Intimate Hygiene: इंटीमेट हाइजीन को हर मौसम में अच्छी तरह से बनाए रखना बहुत आवश्यक है, यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए, बल्कि समग्र स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है. इंटीमेट हाइजीन को ठीक से फॉलो न करने पर बैक्टीरिया और फंगल इन्फेक्शन हो सकते हैं, जो जलन, खुजली और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं. खराब इंटीमेट हाइजीन से मूत्र पथ के संक्रमण (UTI) और अन्य बीमारियां हो सकती हैं.

स्वच्छता बनाए रखने से बदबू और बेचैनी से बचा जा सकता है. इस बारें में विरार, नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी की आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. ज्योत्सना पालगामकर कहती है कि हमारे यहाँ प्रमुख रूप से तीन मौसम की मार सबको झेलनी पड़ती है और हर मौसम में इंटीमेट हाइजीन को बनाए रखना जरूरी होता है. इंटीमेट हाइजीन को कभी भी निग्लेक्ट नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि बार – बार वेजाइनल इन्फेक्शन से आज की लड़कियों को आगे चलकर प्रेग्नेंसी में भी खतरा हो जाता है. कुछ सुझाव निम्न है.

मॉनसून में इंटीमेट हाइजीन

मॉनसून में इंटीमेट हाइजीन को बनाए रखना काफी मुश्किल होता है. इस मौसम में इसकी समस्या अधिक बढ़ने लगती है, क्योंकि इस समय वातावरण में नमी की मात्रा अधिक होती है, जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की समस्या, महिलाओं में अधिक हो जाती है. गर्मी और पसीने की वजह से बेक्टेरिया के पनपने से वेजाइनल इन्फेक्शन का खतरा अधिक बढ़ जाता है.

  • इंटिमेट पार्ट को हमेशा ड्राइ रखें, क्योंकि लगातार बारिश होते रहने की वजह से कपड़ों को अच्छी तरह सूखाना एक समस्या हो जाता है, ऐसे में जो भी इनरवेयर पहने, वे अच्छी तरह से ड्राई हो, इसका ख्याल रखें, क्योंकि इस मौसम में अधिक पसीना आता है, ऐसे में इनरवियर के फैब्रिक ब्रीदेबल होनी चाहिए. सिंथेटिक फैब्रिक नमी को बाहर निकलने से रोकती है, जिससे इरीटेशन और फ्रिक्शन होता है, जो त्वचा के लिए भी ठीक नहीं. इसलिए ऐसे इनरवेयर या लौन्जरी को थोड़े समय के लिए ही पहने. इसके अलावा अगर आप बारिश में भींग चुकी है, तो घर आने पर तुरंत नहा लें और खुद को अच्छी तरह से सुखा लें.
  • इस मौसम में टाइट कपड़े पहनने से बचें, जिसमें स्किनी जींस और टाइट शॉर्ट्स को पहनना अवॉयड करें, इससे पसीने अधिक होते है और एयर फ्लो शरीर में ठीक से नहीं हो पाता, जिससे त्वचा में जलन और घर्षण होने लगता है. आरामदायक और ढीले कपडे इस मौसम में पहने. सोते समय भी आरामदायक हल्के शॉर्ट्स पहने, ताकि एयर फ्लो सही तरीके से हो सकें, जिससे जलन और घर्षण कम से कम हो.
  • बारिश के मौसम में खुद को हाइड्रेटेड रखना जरूरी होता है, अधिक मात्रा में पानी और फ्रूट जूस पियें, ताकि यूरिन सही मात्रा में हो और यूरिनरी ट्रैक साफ़ और हेल्दी रहे. पानी शरीर के टोक्सिन को बाहर निकालती है और बॉडी की पीएच वैल्यू को संतुलित रखती है. इस मौसम में गर्मी और नमी की वजह से पसीना अधिक आता है. इससे शरीर की बॉडी फ्लूइड कम हो जाती है, जिससे युरिनेट के समय जलन का अनुभव होता है, जो कई बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का रूप ले लेती है.
  • मॉनसून में हेल्दी फ़ूड हैबिट को मेंटेन करना जरूरी होता है. अधिक स्पाइसी फ़ूड खाने से परहेज करें, एसिडिक फ़ूड पीएच के संतुलन को बिगाडती है, जिससे इंटिमेट एरिया से गन्दी बदबू आने लगती है. प्री और प्रोबायोटिक युक्त भोजन अधिक लें, जिसमें प्लेन दही, प्याज, लहसुन, स्ट्राबेरी, और हरी पत्तेदार सब्जियां जो वेजाइना में हेल्दी बेक्टेरिया को पनपने में मदद करती है और आपका इंटिमेट हेल्थ अच्छा रहता है.

