Friendship Day Special: ब्रेकअप के बाद भी कायम है इन बॉलीवुड स्टार्स की दोस्ती

1. रणबीर-दीपिका:

रणबीर और दीपिका की दोस्ती को बौलीवुड सलाम करता है. ब्रेकअप के बाद दोस्ती के रिश्ते को मैंटेन करना सीखना है तो कोई इन से सीखे.

2. अनुष्का शर्मा-रणवीर सिंहः

रणवीर सिंह और अनुष्का शर्मा ने अपनी पहली फिल्म ‘‘बैंड बाजा बारात’’ के बाद से एकदूसरे को डेट करना शुरू कर दिया था. लेकिन इन का यह रिलेशन बहुत समय तक चल नहीं पाया और ब्रेकअप हो गया. ब्रेकअप के बाद ये कुछ समय के लिए एकदूसरे से दूर थे लेकिन फिर दोनों ने दोस्ती मैंटेन कर ली.

3. शिल्पा-अक्षय:

90 के दशक में इन की जोड़ी हिट जोड़ी थी. लेकिन कुछ समय बाद ये अलग हो गए और अक्षय ने ट्विंकल से शादी कर ली और शिल्पा ने राज कुंदरा में प्यार ढूंढ़ लिया. लेकिन आज भी दोनों मिलते हैं तो अच्छे दोस्त की तरह मिलते हैं.

4. ऋषि कपूर-डिंपल कपाड़िया:

रणबीर ने दीपिका से ब्रेकअप के बाद दोस्ती काफी अच्छे से बरकरार रखी. आखिरकार इतने अच्छे से मैनेज करना उन्होंने अपने पापा से सीखा है. ऋषि कपूर ने भी एक जमाने में डिंपल कपाड़िया के साथ दोस्ती मैंटेन की थी.

5. गौरव चोपड़ा-नारायणी शास्त्रीः

गौरव चोपड़ा और नारायणी शास्त्री काफी समय तक साथ थे. लेकिन इन के ब्रेकअप के बाद गौरव ने मोनी राय से रिश्ता जोड़ लिया. इस के बाद भी गौरव और नारायणी के बीच दूरियां नहीं बढ़ीं. आज भी वे अच्छे दोस्त हैं.

6. डीनो मोरिया-बिपाशा बसु:

मौडलिंग के दिनों में ये दोनों साथ रहते थे. 2002 में ‘राज’ फिल्म में एकसाथ परदे पर आए और काफी समय तक चर्चा में रहे. लेकिन इन का ब्रेकअप हो गया और बिपाशा जौन के पास चली गई. कई सालों तक बिपाशा और जौन का रिलेशनशिप रहा, लेकिन फिर इन का रिश्ता टूट गया. इस के बाद बिपाशा ने करण से शादी कर ली और शादी की तसवीरों में बिपाशा और डीनो की दोस्ती को साफ देखा जा सकता है.

Friendship Day Selfie: एक कविता दोस्त के नाम

डौक्टर प्रीती प्रवीण खरे (भोपाल)

दुख की रात विफल करता, सुख की भोर धवल करता

मुश्किल सारी हल करता

धूप हमारी वो हर लेता, छांव हमेशा हमको देता

धोखा हमसे कभी न करता, सच्चाई के रस्ते चलता

दिल में वो उल्लास जगाये, ख़ुशियों वाले दीप जलाये

मुस्कानों से प्यार लुटाये, साथ सदा त्यौहार मनाये

महकाये संसार हमारा,  दूर करे अंधियार हमारा

विश्वासों का सार हमारा, मित्र ही है घर बार हमारा

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Friendship Day Selfie: इस दोस्ती को किसी की नजर न लगे

Friendship Day Selfie: हर रिश्ते से बढ़कर है दोस्ती

पूनम पाठक           

दोस्ती जैसे रिश्ते को शब्दों में बांध पाना मुश्किल है. सच्चा दोस्त वही होता है जो खुशियों से अधिक परेशानी के वक्त आपके साथ खड़ा हो. एक ऐसा दोस्त जो आपके ‘ठीक हूं’ कहने के बाद भी आपकी आंखों को नमी को महसूस कर ले. यूं तो मेरे दोस्तों की संख्या बहुत कम है. लेकिन जो हैं वे सभी दिल के बहुत करीब हैं. ऐसी ही एक दोस्त है राखी.

