यह सच है कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती. अगर फिल्म इंडस्ट्री में मेहनत के बलबूते पर अपनी जगह और नाम कमाने वालों की बात की जाए तो रेमो डिसूजा का नाम उनमें सब से ऊपर होगा.

रेमो ने कभी डांस की ट्रेनिंग नहीं ली. सिर्फ माइकल जैक्सन के वीडियो देख कर डांस सीखा. उन डांस वीडियोज के किराए के पैसों का भी बड़ी मुश्किल से इंतजाम कर पाते थे. पैसों की तंगी के चलते उन्होंने अपनी डांस क्लास सुपर ब्रैट्स खोली और लोगों को डांस सिखाने लगे.

शुरुआती दौर में रेमो को इस क्षेत्र में बहुत संघर्ष करना पड़ा. एक बार तो उनके पास पैसे की इतनी तंगी आ गई कि उन्हें अपनी 2 रातें बिना कुछ खाए पीए स्टेशन पर गुजारनी पड़ीं. पर कहते हैं न कि मेहनत के बाद खुशी का समय जरूर आता है. ऐसा ही रेमो के साथ भी हुआ.

एक डांस कंपिटिशन में विजेता बनने के बाद लोगों को रेमो के हुनर की पहचान हुई और पहला चांस रामगोपाल वर्मा की फिल्म ‘रंगीला’ में उर्मिला के साथ ग्रुप डांस करने का मिला. पहला बड़ा ब्रेक सोनू निगम के अलबम ‘दीवाना’ से मिला. इसके बाद रेमो ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा.

स्टार प्लस के ‘डांस प्लस’ के दूसरे सीजन के मौके पर रेमो ने रिऐलिटी शो की सचाई और अपने जीवन के कुछ अच्छेबुरे पलों को शेयर किया. पेश हैं, कुछ अहम अंश…

डांस शो में सिर्फ डांस ही होना चाहिए

कई सारे डांस रिऐलिटी शो इस समय छोटे परदे पर दस्तक दे चुके हैं और कई आने वाले हैं. इन सब के बीच कैसे अपने शो की टीआरपी बढ़ा पाएंगे? सवाल के जवाब में रेमो का कहना है, ‘‘हमारा काम सिर्फ अच्छी प्रतिभाओं को जज करने का है. शो को रोचक बनाना तो प्रतिभागियों का काम है. हमारे शो में कई नए डांस के एक्ट देखने को मिलेंगे. कई एक्ट तो ऐसे हैं, जिन्हें मैं खुद पहली बार देख रहा हूं.

एक लड़का ‘ऐनिमेशन’ डांस एक्ट ले कर आया तो एक ‘डांस होल’ ले कर, जिस का नाम मैंने भी पहली बार सुना था. मैं मानता हूं कि अगर शो डांस का है, तो उस में सिर्फ डांस ही होना चाहिए और कोई ड्रामा नहीं. हमारे देश में अच्छा डांस देखने वालों की कमी नहीं है.’’

दिल तो क्षेत्रीय नृत्य में बसता है

डांस से फिल्में बनाने के शौक पर रेमो कहते हैं, ‘‘मैं तो हमेशा डांस की दुनिया में ही जीता हूं. अगर दिल की बात बताऊं तो मुझे क्षेत्रीय डांस बहुत पसंद है. मैंने बंगाल के ‘छाऊ’ डांस के ऊपर एक बांग्ला फिल्म बनाई थी, जो आज तक रिलीज नहीं हो पाई. हमारे यहां क्षेत्रीय नृत्य की सीमा सिर्फ उसी क्षेत्र विशेष तक सीमित है जहां का वह नृत्य है.

अंतर्राष्ट्रीय लेवल की तो छोडि़ए उसे राष्ट्रीय स्तर पर भी आज पहचान प्राप्त नहीं हुई है. इसलिए मैं डांस पर आधारित फिल्में बनाता हूं. मेरी सारी फिल्में एक जैसी नहीं होतीं. सब से पहले मैंने ‘फालतू’ बनाई थी, जो अलग थी. इसके बाद ‘एबीसीडी’ के दोनों भाग डांस बेस्ड थे. एक और फिल्म मैं सलमान और शक्ति को ले कर बना रहा हूं, जिस का निर्देशन डिकोस्ट्रा कर रहे हैं. यह स्ट्रीट डांसर की कहानी पर आधारित है.’’

डांस का शौक

रेमो अपने बारे में बताते हैं, ‘‘मेरे पापा नेवी में थे, इसलिए मैं पूरा देश घूमा हुआ हूं. मैं सबसे ज्यादा गुजरात में रहा हूं. इसी कारण गुजराती और हिंदी पर अच्छी पकड़ है. मैंने किसी से डांस नहीं सीखा है. घर पर रह कर ही फिल्मी गानों पर डांस करता था.

