शिकायत करना मानव स्वभाव का एक स्वाभाविक हिस्सा है और यह एक बहुत ही नकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है इसलिए यदि कोई समस्या है तो उस की दोस्तों एवं अपने परिवार वालों से शिकायत करना स्वाभाविक है, लेकिन इसे मौडरेशन में या एक लिमिट में रह कर ही करें तो यह आप के तनाव को कम करने के लिए बेहतर होगा.

मैं और मेरी एक फ्रैंड एक ही औफिस में काम करते हैं और जब भी थोड़ा ब्रेक होता है तो उस से पूछो कि चलो थोड़ा ब्रेक ले लें, आओ चाय पी कर आते हैं तो बस उस का शिकायतों का पिटारा खुल जाता है…

अरे अभी मुझे फुरसत नहीं है, अरे यह काम करना है वह काम करना है. हर समय हैरानपरेशान रहती है. उस से जब भी मिलो और पूछो और भई क्या हाल है, क्या चल रहा है तो वह किसी प्रश्न का सही जवाब दिए बिना बस यही कहने में लगी रहती है बिलकुल भी फुरसत नहीं है. वह हमेशा यह कहने से दूर भागती है कि वह खुश है और सबकुछ ठीक चल रहा है.

उस का ऐसा करना कहीं उस की आदत में तो शुमार नहीं हो गया क्योंकि जो भी काम हम बारबार करते हैं या जो भी हम बारबार कहते हैं या सबकुछ ठीक ही क्यों न हो वह हमारी आदत में शामिल हो जाता है फिर चाहे हमारे पास समय हो या न हो, कितना ही कम काम क्यों न हो हम हर समय परेशान बने रहते हैं.

यदि आप के साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा है और आप जानना चाहते हैं कि इन शिकायतों के पिटारे को कैसे कम किया जाए, इस से कैसे बाहर निकला जाए तो आइए हम बताते हैं:

आखिर क्यों करते हैं हम शिकायत

आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में हम अकसर गंभीर प्रोफैशनल और व्यक्तिगत तनाव से गुजरते हैं, जोकि हमें हर समय थका हुआ महसूस कराता है और हमारी नींद को भी प्रभावित करता है इसलिए हमारी यह कोशिश रहती है कि अपनी समस्याएं या शिकायतें ज्यादातर समय हम अपने करीबी दोस्तों एवं अपने परिवार वालों से ही करते हैं. शिकायत करना बिलकुल बुरा नहीं है, लेकिन जब आप इसे लगातार करती/करते हैं, तो यह टौक्सिक बन सकता है और ऐसा इसलिए है क्योंकि शिकायत करना यह दर्शाता है कि आप अपने जीवन में जो हो रहा है उसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं.

ऐसा संभव नहीं कि आप को कभी कोई शिकायत ही न हो लेकिन सीमा तय करना आप के लिए फायदेमंद हो सकता है और रोजमर्रा की शिकायतों को कम करने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं.

आप की कुछ आदतें जो बताती हैं कि आप बहुत अधिक शिकायत कर रहे हैं:

  •  आप नकारात्मक चीजों पर ज्यादा ध्यान देते हैं और साथ ही उन का कोई समाधान निकालने की कोशिश नहीं करते हैं.
  •  आप अकसर पिछली घटनाओं के बारे में सोचते हैं और चाहते हैं कि चीजों को बदल सकें.
  •  आप अकसर चिंता की भावनाओं का अनुभव करते हैं.
  • आमतौर पर शिकायत करने के बाद आप चिड़चिड़े हो जाते हैं.
  • समस्याओं के बारे में बात करने से आप असहाय या निराश महसूस करते हैं.
  • कई बार ऐसे लोगों को दूसरों की जिंदगी अच्छी क्यों चल रही है इस से भी शिकायत होती है अकसर यह माना जाता है कि शिकायत करने से आप को तनाव दूर करने में मदद मिलती है, लेकिन ऐसा नहीं है.

