यकीनन सोलर ऊर्जा यानी धूप से मिलने वाली ऊर्जा भविष्य की जरूरत है. सोलर ऊर्जा से चलने वाली मशीनों को ले कर नएनए प्रयोग हो रहे हैं. सोलर के साथ सब से खास बात यह है कि इस से ध्वनि प्रदूषण, बिजली बिल और पावर कट की खामियों से बचा जा सकता है. बिजली की कटौती, बिजली की बढ़ती कीमत, लो वोल्टेज की समस्या और जनरेटर के महंगे इस्तेमाल से सोलर ऊर्जा की मांग बढ़ती जा रही है. घरेलू सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने 40 फीसदी छूट देने का काम भी शुरू किया है, जिस की वजह से सोलर वाटर पंप सिस्टम, सोलर पावर प्लांट, सोलर रूफटौफ इनवर्टर, सोलर वाटर हीटर की मांग बढ़ती जा रही है. किसानों के लिए सोलर सब्सिडी योजना सरकार चला रही है, जिस की वजह से किसानों को 75 फीसदी अनुदान मिल जाता है. किसानों के अलावा दूसरे लोगों के लिए भी सोलर सिस्टम लगाना सरल होता जा रहा है. जिस तरह से केंद्र और प्रदेश सरकारें सोलर सिस्टम को बढ़ावा दे रही हैं, उस के चलते बैंक भी अब सोलर सिस्टम को बढ़ावा दे रहे हैं.

पूरे देश में मिलने वाला वातावरण ऐसा होता है, जिस में सूर्य की किरणें खूब मिलती हैं. सूर्य की इन किरणों का सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में बहुत अच्छा इस्तेमाल किया जा सकता है. धीरेधीरे सोलर ऊर्जा का इस्तेमाल पूरे देश में होने लगा है. अब इस का इस्तेमाल फैक्टरियों में भी होने लगा है. सोलर पावर प्लांट के इस्तेमाल से बिजली बनाने का काम तेजी से होने लगा है, जिस से बिजली के इस्तेमाल की दूसरी चीजों को चलाया जा सकता है. यह बिजली की जगह इस्तेमाल होने लगा है. नई पीढ़ी के लिए सोलर ऊर्जा का नया रास्ता बनता जा रहा है. इस से बिजली की महंगी दरों से ही नहीं उस पर निर्भर रहने से भी बचा जा सकता है. आज के समय में सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल से कई चीजों को चलाया जा रहा है.

मोबाइल सिंचाई सोलर पैनल सिस्टम

बस्ती जिले के खड़का देवरी गांव के रहने वाले किसान आज्ञाराम वर्मा ने मोबाइल सोलर सिस्टम बना लिया है. सरकार द्वारा आज्ञाराम वर्मा को सिंचाई के लिए सोलर सिस्टम दिया गया था. आज्ञाराम वर्मा के पास अलगअलग जमीनें थीं. ऐसे में एक ही खेत में सोलर पैनल लगाने से काम नहीं चल रहा था. आज्ञाराम वर्मा ने इस के लिए अलग जुगाड़ तकनीक का सहारा लिया. उन्होंने सोलर पैनल को एक ट्राली पर फिट कर दिया. इस के बाद जिस खेत में सिंचाई की जरूरत होती थी, आज्ञाराम ट्रैक्टर के जरीए उसे खींच कर वहां ले जाते थे. पंपसेट के साथ जोड़ देने से एक ही सोलर पंप से कई खेतों की सिंचाई होने लगी. आज्ञाराम वर्मा प्रगतिशील किसान हैं. उन को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया. आज्ञाराम वर्मा कहते हैं, ‘मोबाइल सोलर पैनल के बनने से एक ही सोलर पैनल से कई पंपसेटों से पानी लिया जा सकता है.’