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राखी से अकस्मात हुई अपनी दोस्ती को मैं कभी नही भूल पाती. उसके घर के सामने वाली सड़क पर अपनी बेटी की स्कूल बस का इंतजार किया करती थी मैं और ऐसे ही एक दिन उससे बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ जो कभी न खत्म होने वाले किसी मूल्यवान खजाने में तब्दील हो गया. हम एक दूसरे के साथ खुल कर अपनी भावनाओं और विचारों की साझेदारी करते हैं. जहां एक दूसरे के गुणों की प्रशंसा करते हैं वहीं एक दूसरे की गलतियों की खुलकर आलोचना भी करते हैं. वक्त पड़ने पर एक दूसरे को सही सलाह देते है भले ही वह उस वक्त उसे थोड़ी कड़वी ही क्यों न लगे.

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जिंदगी के कई मुश्किल दौर में राखी ने नाते रिश्तेदारों से पहले मेरी ओर मदद का हाथ बढ़ाया है. हमारी दोस्ती सभी मानको से परे है. वो मेरी सफलता में शामिल होकर मेरी खुशियों को दुगुना कर देती है, जबकि दुखो को बांटकर उन्हें आधा कर देती है. इस तरह उसके साथ बिताया हर पल मेरे लिये खूबसूरत याद बन जाता है. भले ही कभी हम महीनों न मिले हों लेकिन दिल में उसकी याद हर लम्हा बरकरार रहती है. उसकी दोस्ती ने मुझे कई मानो में तराशा है. एक तरफ़ मानसिक तौर पर मुझे मजबूत बनाया है तो दूसरी ओर जिंदादिली से जीना सिखाया है. उसकी सबसे बड़ी खूबी है कि वह अपने सभी रिश्तों के प्रति ईमानदार है. फ्रेंडशिप डे पर मैं उसे खूब सारी बधाई और ढेर सा प्यार कहना चाहूंगी. सच उसकी दोस्ती मेरे लिए प्रकृति का अनमोल उपहार है जिसे मैं ताउम्र संभाल कर रखना चाहूंगी.

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एडिट- निशा 

Friendship Day Selfie: जिसके साये से गम भी दूर भाग जाए, ऐसी है मेरी प्यारी दोस्त

शशि बंसल गोयल

खुशबू की तरह सांसों में बसती है तू

लहू बनकर मेरी आँखों से बहती है तू

जिसके साये से भी ग़म दूर भाग जाए

ऐसी है मेरी प्यारी दोस्त मेरी जान तू

ज़माने ने दिए हों भले ही लाख दोस्त

मेरी होठों की हंसी का कारण सिर्फ़ तू

जिसके नाम के शुरू में ही ‘संग’ है जुड़ा

ऐसी है सबसे प्यारी दोस्त मेरी ” संगीता ”

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Friendship Day Selfie: जिंदगी में दोस्त नहीं दोस्तों में जिंदगी होती है

Friendship Day: मेरी आवाज है इस दोस्ती की पहचान

जब भी कौलेज के दिनों को याद करता हूं तो दिल और दिमाग मानों एक सैर पर निकल पड़ता हैं. एक ऐसी सैर पर जहां खट्टी-मीठी यादों के झरने है. उस समय के नए नए अनुभवों की वादियां हैं. कुछ उबड़ खाबड़,तो कुछ सुलझे हुए रास्ते हैं. परीक्षा के बादल हैं के तो उनमें उत्तीर्ण होने की खुशी की बारिश हैं और सबसे महत्वपूर्ण मेरी दोस्ती की फुलवारी हैं.