गर्मी में इंटीमेट हाइजीन

गर्मी में हर व्यक्ति को पूरे दिन पसीना आता है, भले ही किसी को कम, तो किसी को ज़्यादा. पसीना सूखने के बाद भी हमारे शरीर पर जर्म्स रह जाते हैं.  जिसे तुरंत साफ़ करना चाहिए, वरना इंफेक्शन या एलर्जी होने का खतरा रहता है. इस मौसम में त्वचा को साफ़ रखना बहुत जरूरी है, इसलिए हर रोज हो सके तो दिन में दो बार अच्‍छे साबुन या लिक्विड का इस्‍तेमाल करते हुए नहाएं. गर्मियों का मौसम पसीना, रेशेज और कई तरह के इन्‍फेक्‍शन भी साथ लेकर आता है. इसलिए इस दौरान जरूरी है कि आप अपनी इंटीमेट हाइजीन पर खास ध्‍यान दें.

  • पसीने और बैक्टीरिया से अपने इंटीमेट एरिया को हमेशा साफ़ रखें.
  • नहाते व़क्त रोज़ गुनगुने गरम पानी से इंटीमेट एरिया को साफ करें, बाहरी कॉस्मेटिक प्रोडक्ट का जितना हो सकें, कम प्रयोग करें, इससे वेजाइना का नैचुरल PH वैल्यू डिस्टर्ब नहीं होता.
  • प्युबिक हेयर को हमेशा साफ़ करते रहें, वरना वहां बॉइल्स व बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकते हैं, लेकिन ध्यान रहें कि रेज़र का इस्तेमाल सावधानी से करें, छीलने से खुद को बचाए, पाउडर या क्रीम का प्रयोग न करें. जरूरत पड़ने पर बैक्टीरियल क्रीम लगाएँ.

डॉक्टर आगे कहती है कि आजकल की लड़कियां पीरियड्स के दौरान मेंस्ट्रुअल कप का अधिक प्रयोग करती है, कप को अच्छे से हल्के गरम पानी से धोकर प्रयोग करें, गीला पैंटी न पहने. इससे फंगल इन्फेक्शन, ईस्ट इन्फेक्शन आदि बढ़ जाते है. मैरिड लड़की अगर रिलेशन के बाद वेजाइना का प्रोपर क्लीन नहीं करती है, तो इन्फेक्शन का खतरा बढ़ता है.

सही इलाज न मिलने पर कई बार यही इन्फेक्शन यूट्रेस तक फैल जाता है, और गर्भाशय एरिया में इन्फेक्शन के अलावा पेलविक इंफलेमेटरी डीसीज होने पर यूट्रेस की ट्यूब ब्लॉक हो सकता है, अबॉर्शन हो सकता है और इंफर्टिलिटी बढ़ती है.

गर्मियों में पैड या टैम्पोन को हर 4 से 6 घंटे में जरूर बदलें, भले ही ब्लीडिंग कम हो. बहुत देर तक एक ही पैड इस्तेमाल करने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. पैड बदलने के बाद उस हिस्से को हल्के हाथों से पानी की मदद से साफ करें और टिशू से पोंछें.

इसके अलावा गर्मियों का मौसम पसीना, रेशेज और कई तरह के इन्‍फेक्‍शन भी साथ लेकर आता है. ज़्यादा देर तक टाइट अंडरवेयर्स या स्किन फिट जींस न पहनें. इससे पसीना बाहर नहीं निकल पाता और बैक्टीरिया को पनपने में मदद करता है. मोटापे के शिकार लड़कियों को फंगल इन्फेक्शन अधिक होता है, इसलिए वजन हमेशा कंट्रोल में रखें.

सर्दी के मौसम में इंटीमेट हाइजीन 

डॉ. ज्योत्सना आगे कहती है कि सर्दी के मौसम में गर्मी और मॉनसून की तुलना में इन्फेक्शन कम होता है, लेकिन सर्दी में ठंड की वजह से अधिकांश लोग हायजीन के प्रति लापरवाह हो जाते हैं. अधिक ठंड होने की वजह से कई बार वे नियमित गतिविधियों के साथ टालमटोल करना शुरू कर देते हैं. इस प्रकार की लापरवाही सबसे पहले इंटिमेट एरिया को प्रभावित करती है. यही वजह है कि विंटर सीजन में यूटीआई का रिस्क अधिक बढ़ जाता है.

