Long Story in Hindi: ‘‘राशि राशि, जल्दी आओ न यार.’’ राज की पुकार सुनते ही राशि लगभग दौड़ती हुई अपने कमरे से निकल कर हॉल में चली आयी. राज शाम को जैसे ही अपनी कम्पनी से वापिस आता था कि बस दरवाजे पर पहुंचते ही राशि को पुकारने लगता.
अभी राज और राशि की शादी को एक महिने ही हुए थे और इस एक महिने में ही दोनों, एकदूसरे के इतने नजदीक आ गए थे... मानो बरसों से साथ साथ ही रह रहे हों. वैसे भी खूबसूरत राशि और हैंडसम राज की जोड़ी खूब जंचती थी. अरेंज मैरिज होने पर भी दोनों में लव मैरिज जैसा प्यार था.
आज भी राशि अपने रूम में घड़ी पर नजर टिकाए हुए जल्दी जल्दी तैयार हो रही थी कि तभी राज की पुकार सुन वो खुश होती हुई हॉल की तरफ लपकी.
पर जैसे ही राशि ने हौल में कदम रखा, उस के कदम ठिठक से गए राज अकेला नहीं था, बल्कि राज के सामने ही एक युवक और दो युवतियां भी बैठीं थी.
राशि थोड़ी सकुचाई सी धीरे से बोली, ‘‘राज, तुम ने बताया ही नहीं कि तुम्हारे साथ आज गेस्ट भी आए हैं.’’
राज कुछ बोलता कि सामने बैठी हुई एक चुलबुली सी दिखने वाली युवती उठ कर राशि के करीब आती हुई बोली... अरे रे रे राशि जी, हमें गेस्ट मत कहिए. हम तो राज को तब से जानते हैं, जब आप राज की लाइज में आई भी नहीं थीं. इस बंगलो के कोने कोने से हम सब वाकिफ हैं, शादी से पहले इसी बंगलो में ही तो हमारी वीकैंड पार्टियां होतीं थीं. क्यों सुहाना!तुम भी तो कुछ बोलो न.’’
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