इंटिमेट सीन्स करना आसान नहीं होता – अंशुल चौहान

बचपन से अभिनय की इच्छा रखने वाली अभिनेत्री अंशुल चौहान ने फिल्म ‘शुभ मंगल सावधान’ में सपोर्टिंग रोल से हिंदी सिनेमा जगत में कदम रखा. फिल्मों के अलावा उन्होंने मॉडलिंग और वेब सीरीज में भी काम किया है. स्वभाव से विनम्र और हंसमुख अंशुल के परिवार उत्तर प्रदेश के नॉएडा में रहती हैं. उनके पिता विरेंदर चौहान व्यवसायी और मां गृहणी है. अंशुल के यहां तक पहुंचने में उसके माता-पिता का काफी सहयोग रहा है. ऑल्ट बालाजी की वेब शो ‘बिच्छू का खेल’ जी5 पर रिलीज हो चुकी है, जिसमें अंशुल ने मुख्य भूमिका निभाई है. उनके काम को काफी सराहना मिल रही है. आइये जाने क्या कहती हैं, अंशुल अपने बारें में.

सवाल-इस वेब शो को करने की खास वजह क्या रही?

इसे करने की वजह यह है कि अभी तक मैंने सस्पेंस और थ्रिलर वाली फिल्म नहीं की थी. इसमें फुल ड्रामा और मनोरंजन है. साथ ही मेरी भूमिका भी बहुत चैलेंजिंग रही. 

सवाल-किसी भाग को करने में मुश्किलें आई?

इस शो का हर भाग बहुत कठिन था, क्योंकि ये चरित्र बहुत स्ट्रोंग और अपफ्रंट तरीके का है और मुझे जीवन में चुनौतीपूर्ण काम करना पसंद है. तभी आप ग्रो कर सकते है. निर्देशक आशीष राज शुक्ला ने मुझे अभिनय में बहुत हेल्प किया. 

सवाल-इस चरित्र ने आप खुद को कितना जोड़ पाती है?

बिल्कुल भी नहीं जोड़ पाती, क्योंकि रश्मि चौबे इस शो में जिस तरह से जोश में अपना काम कर लेती है, रियल लाइफ में अंशुल ऐसा किसी काम को वायलेंट तरीके से नहीं कर सकती. आराम से और किसी का नुकसान किये बिना मैं अपना काम निकाल लेती हूं. 

सवाल-एक्टिंग में आने की प्रेरणा किससे मिली? पहला ब्रेक कब मिला?

मैंने शुरुआत दिल्ली के एक कॉलेज के थिएटर से किया. पढाई और थिएटर दोनों करते-करते मुझे अहसास हुआ कि मुझे क्रिएटिव चीजे आकर्षित करती है और मैं सहजता से कर सकती हूं. फिर मैंने अभिनय के क्षेत्र में जाने की योजना बनाई और मैं मुंबई पहुंची और पहला ब्रेक मुझे टीवी कमर्शियल से मिला, इसके बाद शुभ मंगल सावधान में काम करने का मौका मिला. साथ ही वेब सीरीज में काम मिलता गया और मैं यहाँ स्टाब्लिश हो गई.

मुंबई आने पर पहला काम मिलने में समय लगा, क्योंकि मैं इस शहर को जानती नहीं थी. इसके अलावा थिएटर के कुछ लोगों से परिचय हुआ और उन्होंने ऑडिशन की बात बताई. फिर ऐड मिले, ऐसे ही काम से काम मिलता गया.

सवाल-आउटसाइडर होने के नाते काम मिलने में परेशानी आई?

कई बार समस्या आई, क्योंकि मैं इस क्षेत्र से अनजान थी. मेरे परिवार में कोई भी इंडस्ट्री से नहीं है, जो मुझे कुछ गाइड कर सकें. अभिनय का मौका मिलता है , अगर आप प्रतिभावान है. काम मिलने में समय लगता है,क्योंकि इंडस्ट्री के बारें में पता करने में भी समय लग जाता है.

सवाल-पहली बार पेरेंट्स को अभिनय की इच्छा के बारें में कहने पर उनकी प्रतिक्रिया क्या थी?

