#coronavirus के ट्रीटमेंट की कहानी, कोरोना पीड़ित की जुबानी

जब से कोरोना वायरस ने अपना कहर मचाया, तभी से सोशल मीडिया पर इसको लेकर तरह-तरह  की अफवाहें व नुस्खे बताए जा रहे हैं, कोरोना के खौफ में लोग इनपर विश्वास भी आसानी से कर रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि WHO से लेकर दुनिया से सभी डॉक्टर्स कोरोना वायरस से बचने की सलाह लोगों तक पहुंचा रहे हैं. ऐसे में जरुरत है तो बस उन बातों को सुनकर, अम्ल करने की.

कई बार लोग अफवाहों से भरी बातों पर यकीन कर लेते हैं, और पैनिक होकर बेवजह बीमार पड़ जाते हैं. इस बात में कोई शक नहीं कि कोरोना एक खतरनाक वायरस है लेकिन अगर इसका सही समय पर ट्रीटमेंट मिल जाये तो आसानी से इससे बचा जा सकता है. आज हम आपको बताएंगे की कोरोना के ट्रीटमेंट से डरने की जरूरत नहीं है.

आज हम जानेंगे कोरोना के ट्रीटमेंट की कहानी दिल्ली के पहले कोरोना पीडित की जुबानी-

दिल्ली के पहले कोरोना पीड़ित ,जो 45 वर्षीय बिज़नेस मैन है ने कोरोना से जंग जीतने के बाद  एक न्यूज़ चैनल को इंटरव्यू के दौरान बताया की कोरोनवायरस से  डरने की कोई बात नहीं है. अधिकांश स्वस्थ व्यक्तियों के लिए यह उपचार बहुत सुगम है.

ये भी पढ़ें- थम नहीं रहा कोरोना का कहर

“मैं 25 february को यूरोप से लौटा और मुझे अगले दिन बुखार हो गया. मैं एक डॉक्टर के पास गया जिन्होंने  मुझे बताया कि मुझे  गले का संक्रमण है. उन्होंने  मुझे तीन दिनों तक दवा दी. मैं 28 february को  ठीक हो गया लेकिन मुझे फिर से 29 february के  दिन बुखार हो गया, उसके बाद  मैं राम मनोहर लोहिया अस्पताल गया. जहाँ 1 मार्च को मुझे टेस्ट के बाद मालूम हुआ की मेरा कोरोना टेस्ट positive है.

“ईमानदारी से  यह केवल उस समय तक मुश्किल था जब तक डॉक्टर्स ने  मुझे बताया नहीं था कि मैं कोरोना वायरस से पीड़ित हूँ , लेकिन जब डॉक्टरों की एक टीम मुझे अगले दिन सफदरजंग में देखने के लिए आई, जहां मुझे स्थानांतरित कर दिया गया था, तो उन्होंने मुझे यह कहते हुए बहुत सहज बना दिया कि ‘ इसका इलाज़ संभव है .आप एक स्वस्थ व्यक्ति हैं और यह सिर्फ सर्दी और खांसी है और यह ठीक हो जाएगी . यह बस ठीक होने में  सामान्य सर्दी और खांसी की तुलना में थोड़ा अधिक समय लेता है ‘”,उन्होंने कहा.

“मैं एक डॉक्टर नहीं हूँ, लेकिन यह सामान्य सर्दी और खाँसी से थोड़ा अलग था.  मैं सफदरजंग के एक आइसोलेशन वार्ड में था, जिसे भारत सरकार ने इसके लिए बनाया है . यहाँ की व्यवस्था प्राइवेट हॉस्पिटल की तुलना में काफी अच्छी थी . isolation ward कोई सूरज की रोशनी के बिना 2/2 सेल की तरह नहीं है. मेरे पास बाथरूम के साथ एक निजी कमरा था, “उन्होंने कहा.

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में सुविधाओं का गुणगान करते हुए जहां वह पिछले दो हफ्तों से इलाज कर रहे थे, उन्होंने कहा, “डरने की कोई जरूरत नहीं है. यह सामान्य फ्लू की तरह है. अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति डॉक्टर के पास पहुंचता है, तो हमारी स्वास्थ्य प्रणाली ठीक है. हमारी स्वास्थ्य प्रणाली दुनिया में सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य प्रणाली में से एक. “.