  • सर्दी के मौसम में पसीना नहीं आता, जिसकी वजह से महिलाएं रिलैक्स हो जाती हैं और उन्हें लगता है कि बार-बार अंडर गारमेंट्स बदलने की आवश्यकता नहीं है. वहीं कुछ महिलाएं सोचती हैं कि एक दिन यदि वेजाइना को वॉश न किया जाए, तो कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन यह एक गलती सीधे यूईटीआई का कारण बन सकती है.
  • सर्दी ड्राई सीजन है और इस दौरान वेजाइना पहले से ही ड्राई होती है. जिसकी वजह से आपकी छोटी सी भी लापरवाही बैक्टीरिया और वायरस को अट्रैक्ट कर सकती है.
  • पूरी तरह से हाइड्रेटेड रहने की कोशिश करें, ठंड के मौसम में लोग पानी कम पीते है, जो सबसे बड़ी गलती होती है. इसकी वजह ठंड की वजह से प्यास का कम लगना. कम पानी पीने की वजह से उनमें तमाम स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. खासकर डिहाइड्रेशन की वजह से महिलाओं में यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाता है.
  • उचित मात्रा में पानी पीने से ब्लैडर में बैक्टीरिया का ग्रोथ नहीं होता और अनचाहे बैक्टीरियल ग्रोथ को फ्लश आउट करने में भी मदद मिलती है. इसके अलावा यह बॉडी से टॉक्सिक सब्सटेंस को बाहर निकाल देते हैं जिससे कि शरीर में किसी प्रकार के अनहेल्दी बैक्टीरिया का ग्रोथ नहीं होता. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और खुद को हाइड्रेटेड रखें.
  • लंबे समय तक यूरिन को होल्ड बिल्कुल भी न करें, बहुत से लोगों में यूरिन होल्ड करने की आदत होती है. खास कर सर्दियों में लोग वॉशरूम जाने के आलस में लंबे समय तक पेशाब को रोके रहते हैं, जिसकी वजह से ब्लैडर में हानिकारक बैक्टीरिया का ग्रोथ बढ़ सकता है. वहीं ये यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन का कारण बनता है. यदि आप ऐसी किसी भी परेशानी को बुलावा नहीं देना चाहती हैं, तो सर्दियों में भी वॉशरूम जाने में आलस न करें. यूरिन पास करने की इच्छा होने पर फौरन ब्लैडर खाली कर दें, ताकि किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.
  • प्रॉपर हाइजीन मेंटेन करने के लिए सर्दियों में भी अपनी पैंटी को कम से कम दो बार जरूर बदलें. हर बार यूरिन पास करने के बाद वेजाइना को टिशु से आगे से पीछे की तरफ ड्राई अवश्य करें.
  • सर्दियों में वेजाइना ड्राई हो जाती है, जिसकी वजह से इचिंग और इन्फेक्शन का खतरा बना रहता है. इन स्थितियों से बचने के लिए वेजाइना को मॉइश्चराइज रखें. इसके लिए एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं. कोकोनट ऑयल की 4 से 5 बूंदे वेजाइना को अच्छी तरह से मॉइश्चराइज रहने में मदद करेंगी.
  • हालांकि, आजकल बाजार में तरह-तरह के वेजाइनल क्रीम्स उपलब्ध है, जिसे डॉक्टर की सलाह पर ही प्रयोग करें, क्योंकि इन्हें बनाने में केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो आपकी वेजाइना को मॉइश्चराइज करने की जगह इन्हें बैक्टीरिया और वायरस का घर बना सकते है.
  • वेजाइना को हर मौसम में पर्याप्त हवा की आवश्यकता होती है और उनकी त्वचा को भी खुलकर सांस लेने की आजादी मिलनी चाहिए. इसके लिए पूरे दिन वूलन और टाइट कपड़े पहन कर न रहे, कुछ देर ढीले और लूज कपड़े भी पहने.
  • डाइट में संतरा, जो विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है, यह इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है और यूरिन में एसिड के स्तर को सामान्य रखता है और इंफेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया का ग्रोथ सीमित रहता है.

इस प्रकार इंटीमेट एरिया की हाइजीन को बनाए रखना एक आदत है, जिसे हर लड़की को छोटी उम्र से सीखना जरूरी है, ताकि किसी प्रकार की बीमारी का सामना उन्हे न करना पड़े. अगर कुछ समस्या है, तो समय रहते डॉक्टर की सलाह अवश्य लें. Intimate Hygiene

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