इस फुलवारी के तरह-तरह के फूल मानों मुझे मेरी उन तरह-तरह के दोस्तों की याद दिलाते हैं जिसने साथ मैंने कौलेज के वो स्वर्णिम दिन गुजारे थे. इस फुलवारी में फूलों का एक गुछ्छा भी है. जो मुझे उन लड़कियों की याद दिलाता हैं जिनसे मैं कौलेज के तीसरे वर्ष में मिला था. उनमें से कुछ मुझसे उम्र में छोटी तो कुछ मेरी उम्र की थी.

मैं अक्सर उनके होस्टल में शाम के समय में जाया करता था. जिस समय वो सभी होस्टल के प्रांगण में इकट्ठा होकर शाम की वंदना कर रही होती थी. उनकी वो सुरमयी और लय-बंद आवाज आज भी मुझे अच्छे से याद हैं. उन्हें भी मेरी आवाज अच्छे से याद होगी और शायद सिर्फ आवाज ही याद होगी क्योंकि वो सभी देख जो नहीं सकती थी.

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लोग कहते है कि दोस्ती हमेशा अच्छे से देख परख ही करनी चाहिए, लेकिन उन लड़कियां ने तो मुझसे बिना देखें ही दोस्ती कर ली थी. हां…मुझसे या शायद मेरी आवाज से क्योंकि मेरी आवाज ही तो थी जिसे वो उन दिनों शायद रोज ही सुनती थी या कह लो वो मेरी आवाज को पढ़ती थी. मेरी उनसे दोस्ती की कहानी कुछ इस तरह शुरु होती हैं.

ये बात जनवरी 2017 की हैं में इंदौर के SGSTIS कौलेज के तीसरे साल में था. मेरी आदत थी की मेरी जेब के खुल्ले पैसे मैं एक गुल्लक में जमा करता था और उसके भर जाने पर किसी अनाथ आश्रम में दान कर देता था. एक दिन उस गुल्लक में जमा पैसों को दान करने के लिए मैं अपने दोस्त के बताएं हुए अनाथ आश्रम के लिए निकला और खौजते खौजते मैं महेश दृष्टिहीन कल्याण संग जा पहुंचा. पूछने पर पता चला की वहां प्राथमिकी से लेकर कौलेज तक में पढ़ने वाली बच्चियां रहती थी. जिनमें से कुछ अनाथ भी थी. स्कूल स्तर की क्लास वहीं छात्रावास में हूं रहती थी और कौलेज स्तर की छात्राएं शहर के अलग-अलग कौलजों में सामान्य बच्चों के साथ ही पढ़ती थी.

मैं वहां की वार्डन दत्ता मैडम से मिला और बच्चों की सहायता करने के लिए कुछ पैसे देने की इच्छा बताई. उन्होंने मुस्कुराकर कहा- बेटा इन्हें पैसों की नहीं बल्कि किसी की समय की जरुरत है.

मैंने कहां- मतलब?

तो वो बोली- की इनके पास जरुरत की सभी चीजें हैं. कई लोग संस्थान में आकर इसी तरह दान करते हैं. लेकिन इन्हें जरुरत हैं की कोई अपना समय निकालकर इनकी पढ़ाई में मदद कर सकें.

पर फिर वही परेशानी समय ही नही मिलता था शनिवार ओर रविवार को कौलेज की छुट्टी रहती थी तो उन दोनों ही दिनों में सुबह से ncc की ड्रिल ओर बाकी एक्टिविटी होती थी. तो कभी क्लब की मीटिंग रहती थी.

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8 दिन बीत चुके थे,पर में उनमे से एक भी किताब रिकॉर्ड नही कर पाया था. अगले दिन शनिवार था, ड्रिल के बाद मैं सीधा Ncc office गया और दोपहर 12.30 से शाम के 7.30 बजे तक रिकौर्डिंग करता रहा. अगले दिन रविवार को भी इसी तरह से रिकॉर्डिंग की और इस तरह मैंने उनमे से एक किताब को पूरा किया.

