा है, जिसमे मैंने हर निर्देशक और टीम की सभी से कुछ न कुछ सीखा है. उस समय मैं बहुत घबरा गयी थी, क्योंकि सुचित्रा सेन की नातिन और मेरी पहली फिल्म ‘गॉडमदर’ अभिनेत्री शबाना आज़मी के साथ थी, लोगों ने मुझे बहुत कुछ भला-बुरा कहा, लेकिन ‘चोखेर बाली’ फिल्म के बाद लोगों ने मुझे राइमा सेन नाम से माना.

अभिनय पहली पसंद

राइमा आगे कहती है कि अभिनय के अलावा मैं अभी कुछ नहीं कर रही हूँ. मैं पहले डांस सीखती थी, अब किताब पढ़ती हूँ, टीवी देखती हूँ. एक डॉग और परिवार के साथ रहती हूँ, अभी कई ऑफर्स है, इसलिए अभिनय पर अभी अधिक ध्यान दे रही हूँ. इसके अलावा खुद को अपडेट करने के लिए वर्कशॉप करती रहती हूँ. मैं मुंबई और कोलकाता दोनों जगहों पर रहती हूँ, मैं लॉकडाउन में पेरेंट्स के साथ रहती थी. कोविड ने सभी को रिलेशनशिप, लाइफ और डेथ के महत्व को समझाया है. अभी मैं कोलकाता में रहती हूँ और जरुरत के अनुसार मुंबई आती हूँ. कोविड से पहले लोग परिवार को छोड़कर पैसे और कैरियर के लिए कही भी चले जाते थे. लॉकडाउन के बाद से सबको समझ में आया है कि परिवार और स्वास्थ्य सबसे जरुरी है. मुझे अभी परिवार को छोड़कर अधिक दिनों तक कहीं जाने में भी डर लगता है.

परिवार की सीख

राइमा आगे कहती है कि मेरे पिता इंडस्ट्री से नहीं थे, उन्होंने कभी मुझे ये समझने नहीं दिया कि मैं सुचित्रा सेन की नातिन और मुनमुन सेन की बेटी हूँ. हमने एक साधारण जीवन जीया है, जिसमे जरुरत के अनुसार टैक्सी और ऑटों से भी सफ़र कर सकते है. उन्होंने हमें स्टार चिल्ड्रेन महसूस करने का मौका नहीं दिया. वह सीख मुझे मिली है. माँ का सहयोग हमेशा रहा है, उन्हें इंडस्ट्री के बारें में सारी जानकारियाँ है, जिसे वे शेयर करती रहती है, मेरे किसी काम की वह आलोचक भी माँ ही है.

खूबसूरती का राज

राइमा की खूबसूरती की राज के बारें में पूछने पर वह हंसती हुई कहती है कि इसमें मैं माता-पिता को धन्यवाद देती हूँ, उनकी जींस मुझे और मेरी बहन रिया को मिली है, किसी को कुछ लगाने की जरुरत नहीं. साधारण खान पान और नीद पूरी करने पर स्किन में चमक रहती है. खूबसूरती हमेशा अंदर से आती है और इसके लिए नियमित घरेलू खान – पान और वर्कआउट करना जरुरी होता है. इसके अलावा मैं बहुत फूडी हूँ, डाइट नहीं करती और हर तरह के व्यंजन खाती हूँ. इसलिए समय मिलने पर सप्ताह में 3 से 4 दिन जिम में अवश्य चली जाती हूँ.

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