Do's and Don'ts: सोशल शब्द हमारे जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. सोशल मतलब हमारे आसपास जो कुछ है वह सब. हम खुद को अपडेट रखने के लिए हर छोटीबड़ी चीज पर ध्यान देते हैं. सोशियली खुद को उन चीजों के लिए तैयार भी करते हैं. जैसे, हम कैसे दिख रहे हैं, कैसे स्मेल कर रहे हैं, कैसे बात कर रहे हैं और कैसे बिहेव कर रहे हैं. यह बहुत जरूरी भी है. हमें एटिकेट्स सीखने होते हैं.

पर आज हम सोशल मीडिया पर हैं, यही दुनिया बन गई है, पर क्या कभी हम अपने सोशल मीडिया ऐटिकेट्स पर ध्यान देते हैं? नहीं न. कई लोग सोच सकते हैं कि क्या हैं ये एटिकेट्स? यहां कैसा एटिकेट्स दिखाना. यहां तो बस स्क्रौल करना, पोस्ट करना, लाइक-शेयर करना ही होता है. दरअसल, हम सोशल मीडिया पर चैटिंग, कमैंट, लाइक, फोटो अपलोड करना, स्टेटस अपलोड करने व देखने में इतने ज्यादा मशगूल रहते हैं कि सोशल ऐटिकेट्स पर हमारा ध्यान ही नहीं जाता.

रियल लाइफ की तरह सोशल साइट्स पर भी ऐटिकेट्स जरूरी है. इस से आप की पर्सनैलिटी का पता चलता है. ऐटिकेट्स का मतलब यह नहीं कि आप रूल्स व रैगुलेशन फौलो करें, बल्कि यह है कि आप अपने फ्रैंड्स से किस तरह बिहेव करते हैं. अपने फ्रैंड सर्कल में भी जब हम किसी को कुछ कह देते हैं तो उसे बुरा लगता है.

जरा सोचिए, यह तो एक ऐसा प्लेटफौर्म है जहां आप का हर साथी व उस के भी साथी, जो प्रोफाइल को देखते हैं, आप से जुड़े हुए हैं. यहां अपडेट रहना और हर छोटीछोटी बात पर अपनी प्रतिक्रिया देना तो ठीक है लेकिन ऐटिकेट्स को ध्यान में रखना भी तो जरूरी है.

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