उस रात अपने रूम पर जाते हुए मैंने सोचा कि इस तरह से तो में इस काम को नहीं कर पाऊंगा. क्योंकि इसमें रोज़ समय देने से मेरी खुद की पढ़ाई और बाकी चीज़े भी प्रभावित होंगी. उन छात्राओ को भी समय से उनकी किताब नहीं पहुंचा पा रहा था.

मैंने सोचा की उन छात्राओं को झूठे भरोसे में रखने से अच्छा है की मैं उनकी वौर्डन को बोल दूं की मैं रिकौर्डिंग का काम नहीं कर पाऊंगा. पर उन्हें जब भी राइटर की जरूरत होगी तो मैं हमेशा तैयार हूं ऐसा सोच के मैं उस रात सो गया और अगले दिन शाम को में उन बच्चियों के होस्टल पहुंचा.

मैंने वार्डन दत्ता मैम को बताया की में एक ही किताब रिवौर्ड कर पाया और दूसरी नहीं. मैं उनसे आगे की बात करने ही वाला था कि इतने में एक लड़की जो वहां से निकल रही थी

मेरी आवाज सुन कर रुक गई और बोली- आप अमित भैया है ना?

मैने कहा- हां

भैया मैंने आपकी आवाज से आपको पहचान लिया. भैया आपकी आवाज में किताबे सुनना बहुत अच्छा लगता है. आप सभी चीज़ों को अच्छे से समझाते हैं. पिछली बार आपने जो हिंदी साहित्य की किताब रिकौर्ड करके दी थी. दो दिन पहले ही उसका क्लास टेस्ट हुआ जिसमें पहले से मेरे काफी अच्छे नंबर आए.

मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने बताया कि उसका नाम Alish है. वो BA सेकंड ईयर की स्टूडेंट थी. इतनी बात करके वो तो वहां से थैंक्स बोलकर चली गई. लेकिन उसके चेहरे की खुशी और मेरे आवाज पर उसके भरोसे ने मुझे वो बोलने ही नही दिया जो में वह बोलने आया था.

दत्ता मैम ने पूछा- हां अमित तुम कुछ कह रहे थे?

मैं निशब्द सा बोला- नहीं मैम कुछ नहीं.

इसके बाद मैं वहां से चला आया. पूरे रास्ते मेरे दिमाग मे बस एलिश की बातें ही घूमती रही.

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मैने अब सोच लिया था कि अब जो भी हो ये काम कभी नहीं छोडूंगा. धीरे धीरे बाकी काम से थोड़ा थोड़ा समय निकाल कर मैं रिकौर्डिंग करने लग गया. कभी देर रात तक, तो कभी सुबह उठकर तो कभी लंच टाइम में,तो कभी दोस्तो के साथ घूमने न जाकर शनिवार और रविवार लगातार रिकौर्डिंग करता रहा.

इस दौरान मैंने उनकी पढ़ाई के लिए टेस्ट सीरीज और अन्य नोट्स भी रिकौर्ड किए. धीरे धीरे मुझे अहसास हुआ की इस काम में मुझे बहुत तसल्ली मिलती है. जब भी मैं उनके होस्टल से रिकैर्ड की हुई किताबे देकर लौटता तो मन मे बड़ी ही शांति का अनुभव होता और अपनी पर्सनल लाइफ में चल रही परेशानियों को मानो कुछ समय के लिए भूल ही जाता था.

मुझे ऐसा लगने लगा मानो ये काम मैं उनके लिए नही बल्कि अपने भले के लिए या अपनी शांति के लिए कर रहा था. मैं जब भी वहां जाता सभी बच्चियां मुझे मेरी आवाज से ही पहचान जाती थी. ऐसे ही कौलेज का मेरा 4th ईयर खत्म होने को आया था. अब मुझे इस बात की चिंता होने लगी कि मेरे जाने के बाद इस काम को कौन करेगा .

