मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री सना खान मुंबई की हैं. उन्होंने कई विज्ञापनों,फीचर फिल्म और टीवी रियलिटी शो में काम किया है. 17 साल की उम्र में उन्होंने पहली एड फिल्म शूट की थी. जिसको बहुत तारीफें मिली और एक के बाद एक एड करती गई. एड से ही उन्हें फिल्मों का ऑफर मिलना शुरू हुआ. अत्यंत बोल्ड स्वभाव की सना की फिल्म ‘वजह तुम हो’ रिलीज पर है उनसे मिलकर बात करना रोचक था. आइये जाने क्या कहती है सना अपने बारें में.
इस फिल्म का मिलना आपके लिए कितना उत्साहपूर्ण था?
इस फिल्म को लेकर मैं बहुत उत्साहित हूं. ‘वजह तुम हो’ के गाने और ट्रेलर लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं. इस फिल्म में मैं एक वकील की भूमिका निभा रही हूं जो काफी चुनौतीपूर्ण है. इस फिल्म में मैं एक बहुत बड़ाकेस खुद अपने बॉयफ्रेंड के लिए लड़ रही हूं. यह अलग तरह की थ्रिलर स्टोरी है. जो मुझे पसंद आई और मैंने अभिनय किया. इसमें हर कलाकार जो बीच-बीच में आते है, सबका चरित्र अलग-अलग दिखाया गया है जिसे समझना काफी मुश्किल होता है. लेकिन इसमें मज़ा भी खूब है. जिसे आप पॉजिटिव समझ रहे है वह अंत में निगेटिव दिखता है.
अपने बारें में बताएं. यहां तक पहुचने की जर्नी कैसी रही?
जर्नी कैसी भी हो, पर उसमें आपको बहुत कुछ सीखने को मिलता है. वही आप को आगे बढ़ने में मदद करती है, क्योंकि कोई भी चीज आपको कभी भी आसानी से नहीं मिलती, हर काम में मेहनत होती है. मैंने रियलिटी शो से शुरू किया और फिल्मों की तरफ आई, काम थोड़ा स्लो हुआ है पर मैंने खुद यहां तक अपने आप को लायी हूं. आज मैं ‘वजह तुम हो’ में मुख्य भूमिका निभा रही हूं. इससे पहले साउथ की फिल्में कर चुकी हूं, अगर कुछअच्छा काम साऊथ में फिर मिले, तो करना चाहूंगी.
गॉडफादर न होने से इंडस्ट्री में काम का मिलना कितना कठिन होता है?
ये सही है कि इंडस्ट्री के बाहर के लोगो को काम का मिलना कठिन होता है. स्टार किड्स के लिए ये प्लस पॉइंट होता है कि दर्शक उनके काम को देखना चाहते हैं. उनकी पहली या दूसरी फिल्म फ्लॉप भी हो जाये तो भी उन्हें एक मौका फिर से मिलता है जो ‘आउट साइडर’ को नहीं मिलता. निश्चित तौर पर कुछ लाभ तो कुछ हानि भी होते हैं, क्योंकि उनकी तुलना उनके माता-पिता की एक्टिंग से भी की जाती है. इसके अलावा ‘स्टार किड्स’ बचपन से इंडस्ट्री के लोगों को जानते हैं, उनका ‘कम्फर्ट लेवल’ भी अच्छा रहता है. काम कहीं न कहीं उन्हें अपने दोस्तों या परिवार से मिल ही जाता है. बाहर के कलाकार को वह कठिनाई सबसे अधिक होती है.
आपको किस तरह के संघर्ष अधिक करने पड़े?
पहले तो काम का मिलना कठिन होता है फिर अच्छे रोल की चाहत होती है. कई बार ऐसे में जो भी मिलता है उसी में संतुष्ट होना पड़ता है, क्योंकि परदे पर आना, दिखना भी तो जरुरी है. एक काम से ही दूसरा काम मिलता है. अभिनय के लिए मौके का मिलना बहुत जरुरी है.
फिल्म का कौन सी पार्ट आपके लिए मुश्किल था?
फिल्म में अभिनय से अधिक डबिंग का पार्ट सबसे मुश्किल था. मैं रोज डर कर डबिंग के लिए जाती थी. सोचती थी कि किसी तरह से ये पूरा हो जाए, क्योंकि डबिंग में सीन्स के हिसाब से संवाद बोलने पड़ते हैं.
क्या फिल्मों में आना इत्तफाक था या बचपन से इच्छा थी?
इत्तफाक ही थी. मैंने कभी नहीं सोचा था कि फिल्मों में अभिनय करूंगी. मैं तो पढ़ लिखकर एक अच्छी जॉब कर सेटल होना चाहती थी. ये एक हॉबी की तरह शुरू हुआ था. कॉलेज के दौरान टाइमपास के लिए मॉडलिंग शुरू की थी और कब ये पैशन बन गया पता भी नहीं चला. अब यही करना चाहती हू.
आगे कौन सी फिल्में कर रही है?
अभी एक फिल्म ‘टॉम डिक एंड हैरी’ कॉमेडी फिल्म कर रही हूं, जिसकी शूटिंग शुरू हो चुकी है. वह अगले साल रिलीज़ होगी.
