खूबसूरत रंगों से सजा, खुशनुमा और परीकथाओं सा सुंदर, आपकी कल्पना में कुछ ऐसी ही होगी आपके लाडली के कमरे की सजावट. बच्चों के कमरे की सजावट की बात हो तो सामने संभावनाओं का पूरा आकाश है. चाहें तो कमरे की छत को चांद-तारों से सजा सकती हैं या कमरे की किसी एक दीवार को ग्लो पेंट या अपने लाडली के पसंदीदा कार्टून या हीरो के वाल स्टिकर से सजा सकती हैं. अगर आप भी अपने बच्चे का कमरा सजाने जा रही हैं तो कुछ बातों का खयाल जरूर रखें.

बच्चे की पसंद का रखें ध्यान

जब बात बच्चों के कमरे की सजावट की आती है तो सबसे पहले जरूरी है कि इसमें बच्चे की पसंद को शामिल करें. बच्चे के पसंदीदा रंग, उसकी पसंदीदा गतिविधियों और उसकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कमरे को सजाएं.

बनाएं मल्टी फंक्शनल कमरा

बच्चे का कमरा केवल उसके सोने के लिए ही नहीं होता. इसमें वह अन्य ढेर सारी गतिविधियां करता है. इसमें उसके पढ़ने, खेलने, क्राफ्ट, पेंटिंग जैसी चीजों के लिए अलग-अलग जोन बनाएं, जहां वह आराम से ये सभी चीजें कर सके. छोटे बच्चे के कमरे में आप नंबर या अल्फाबेट के डिजाइन वाली दरी बिछा सकती हैं या किसी एक दीवार पर गिनती या अल्फाबेट वाले पैटर्न लटका सकती हैं.

वालपेपर हो बेहतर

बच्चे के कमरे की दीवारों को पेंट करवाने की जगह खासतौर पर बच्चों के लिए बने डिजाइनर वालपेपर का प्रयोग करें. अकसर बच्चे शरारत में दीवारों को कभी अपनी चित्रकारी का हुनर दिखाकर, तो कभी गंदे हाथ लगाकर खराब कर देते हैं. ऐसे में अगर दीवारों पर पेंट है, तो उसे दोबारा करवाना काफी झंझट भरा होने के साथ ही महंगा भी होता है. वालपेपर खराब हो जाने की स्थिति में इसके किसी भी हिस्से की स्ट्रिप को आसानी से बदला जा सकता है.

स्टोरेज हो पर्याप्त

बच्चा चाहे किसी भी उम्र का हो, उसके पास ढेर सारा सामान होता है. किताबें, कपड़े, स्टेशनरी, खिलौने और बड़े चाव से इकट्ठा किए गए सामानों का पिटारा होता है उसके पास. बौक्स बेड की जगह ऐसा बेड चुनें, जिसके साथ हेड बोर्ड शेल्फ और अंडर बेड ड्राअर जुड़े हों. इसके अलावा फोल्डेबल स्टोरेज बिन, दीवारों और दरवाजों पर हुक्स, खूबसूरत टोकरियों और शेल्फ का इस्तेमाल करके स्टोरेज स्पेस बनाया जा सकता है.

बढ़ती उम्र की जरूरतें

बच्चे के कमरे की सजावट इस प्रकार करें कि उसमें उम्र के साथ बदलती जरूरतों के अनुरूप आसानी से बदलाव किए जा सके. छोटे बच्चों को आर्ट और क्राफ्ट के लिए प्ले टेबल की जरूरत होती है, तो स्कूल जाने वाले बच्चों को स्टडी टेबल की. बच्चे के कमरे के लिए फर्नीचर भी ऐसा चुनें, जिसे जरूरत के मुताबिक आसानी से बदला जा सके.

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