फिर मेने कुछ दोस्त और आसपास के जानने वालों से बात की तो राइटर बनने के लिए तो काफी लोग आगे आये पर रिकौर्डिंग के काम के लिए बेहद कम और जो आये भी वो रेगुलर इस काम को करने में हामी नही भर पाए. मेरे इस काम के बारे में कौलेज में जैसवाल सर के अलावा किसी को नहीं पता था. शायद यही कारण था कि मैं सभी कामों से समय निकाल कर इस काम को रेगुलर कर पाया.

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एक दिन की बात है मेरे फ़ोन पर एक बड़े अखबार के राइटर का फ़ोन आया जिसने मेरी कहानी जाननी चाही की में किस तरह रिकौर्डिंग करता हूं और कैसे में उन बच्चियों की मदद करता हूं. सभी जानकारी देने के बाद अगले दिन मेरी लाइफ बदलने वाली थी. सुबह के अखबार में मेरी फुल पेज स्टोरी छपी थी. जिसे देखने के बाद सभी जानने पहचानने वालों, दोस्तों और कौलेज के सभी लोगों ने मुझे सराहा. उनमे से कुछ ने इस काम को करने की इच्छा भी ज़ाहिर की इनमे कुछ तो मेरे कौलेज की जूनियर्स ही थे और कुछ शहर के आम लोग.

इन सब के मिलने पर मानो मेरी बहुत बड़ी चिंता दूर हो गई. इसके बाद मैंने सबको मिलाकर Whatsapp पर एक ग्रुप बनाया. जिसमे दत्ता मैम और मेरे कौलेज के कुछ सीनियर्स को भी ऐड किया. तय हुआ कि जब भी उन छात्राओं को भी किताब रिकौर्ड करानी होगी या राइटर की जरूरत होगी तो इस ग्रुप में मैसेज आ जायेगा और जो भी उस समय अवेलेबल होगा वो उनकी मदद करेगा. मेरा 4 ईयर अब कम्पलीट हो गया है और मैं दिल्ली आ गया हूं. सिविल सर्विसेज की तैयारी करने पर helping hand चल रहा था.

इस बीच ऐलिश उस कौम्पिटेटिव एग्जाम में सेलेक्ट हो गई और उसके बाद उसने उस ग्रुप में एक प्यारा सा नोट मेरे लिए लिखा. एलिश ने मुझे कहा था कि भैया अगर में सेलेक्ट हुई तो पहला thank you आपका करूंगी ओर आपको मिठाई लिखूंगी. आज मैं वहां नही था पर मेरा मन की खुशी से उस मिठाई को भली भांति महसूस कर पा रहा था.

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ये बात बताकर मुझे खुशी मिल रही है कि आज हेल्पिंग हैंड सिर्फ Whatsapp group न रहकर एक registered NGO बन गया है जिसका नाम अद्भुत पब्लिक वेलफेयर सोसाइटी हैं. अब इसके चलते दृष्टिहीन बच्चो के लिए किताबे रिकौर्ड करने के साथ साथ, गरीब बच्चो को पढ़ाना,शिक्षा से जुड़े सामान देना और कपड़े दान करना जैसे काम होते है.

आज सोचता हूं मेरी वो छोटी सी कोशिश आज एक सफलता बनकर बड़ी ही गर्व से अपनी कहानी कह पा रही है. इसका एक कारण वो निःशब्दता भी है जिसने मुझे उस दिन दत्ता मैम को इस काम के लिए ना करने से रोक दिया था.

एडिट बाय- निशा राय

Friendship Day Selfie: दोस्ती को सलाम

दोस्ती नाम है सुख-दुख की कहानी का, दोस्ती राज है सदा ही मुस्कुराने का, ये कोई पल भर की जान पहचान नहीं. दोस्ती वादा है उम्र भर साथ निभाने का. जी हां, दोस्ती एक एसा रिश्ता है जो हम अपने आप से बनाते है. मां-बाप,भाई-बहन, जैसे रिश्ते हमे जन्म से ही मिल जाते है पर दोस्ती एकमात्र ऐसा रिश्ता है जो बिना किसी शर्त या बिना किसी स्वार्थ के बनाया जाता है शायद तभी दोस्ती के रिश्ते को दिल का रिश्ता बताया जाता है. हम अपने दोस्तों से हर तरह की बात कर अपना मन हल्का कर लेते है जो हम कभी-कभी अपने घरवालो से भी नही कर पाते.

