प्रभास को आपने बाहुबली बने देखा. एक ही फिल्म में दो दो किरदार निभाते देखा. अमरेन्द्र बाहुबली और महेन्द्र बाहुबली का. लेकिन क्या आपको पता है कि राजमौली जब ये कहानी बुन रहे थे तो बाहुबली के किरदार के लिए उनके दिमाग में पहला नाम प्रभास का नहीं बल्कि बौलीवुड के सुपरहीरो ऋतिक रौशन का था. बताते हैं कि बाहुबली के लिए राजामौली ने ऋतिक रौशन से बात भी की लेकिन तब ऋतिक एक ऐसी ही पीरियड फिल्म मोहनजोदारो के लिए आशुतोष गोवारिकर को हामी भर चुके थे. मोहनजोदारो की तैयारियां शुरू भी हो गई थी, नतीजतन राजामौली को अपने पुराने स्टार प्रभास की याद आई.

प्रभास के करियर की सबसे बड़ी हिट है बाहुबली और उससे पहले भी प्रभास के करियर की दूसरी सबसे बड़ी हिट है छत्रपति. ये दोनो ही फिल्में प्रभास ने डायरेक्टर एस.एस. राजमौली के साथ की है. लेकिन आप ये जानकर हैरान हो जाएंगी कि राजामौली ने अब से 16 साल पहले अपनी पहली फिल्म स्टूडेंट नंबर-1 के लिए भी प्रभास को अप्रोच किया था. लेकिन तब प्रभास ने राजामौली की ये कहानी सुनकर उसे रिजेक्ट कर दिया था. बाद में ये फिल्म सुपर डुपर हिट हुई, तो प्रभास को अफसोस हुआ. इसके चार साल के बाद प्रभास ने राजमौली की छत्रपति साईन की ये तेलुगू फिल्म ब्लौकबस्टर हुई और उसे कन्नड़, तमिल और बंगाली में डब किया गया. बाहुबली के लिए जब राजमौली ने प्रभास को अप्रोच किया तो उनसे सिर्फ एक साल मांगा प्रभास ने बिना सोचे समझे दो साल की डेट्स दे दी. लेकिन हैरानी की बात ये है कि पूरे 5 साल तक प्रभास ने बाहुबली  द बिगनिंग और बाहुबली 2 : द कन्क्लूजन को डेडीकेट कर दिए.

बाहुबली के दूसरे लीड यानि भल्लादेव के कैरेक्टर के लिए राजमौली जौन अब्राहम को साईन करना चाहते थे. कैरेक्टर की डिमांड थी कि उसकी फिजीक कमाल की होनी चाहिए. लंबाई कम से कम 6 फिट की होनी चाहिए. जौन में ये दोनों ही खूबियां थी लेकिन ऋतिक की ना के बाद राजमौली ने साउथ से ही भल्लादेव को साइन करने की सोची. राना दुग्गुबती में ये सारी खूबियां थी. वैसे आपको बताते चलें कि भल्लादेव के कैरेक्टर के लिए सेकेंड च्वाइस बने  राना दुग्गुबती ने ही बौलीवुड में बाहुबली की एंट्री करवाई.

वैसे बाहुबली : द कन्क्लूजन की एक्ट्रेस अनुष्का शेट्टी की खूबसूरती सबके दिलो दिमाग पर छाई है. डायरेक्टर राजमौली के करियर में अनुष्का पहली एक्ट्रेस हैं, जिन्हें उन्होंने अपनी फिल्म में रिपीट किया है. अनुष्का के करियर की पहली सबसे बड़ी सुपरहिट फिल्म विक्रमारकुडु भी राजामौली ने ही डायरेक्ट की थी. वैसे प्रभास और अनुष्का की जोड़ी साउथ की फिल्मों की हिट जोड़ी है. इन दोनों ने मिर्ची और बिल्ला जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया है. वैसे एक अनसुना अफसाना ये भी है कि प्रभास की सुपरहिट फिल्म रिबेल में पहले अनुष्का शेट्टी को साइन किया गया था. लेकिन अनुष्का ने बाद में इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया, तो उन्हें रिप्लेस करने वाली कोई और नहीं, बाहुबली की ही दूसरी हिरोइन तमन्ना थीं. बाहुबली के फर्स्ट पार्ट के लिए अनुष्का को अपना वेट बढ़ाना था और फिर घटाना था. लेकिन बढ़े वेट को घटाने में अनुष्का के पसीने छूट गए और राजामौली अनुष्का से बुरी तरह से नाराज भी हो गए थे. लेकिन मानना होगा कि फाइनल रिजल्ट तो कमाल का है.  

प्रभास और राणा को अपने रोल के लिए स्ट्रिक्ट डायट पर रखा गया था. दोनों को दिन में 6-8 मील खाने थे जिसमें सिर्फ और सिर्फ नौन वेज आईटम थे. हर दो घंटो पर खाना था और हर दिन 2000 से 4000 कैलोरी गेन करनी थी. मेकर्स ने विदेश से मंगा कर प्रभास को बौडी बिल्डिंग की एक एक मशीन भी गिफ्ट की थी जिसकी कीमत 1.5 करोड़ रुपए थी. प्रभास को अपने ब्रेकफास्ट के लिए 40 अंडे खाने होते थे.  