पहले तो उन्होंने मना किया, क्योंकि मेरा परिवार कंजरवेटिव है. आज तक किसी ने इस क्षेत्र में काम नहीं किया है. मुझे दिल्ली की बेस्ट कॉलेज में दाखिला ऑडिशन के द्वारा एक्स्ट्रा करिकुलर के कोटे में मिला था. इससे पैरेंट्स को अच्छा लगा, क्योंकि एक्टिंग के बल पर मुझे कॉलेज मिली.इससे वे सहज होते गए. धीरे-धीरे उन्होंने मुझे मुंबई के लिए भी एक साल का समय दिया. इस दौरान काम मिलते गए और वे भी खुश होते गए.

सवाल-क्या आपने टीवी पर काम करने की कोशिश नहीं की?

मैंने कभी कोशिश नहीं की, क्योंकि मुझे लगता है कि टीवी पर एक चरित्र को काफी समय तक करना पड़ता है, जबकि फिल्म और वेब शो में अलग-अलग चरित्र को जीते है.

सवाल-रिजेक्शन का सामना कैसे करती है?

एक बार मुझे एक बड़ी फिल्म में लीड मिलने वाली थी. मैं बहुत खुश थी, मेरी नींदे उड़ गई थी, लेकिन कुछ कारणों से वह नहीं मिली. मैं स्ट्रेस ईटर हूं, मैंने बहुत खाना खाया. फिर मैं घर चली गई थी. एक महीने में मैं उस स्ट्रेस से निकली. इससे मुझे सीख भी मिली, क्योंकि यहाँ कुछ भी हो सकता है. इसलिए अधिक आशावादी होना ठीक नहीं. काम करते रहना चाहिए. 

सवाल-फिल्मों और वेब शो में इंटिमेट सीन्स बहुत होते है, उसे करने में आप कितनी सहज होती है?

ये स्क्रिप्ट्स पर निर्भर करता है. सब ओटीटी पर ऐसी सीन्स का होना जरुरी नहीं. इंटिमेट सीन्स करना आसान नहीं होता. अभी तक मैंने किया नहीं है. आगे बता नहीं सकती. 

सवाल-किस तरीके की फिल्मों में आगे काम करने की इच्छा रखती है?

मुझे फेंटासी और बहुत सारी एक्शन वाली फिल्म करना पसंद है. टॉम क्रूज़ सभी एक्शन को खुद करते है, जो बहुत ही अच्छे स्तर का होता है. मैं पिछले फिल्म से अगला बेहतर करने की कोशिश करती हूं. 

सवाल-किस शो ने आपकी जिंदगी बदली?

एक फेस बुक एड मैंने किया था. उससे मेरी जिंदगी काफी बदली है. इसे देखकर इंडस्ट्री के लोगों ने बहुत तारीफे की, जो बहुत अच्छा लगा. 

सवाल-मुंबई की कौन सी बात आपको पसंद है?

मुंबई की हर बात अच्छी है, लेकिन सबसे बड़ी चीज है, मुंबई में रहकर खुद को एमपावर्ड महसूस करना. यहाँ डरने की कोई बात नहीं होती, जबकि नार्थ इण्डिया में ये डर हमेशा बना रहता है. कपडे कुछ भी पहने कोई आपको कुछ नहीं कहता. 

सवाल-आप कितनी फैशनेबल है?कितनी फूडी है?

मुझे फैशन खूब पसंद है, जिसमें मुझे स्ट्रीट साइड फैशन अधिक अच्छा लगता है.

मुझे खाने में मीठा बहुत पसंद है. अभी आलू की कोई भी डिश मुझे पसंद आ रही है. लॉक डाउन में मैंने गुलाब जामुन, केक, बर्गर, गोलगप्पे आदि कई चीजे बनाई है. 

सवाल-आउटसाइडर नए कलाकारों को क्या कहना चाहती है?

सबकी जर्नी अलग होती है. अपनी लाइफ को एन्जॉय करें, लेकिन थोड़ी दूरदर्शिता भी रखें. अनुशाषित और योजनाबद्ध तरीके से रहने पर काम मिलने में आसानी होती है.

सवाल-क्या कोई मेसेज देना चाहती है? 

आज के लोग धीरज खोते जा रहे है, जो ठीक नहीं.  सबको प्यार देने की कोशिश करने की जरुरत है, ताकि गुस्से का प्रभाव कम हो. इसके अलावा घर पर रहकर खुद को कोरोना संक्रमण से बचाए.

 

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