अगस्त महीना शुरू होने से पहले ही हम सब के दिल मे एक अलग सी खुशी जाग उठती है और वो खुशी अगस्त महीना के आने वाले पहले इतवार की होती है. हर साल अगस्त महीने के पहले इतवार को फ्रेंडशिप-डे मनाया जाता है. चाहे आम इंसान हो या बौलीवुड सेलेब्स, हर किसी का कोई न कोई एसा दोस्त जरूर होता है जिस पर वे बेइंतहा विश्वास और प्यार करता है.

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नैना सूदान (दिल्ली)

स्कूल जाने वाले छात्र फ्रेंडशिप-डे पर एक दूसरे को बडे मन से फ्रेंडशिप बैंड पहना कर अपनी दोस्ती ओर गहरी करते है तो वही दूसरी तरफ जो अपने दोस्तो से नही मिल पाते वे इस दिन अपने दोस्तो को फोन कर एक दूसरे का हाल चाल पूछ फ्रेंडशिप-डे विश कर देते है. कुछ लोग इस दिन का आनंद अपने दोस्तो के साथ पार्टी कर के भी उठाते है.

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केवल दोस्ती ही ऐसा एकमात्र रिश्ता है जिसमे हम एक दूसरे से कोई अपेक्षाएं ना रख अपने सभी स्वार्थ को अलग कर पूरे दिल से ये पवित्र रिश्ता निभाते है. दोस्तो से ही तो जिंदगी मे खुशियां है, दोस्तो के प्यार के बिना जीवन व्यर्थ सा लगता है तभी तो कहा जाता है, हर एक फ्रेंड जरूरी होता है.

सुचिता तलरेजा अपनी बचपन की दोस्त बेला के साथ…

खुशनसीब होते है वे लोग जिनके दोस्त होते है. अपने दोस्तो के साथ हम वो हर मुश्किल काम बहुत आसानी से करते है जो हमने पहले कभी किया भी नहीं होता इसलिए नहीं कि हम वो काम अकेले नहीं कर सकते बल्कि इसलिए क्यूंकि हमे अपनी दोस्ती पर विश्वास होता है कि चाहे कुछ भी हो जाए हमारे दोस्त हमारा साथ कभी नही छोड़ेगें.

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इस फ्रेंडशिप-डे अपने दोस्तो से हर वो दिल की बात कहिए जो आप उसके लिए महसूस करते है. छोटी-छोटी अनबन हर रिश्ते मे होती है लेकिन इसका मतलब ये नही की हम अपनी दोस्ती ही खत्म कर दें. खट्टी-मीठी बाते ही तो जिंदगी जीने का मजा देती है तो अगर आप भी अपने किसी दोस्त से नाराज है तो आने वाले 4 अगस्त 2019 यानी फ्रेंडशिप-डे पर उससे अपनी दिल की बात बोल अपनी दोस्ती को और गहरा बनाइए.

एडिट बाय- करण मनचंदा

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Friendship Day Selfie: तेरे जैसा यार कहां

विनीता राहुरीकर

जितना खूबसूरत शब्द है उतना ही खूबसूरत अहसास भी है. सच तो यही है कि दोस्ती को शब्दों में बांधना बहुत मुश्किल है. दोस्ती तो एक आत्मीय अहसास है जिसे बस जिया जा सकता है और हम तो इसे पिछले 27 सालों से हर लम्हा, हर पल जीते आ रहे हैं.

कच्ची उम्र की पक्की दोस्ती अक्सर बढ़ती उम्र में दुनियादारी के झमेलों में खो जाती है लेकिन हम वो खुशनसीब हैं जिनकी जिंदगी में वो मोड़ कभी आया ही नहीं कि दोस्ती खो जाए. तभी तो कॉलेज के बाद भी हम तीनों भोपाल में ही रहे और आज तक यहीं हैं, साथ-साथ.

