फिल्म ‘फैन’ अभिनेता शाहरुख खान की पसंदीदा फिल्मों की सूची में शामिल हो चुकी है. यह फिल्म एक अलग विषय को ले कर बनाई गई है, जिस में शाहरुख ने अच्छा अभिनय किया है. इस फिल्म में शाहरुख ने 2 भूमिकाएं निभाई हैं, जो डबल रोल नहीं थीं. इसके लिए निर्देशक मनीष शर्मा ने काफी मेहनत की.

शाहरुख बताते हैं कि मनीष के साथ जब फिल्म के बारे में चर्चा कर रहे थे तभी उन्होंने सोचा था कि यह फिल्म डबल रोल नहीं लगना चाहिए. शाहरुख का  मानना था कि दूसरा यंग शाहरुख उनके तरह दिखे इसलिए बाल वैसे ही दिखें

फिल्मों में उम्र अधिक दिखाना तो आम है, कम दिखाना पहली बार हुआ.

शाहरुख लोगों से अधिक मिलते नहीं हैं. पर इतना जरूर है कि लोग उन्हें प्यार करते हैं. उन की फिल्में देखते हैं. तभी तो फिल्में चलती हैं.

शाहरुख हंसते हुए कहते हैं कि एक लड़की है, जो ट्विटर पर उनकी स्केचेस बनाती है. एक ने चांद पर मेरे लिए जमीन खरीदी है. यह सब यूथ ही करते हैं, क्योंकि इस उम्र में व्यक्ति वह सब कर जाता है, जो मैच्योर न कर सके.

एक साउथ अफ्रीकन फैन है. मुझे याद आता है कि जब मेरी स्पाइन की सर्जरी हो रही थी, तो बारबार फोन कर कह रही थी कि उसने सपने में ऑपरेशन के वक्त मेरी मृत्यु को ऑपरेशन टेबल पर देखा है. बारबार सकारात्मक सोच रखने पर भी वह मुझे ऑपरेशन से मना करती रही.

लंदन पहुंच कर भी मैं कागज साइन करते वक्त बारबार हर पहलू को पढ़ता रहा. पता नहीं यह उस की केयर थी या जनून, पर बहुत डरावनी घटना थी. फैन की भी अपनी एक सीमा होनी चाहिए.

प्राइवेट लाइफ नहीं रहती

शाहरुख की पब्लिक और प्राइवेट लाइफ में अधिक अंतर नहीं है. वे कहते हैं कि जब आप पब्लिक में स्टार हों तो आप की प्राइवेट लाइफ उतनी प्राइवेट नहीं रहती. इस बारे में मेरे परिवार का काफी सहयोग रहता है. वे समझते हैं. मैं कभी उन के साथ बैठना चाहूं तो वे मना नहीं करते.

मेरे जीवन में समय का अभाव हमेशा रहता है. मेरा परिवार कभी मुझ से शिकायत नहीं करता. मुझे बेहद खराब लगता है जब मेरी गैरहाजिरी में मेरे बच्चों के बारे में लोग गलत बातें करते हैं. गुस्सा आता है. मन खराब होता है. मैंने बच्चों को इसीलिए अपने से दूर विदेश में पढ़ाया.

मेहनत वाली फिल्म

25 सालों से शाहरुख इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं. अलग फिल्म करना वे हमेशा पसंद करते हैं. कई बार कुछ अच्छी फिल्में भी वे समय के अभाव के कारण छोड़ देते हैं. वे हर साल 3 फिल्में करना चाहते हैं. किसी भी भूमिका को करने में अगर मजा आए तो उसे वे छोड़ते नहीं.

‘फैन’ उन की सब से मेहनत वाली फिल्म है, जिस में खास तकनीक के द्वारा उन की आंखें बड़ी की गई थीं. यह तकनीक केवल लॉस एंजिल्स में मिलती है. इस का प्रौसेस बहुत बड़ा होता है. 3-4 घंटे मेकअप में लगते हैं. एक खास तरह की रोशनी में इसे शूट किया जाता है.

अच्छा करने की कोशिश

पहली बार 7-8 सेकंड के सीन के लिए 7 दिन लगे थे. उस रोशनी में एक मूवमैंट के

200 भाव कैद किए जाते हैं. 300 लोगों ने 24 घंटे काम किया, 10 दिन लगे थे. इस का प्रभाव शूटिंग के साढ़े तीन महीने बाद दिखा. वे कहते हैं कि मैं अपने अभिनय को देख कर हैरान था. अब खुश हूं कि दर्शकों को मेरा काम पसंद आया.

फिल्मों की कलैक्शन का प्रभाव शाहरुख पर नहीं पड़ता.

वे बताते हैं कि वे 40 से 50 निर्देशकों के साथ काम कर चुके हैं. किसी को भी निर्देशन के बारे में गाइड नहीं करता. स्क्रिप्ट पढ़ कर दृश्य करता हूं. क्रिएटिव पक्ष निर्देशक का होता है. फिल्म हिट कैसे होगी, इस का फौर्मूला किसी के पास नहीं है.

हम केवल यह जानते हैं कि एक अच्छी फिल्म बनानी है. उसी पर मेहनत करते हैं. इसलिए कितना पैसा उस फिल्म से आएगा मैं ध्यान नहीं देता, बल्कि अच्छा काम करने की कोशिश करता हूं.

मल्टीस्टारर फिल्मों में काम करना अधिक पसंद नहीं करता, क्योंकि इस से बाकी कलाकारों के साथ समय का तालमेल बैठाना पड़ता है.

शाहरुख खान कभी तनाव में नहीं रहते. उन का मानना है कि अभिनय मेरी ‘लार्जर देन लाइफ’ है रियल नहीं. आप वैसे नहीं हो सकते. आपको एक इमेज के लिए मेहनत करनी पड़ती है. मेकअप करना पड़ता है. इस बात को ‘स्टार’ को समझना आवश्यक है.

फिल्म ‘रईस’ में शाहरुख अलग ही रूप में दिखेंगे. फिल्म को ले कर वे काफी उत्साहित हैं, जिस में उन्होंने गैंगस्टर अब्दुल लतीफ की भूमिका निभाई है.        

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