ब्रेकअप के बारे में पेरेंट्स को अवश्य बताएं

4 साल के लंबे रिलेशनशिप के बाद आज तान्या और तनुज का ब्रेकअप हो गया था. तान्या बहुत उदास थी मगर उस ने घर में किसी को कुछ नहीं बताया. चुपचाप अपने कमरे में जा कर दरवाज़ा बंद कर लिया. वह देर तक पुरानी बातें याद करती रही. तनुज की फोटो देखती रही और मैसेजेस पढ़ती रही. दर्द से उस का सिर फट रहा था. न चाहते हुए भी उस की आंखों से आंसू बह रहे थे. उसे अपने दिल में एक तरह का खालीपन, अपमान और धोखे का अहसास हो रहा था. यहां तक कि उस ने एकदो बार सुसाइड करने की बात भी सोच ली.

शाम तक वह कमरे से नहीं निकली और अगले दिन भी गुमसुम और उदास सी अपने कमरे में ही रही आई. मां को चिंता हुई. मां ने उस के कमरे का दरवाज़ा खुलवाया. बेटी की आंखें देख कर ही वे समझ रही थीं कि वह किसी बात पर बहुत अपसेट है.

“क्या हुआ बेटे? कोई बात है क्या?”

“नहीं मां, कुछ भी नही,” तान्या ने टालना चाहा.

मां ने उस का चेहरा अपनी तरफ करते हुए कहा,” मां से झूठ बोलेगी, बता क्या बात है?”

अब तान्या चुप नहीं रह सकी. फूटफूट कर रोती हुई बोली,” मां तनुज ने मुझे धोखा दिया. उस का किसी और लड़की के साथ भी अफेयर चल रहा है. मैं ने उस से ब्रेकअप कर लिया है.”

“तो इस में रोने की क्या बात है? यह तो अच्छा हुआ न कि तुझे उस की असलियत जल्दी पता चल गई. अगर वह किसी और के साथ भी रिश्ते में है और तुझे धोखा दे रहा है तो ऐसे इंसान को छोड़ देने में ही समझदारी है. कल को तुम दोनों ज्यादा आगे बढ़ जाते या शादी कर लेते और तब तुम्हें तनुज की असलियत पता चलती तब सोचो क्या होता. तुम्हारे पास तो लौटने का रास्ता भी नहीं होता. मगर अभी बात ज्यादा नहीं बढ़ी है. एक झटके में उसे दिल से निकाल और आगे बढ़ जा.”

“पर मां यह इतना आसान नहीं है. मैं उसे कैसे भूलूंगी? हम दोनों एकदूसरे से इतना प्यार करते थे. वह ऐसा कैसे कर सकता है?”

“कैसे कर सकता है यह सोचना फ़िजूल है. उस ने ऐसा किया तो अब तुझे क्या करना है यह सोच. दूसरी बात यह कि ऐसे शख्स को भूलना ही समझदारी है. जिस ने तेरी कदर नहीं की, तुझे धोखा दिया, विश्वास तोड़ा उसे याद करने में एक पल भी बर्बाद करना गलत है. उसे तेरे प्यार की परवाह नहीं तो तू क्यों परवाह करती है उस की?

“पर मां इतना पुराना रिश्ता तुरंत खत्म कैसे हो सकता है? दिल से उस की यादें जा ही नहीं रहीं. ”

“फोन दिखा जरा. यह देख तू उसी की फोटो देख रही थी. उसी के मैसेजेस पढ़ रही थी. ऐसे में उसे कैसे भूल पाएगी? चल उस की सारी फोटो डिलीट मार और मैसेज भी डिलीट कर दे. ब्रेकअप किया है तो पूरी तरह से उसे दिमाग से निकाल कर खुद को साबित करने का प्रयास कर. खुद को इतना ऊंचा उठा कि वह बहुत नीचे रह जाए. वह तुझे कहीं नजर ही न आए. यही सही जवाब होगा. अपने सपनों के पीछे भाग न कि तुझे धोखा देने वाले की याद में आंसू बहा.”

इस तरह मां तान्या को बहुत देर तक समझाती रहीं. हौसला बढ़ाती रहीं. अगले दिन तान्या उठी तो नए सपनों और नए उत्साह की आभा से उस का चेहरा चमक रहा था. मां ने न केवल उस का दर्द बांटा था बल्कि उसे इस दर्द से लड़ना भी सिखाया था.

सच है कि मांबाप अपने बच्चे को कभी भी दर्द में नहीं देख सकते. यदि जिंदगी में कभी आप के साथ कुछ गलत होता है, किसी खास के साथ लड़ाईझगड़ा या ब्रेकअप होता है और आप टूट जाते हैं तो ऐसे में सब से पहला शख्स जिसे आप हमराज बना सकते हैं वह हैं मां. आप उन्हें अपनी तकलीफ बताएं. वे न सिर्फ आप का दर्द बांटेंगी बल्कि आप को संभलने में और फिर से विश्वास के साथ खड़ा होने में सहयोग भी देंगी.

