कोविड-19 की वजह से स्कूल, कॉलेज सब बंद हो गए हैं और बच्चों को घर में ही ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ रही है.भले ही बच्चे को इससे कुछ फायदा हो भी जाए लेकिन इस ऑनलाइन पढ़ाई से जो मानसिक और शारीरिक तनाव हो रहा है उसका क्या ? इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के कई देशों में लॉकडाउन किया गया, लोगों का घरों से बाहर निकलना बंद हो गया और स्कूल-कॉलेज तो पिछले कई महीने से पूरी तरह से बंद हैं और इसी कारण से ऑनलाइन क्लासेस शुरु हुए लेकिन इससे होने वाली बीमारी ने न सिर्फ लोगों की सेहत पर बुरा असर डाला है बल्कि उनकी रोजमर्रा की जिंदगी भी पूरी तरह से बदल गयी है. बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर तो पढ़ ही रहा है लेकिन जो ऑनलाइन पढ़ाई की शुरुआत हुई उससे उनके सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है.

स्कूल में पढ़ाई के साथ कई और नई चीजें सीखते हैं बच्चे

जब बच्चे स्कूल जाते हैं तो वहां वे सिर्फ पढ़ाई ही नहीं करते बल्कि साथ ही साथ वे नए लोगों से मिलते हैं दूसरों के साथ खेलते हैं यहां तो कोविड ने उनका बाहर तक खेलना बंद करवा दिया दोस्त सामाजिक कुछ रूल-रेगुलेशन में रहना सीखते हैं जो कि घर पर बिल्कुल भी संभव नहीं है.स्कूल में खेलते-कूदते हैं, शारीरिक गतिविधियां करते हैं,लेकिन घर से ऑनलाइन क्लासेज के कारण बच्चे ये सारी चीजें नहीं कर पा रहे हैं और इसका भी उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है.

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लैपटॉप और फोन का इस्तेमाल

घर से पढ़ाई करने का मतलब है कि बच्चे अब उन चीजों का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं जिसे इस्तेमाल करने से पैरंट्स पहले उन्हें मना करते थे।टीवी, लैपटॉप, कम्प्यूटर, मोबाइल जितनी भी ऑनलाइन क्लासेज हैं इनकी वजह से बच्चे घंटो मोबाइल और लैपटॉप स्क्रीन के सामने बैठे रहते हैं जिसका उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है.

बच्चे की शारीरिक सेहत पर असर

कम्प्यूटर, लैपटॉप, आईपैड या मोबाइल फोन के सामने घंटों बैठे रहने की वजह से बच्चों के शरीर पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है,जब बच्चा बहुत देर तक एक ही जगह पर एक ही पोजिशन में बैठा रहेगा तो जाहिर है कि शरीर पर इसका असर अच्छा तो बिल्कुल नहीं होगा.

आंखें पर बुरा असर और सिरदर्द

टीवी, कम्प्यूटर या फोन की स्क्रीन को घंटों तक लगातार देखते रहने से बच्चों की आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती है और उन्हें ज्यादा पावर का चश्मा लगाने की जरूरत पड़ने लगती है. अगर समय रहते इन समस्याओं पर ध्यान न दिया जाए तो ये आगे चलकर बढ़ सकती हैं. बच्चों की मांसपेशियों और जोड़ों में भी दर्द की समस्या हो सकती है इसलिए इसका भी खास खयाल रखें.

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पैरंट्स को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए

• बच्चे लगातार स्क्रीन की तरफ न देखें बल्कि बीच-बीच में पलकों को झपकाते रहना जरूरी है
• बच्चों की आंखों की रोशनी ठीक रहे और उन्हें आंखों से जुड़ी कोई समस्या न हो इसके लिए उन्हें गाजर, पालक, कद्दू का जूस और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन जरूर कराएं.
• मोबाइल या लैपटॉप को बच्चे की आंखों से कम से कम 2 फीट की दूरी पर रखें
• बच्चे के स्क्रीन टाइम पर पैरंट्स नजर रखें, पढ़ाई के अलावा बहुत ज्यादा देर तक गैजट्स का इस्तेमाल न करने दें.
• बच्चे की आंखों की जांच करवाएं.

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