आपको किस तरह की फिल्मों में काम करना अधिक पसंद है?
मुझे रोमांटिक, एक्शन और थ्रिलर फिल्में बहुत पसंद हैं. लेकिन फिल्म चयन करते समय सबसे पहले मैं बैनर देखती हूं, उसके बाद निर्देशक, स्क्रिप्ट फिर स्टार कास्ट को देखती हूं.
आप किस तरह की फिल्में अधिक देखती हैं?
मैं हर तरह की फिल्में देखती हूं, क्योंकि हर कलाकार आपको कुछ नया सिखाता है. कही से बॉडी लैंग्वेज, तो कही से स्टाइल आदि आप ले सकते हैं और उसे अपने एक्टिंग में भी डाल सकते हैं. मुझे जेम्स बोंड और एंजेलिना जोली की फिल्में बहुत अच्छी लगती हैं.
आपके यहां तक पहुंचने में परिवार का कितना सहयोग रहा?
परिवार का सहयोग बहुत जरुरी है. मेरी मां का सबसे अधिक सहयोग रहा. मैं अपनी मां के साथ रहती हूं. मानसिक रूप से जब मैं परेशान रहती थी, तो उनका सहयोग हमेशा मिला.
तनाव आने पर क्या करती हैं?
तनाव होता है, पर उससे मैं अपने आप को दूर रखती हूं. अधिक तनाव होने पर मां से शेयर करती हूं.
कंट्रोवर्सी को कैसे लेती हैं? आप के साथ हुई घटनाओं में कितनी सच्चाई है?
कंट्रोवर्सी को मैं अधिक महत्व नहीं देती. जो हुई भी है, वह सारी अफवाह है. मैंने धीरज नहीं खोया और कानूनन जो करना है, कर रही हूं. इसलिए कई बार मैं मीडिया की खबरों पर ध्यान नहीं देती.
फिल्मों में इंटिमेट सीन्स करने में कितनी सहज हैं?
मैं तो कभी भी सहज नहीं हूं और चाहती हूं कि ऐसे दृश्य हो भी नहीं. लेकिन आज इंडस्ट्री बदल रही है. दर्शकों के टेस्ट बदल रहे हैं. स्क्रिप्ट अगर अच्छी है तो थोड़ी सी इंटिमेट सीन्स की वजह से मैं उसे छोड़ नहीं सकती, क्योंकि मैं एक कलाकार हूं और हर तरह के सीन्स करना है.
कितनी फैशनेबल और मेकअप पसंद करती हैं?
मुझे फैशन पसंद है. कहीं भी बिना अच्छी ड्रेस किये नहीं जाती. मेकअप भी अच्छा लगता है. मैं खुद अपना मेकअप और हेयर स्टाइल करती हूं.
समय मिले तो क्या करती हैं?
समय मिलता है तो घर पर सोती हूं. टीवी देखती हूं और घरवालों से बातें करती हूं, जिम जाती हूं, रीडिंग करती हूं और फिल्में देखती हूं.
आप कितनी फूडी हैं?
मैं सबकुछ खाती हूं. मुझे थोड़ी देर-देर बाद खाने का शौक भी है.
कहां घूमने जाना पसंद करती हैं?
वह बजट के अनुसार होता है. अधिक बजट है और समय है तो विदेश चली जाती हूं. नहीं तो आस-पास के जगहों जैसे लोनावाला, खंडाला, पुणे आदि जगहों पर घूमने जाती हूं.
किस बात से गुस्सा आता है?
जो झूठी बातें करते हैं. पीठ पीछे कुछ भी कहते हैं. सामने अच्छी बातें करते हैं.
‘कास्टिंग काउच’ का सामना आपको कभी करना पड़ा?
अवश्य करना पड़ा और इंडस्ट्री में सभी को करना पड़ता है. मैं मुंबई से हूं, पर शुरुआत में बहुत संघर्ष रहा, क्योंकि तब आपको कुछ पता नहीं होता है जिसका लाभ लोग उठाना चाहते है. ऐसे कई लोग आये जिन्होंने अजीब शर्त फिल्म में काम करने के लिए रखी. मैं सोचती हूं कि क्या उन्होंने अपना चेहरा आईने में नहीं देखा? आसपास गंदे लोग बहुत हैं. जिन्हें काम देना होता है वे ऐसी घटिया बातें नहीं करते.
क्रॉस बॉर्डर को लेकर आजकल कई बातें चल रही हैं, आपकी राय इस बारें में क्या है?
मेरे हिसाब से कला की कोई सीमा नहीं होती, लेकिन देश की बात करें, तो हमारे देश के निर्णय के साथ मैं हूं. इसके अलावा हमारे देश में बहुत टैलेंट है, उन्हें पहला मौका हमेशा मिलना चाहिए. ऐसा भी नहीं है कि जिन्हें वे विदेश से ला रहे हें, वे कोई ‘माइंड ब्लोइंग’ अभिनय कर रहे हैं. इसका अर्थ यह निकलता है कि हमारे निर्माता, निर्देशक गोरी चमड़ी पर अधिक फ़िदा हैं. नहीं तो बिना अभिनय टैलेंट के कई विदेशी कलाकार ऐसेहैं जो 10-15 फिल्में कर चुके है.