अपने अनुभव को बताते हुए, दिल्ली निवासी ने बताया की कोरोना वायरस से मुक्त होने के बाद  रविवार के दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गयी थी लेकिन डॉक्टरों द्वारा उन्हें 14 दिनों के लिए घर पर रहने की सलाह दी गई थी. उन्होंने  कहा कि,” अस्पताल में डॉक्टरों की टीम बहुत आश्वस्त थी “.

ये भी पढ़ें- दिल्ली में कोरोना वायरस के 18 मामले आए सामने, सावधानियां है जरूरी

मेरी आप सबसे  गुज़ारिश है की अफवाहों पर ध्यान न दे. चलिए हम सब मिल कर कोरोना का डट कर सामना करें और इसे अपने देश से दूर भगाएं.

#coronavirus: कोरोना वायरस से ज्यादा खतनाक है ‘डॉ. सोशल मीडिया’, बचें इन अफवाहों से

“बस कुछ दिन और सावधानी बरतनी है, सोशल डिस्टेंसिंग (सामाजिक दूरी) बनाये रखनी है, फिर गर्मी आ जायेगी, सूरज तेज़ निकलने लगेगा और कोरोना वायरस स्वत: ही खत्म हो जायेगा.” मेरे दोस्त ने व्हाट्सएप्प पर यह मेसेज फॉरवर्ड किया, इस दावे के साथ कि ‘यह एक विशेषज्ञ की राय है और इसमें शत प्रतिशत सच्चाई है’.

कोविड-19 की विश्वव्यापी महामारी के चलते यह और इस प्रकार के अन्य अनेक दावे सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहे हैं. इनमें कितनी हक़ीक़त है व कितना फ़साना है- यह जानना बहुत आवश्यक है न सिर्फ आपके अपने स्वास्थ के लिए बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी कि अपने देश में कोरोना वायरस स्टेज 3 में न पहुंचे, जो कि इस समय स्टेज 2 पर है.इसके अतिरिक्त उन धार्मिक संगठनों व नेताओं से बचने की भी ज़रूरत है जो सोशल मीडिया पर यह भ्रमक प्रचार कर रहे हैं कि उन हिन्दुओं को कोरोना वायरस नहीं हो सकता जो गौमूत्र का नियमित सेवन करते हैं या उन मुस्लिमों को कोरोना वायरस नहीं हो सकता जो नमाज़ के लिए पांच वक़्त वुज़ू (हाथ, मुंह धोना) बनाते हैं. एक अमेरिकी पादरी ने दावा किया कि कोल्लोडिअल सिल्वर (लिक्विड में घुला धातु) कोरोना वायरस को 12 घंटे में मार देगा और शरीर के इम्यून सिस्टम को मज़बूत करेगा. लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि सिल्वर पीने से लाभ होता है बल्कि इससे गुर्दे खराब हो सकते हैं. आयरन व जिंक की तरह सिल्वर ऐसा धातु नहीं है जिसका मानव शरीर में कोई काम हो.गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एक हिन्दू संगठन ने दिल्ली में कोरोना वायरस से बचने के लिए ‘गौमूत्र पार्टी’ का आयोजन किया था. सरकार को चाहिए कि इस प्रकार के प्रचारों व आयोजनों पर प्रतिबंध लगाये. सऊदी अरब में मस्जिदों में नमाज़ अदा करने पर पाबंदी लगा दी गई है. महाराष्ट्र सरकार ने भी शिरडी संस्थान व अन्य मंदिरों को बंद किया है.