इस के नुकसान

  •  बारबार शिकायत करना आप के दिमाग को नैगेटिव यानी नकारात्मक बना देता है.
  • हम अपने आसपास की सभी अच्छी चीजों पर ध्यान देने के बजाय उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो सही नहीं चल रहा हैं और हमारे सोचने का नजरिया ही नकारात्मक हो जाता है.
  • निर्णय लेना या समस्याओं को हल करना कठिन लगता है क्योंकि तनाव के कारण आप का दिमाग चकरा जाता है.
  • आप को समाधान की तुलना में अधिक समस्याएं दिखाई देती हैं. कुछ महिलाएं हमेशा अपनी जिंदगी और परिस्थितियों से नाराज दिखती या आती हैं और अपने हालात को ले कर शिकायत करती रहती हैं फिर धीरेधीरे उन की यह आदत इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि उन्हें अपने आसपास कुछ भी अच्छा नजर नहीं आता. चाहे कुछ अच्छा भी घटित हो रहा हो, उन्हें उस के नकारात्मक पहलू पहले नजर आते हैं.

जब भी आप शिकायत करने वाली हों तो पहले यह सोचें कि क्या आप जिस बात की शिकायत करने वाली हैं उस से अगले 5 मिनट या 5 महीने या फिर 5 साल में कुछ बड़ा बदलाव आएगा क्या? अगर ऐसा नहीं है तो शिकायत न करें.

डालें लिखने की आदत

लिखने की आदत भी हर समय शिकायत करने की आदत को बदलने का एक बेहतरीन, प्रभावशाली तरीका है. इस के लिए आप एक डायरी बनाएं और फिर उस में अपनी सभी समस्याओं और भावनाओं के बारे में पहले लिखें. उस के बाद आप उन के लिए सकारात्मक समाधानों के बारे में लिखें. यह तो आप भी जानती हैं कि सिर्फ शिकायत करने से समस्या नहीं सुल?ाने वाली. उस के लिए आप को हल भी खुद ही तलाशने होंगे.

बातचीत करें

अगर आप को किसी से शिकायत है तो किसी और से उस की शिकायत करने के बजाय अपनी शिकायत उस व्यक्ति को ही दर्ज कराएं जिस से आप को शिकायत है और उस व्यक्ति के साथ बातचीत करें और उस का हल निकलने की कोशिश करें.

यदि आप अपने पार्टनर से अपनी फीलिंग्स के साथ अच्छा महसूस नहीं कर रही हैं, तो इस के बारे में बात करें, लेकिन शिकायत भरे तरीके से नहीं बल्कि सकारात्मक तरीके से जब आप सकारात्मक रूप से बात करेंगी तो इस से आप का मन भी हलका होगा, साथ ही आप के रिश्तों की गरमाहट में भी कोई कमी नहीं आएगी. इतना ही नहीं, बातचीत का तरीका बदलने मात्र से ही आप को अपनी समस्या का समाधान भी मिल जाएगा.

सोचें अच्छी बात

कई बार ऐसा होता है कि जब हमें अपने किसी करीबी की कोई गलती नजर आती है या जब हम किसी की शिकायत करते हैं तो हम उस समय केवल उस की कमियों पर ही पूरा ध्यान केंद्रित कर देते हैं उस की अच्छाइयों पर ध्यान ही नहीं देते.

यहां आप शिकायत की जगह यह सोचना शुरू करें कि इन की वजह से आप के जीवन में क्या अच्छा हुआ है. जब आप अपने जीवन में हो रही अच्छी घटनाओं और सभी आशीर्वादों को गिनना शुरू करती हैं तो शिकायत करना मुश्किल हो जाता है.

लेकिन का प्रयोग करें

यदि आप शिकायत करने की आदत को  एक सीमा में रखना चाहती हैं तो ‘लेकिन’ का प्रयोग अकसर उपयोग करना सुनिश्चित करें. इस का मतलब यह है कि आप कह सकती हैं कि आज मेरे पास बहुत काम है लेकिन फिर भी उसे जल्दी खत्म कर अभी भी अपने दोस्तों के साथ बाहर जाने में खुश हूं. इस से आप को सकारात्मकता मिल सकती है.

हर छोटी बात की शिकायत से बचें

अपनी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एक बार सोचें कि जिस बात को ले कर आप परेशान हो रही हैं क्या वह आप के जीवन के किसी गंभीर मुद्दे का प्रतिनिधित्व करती है? अगर वाकई यह इतनी बड़ी बात नहीं है तो शिकायत से बचें.

कहावत है कि शिकायत करने वालों को चांद में भी दाग ही नजर आता है तो आप को  अपनी इस आदत को आज ही बदल लेना चाहिए. शिकायत से पहले एक बार जरूर सोचें या अपनी शिकायतों का पिटारा जितना कम कर सकें उतना अच्छा अन्यथा आप को अपने जीवन में सिर्फ दुख ही दुख मिलेगा.

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