क्या आप जानते हैं कि बाहुबली की कहानी तब ही बुन ली गई थी जब राजमौली 8 साल के थे. राजामौली के पिता विजयेन्द्र प्रसाद बाहुबली के किरदारों की कहानियां सुनाते रहते थे और राजमौली इन किरदारों की अमर चित्रकथा की कहानियों के कार्टून देखकर बुनते रहते थे. बचपन की सुनी इन किरदारों और कहानियों को एक साथ जोड़कर बाहुबली की दुनियां तैयार की गई. विजयेन्द्र प्रसाद ने राजामौली के लिए बाहुबली के लिए अलावा 7 फिल्में और लिखी हैं और आपको जानकर हैरानी होगी कि राजामौली के पिता ने सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान की भी कहानी लिखी है.

बाहुबली के बनने का ऐलान होते ही एक लीगल नोटिस फिल्म के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के पास पहुंच गया. जिसमें कहा गया कि ये फिल्म जैन धर्म तीर्थंकर बाहुबली पर बेस्ड है. फिल्म के प्रोड्यूसर ने साफ किया कि ये फिल्म विजयेन्द्र प्रसाद की फिक्शनल कहानी पर बेस्ड है. लेकिन लीगल वौर का तमाशा जारी रहा. बाहुबली के मेकिंग वीडियो पर फौर्मेट चुराने का इल्जाम लगा. कहा गया कि फिल्म की मेकिंग दिखाने के लिए उन्होंने एक कस्टमाइज्ड टेंप्लेट का इस्तेमाल किया है. प्रोड्यूसर शोबू ने इस कौन्ट्रोवर्सी को भी दूर करते हुए बताया कि उन्होंने ग्राफिक टेंप्लेट खरीदा है, चुराया नहीं. बाहुबली द बिगनिंग का पहला पोस्टर रिलीज हुआ जिसमें राजमाता शिवगामी देवी का नदी से निकला हाथ बच्चे शिवा को पानी के उपर रखता है. बाहुबली पर फिर से इल्जाम लगा कि उन्होंने 1998 में रिलीज हुई अमेरिकन फिल्म सिमोन बिर्चको कौपी किया है.

कागजों से बाहुबली की दुनिया को कैमरे पर उतारने के लिए हैदराबाद के रामोजी राव फिल्म सिटी में 20 एकड़ का सेट तैयार किया गया. रामोजी फिल्म सिटी में जंगली सुअर के शिकार वाले  स्पेशल सीन के लिए मक्के उगाए गएं थे लेकिन शूटिंग के ठीक एक हफ्ते पहले हुई बारिश ने पूरी मेहनत जाया कर दी. इस एक बारिश के बाद मुश्किलें बढ़ी तेलगू फिल्म फेडरेशन के स्ट्राइक से. नतीजा बाहुबली की पूरी टीम को बुल्गारिया जाना पड़ा जहां वैसे ही मक्के के खेतों के बीच वैसी ही लोकेशन्स के साथ उन्होंने 25 दिनों तक शूटिंग की.

आंध्र प्रदेश के कुरनुल में जब फिल्म की शूटिंग की जा रही ही थी. तब पहले तो बारिश ने उसे रोका और फिर तकरीबन 30 हजार लोग शूटिंग देखने आ गए. बड़ी मुश्किल से प्रभास और राना ने उन्हें मनाया. लेकिन तब ही राजामौली के दिमाग में एक आइडिया आया. उन्होंने वहां आए सारे लोगों को जय बाहुबली के नारे लगाने को कहा और इस साउंड को रिकौर्ड कर लिया. बाहुबली द कन्क्लूजन को अगर आपने देखा है. तो जय बाहुबली का वो साउंड इफेक्ट, फिल्म का सबसे हाई प्वाइंट है.

बाहुबली का माहिस्मति साम्राज्य रामोजी फिल्म सिटी में बनाया गया और इसे बनाने की जिम्मेदारी आर्ट डायरेक्टर साबू सायरिल को सौंपी गई. 2,000 कारपेंटरों, पेंटरों और सेट तैयार करने वाले क्रू ने न सिर्फ दो महल और मूर्तियां बनाईं, बल्कि मशीनी जानवर जैसे बैल, घोड़े और हाथी भी बनाए. फिल्म के पहले पार्ट में माहिष्मती साम्राज्य का सेट बनाने में 28 करोड़ रुपए का खर्च आया था. सेकेंड पार्ट में कुछ नए एलीमेंट्स को जोड़कर फिल्म के कई सीन फिल्माए गए हैं. इसके अलावा अनुष्का के राज्य का एक नया सेट भी तैयार किया गया जिसके प्रोडक्शन डिजाइन का खर्च 35 करोड़ रुपए आया. इस नए सेट के लिए लगातार 500 लोग 50 दिनों तक काम करते रहे.

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