ये भी पढ़ें- महिलाओं के लिए बातें बहुत और नौकरियां होती हैं कम

सोशल मीडिया पर चल रहा फर्जी इलाज

तेज़ी से फैल रहे कोरोनावायरस का उपचार तलाश करने के लिए शोधकर्ता दिन रात एक किये हुए हैं. लेकिन सोशल मीडिया पर अनेक फर्जी व अपुष्ट उपचार वायरल हो रहे हैं. ऑनलाइन दावों में सिर्फ एक ही सही प्रतीत हो रहा है और वह विश्व स्वास्थ संगठन (डब्लूएचओ) के हाथ धोने व हाइजीन संबंधी दिशानिर्देश हैं.आइये सोशल मीडिया के कुछ मिथकों पर गौर करते हैं कि वह झूठे क्यों हैं.पहले इसी दावे की समीक्षा करते हैं कि ‘कोरोना वायरस गर्म मौसम या सूरज की तपिश में खत्म हो जायेगा’.नये कोरोनावायरस पर अति सीमित शोध उपलब्ध है, विशेषज्ञों को मालूम नहीं है कि गर्म मौसम में इसकी प्रतिक्रिया क्या रहेगी. जो ‘भविष्यवाणियां’ हैं वह सार्स व मार्स महामारियों पर आधारित हैं.लेकिन तथ्य यह है कि कोरोना वायरस गर्म देशों जैसे सिंगापुर व ऑस्ट्रेलिया में पहले से ही मौजूद है. हारवर्ड मेडिकल स्कूल के एक अध्ययन में सुझाव है कि चीन की स्थिति से स्पष्ट है कि कोरोना वायरस में विभिन्न तापमानों व उमस की स्थितियों में ज़िन्दा रहने की क्षमता है.

घरेलू उपचार का सहारा ले रहे लोग

सोशल मीडिया पर एक दावा यह है कि नमक के पानी से गरारे करने से कोरोना वायरस को रोका जा सकता है. लेकिन ऐसी स्थितियों से संबंधित डाटा से मालूम होता है कि श्वांश वायरस नमक के पानी से प्रभावित नहीं होते हैं.यह दावा कि ब्लीच या एथनॉल से गरारे करने पर मदद मिलती है न सिर्फ झूठा है बल्कि बहुत खतरनाक भी है. इन दावों के बावजूद कि गर्म पानी वायरस को ‘बेअसर’ कर देता है या आइस-क्रीम न खाने से मदद मिलती है तथ्य यह है कि वायरस को न ठंडा, न गर्म तापमान मार सकता है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है.

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है कि हर 15 मिनट पर पानी पीने से वायरस आपके गले से बहकर आपके पेट में चला जायेगा, जहां तेज़ाब उसे मार देगा. लेकिन इस दावे के कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं हैं कि किसी भी प्रकार के श्वांश  वायरस पर यह ‘टोटका’ काम आता हो. बहरहाल, इस बात में कोई शक नहीं है कि नियमित पानी पीना एक अच्छी आदत है और आप इससे हाइड्रेटेड भी रहते हैं.

लहसुन खाने से बचा जा सकता है कोरोनावायरस से

सोशल मीडिया का एक दावा यह है कि लहसुन खाने से कोरोनावायरस से बचा जा सकता है.डब्लूएचओ का कहना है कि लहसुन में कुछ एंटीमाइक्रोबियल गुण अवश्य हो सकते हैं,लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि यह कोरोना वायरस के खिलाफ काम करता है.आमतौर से ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि कोई खास फ़ूड का सेवन वायरस के विरुद्ध प्रभावी होता है.यह दावा भी सोशल मीडिया पर है कि फेस मास्क से कोरोना वायरस को नहीं रोका जा सकता.हालांकि फेस मास्क रोकथाम की 100 प्रतिशत गारंटी के साथ नहीं आते हैं – वायरस आंखों से भी शरीर में प्रवेश कर जाता है और वायरस के कुछ कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि मास्क को भी बाईपास कर जाते हैं – लेकिन वह खांसी या छींक के ड्रापलेट्स को रोकने में सक्षम हैं जिनसे कोरोना वायरस मुख्य रूप से फैलता है. जो लक्षण दिखा रहे हैं या पॉजिटिव टेस्ट हो गये हैं, वह अगर मास्क पहनेंगे तो वायरस को फैलने से रोका जा सकता है.दैनिक प्रयोग में जब बाज़ार जा रहे हों या बस ले रहे हों, मास्क से कोई विशेष अंतर नहीं आने वाला.बहरहाल, हाई-ग्रेड मास्क जैसे एन 95 हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए आवश्यक हैं.

वैक्सीन होने की फैली अफवाह

सोशल मीडिया का एक दावा यह है कि वैक्सीन उपलब्ध है या कुछ माह में उपलब्ध हो जायेगी. हालांकि कोविड-19 के लिए वैक्सीन विकसित करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन कमर्शियल वैक्सीन के उपलब्ध होने में अभी बहुत समय है. कुछ शोधकर्ताओं ने पशुओं पर संभावित वैक्सीन टेस्ट की हैं, फिर भी ट्रायल चरण लम्बी प्रक्रिया होता है ताकि सभी आशंकित साइड-इफेक्ट्स का संज्ञान लिया जा सके. अगर एक वर्ष में वैक्सीन तैयार हो जाती है तो इसे बहुत जल्द हासिल की गई कामयाबी समझा जायेगा.