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अब तो हमारी दोस्ती एक शब्द, एक रिश्ते से कहीं बढ़कर है. एक साथ, एक विश्वास की जीवन में जब भी कभी अँधेरा होने को होगा तो कोई है जो राह रौशन कर देगा, जब कदम थकने लगेंगे कोई है जो आकर हाथ थाम लेगा. रातरानी की सुगंध है या भोर का उजास, जो भी है जीवन में बहुत गहरे तक जुड़ा हुआ है.

जीवन की खुशियां तुम हो, मस्ती तुम हो, जिसके सामने मन बेझिझक पूरा खोलकर रखा जा सकता है वो अपनापन भी तुम्ही हो. एक बहुत ही पारदर्शी, मन के बेहद करीब, कभी लगा ही नहीं कि हम अलग-अलग है. हम तो तीन जिस्म एक जान हैं और हमेशा रहेंगे. बहुत सारा प्यार, हम सबके लिए. लव यू दोस्तों. विनीता-उपासना-वंदना.

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Friendship Day Selfie: जिंदगी में दोस्त नहीं दोस्तों में जिंदगी होती है

प्राची जैन, कोटा (राजस्थान)

कहते जिंदगी में दोस्त नहीं दोस्तों में जिंदगी होती है, कई बार ब्लड रिलेशन से ज्यादा कुछ अजीज लोगों से इतना अपनापन हो जाता है कि वो कब लाइफ लाइन बन जाते हैं पता ही नहीं चलता. रिया से कुछ इसी तरह का जुड़ाव है. हमारी स्कूलिंग साथ हुई फिर आगे पढ़ने हम कोटा आ गए. यहां राहे जरूर अलग हुई कई नये दोस्त मिले लेकिन दिलों का रिश्ता जो हम दोनों के बीच बना था वो दिनोंदिन बढ़ता गया. आज आलम यह है कि जब तक हम एक दूसरे से अपने दिल की बात शेयर न कर लें सकून नहीं मिलता.

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कई बार आपस में हमारी लड़ाई-झगड़े हुए होंगे लेकिन पता नहीं ऐसा क्या है जो हमें कभी अलग नहीं होने देता. अब तो लोग हमारी दोस्ती की मिसाल देने लगे हैं. हम हर सुख-दुख में एक दूसरे के साथ खड़े होते हैं, प्रौब्लम्स शेयर करते हैं, करियर को लेकर बातें करते हैं. देखते देखते हम दोनों के के बीच इतनी अंडरस्टेंडिंग हो गई है कि कई बार जो जब हम नहीं बोलते तो ज्यादा एक दूसरे को समझ लेते हैं. खुशकिस्मत मानती हूं खुद को जो रिया जैसी दोस्त मिली. लव यू रिया.

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Friendship Day Selfie: हर रिश्ते से बढ़कर है दोस्ती

अंजू गुप्ता

उम्र तो ढलक जाती कब की हमारी, तेरी दोस्ती ने इसे जवां रक्खा है.

कड़ी मेहनत के बाद जीवन में किसी खास के लिये सबकुछ अर्पण कर देना सच्ची दोस्ती है. सच्ची दोस्ती दो या दो से अधिक लोगों के बीच सच्चा रिश्ता है. जहां बिना किसी मांग के भरोसा बना रहता है. दोस्त हमेशा परवाह, सहायता और दूसरी जरुरी चीजें देने के लिये सच्ची मित्रता में तैयार रहता है. मित्र सभी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि प्यार, देखभाल और भावनात्मक सहायता किसी जरुरतमंद इंसान को खड़ा करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं. दोस्ती लोगों के बीच में बिना किसी भी उम्र, वर्ग, लिंग, पद, नस्ल या जाति के हो सकती है. हालांकि, आमतौर पर मित्रता हम उम्र के बीच होती है.