एक दिन एक डांस वीडियो देखा, जिसे देख कर मैं ने अपने दोस्त से कहा कि एक आदमी ऐसा डांस कैसे कर सकता है? तब मुझे पता चला कि वह डांस वाला आदमी और कोई नहीं माइकल जैक्सन है. उसी दिन से मैंने उन जैसा डांस करने की कोशिश शुरू कर दी और मैंने तय किया कि मुझे इसी क्षेत्र में अपना करियर बनाना है.

दोस्तों की मदद से माइकल जैक्सन के वीडियो कैसेट मंगवाए. उस समय एक दिन का किराया 25रुप्या था. बड़ी मुश्किल से पैसों का जुगाड़ हो पाता था. मैंने उनका एक वीडियो एक दिन में 100 से भी ज्यादा बार देखा था. उन के डांस स्टैप्स को कौपी करने की कोशिश करने लगा. मैं माइकल जैक्सन को ही अपना गुरु मानता हूं.’’

ड्रीम प्रोजेक्ट

अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के बारे में रेमो बताते हैं, ‘‘मैं एक डांस इंस्टिट्यूट खोलना चाहता हूं जहां हर तरह के डांस के प्रशिक्षण की सुविधा हो और वहां से निकलने के बाद हर छात्र को सर्टीफिकेट दिया जाए, जिसे दिखा कर वह इसी क्षेत्र में अपना करियर बना सके.

हमारे यहां क्लासिकल डांस के लिए तो डिग्री, सर्टीफिकेट दिए जाते हैं पर हिपहोप, बैले, कंटैंपररी डांस के लिए कोई इंस्टिट्यूट नहीं है. इनकी उपलब्धता से लोगों का डांस के प्रति और रुझान बढ़ेगा और प्रतिभाएं सही जगह पहुंचेंगी.’’

वह लमहा कभी नहीं भूलता

हर आदमी की जिंदगी में कुछ ऐसा घटता है कि कितना भी समय हो जाए जेहन में वह घटना हमेशा ताजा रहती है. रेमो के साथ भी ऐसी ही घटना घटी. उस के बारे में वे बताते हैं, ‘‘मैं जब ‘रंगीला’ फिल्म में डांस के लिए औडिशन देने गया तो वहां 250 प्रतिभागियों में से 50 का चयन होना था.

मेरा डांस देखे बिना ही मुझे रिजैक्ट कर दिया गया, क्योंकि जो चयनित हुए थे उनकी तुलना में मैं बहुत दुबलापतला था और फिर मेरा चेहरा भी सामान्य था. मैंने सिलेक्शन कर रहे लोगों से रिक्वैस्ट की कि चेहरे को न देख एक बार मेरे डांस को देखें. तब मैंने डांस किया और मेरा सिलैक्शन हो गया.

उस लमहे को मैं कभी नहीं भूल सकता, क्योंकि सूरत के कारण मैं रिजैक्ट हो गया था पर सीरत ने मुझे सिलैक्ट करा दिया. इस के अलावा मैं आश्रम के बच्चों को डांस सिखाता था. उन बच्चों में से एक स्पैशल बच्चा भी था, जिस के हाथों में मूवमैंट न के बराबर थी. धीरे धीरे मेरी सिखाने की लगन और उस बच्चे की मेहनत रंग लाई. वह बच्चा डांस करने में पारंगत हो गया. उसे डांस करते देख मुझे जो खुशी होती है उसे मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता.’’

बॉलीवुड में सब को नचाया

रेमो बॉलीवुड के कई सितारों को कोरियोग्राफ कर चुके हैं. वे कहते हैं, ‘‘मैंने आमिर खान और शाहरुख खान को छोड़ कर सभी को अपनी उंगलियों पर नचाया है. दीपिका, रणवीर कपूर, रणवीर सिंह, कैटरीना कैफ, सलमान सभी डांस में परफैक्ट हैं, पर मेरी असली परीक्षा अजय देवगन को कोरियाग्राफ करने में होगी, क्योंकि उन की फिल्म ‘शिवाय’ में मैं ही कोरियाग्राफर हूं.’’

युवा बनाएं डांस में करियर

डांस में करियर बनाने का सपना देख रहे युवाओं से रेमो का कहना है, ‘‘सपना देखना और उसे सच करना 2 अलग अलग बातें हैं. जो सपना देखते हो उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करो, लेकिन जल्दी परिणाम की आशा मत करो. आप की मेहनत और लगन को दुनिया खुद सलाम करेगी.

जब से डांस रिऐलिटी शोज शुरू हुए हैं नवयुवकों को अच्छे मौके मिल रहे हैं. धर्मेश, शक्ति, पुनीत, राघव इन्हीं शोज से निकले हैं, जो पैसा और शोहरत दोनों कमा रहे हैं.’’  

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