Hindi Drama Story: ‘सही भाव लगाओ दूसरी जगह भिंडी 40 रुपए किलोग्राम मिल रही है और तुम 100 रुपए किलोग्राम दे रहे हो,’’ अबीर के कानों में गाड़ी पार्क करते समय मां के ये अल्फाज पड़े जो बाहर सब्जी वाले से उल झ रही थीं.
‘‘अरे मांजी कौन देता है 40 रुपए में 1 किलोग्राम भिंडी आजकल? 80 रुपए किलोग्राम की तो खरीद है. अब 20 रुपए भी न कमाऊं तो बच्चे कैसे पालूं?’’ सब्जी वाले ने भुनभुनाते हुए कहा.
‘‘ख़ूब जानती हूं तुम्हें. ये इमोशनल बातें कर के तुम हमें चूना लगाते हो. बाजार से दोगुने से भी ज्यादा दाम में हमें चीजें देते हो.’’
‘‘अरे मांजी कारबंगले वाली हैं, फिर हम ठेले वालों का हक क्यों मारती हैं?’’
‘‘कारबंगले वाले हैं तो क्या सबकुछ लुटा दें? हुंह, ऊंट की गरदन लंबी है तो क्या उसे काट दिया जाए?’’
यह नोक झोंक और सौदेबाजी और लंबी चलती अगर अबीर आ कर मां का हाथ पकड़ कर अंदर न ले जाता.
जातेजाते अबीर 5 सौ का नोट ठेले वाले की तरफ फेंक कर सब्जी उठा कर मां का हाथ पकड़ेपकड़े अंदर आ कर एकदम से फट पड़ा, ‘‘क्या है मां तुम से सौ बार कहा कि इन रेहड़ी वालों और फेरी वालों के मुंह न लगा करो. जो भी मंगवाना हो दीपाली से कह दिया करो. वह औनलाइन और्डर कर दिया करेगी. मोलभाव करने की कोई जरूरत नहीं.’’
‘‘अच्छा औनलाइन ले लूं. न जाने कितने दिन का पड़ा कोल्ड स्टोरेज का माल सिर मढ़ दें और औनलाइन पेमैंट से मु झे पता ही न चले कि हमें कितने का चूना लगा,’’ मां हाथ नचा कर बोलीं.
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