नौ साल की उम्र में लता मंगेशकर के साथ एक बंगाली गीत के साथ अपने संगीत करियर की शुरुआत करने वाली कविता कृष्णमूर्ति का आज जन्मदिन है. 

कविता कृष्णमूर्ति को बचपन से ही संगीत का शौक था. बचपन से लता जी एवं मन्ना डे के गानों को सुनकर उन्हें गुनगुनाना उनकी आदत थी. कॉलेज के दिनों में कविता जी ने जब विभिन्न संगीत प्रतियोगिताओं में अपना नाम रौशन किया तो उन्हें अपनी आदर्श लता जी से मिलने का मौका मिला. 1971 में कविता कृष्णमूर्ति ने लता जी के साथ अपना पहला गाना गाया था.

कविता कृष्णमूर्ति लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स जाने वाली थीं, चाहती तो वे एक इकोनॉमिस्ट बन सकती थी लेकिन उनके संगीत प्रेम ने ऐसा होने न दिया.

कविता कृष्णमूर्ति का जन्म अय्यर परिवार में 25 जनवरी 1958 को दिल्ली में हुआ था. उनके पिता शिक्षा विभाग में अधिकारी थे. कविता जी को संगीत की प्रारंभिक शिक्षा घर से ही प्राप्त हुई थी. इसके बाद उन्होनें बलराम पुरी से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेना शुरु की.

उन्हेंने 8 साल की उम्र में एक संगीत प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था. 9 साल की उम्र में लता जी के साथ बंगाली में गीत गाया. यहीं से कविता जी ने अपने संगीत करियर के सपने देखना शुरु कर दिया. संगीत की सभी प्रतियोगिताओं में वह बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती थीं. इसी दौरान उनकी मुलाकात मन्ना डे से हुई और उन्होनें कविता को विज्ञापनों में गाने का ऑफर दिया.

कविता ने 1980 में अपना पहला गाना ‘काहे को ब्याही’ फिल्म ‘मांग भरो सजना’ के लिए गाया. इसके बाद 1985 में उन्हें फिल्म प्यार झुकता नहीं के गानों ने अपार सफलता दिलाई.

इसके बाद मिस्टर इंडिया के गानों ने उन्हें सुपरहिट गायिका का दर्जा दिया. 90 के दशक में कविता एक सफल गायिका के रूप में उभरी. उन्होनें ए आर रहमान, उदित नारायण, अन्नु मलिक जैसे गायकों और संगीत निर्देशकों के साथ काम किया है.

कविता को 4 बार फिल्मफेयर अवार्ड मिल चुका है. उन्हें पदमश्री से भी नवाजा गया है.

कविता के लोकप्रिय गानें

आज में ऊपर आसमान नीचे

मेरा पिया घर आया

प्यार हुआ चुपके से

डोला रे डोला

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...