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कुछ लोग सफलतापूर्वक अपने बचपन की दोस्ती को पूरे जीवनभर लेकर चलते हैं जबकि कुछ गलतफहमी, समय की कमी या दूसरे कारणों से बीच में ही समाप्त कर देते हैं. कुछ लोगों के पास उनके किंडरगार्डेन या प्राइमरी स्तर में बहुत सारे दोस्त रहते हैं लेकिन कोई एक या शायद कोई भी इसे बाद के जीवन में आगे नहीं बढ़ाता है. कुछ लोगों के पास केवल एक या दो मित्र होते हैं जिन्हें वो बाद के अपने बुढ़ापे के दिनों में भी बहुत अच्छे से आगे लेकर चलते हैं. दोस्त परिवार के बाहर या घर का भी कोई सदस्य (पारिवारिक सदस्यों में से कोई एक) हो सकता है (पड़ोसी, रिश्तेदार आदि).

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मित्र अच्छे-बुरे दोनों प्रकार के हो सकते हैं, अच्छे दोस्त अच्छे रास्ते पर ले जाते हैं जबकि बुरा मित्र गलत राह पर ले जाता है, इसलिये हमें जीवन में दोस्त चुनते समय सावधान रहना चाहिये. बुरे दोस्त हमारे लिये बहुत बुरे साबित हो सकते हैं क्योंकि वो हमारे जीवन को पूरी तरह बरबाद करने के लिये काफी होते हैं. हमें अपनी भावनाओं (खुशी और दुख) को बांटने के लिये जीवन में कोई खास होना चाहिये, किसी से बात करने के लिये अपना अकेलापन मिटाने के लिये, किसी को दुख से निकालने के लिये हंसाने वाला हो आदि. अपने दोस्तों के अच्छे साथ में जीवन में हम कोई भी कठिन कार्य करने के लिये प्रेरित होते हैं और खुशी से बुरे समय से निकलना आसान हो जाता है.

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Friendship Day Selfie: इस दोस्ती को किसी की नजर न लगे

पूनम पाठक (इंदौर)

प्रिय प्राची और पूनम,

हमारी प्यारी सी दोस्ती को कभी किसी की नजर न लगे. सच तुम दोनों के साथ बिताया हर लम्हा मेरे लिए बेहद खास है. हमारे बीच हुई वो ढेर सारी बातें जहन में अभी भी किसी ताज़ा खिले फूल की महक सी विद्धमान हैं. वो बचपन के कभी न भूलने वाले किस्से, खुशियों से सराबोर हमारे चेहरे की वे मुस्कुराहटें, कभी किसी से न कह सकने वाले गुपचुप दुखों के वे बंटवारे जाने अहसास के किस धागे से दिलों में पिरोए जा चुके हैं.

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हर बात पर लगते मिलेजुले ठहाको की गूंज अभी भी कानों को सुकून देती है. इतना सारा वक्त हमने एक साथ बिताया पर अभी भी लगता है कहने को न जाने कितनी बातें और रह गयीं हैं. प्राची तुम्हारा बेबाक और मुखर अंदाज मुझे बहुत लुभाता है. किसी भी परिस्थिति में हार न मानने वाला तुम्हारा जज़्बा मुझे भी कठिन परिस्थितियों से दो दो हाथ करने को प्रेरित करता है.

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पूनम की सादगी और सरलता तो मन मे कहीं गहरे बस चुकी है. शो औफ और दिखावे की मानसिकता से कोसो दूर है उसका निश्छल मन. तुम दोनों की दोस्ती मेरे जीवन की बहुमूल्य धरोहर है, जिसे मैं ताउम्र संभाल कर रखना चाहूंगी और इस फ्रेंडशिप डे पर तुम्हारी खूबसूरत यादों के साथ मस्ती करते हुए पूरा दिन बिताऊंगी. हमारी दोस्ती यूं ही कायम रहे. बहुत सा प्यार.

तेरी दोस्ती जैसे बागों में बहार है
सूखी धरा पे जैसे बारिश की फुहार है,
सलामत रहे सदा दोस्ती ये अपनी
यारी पे तेरी दिलोजां भी निसार है.

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