फिल्म ‘सत्यमेव जयते’ से डेब्यू करने वाली छरहरी काया की धनी अभिनेत्री और मौडल आयशा शर्मा अभिनेत्री नेहा शर्मा की बहन है. बचपन से ही कुछ क्रिएटिव काम की इच्छा रखने वाली आयशा को अपने बहन से फिल्मों में आने की प्रेरणा मिली और बार-बार औडिशन देने के बाद उसे पहली बड़ी फिल्म मिली. जिसे लेकर वह काफी खुश हैं.
बिहार की रहने वाली आयशा के पिता एक राजनेता हैं. आयशा के मुंबई आने और अभिनय करने की दिशा में उनके माता-पिता ने काफी सहयोग दिया है. आयशा अभी फिल्म ‘सत्यमेव जयते’ की प्रमोशन पर हैं, उनसे बात करना रोचक था, पेश है अंश.
मनोज बाजपेयी और जौन अब्राहम जैसे बड़े कलाकार के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
मुझे पहली फिल्म ‘सत्यमेव जयते’ मिली इससे मैं बहुत खुश हूं, कोई डर नहीं था, क्योंकि मनोज बाजपेयी बहुत ही खुश मिजाज इन्सान हैं. उनके साथ अभिनय करने में मजा आया. जबकि जौन बहुत ही सुलझे हुए इंसान हैं, उन्होंने कभी ये नहीं जताया कि मैं नयी हूं.
आउटसाइडर होने पर फिल्मों में काम मिलना मुश्किल हो जाता है, ऐसे में क्या आपकी बहन नेहा की वजह से किसी प्रकार की आसानी हुई या संघर्ष रहा?
जब आप आउटसाइडर होते हैं तो कभी भी पता नहीं लगता है कि आपको काम मिलेगा या नहीं. बार –बार औडिशन देना पड़ता है. अगर आपको फिल्म मिल गयी तो आप लकी हो जाते हो, लेकिन अगर आपको फिल्म नहीं मिलती तो अपने ऊपर और अधिक मेहनत करने की जरुरत होती है. मायूस होकर यहां कुछ नहीं होता. अगर अगली फिल्म के लिए आपने बेहतर औडिशन नहीं दिया, तो उसे कोई और ले जाता है. अच्छी फिल्म का मिलना बिलकुल भी आसान नहीं होता, अगर आप इंडस्ट्री से हैं, तो आपको सजी सजाई थाली परोस दी जाती है. आउटसाइडर को ये सुविधा नहीं और आपको औडिशन लेने वाले हमेशा ये कहेंगे कि आपमें कुछ न कुछ कमी है, जिसके बारें में आपने कभी सोचा भी न हो. बहुत संघर्ष है. नेहा मेरी बहन होने के नाते कुछ नहीं कर सकतीं, केवल राय दे सकती हैं, क्योंकि अभी वह उस पोजीशन पर पहुंची नहीं है कि मेरी कोई सहायता कर सकें. अभी भी हम दोनों साथ में औडिशन देते रहते हैं. मैंने इस फिल्म के लिए अपने आपको काफी तैयार किया है, ताकि मैं औडिशन में खड़ी उतर सकूं.
आप बचपन से अभिनय करना चाहती थीं या एक इत्तफाक है?
मेरी बहन नेहा के होने से मुझे प्रेरणा मिली और लगा कि मैं भी इस फील्ड में काम कर सकती हूं. इसके अलावा मुझे क्रिएटिव काम करने की इच्छा थी. मुझे 9 से 5 की जौब नहीं करनी थी और मुझे फिल्में बहुत पसंद थी, इसलिए इसमें आना हुआ.
परिवार का कितना सहयोग था?
मेरे माता-पिता ने मुझे पूरी आजादी दी है. मुझे ही नहीं, हम सभी चार भाई बहनों को ये आजादी है कि वे अपने मन मुताबिक काम करें और खुश रहें.
आप रिजेक्शन को कैसे लेती हैं?
रिजेक्शन एक पर्सनल विषय है. इसमें औडिशन वाले ये जताते हैं कि उन्हें मैं पसंद नहीं, किसी और को वे इस भूमिका के लिए लेना चाहते है. मेरे हिसाब से अगर मैं ‘रिजेक्ट’ हुई, तो मुझे अपने लिए और मेहनत करनी पड़ेगी. कोई नियम नहीं है कि मैं कहां गलत हूं और न ही मैं इस बारें में अधिक सोचती हूं.
आपके रोल मौडल कौन है?
शाहरुख खान मेरे रोल मौडल हैं और मैं फीमेल शाहरुख खान बनना चाहती हूं.
इस साल कई नयी एक्ट्रेस आ रही हैं ऐसे में आप कितनी प्रतियोगिता महसूस कर रही हैं?
इस साल 19 से अधिक न्यू कमर हैं, लेकिन मेरी किसी से कोई प्रतियोगिता नहीं. मुझे अपनी जगह बनानी है. अगर मुझमें प्रतिभा होगी, तो ही मैं आगे बढ़ पाऊंगी.
कैमरे के आगे पहला सीन करने का अनुभव कैसा रहा?
बहुत अच्छा रहा. मेरा पहला सीन काफी मुश्किल था, पर मैंने उस पर पूरी मेहनत की थी और एक बार में ही ‘ओके’ हो गया.
आप स्वभाव से कैसी हैं?
मैं बहुत रोमांटिक हूं और परियों की कहानियों को पसंद करती हूं.
आप अन्तरंग दृश्य करने में कितनी सहज हैं?
पहली फिल्म में मैंने बता दिया था कि मुझे किसिंग सीन्स नहीं करनी है. इसमें मैं सहज नहीं. ये फिल्म वैसी है भी नहीं. इसके अलावा मैंने कोई दायरा अभी तक नहीं बनाया है.
अभी किस तरह का संघर्ष चल रहा है?
इस फिल्म के बाद ही मेरे ‘लक’ के बारें में पता चल पायेगा. एक अच्छी फिल्म का मिलना ही संघर्ष होता है. अभी भी अगर मुझे औडिशन देना पड़ेगा, तो मैं देती रहूंगी और मेहनत करती रहूंगी.
आपका ड्रीम प्रोजेक्ट क्या है?
मैं अभी आई हूं और हर तरह की फिल्में करना चाहती हूं. मुझे रोमांटिक, रोमकोम, एक्शन आदि हर तरह की फिल्में पसंद है. बचपन में मैं रोमांटिक फिल्में अधिक देखती थी.
क्या वेब पर काम करना चाहती हैं?
मैं करना चाहूंगी ये सही है कि वेब पर काफी बोल्ड सीन्स होते हैं, ऐसे में मुझे बिकिनी पहनने में कोई ऐतराज नहीं, क्योंकि मेरी बौडी फिट है, लेकिन मैं न्यूडिटी वाले सीन्स नहीं कर सकती.
कितनी फैशनेबल और फूडी हैं?
मैं किसी ट्रेंड को फोलो नहीं करती. वैसे कपड़े पहनती हूं, जिसमें मैं अच्छी लगूं. मैं स्टाइलिश दिखना पसंद करती हूं. फूडी नहीं हूं, पर चोकलेट बहुत पसंद करती हूं.