शादी के अवसर पर मंडप का आकर्षण हर दूल्हेदुलहन को होता है. यह सही भी है कि इस के बाद उन की लाइफ बदलने वाली होती है. इसीलिए हर कोई इसे यादगार बनाना चाहता है. फिर शादी की अधिकतर रस्में यहीं निभाई जाती हैं.

एक समय था जब मंडप सजाने के लिए केले और आम के पत्तों, फूलों और घासफूस आदि का प्रयोग किया जाता था. लेकिन बदलते दौर ने इस में आधुनिकीकरण का समावेश किया है. हालांकि आजकल मंडप की अवधारणा कम होती दिखाई देने लगी है. इस की वजह समय और जगह की कमी होना है. फिर भी कुछ लोग आज भी परंपरागत शादी को महत्त्व देते हैं. ऐसे में शादी के लिए इवेंट मैनेजमैंट का सहारा लिया जाता है.

इस बारे में गुड टाइम कौन्सैप्ट्स के इवेंट मैनेजर आशु गर्ग कहते हैं कि विवाह में मंडप की धारणा अब कम होती जा रही है, लेकिन कुछ लोग ट्रैडिशनल शादियों को आज भी अच्छा समझते हैं. इस के लिए वे इवेंट मैनेजर का सहारा लेते हैं. हर बार हमें मंडप के नएनए कौन्सैप्ट देने पड़ते हैं, जो उन के बजट के हिसाब से होते हैं.

मंडप बनाने के लिए आजकल नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिस में थर्मोकोल, कागज, रंग, ईकोफ्रैंडली प्रिंटर द्वारा लकड़ी, कपड़े आदि पर विभिन्न प्रकार के चित्र उकेर कर मंडप सजाया जाता है. मंडप की कल्पना आजकल फिल्मों से भी आती है. लेकिन अधिकतर मंडप थीम पर आधारित होते हैं. आशु के अनुसार ये मंडप आजकल अधिक प्रचलित हैं:

गुंबदाकार मंडप: मुगलकाल के प्रचलित गुंबद के आकार के मंडप जो ‘रिच ट्रैडिशन’ और परंपरा को दिखाते हैं, को अधिकतर लोग पसंद करते हैं. इन्हें बनाने में खूबसूरत खंभों का प्रयोग किया जाता है, जो इन की खूबसूरती को बढ़ाते हैं. गुंबद को सजाने के लिए फूलों और रंगों का प्रयोग किया जाता है. प्राचीनकाल में आसमान को भी गुंबद माना जाता था. इसलिए ऐसे मंडप की कल्पना आज भी की जाती है.

थीम पर आधारित मंडप: परंपरागत तरीके से सजाया गया मंडप, जिस में गहरे रंग, गोल्डन और गुलाबी शेड्स के साथसाथ साटन के कपड़े और अलगअलग रंगों के फूलों का प्रयोग किया जाता है. विवाह के हर रीतिरिवाज के लिए यह मंडप सही होता है. इस के अंतर्गत फ्लौवरी थीम, कलर बेस्ड थीम, जिस में रौयल ब्लू, ब्लशिंग रोज आदि काफी पौपुलर हैं.

राजस्थानी स्टाइल मंडप: यह मंडप  राजस्थान के गुलाबी शहर जयपुर पर आधारित होता है. यह अधिकतर लकड़ी के खंभों पर कटवर्क का काम कर बनाया जाता है. इस में रोशनी की सजावट बहुत ही अच्छे तरीके से की जाती है, जिस से रोशनी का प्रतिबिंब चारों दिशाओं में खंभे के अंदर से बाहर फैलता है और भीतर रहने वाले जोड़े को राजस्थान के जयपुर का अनुभव होता है.

पीकौक थीम्ड मंडप: इस तरह के मंडप में चारों ओर सुनहरे रंग के खंभे बनाए जाते हैं. मंडप के बीच में मोर की कलाकृति वाली डिजाइन गुलाबी फूलों की सहायता से बनाई जाती है. गोल्डन पिलर और गुलाबी फूल ही इस मंडप का खास आकर्षण होते हैं.

रौयल थीम: रजवाड़ा मंडप ट्रैडिशनल ट्विस्ट के साथ कंटैंपेरिरी डिजाइन को मिला कर बनाया जाता है. इस में अधिक फूलों का प्रयोग कर ऐलिगैंट लुक दिया जाता है. चमकदार गहरे रंगों से बनाया गया यह मंडप शाही अंदाज का अनुभव कराता है. इस में रोशनी, पुरानी कलाकृतियां, रंग और साटन के कपड़े आदि से की गई सजावट देखने लायक होती है. मंडप का प्रवेशद्वार भी काफी आकर्षक बनाया जाता है. मंडप के आसपास बैठने की व्यवस्था को शाही लुक देने के लिए हैवी और क्लासी कुशन और मैट्रेस का प्रयोग किया जाता है.

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