बचकर रहें इन अफवाहों से

सोशल मीडिया के इस दावे को बिलकुल न मानें कि कोरोनावायरस मौसमी फ्लू जैसा ही है. कोविड-19 मौसमी फ्लू से दस गुणा घातक है और यह दावा भी दुरुस्त नहीं है कि अगर आप दस सेकंड तक अपना सांस रोक सकते हैं तो आप कोरोनावायरस से सुरक्षित हैं.संक्षेप में बात सिर्फ इतनी सी है कि डा. सोशल मीडिया से बचें, उसका कोई दावा वैज्ञानिक साक्ष्यों पर आधारित नहीं है, और इसके अतिरिक्त धर्म की आड़ में किये गये दावों से भी बचें; जो डब्लूएचओ कह रहा है, बस उसपर ध्यान दें.

ये भी पढ़ें- हार के बाद मिली जीत का मजा ही कुछ और होता है- निहारिका यादव

Coronovirus Effect: सनी लियोनी ने बच्चों को पहनाया मास्क, कही ये बात

इन दिनों पूरी दुनिया कोरोना वायरस के डर में है. सभी इस वायरस से बचने के लिए पूरी सावधानी बरत रहे हैं. सनी लियोनी (Sunny Leone) ने अपने बच्चों को भी इस वायरस से बचाने की पूरी तैयारी कर दी है. उन्होंने अपने दोनों बच्चों और पति के साथ फोटो शेयर की है. आइए आपको दिखाते हैं कोरोना से लड़ने के लिए सनी लियोनी (Sunny Leone) की तैयारी…

सनी शेयर की फोटो

सनी लियोनी (Sunny Leone) की शेयर की गई फोटो में उनके पूरे परिवार ने मास्क पहना हुआ है. सनी ने इस फोटो को शेयर करते हुए लिखा, ‘बहुत बुरा लग रहा है की मेरे बच्चों को ऐसा रहना होगा, लेकिन ये बहुत ज़रूरी है. बच्चों को मास्क पहनने की ट्रेनिंग देने का पहला दिन.’ सनी ने इस पोस्ट के ज़रिए लोगों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी है.

ये भी पढ़ें- Coronavirus से हुआ ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ को बड़ा फायदा, पढ़ें पूरी खबर

अनूप जलोटा को आइसोलेशन में रखा गया


अनूप जलोटा हाल ही में यूरोप से लौटे हैं. दरअसल, यूरोप के होलैंड, जर्मनी, लेस्टर और लंदन‌‌ जैसे 4 शहरों में अपने शोज करने‌ के बाद अनूप आज ‪सुबह 4 बजे मुंबई के एयरपोर्ट पर पहुंचे थे. फिर वहां से उन्हें सीधे मिराज होटल ले जाया गया. उन्हें अभी आइसोलेशन में रखा गया है.

बाकी लोगों से की ये अपील…

 

View this post on Instagram

 

Consider Home Quarantine as Quality time with yourself and family. Play your part to stop #covid19 from spreading further.

A post shared by Anup jalota (@jalotaanup) on

अनूप ने बाकी पैसेंजर्स को कहा, मैं सभी पैसेंजर्स से अपील करता हूँ कि वे लोग जैसे ही भारत में लैंड करें, वैसा ही अपना चेकअप कराएं.

रुकी फिल्म और टीवी शोज की शूटिंग…

कोरोना वायरस के चलते कई फ़िल्मों और टीवी शोज़ की शूटिंग रोक दी गई है. सभी ने घर में रहकर इस वायरस से बचने का फ़ैसला लिया है. इसके साथ ही फ़िल्मों की रिलीज़ डेट भी पोस्टपोन कर दी गई है. वैसे भी वायरस के चलते सभी थिएटर्स भी बंद कर दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें- Coronavirus Effect: US में लगी इमरजेंसी के बीच सुहाना खान ने शेयर की ये फोटोज

बता दें, कोरोना वायरस की वजह से मंगलवार की सुबह तक भारत में तीसरी मौत हो चुकी है. मंगलवार को मुंबई के 64 साल के मरीज ने दम तोड़ दिया. वहीं कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 128 हो गई है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें