‘कम्प्रोमाइज’ और ‘कास्टिंग काउच’ जैसे रास्ते सफलता की ओर नहीं ले जाते. कड़ी मेहनत से ही सफलता हासिल की जा सकती है. कड़ी मेहनत का ही कमाल होता है कि वह लोग भी फिल्मी दुनिया में सफल होते है जिनमें कभी लोगों को आर्टिस्ट मैटेरियल नहीं दिखा था. इनमें हीरो और हीरोइन सभी शामिल है.
उत्तर प्रदेश के छोटे से जिले बुलन्दशहर से ताल्लुक रखने वाली रेखा राना बचपन में ही दिल्ली आ गई थी. दिल्ली के ही ग्रीन फील्ड स्कूल, दिल्ली कालेज औफ आर्ट एंड कामर्स से शिक्षा हासिल करने वाली रेखा रानी को फिल्मों में करियर बनाने का शौक था. इसलिए वह एक्टिंग की पढाई करने न्यूयार्क गई. रेखा ने मिस दिल्ली प्रतियोगिता में फोटोजेनिक फेस और ब्यूटीफुल स्माइल का खिताब जीता था. साल 2011 से रेखा राना को हॉलीवुड फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया
रेखा राना ने फिल्मों के साथ ही साथ मौडलिंग, और डांस शो भी किये. रेखा ने हॉलीवुड और बौलीवुड दोनों के ही बीच तालमेल बैठाया. हिन्दी में अपने अभिनय को धार देने के लिये रेखा ने थियेटर का सहारा लिया. उनके प्ले ‘जिसने लाहौर न देख्या’ और ‘हाय मेरा दिल’ के 200 से अधिक शो हुए. इसके साथ हिदीं फिल्मों में भी रेखा राना की इंट्री हुई. सामाजिक विषय पर बनी फिल्म ‘अब होगा धरना अनलिमिटेड’, ‘तारा ए जर्नी लव एंड पैशन’, ‘यहां अमीना बिकती है’ और तमिल फिल्म ‘सिनेमा स्टार’ रेखा की उपलब्धि में शामिल है.
रेखा को शार्ट फिल्म ‘टेक केयर’ के लिये बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड दिया गया. रेखा को अपनी आने वाली फिल्म ‘ब्लैक सितम्बर’ से बहुत उम्मीद है. रेखा ने लौस एंजिल और दक्षिण अफ्रीका में भी फिल्मों और म्यूजिक वीडियों में काम जारी रखा है. फिल्मों के साथ वह वीडियों एलबम में एक्टिंग और डांस करती नजर आती हैं. वह फ्रैंच और हिंदी में बनने वाले वीडियों में हिन्दी में गाने भी गा रही हैं. रेखा कहती हैं मुझे गाने का भी शौक है. मेरी कोशिश है कि मेरा गाया और एक्टिंग किया वीडियो तैयार हो.
रेखा ने कम उम्र में जितनी सफलता और अनुभव हासिल किया है वह तारीफ के काबिल है. वह कहती हैं, ‘मैं दूसरे कलाकारों की तरह काम के बाद छुट्टी लेने में भरोसा नहीं करती. एक जगह काम खत्म होता है तो दूसरी जगह काम करने लगती हूं. इसके बाद भी जो समय बचता है उसमें मैं समाजसेवा के काम में लग जाती हूं.’
रेखा राना दक्षिण अफ्रीका के ‘स्टार एनजीओ’ की ब्रांड एम्बेसडर हैं. यह एनजीओ सेव अवर विमेन कंपेन पर काम कर रहा है. रेखा ने अपना खुद का एक एनजीओ ‘आई विमेन’ शुरू किया है. जिसके जरीये वह लड़कियों की मुफ्त शिक्षा के अभियान को भारत में बढावा देना चाहती हैं. इस एनजीओ का दूसरा पार्ट ‘आई चाइल्ड’ होगा. जिसमें अनाथ बच्चों को सहारा दिया जायेगा.
फिल्म, मौडलिंग में करियर बनाने वाले लड़के लडकियों को संदेश देते रेखा राना कहती हैं, ‘यहां कम्प्रोमाइज और कास्टिंग काउच जैसे शार्टकट रास्तों से सफलता नहीं मिलती. सफलता के लिये केवल मेहनत और सही रास्ता ही जरूरी होता है. शार्टकट से सफलता की चमक दिख सकती है जो स्थायी नहीं होती है. मेहनत से वह कलाकार भी सफल हुये है जो कभी फिल्मी दुनिया ने नकार दिये थे. बिलियर्ड, रीडिंग, लिखने और गाने का शौक रखने वाली रेखा राना का कहना है कि युवाओं पर बहुत अंकुश लगाना ठीक नहीं रहता. उनको फ्री छोड़ने से ज्यादा क्रियेशन सामने आता है. यही वजह है कि हमारे देश और बाहर के युवाओं में यही अंतर है. वहां युवाओं को अपनी पसंद का करियर चुनने के ज्यादा अवसर होते हैं.