“बस कुछ दिन और सावधानी बरतनी है, सोशल डिस्टेंसिंग (सामाजिक दूरी) बनाये रखनी है, फिर गर्मी आ जायेगी, सूरज तेज़ निकलने लगेगा और कोरोना वायरस स्वत: ही खत्म हो जायेगा.” मेरे दोस्त ने व्हाट्सएप्प पर यह मेसेज फॉरवर्ड किया, इस दावे के साथ कि ‘यह एक विशेषज्ञ की राय है और इसमें शत प्रतिशत सच्चाई है’.

कोविड-19 की विश्वव्यापी महामारी के चलते यह और इस प्रकार के अन्य अनेक दावे सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहे हैं. इनमें कितनी हक़ीक़त है व कितना फ़साना है- यह जानना बहुत आवश्यक है न सिर्फ आपके अपने स्वास्थ के लिए बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी कि अपने देश में कोरोना वायरस स्टेज 3 में न पहुंचे, जो कि इस समय स्टेज 2 पर है.इसके अतिरिक्त उन धार्मिक संगठनों व नेताओं से बचने की भी ज़रूरत है जो सोशल मीडिया पर यह भ्रमक प्रचार कर रहे हैं कि उन हिन्दुओं को कोरोना वायरस नहीं हो सकता जो गौमूत्र का नियमित सेवन करते हैं या उन मुस्लिमों को कोरोना वायरस नहीं हो सकता जो नमाज़ के लिए पांच वक़्त वुज़ू (हाथ, मुंह धोना) बनाते हैं. एक अमेरिकी पादरी ने दावा किया कि कोल्लोडिअल सिल्वर (लिक्विड में घुला धातु) कोरोना वायरस को 12 घंटे में मार देगा और शरीर के इम्यून सिस्टम को मज़बूत करेगा. लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि सिल्वर पीने से लाभ होता है बल्कि इससे गुर्दे खराब हो सकते हैं. आयरन व जिंक की तरह सिल्वर ऐसा धातु नहीं है जिसका मानव शरीर में कोई काम हो.गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एक हिन्दू संगठन ने दिल्ली में कोरोना वायरस से बचने के लिए ‘गौमूत्र पार्टी’ का आयोजन किया था. सरकार को चाहिए कि इस प्रकार के प्रचारों व आयोजनों पर प्रतिबंध लगाये. सऊदी अरब में मस्जिदों में नमाज़ अदा करने पर पाबंदी लगा दी गई है. महाराष्ट्र सरकार ने भी शिरडी संस्थान व अन्य मंदिरों को बंद किया है.

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