Irregular Periods: पीरियड्स के दौरान लड़कियों या महिलाओं में काफी हारमोनल और शारीरिक बदलाव दिखते हैं. कभीकभी पीरियड्स से जुड़े लक्षणों को मामूली सम?ा कर उन्हें अनदेखा कर दिया जाता है, लेकिन कुछ मामलों में लक्षण नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. अगर पीरियड्स इररेग्युलर नहीं हैं, तो ओवुलेशन भी इररेग्युलर होता है. इस से कंसीव करने में समस्या होती है. इररेग्युलर पीरियड्स हारमोनल इंबैलेंस की तरफ इशारा करते हैं. ये आगे चल कर थायराइड, पीसीओएस या इंसुलिन रिजिस्टैंस जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं. इसलिए अगर आप के पीरियड्स मिस हो जाते हैं या इररेग्युलर रहते हैं तो इसे नजरअंदाज न करें.
यह बौडी के ओवरस्ट्रैस्ड होने की वजह हो सकता है. इस के अलावा मैटाबोलिक इंबैलेंस या पीसीओएस और पीसीओडी जैसी समस्याएं भी इस की वजह हो सकती हैं. इस समस्या को कंट्रोल रखने के लिए ब्लड शुहर रैग्युलेट करना और एड्रनल ग्लैंड को हैल्दी रखना जरूरी है.
आइए, जाने इररेग्युलिटी पीरियड्स को नजरअंदाज करने से क्याक्या परेशानियां और बीमारियां हो सकती हैं:
लिवर रोग
अनियमित पीरियड्स से लिवर पर भी असर पड़ सकता है, जिस से फैटी लिवर जैसी बीमारियां हो सकती हैं. कांगबुक सैमसंग अस्पताल और सियोल, दक्षिण कोरिया में सुंगक्यूंकवान यूनिवर्सिटी स्कूल औफ मैडिसिन के एमडी सेउंघो रयू ने कहा, ‘‘हमारी स्टडी बताती है कि लंबे या अनियमित पीरियड साइकिल नौनअल्कोहोलिक फैटी लिवर डिसीज के खतरे का विकास कर सकते हैं या उस के जोखिम को बढ़ा सकते हैं.’’
औक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के डाइटिशियन और ओविसिटी रिसर्चर डा. दिमित्रियोस कोटोकिडिस ने कहा, ‘‘यह स्टडी यह देखने के लिए की गई थी कि क्या हारमोंस से लिवर पर कोई प्रभाव पड़ता है. स्टडी में पाया गया कि सैक्स हारमोन ऐस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरौन का असामान्य स्तर नौनअल्कोहौलिक फैटी लिवर रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है.
थायराइड
पीरियड्स समय पर ना आ रहे हों और आप उन्हें नजरअंदाज करें तो थायराइड की समस्या भी हो सकती है. दरअसल, हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड हारमोन की कमी) और हाइपरथायरायडिज्म (थायराइड हारमोन की अधिकता) दोनों स्थितियां पीरियड्स में गड़बड़ी ला सकती हैं, जिस से महिलाओं को अत्यधिक ब्लीडिंग, हजका ब्लीडिंग या महीनों तक पीरियड न आने की समस्या हो सकती है.
कंसीव करने में परेशानी
अगर पीरियड्स रेग्युलर नहीं हैं तो ओवुलेशन भी इररेग्युलर होता है. इस से कंसीव करने में समस्या होती है.
ऐनीमिया या कमजोरी
कुछ महिलाओं में इररेग्युलर पीरियड्स के साथ हैवी ब्लीडिंग होती है. इस से कमजोरी, एनीमिया (खून की कमी) जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
स्किन और हेयर प्रौब्लम्स
इररेग्युलर पीरियड्स से चेहरे पर मुंहासे, बाल ?ाड़ना या शरीर पर अनचाहे बाल बढ़ना जैसी समस्याएं भी देखने को मिल सकती हैं. इसलिए अगर पीरियड्स अकसर इररेग्युलर होते हैं तो इसे हलके में न लें. यह शरीर के अंदर कुछ गड़बड़ी का संकेत हो सकता है.
वेट का कम या ज्यादा होना
अगर इररेग्युलिटी पीरियड्स को नजरअंदाज किया जाए तो वेट लगातार बढ़ भी सकता है और कम भी हो सकता है.
पेल्विक इनफ्लैमेटरी डिजीज
पेल्विक इनफ्लैमेटरी डिजीज (पीआईडी) एक गंभीर संक्रमण है जो महिलाओं के जननांगों के अंदर के अंगों जैसे गर्भाशय, अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब्स को प्रभावित करता है. इस बीमारी में महिलाओं को इररेग्युलर पीरियड्स होते हैं और पेट के निचले हिस्से में दर्द, बुखार, मतली, उल्टी या दस्त भी हो सकते हैं. बच्चे के जन्म, गर्भपात के जरीए भी बैक्टीरिया रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट में प्रवेश कर सकते हैं.
यह मुख्य रूप से यौनसंचारित संक्रमण के कारण होता है खासकर क्लैमिडिया और गोनोरिया जो जननांगों तक पहुंच कर सूजन पैदा करता है. यदि इसे समय पर इलाज न मिले तो पीआईडी महिला की प्रजनन क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, और यह बच्चे पैदा करने की क्षमता पर भी स्थाई असर डाल सकता है.
पीरियड्स को ठीक करने का तरीका
– हारमोन बैलेंस करने वाली हैल्दी डाइट लें.
– नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करें.
– टैंशन से दूर रहें और उसे कम करने की कोशिश करें.
– वजन को नियंत्रित रखने की कोशिश करें.
– शराब और सिगरेट का सेवन न करें.
– उचित मात्रा में पोषक तत्त्व खाएं.
– पर्याप्त नींद लें.
Irregular Periods