लगभग तीन दशक से अपने गीतों से संगीत जगत को सराबोर करने वाले महान शायर एवं गीतकार जावेद अख्तर के रूमानी नज्में आज भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. शब्दों के जादूगर, जावेद अख्तर का आज जन्मदिन है. हिंदी सिनेमा के बेहतरीन गीतकार और स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी, 1945 को उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के खैराबाद कस्बे में हुआ था.

हालांकि जावेद अख्तर ने बॉलीवुड में करियर की शुरुआत बतौर डायलॉग राइटर की थी, लेकिन बाद में वह स्क्रिप्ट राइटर और लिरिसिस्ट बन गए. जावेद अख्तर ने सलीम खान के साथ मिलकर बॉलीवुड को बेहतरीन फिल्में दीं. इनमें जंजीर, त्रिशूल, दोस्ताना, सागर, काला पत्थर, मशाल, मेरी जंग और मि. इंडिया, दीवार, शोले जैसी फिल्में शामिल हैं.

जावेद अख्तर का असली नाम जादू है. उनके पिता की कविता थी, ‘लम्हा-लम्हा किसी जादू का फसाना होगा’ से उनका यह नाम पड़ा था. जावेद नाम जादू से मिलता-जुलता, इसलिए उनका नाम जावेद अख्तर कर दिया गया.

जावेद अख्तर की पहली पत्नी हनी ईरानी थीं, जिनके साथ उनकी पहली मुलाकात ‘सीता और गीता’ के सेट पर हुई थी. हनी और जावेद का जन्मदिन एक ही दिन पड़ता है.

जावेद अख्तर नास्तिक हैं. उन्होंने अपने बच्चों जोया और फरहान की भी परवरिश ऐसे ही की है.

जावेद अख्तर शुरुआती दिनों में कैफी आजमी के सहायक थे. बाद में उन्हीं की बेटी शबाना आजमी के साथ उन्होंने दूसरी शादी की.

जावेद अख्तर 4 अक्टूबर 1964 को मुंबई आए थे. उस वक्त उनके पास न खाने तक के पैसे नहीं थे. उन्होंने कई रातें सड़कों पर खुले आसमान के नीचे सोकर बिताईं. बाद में कमाल अमरोही के स्टूडियो में उन्हें ठिकाना मिला.

सलीम खान के साथ जावेद अख्तर की पहली मुलाकात ‘सरहदी लुटेरा’ फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई थीं. इस फिल्म में सलीम खान हीरो थे और जावेद क्लैपर बॉय. बाद में इन दोनों ने मिलकर बॉलीवुड को कई सुपरहिट फिल्में दीं.

सलीम खान और जावेद अख्तर को सलीम-जावेद बनाने का श्रेय डायरेक्टर एसएम सागर को जाता है. एक बार उन्हें राइटर नहीं मिला था और उन्होंने पहली बार इन दोनों को मौका दिया.

सलीम खान स्टोरी आइडिया देते थे और जावेद अख्तर डायलॉग लिखने में मदद करते थे. जावेद अख्तर उर्दू में ही स्क्रिप्ट लिखते थे, जिसका बाद में हिंदी ट्रांसलेशन किया जाता था.

70 के दशक में स्क्रिप्ट राइटर्स का नाम फिल्मों के पोस्टर पर नहीं दिया जाता था, लेकिन सलीम-जावेद ने बॉलीवुड में उन बुलंदियों को छू लिया था कि उन्हें कोई न नहीं कह सका और फिर तो पोस्टरों पर राइटर्स का भी नाम लिखा जाने लगा.

सलीम-जावेद की जोड़ी 1982 में टूट गई थी. इन दोनों ने कुल 24 फिल्में एक साथ लिखीं, जिनमें से 20 हिट रहीं. जावेद अख्तर को 14 बार फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला. इनमें सात बार उन्हें बेस्ट स्क्रिप्ट के लिए और सात बार बेस्ट लिरिक्स के लिए अवॉर्ड से नवाजा गया. जावेद अख्तर को 5 बार नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है.

जावेद अख्तर के 10 बेहतरीन गानें

1. आफरीं आफरीं

2. पंछी नदियां पवन के झोकें

3. एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा

4. मैं यहां हूं यहां हूं यहां

5. चेहरा है या शाम खिला है, जुल्फ घनेरी शाम है क्या

6. जादूभरी आंखो वाली सुनो

7. हर घड़ी बदल रही है रूप जिंदगी

8. देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए

9. देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए

10. जो भी चाहूं वो मैं पाऊं

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