मिसेज यूनिवर्स रश्मि सचदेवा को देख कर कोई नहीं कह सकता कि उन की 21 साल की बेटी है. शादी के बाद भी फैशन की दुनिया में वह सब कुछ हासिल किया जा सकता है, जो किसी प्रोफैशनल मौडल का सपना होता है, रश्मि सचदेवा ने इस बात को साबित कर दिखाया है. मिसेज दिल्ली एनसीआर से शुरू हुआ उन का यह सफर मिसेज यूनिवर्स तक जा पहुंचा. आज वे बड़ी सैलिब्रिटी हैं. खुद को फिट रखने की कला तो कोई उन से सीखे. पेश हैं रश्मि से गुफ्तगू:

मौडलिंग का शौक कब से हुआ?

मौडलिंग का तो पता नहीं पर यह शौक था कि पत्रिकाओं में फोटो छपें. यह शौक बचपन से था.  मैं ने कुछ फोटो खिंचवाए और उन्हें ले कर ‘सरिता’ पत्रिका के औफिस गई. पहली बार मुझे ‘सरिता’ पत्रिका में यह मौका मिला. उस समय ‘सरिता’ में अंदर छपने वाली शायरी के साथ मेरा फोटो छपा था. मैं ग्रैजुएशन के पहले साल में थी तब शादी हुई. शादी के बाद बेटी हुई. मैं ने अपनी पढ़ाई जारी रखी. मिसेज दिल्ली एनसीआर में मेरी एक दोस्त हिस्सा ले रही थी. मेरी बेटी ने देखा तो वह बोली कि मैं भी इस में हिस्सा लूं. बेटी की बात का समर्थन पति ने भी किया. वहां से दोबारा मैं ने फैशन की फील्ड में कदम रखा. यह सफर मिसेज इंडिया और मिसेज यूनिवर्स तक पहुंच गया. 

अब फिल्में और टीवी शोज के औफर भी मिले होंगे?

मिसेज यूनिवर्स का खिताब जीतने के बाद सीरियल, फैशन शो, मौडलिंग के बहुत सारे औफर आने लगे. इस के बाद भी मैं ऐक्टिंग में आगे नहीं जाना चाहती. मेरे लिए परिवार को समय देना सब से जरूरी है. ऐक्टिंग में समय बहुत लगता है. सीरियल और फिल्में दोनों ही टाइम टेकिंग काम है. शूटिंग में काफी समय लगता है,इसलिए मैं इस में उलझना नहीं चाहती. मौडलिंग और फैशन शो बहुत समय नहीं लेते. घरपरिवार के साथ इन्हें मैनेज किया जा सकता है. इसलिए ये ही मेरे लिए सब से अच्छे हैं.

आप किसी सुपर मौडल की तरह स्लिम और फिट दिखती हैं. कैसे हासिल किया ये सब?

मैं जिम के बजाय मौर्निंग वाक पर ज्यादा फोकस करती हूं. रोज कम से कम 40 मिनट की वाक करती हूं. डाइट पर यकीन नहीं करती. हैल्दी और क्वालिटी फूड लेती हूं. 40 के बाद महिलाओं में तमाम तरह की हैल्थ प्रौब्लम्स होती हैं. ऐसे में जिम करने से कई बार बौडी को नुकसान हो सकता है. अत: वाकिंग सब से बेहतर है. प्रैगनैंसी के बाद बढे़ वजन को कम करना सब से जरूरी होता है. एक बार वह कम हो जाए, तो फिटनैस हासिल करना सरल हो जाता है.

आप की पसंद और नापसंद क्याक्या है?

मैं थैलेसीमिया फाउंडेशन के साथ जुड़ कर काम कर रही हूं. आगे भी समाजसेवा के लिए अपना वक्त निकालती रहूंगी. मुझे झूठ से बहुत नफरत है. मैं परिवार के साथ सब से अधिक खुशी का अनुभव करती हूं. रीडिंग, कुकिंग और म्यूजिक मेरी पसंदीदा हौबी हैं. मैं ने पंजाबी म्यूजिक अलबम में काम किया है.

अगर आप की बेटी फैशन की फील्ड में जाना चाहे तो आप क्या कहेंगी?

अगर बेटी फैशन की फील्ड को कैरियर के रूप में चुनती है, तो मुझे कोई परेशानी नहीं होगी. यह फील्ड भी दूसरी फीड्स की ही तरह है. दूर से लोग इस फील्ड के बारे में अलगअलग राय रखते हैं. मुझे तो यह भी बहुत सुरक्षित फील्ड लगी. मैं उन महिलाओं के लिए काम करना चाहती हूं, जो शादी के बाद भी अपने फैशन के कैरियर को आगे बढ़ाना चाहती हैं.

आप हर तरह की फैशनेबल ड्रैस पहनती हैं?

अगर आप फिट हैं, तो आप हर तरह की ड्रैस पहन सकती हैं, इसलिए जरूरी है कि खुद को फिट रखें. वैस्टर्न ड्रैस की बात हो या फिर साड़ी की, फिटनैस और उसे पहनने का तरीका हर जगह माने रखता है. डै्रसिंग सैंस के साथसाथ हेयरस्टाइल, मेकअप और ऐक्सैसरीज को ले कर भी अपडेट रहना चाहिए.

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