1. पेरेंट्स को बताने से दिल हल्का हो जाता है

आप अपना दर्द दिल में ही रखते है, किसी को कुछ नहीं बताते तो इस से दर्द बढ़ता ही जाएगा. आप के अंदर निराशा,क्षोभ और उदासी के भाव घनीभूत होते जाएंगे और मन में बुरेबुरे ख्याल आएंगे. युवाओं और टीनएज बच्चों द्वारा आत्महत्या कर लेने की प्रवृत्ति देखी जाती है. अक्सर ऐसी घटनाएं सुनने को मिल जाती हैं जब रिलेशनशिप टूटने के गम में वे आत्महत्या का रास्ता चुन लेते हैं. 18 से 29 साल के उम्र के लड़कों के सुसाइड की खबर सब से ज्यादा आती है.
दरअसल इस की वजह उन का अकेले रहना ही है. जब तक आप अपनी समस्याएं पेरेंट्स से शेयर नहीं करेंगे, आप का दिल हल्का नहीं होगा और आप घुटन महसूस करते रहेंगे. याद रखिए गम बांटने से हल्का होता है और पेरेंट्स से ज्यादा भरोसेमंद आप के जीवन में कोई और रिश्ता नहीं है.

2. दिखाते हैं रास्ता

बचपन से जिन्होंने आप को पालपोस कर बड़ा किया और जीना सिखाया वे ब्रेकअप के बाद भी आप को नया रास्ता दिखाने में मदद कर सकते हैं. पेरेंट्स आप को समझते हैं, आप के जज्बातों से परिचित होते हैं. वे जानते हैं कि आप को क्या पसंद है और क्या नहीं. एक तरह से वे आप के हमदर्द होते हैं और आप को भटकने से बचाते हुए नए रास्ते दिखा सकते हैं. वे आप का सपोर्ट सिस्टम बनते हैं. जब आप दर्द से गुजर रहे होते हैं और आप को लगता है कि किसी ने आप को छोड़ दिया है, उस वक्त किसी का विश्वास भरा हाथ काफी मायने रखता है. पेरेंट्स आप को एहसास दिलाते हैं कि आप उन के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं. वे आप को दुनिया की हर परेशानी से बचा कर रखने का प्रयास करते हैं.

डिप्रेशन से निकालने में मददगार

आंकड़ों के अनुसार 13 से 15 साल के बीच का हर 4 में से 1 किशोर डिप्रेशन का शिकार होता है. डिप्रेशन के शिकार खुद को हमेशा अकेला पाते हैं.
वैसे भी भारत डिप्रेशन कंट्री के लिस्ट में टॉप पर आता है. यहां हर पांच मिनट में कोई न कोई एक व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार होता है.

पेरेंट्स का साथ आप को इस तरह के डिप्रेशन से बाहर निकलने में मददगार है. जब आप अंदर ही अंदर घुट रहे होते हैं, किसी को दिल का हाल नहीं बताते, न ही किसी के आगे रोते हैं. उस वक्त एक पेरेंट्स ही हैं जिन से आप दिल की हर बात कर पाते हैं, सारी गिरह खोल सकते हैं. वे पूरे धैर्य से आप की हर बात सुनते हैं. उन के आगे आप जी भर कर रो सकते हैं. इस से आप को थोड़ा सहज महसूस होता है और आप डिप्रेशन से निकलने में कामयाब हो जाते हैं.

ईमानदारी से बताएं

आप को पेरेंट्स से कोई भी बात छुपाने की जरूरत नहीं. जो है या जो हुआ उस का विवरण ईमानदारी से दें. हो सकता है ब्रेकअप की वजह कहीं न कहीं आप खुद ही हों. ऐसे में पेरेंट्स आप को बता सकेंगे कि आप कहां गलत हैं और एक खूबसूरत रिश्ते को खोने से बचा सकेंगे. जरूरी नहीं कि हमेशा पेरेंट्स अपने बेटे या बेटी को उस के प्रेमी/प्रेमिका से दूर ही करते हैं. वे आप से अधिक परिपक्व और समझदार हैं. उन्होंने आप से अधिक दुनिया देखी है. इसलिए कभी उन का विश्वास कर के देखिए. वे आप को जज नहीं करेंगे लेकिन यदि आप की गलती है तो उसे बताने में हिचकेंगे भी नहीं.

दर्द से उबारने में मदद

पेरेंट्स आप को ब्रेकअप के दर्द से उबरने में सहायक हो सकते हैं. उन के पास बहुत से रास्ते होते हैं जिन की मदद से वे आप के अंदर नए जज्बे भर सकते हैं. वे आप का दिल बदलने के लिए आप को किसी नई और अच्छी जगह घुमाने ले जा सकते हैं. आप को अपने नए प्रोजेक्ट्स या बिज़नेस से जोड़ सकते हैं. किसी मनोवैज्ञानिक के पास ले जा कर आप के डिप्रेशन का इलाज करवा सकते हैं. आप की परेशानी का हल ढूंढ सकते हैं या फिर एक नए जीवनसाथी की तलाश में आप की मदद कर सकते हैं.

वे हमेशा आप के साथ होते हैं इसलिए उन से कुछ भी छिपाना आप के लिए संभव नहीं होता. वे हमेशा आप पर पर नजर रखते हैं और आप को खुश रखने का प्रयास करते हैं. उन्हें पता होता है कि किन चीजों को देख कर आप का दर्द बढ़ सकता है. जैसे एक्स की फोटो, मैसेजेस, उस के द्वारा दिए गए फोटो, कार्ड्स और दूसरे सामान, एक्स के कपड़े आदि. पैरंट्स इन चीजों को आप से दूर करने में आप की मदद करेंगे. नए रिश्तों की नींव रखने में भी आप के सहायक होंगे.

इसलिए बेहतर है कि खुद अपने ब्रेकअप के दर्द से लड़ते रहने की और हिम्मत हारने की बजाय आप एक बार खुले दिल से पेरेंट्स को अपनी तकलीफ बताएं है और दिल का हाल सुनाएं. फिर देखें उन का प्यार और साथ कैसे आप को इस से उबरने में मदद करता है.

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