सोलर पावर प्लांट

उन क्षेत्रों में इस से बहुत लाभ होता है, जहां पर बिजली की आवाजाही बड़ी समस्या के रूप में सामने होती है. सोलर पावर प्लांट में सोलर ऊर्जा को बिजली की तरह इस्तेमाल किया जाता है. सोलर ऊर्जा बैटरी में जमा हो जाती है. इस के बाद उस का इस्तेमाल कभी भी किया जा सकता है. सोलर से मिलने वाली एनर्जी में खर्च कम होता है. इस से बिजली से चलने वाले हर यंत्र को चलाया जा सकता है. सोलर पावर प्लांट 1 किलोवाट से ले कर 10 किलोवाट तक का हो सकता है. जितनी बिजली की जरूरत हो उतने किलोवाट का इस्तेमाल किया जा सकता है.

सोलर रूफटाप इनवर्टर

इस के द्वारा अपने घर की छत पर ही सोलर पैनल लगा कर घर के इनवर्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस से बिजली की खपत कम हो जाती है. सोलर पावर से बैटरी की बैकअप पावर बढ़ जाती है. अब कई सोलर लाइट सिस्टम भी आने लगे हैं, जिन में सोलर पैनल लगे होते हैं, जिस से रात को रोशनी मिलती है. अब सोलर पैनल की कीमत और रखरखाव सरल होने से इस की खपत बढ़ रही है. लाइट के लिए 500 रुपए की कीमत से ले कर ज्यादा कीमत के उपकरण आने लगे हैं. इन को दिन में सूर्य की रोशनी से चार्ज किया जाता है और रात में ये रोशनी देने का काम करते हैं. इन में लगने वाली बैटरी बिजली में लगने वाली बैटरी के मुकाबले ज्यादा चलती है, इसलिए भी इन का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. आटोमैटिक सोलर स्ट्रीट लाइट सिस्टम में सूर्य की रोशनी खत्म होते ही स्ट्रीट लाइट जल जाती है. इस का इस्तेमाल घर, दुकान और खेत वगैरह कहीं भी हो सकता है.

सोलर वाटर हीटर

जाड़ों में गरम पानी के लिए अब बिजली या एलपीजी गैस से ज्यादा सस्ता सोलर वाटर हीटर आने लगा है. इस में हीटर को सोलर ऊर्जा से चलाया जाता है, जिस से पानी गरम मिलता है. होटलों, घरों व कारखानों में इस का इस्तेमाल बढ़ने लगा है. यह पानी को गरम करने का सब से सस्ता साधन हो गया है. जाड़ों में गरम पानी की जरूरत हर जगह पड़ती है. कपड़े व बरतन धोने के साथ ही साथ गरम पानी से नहाने के लिए भी इस का इस्तेमाल किया जाता है. सोलर ऊर्जा सिस्टम को लगाने के लिए एक बार पैसा लगाना पड़ता है, इस के बाद सालोंसाल मुफ्त में बिजली मिलती है. अब सरकार इसे बढ़ावा देने के लिए तमाम तरह की योजनाएं चला रही है. केवल खेती के लिए ही नहीं, जीवन के दूसरे कामों के लिए भी सोलर ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ रहा है. बैंकों के द्वारा सोलर सिस्टम को लगवाने के लिए तमाम तरह की योजनाओं के जरीए लोन भी दिए जा रहे हैं.

सरकार जल्द ही इस सोलर पैनल के जरीए बिजली पैदा कर के उसे कुछ घरों तक पहुंचा कर पैसा कमाने की योजना भी तैयार कर रही है. दरअसल सोलर ऊर्जा आने वाले दिनों की जरूरत है. यह सब से सस्ती मिलने वाली ऊर्जा है. जरूरत इस बात की है कि सोलर सिस्टम को सस्ता किया जाए, जिस से यह गरीब लोगों तक पहुंच सके. पूरी दुनिया के देश सोलर एनर्जी पर काम कर रहे हैं. भारत में भी तेजी से में यह काम होने लगा है. खेतीकिसानी से ले कर दूसरे जरूरी काम इस के जरीए होने लगे हैं. यह केवल रोशनी की दिशा में ही नहीं, बल्कि पर्यावरण के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद है. इसे लगातार बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है. बिजली के बेहतर जरीए के रूप में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जा रहा है. दिनोंदिन इस का इस्तेमाल और इस से मिलने वाली राहत बढ़ती जा रही है.

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