ये हैं बैस्ट कार्ब्स

ऐक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि इंडियन खाने में कार्ब्स की मात्रा अधिक और जरूरी न्यूट्रिऐंट्स जैसे प्रोटीन व फाइबर की मात्रा कम होती है, जिस से धीरेधीरे शरीर में ढेरों कमियां होने के साथ शरीर फैटी होने लगता है और फिर जब यह फैट हम पर भारी पड़ने लगता है तो हम अपनी डाइट से तुरंत कार्ब्स को आउट कर देते हैं.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमें  ऊर्जावान व फिट रहने के लिए अपनी डाइट से किसी भी न्यूट्रिशन को कम करने की जरूरत  नहीं होती है, बल्कि उसे मौडिफाई करने की जरूरत होती है ताकि हमें उस के सेवन से लाभ मिले और शरीर में किसी भी प्रकार की कोई कमी न हो.

जी हां, हम यहां कार्ब्स रहित या लो कार्ब्स की बात नहीं कर रहे, बल्कि कौंप्लैक्स कार्ब्स की बात कर रहे हैं, जिस में प्रोटीन कंटैंट ज्यादा होता है और ग्लाइसेमिक इंडैक्स कम होता है, जो धीरेधीरे ब्लड में घुल कर लंबे समय तक आप की भूख को शांत करने का काम करता है.

कार्ब्स वी एस कौंप्लैक्स कार्ब्स

सिंपल कार्ब्स लोगों को पसंद तो बहुत होते हैं, लेकिन ये काफी अनहैल्दी होते हैं, जबकि कौंप्लैक्स कार्ब्स आप की शुगर को कंट्रोल करने के साथसाथ आप की सेहत का भी भरपूर ध्यान रखते हैं, क्योंकि ये प्रोटीन, फाइबर, विटामिन व मिनरल्स से भरपूर जो होते हैं. इन्हें सुपरफूड्स भी कहा जाता है.

फरीदाबाद के ‘एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज’ की डाइटीशियन डा. विभा के अनुसार, एक इंसान को रोज कुल कैलोरी का 50-55% हैल्दी कार्बाेहाइड्रेट्स लेने की जरूरत होती है, जो उस के शरीर में शुगर के लैवल को नियंत्रित रखने के साथसाथ पूरा दिन ऐनर्जेटिक फील करवाने व शरीर की जरूरतों को पूरा करने का काम करे. लेकिन जो लोग 40% से कम और 70% से ज्यादा कार्ब्स लेते हैं, उन में गंभीर बीमारियों के साथसाथ मृत्यु का भी खतरा बना रहता है.

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डाइट में कैसे शामिल करें

सलाद: सलाद हैल्दी डाइट के लिए बहुत जरूरी माना जाता है, क्योंकि यह विटामिन ए, सी और अन्य न्यूट्रिऐंट्स से भरपूर होता है. खासकर रैड और ग्रीन वैजिटेबल्स ऐंटीऔक्सीडैंट्स और विटामिन बी 6 में रिच होने के कारण शरीर के लिए फायदेमंद होती हैं. ये इम्यूनिटी बूस्टर का भी काम करती हैं, स्किन को ग्लोइंग बनाती हैं, ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव करती हैं. इन में विटामिन बी6 की मौजूदगी रैड ब्लड सैल्स को बनाने के साथसाथ आप के मैटाबोलिज्म को बूस्ट करने में भी मदद करती हैं.

अगर आप रोजना 1 बाउल सलाद को अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो इस से आप को 2 से 5 ग्राम कार्ब्स मिलेगा, जो आप के लिए फायदेमंद होगा. इसे आप रोजाना 2-3 बार ले सकते हैं.

ओट्स बिस्कुट: ओट्स फाइबर व न्यूट्रिशन में रिच होने के साथ ऐंटीऔक्सीडैंट्स से भी भरपूर होते हैं. इन में सोलबल फाइबर होने के साथ ये पचने में आसान होने के साथसाथ वजन को कंट्रोल करने में भी मदद करते हैं. कोलैस्ट्रौल लैवल व ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करते हैं. इसलिए इन का सेवन आप के लिए फायदेमंद साबित होगा.

अगर आप 2 पीस बिस्कुट लेते हैं तो इन से आप को 13 से 15 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

फू्रट्स: फल डाइटरी फाइबर के अच्छे स्रोत माने जाते हैं, जो मोटापे व दिल से संबंधित बीमारियों के खतरे को कम करते हैं. ये विटामिंस व मिनरल्स के भी अच्छे स्रोत होते हैं. इन में फीटोकैमिकल्स होने के कारण ये ऐंटीऔक्सीडैंट्स व ऐंटीइन्फ्लैमेटरी एजेंट के रूप में कार्य करते हैं. शरीर को अंदर से मजबूत बना कर ऊर्जा प्रदान करते हैं. कोशिश हमेशा मौसमी फलों को ही खरीदने की करनी चाहिए, तभी आप को उन के न्यूट्रिऐंट्स का भरपूर लाभ मिल सकता है.

अगर आप रोजाना 1 बाउल फ्रूट्स लेते हैं तो इस से आप को 7-8 ग्राम व अधिकतम  10 ग्राम तक कार्ब्स मिलेंगे. इसे आप रोजाना  2 बार ले सकते हैं.

ढोकला: ढोकला प्रोटीन में काफी ज्यादा हाई होता है. इस में रिबोफ्लेविन, नियासिन, थाइमिन, विटामिन के और बायोटिन भरपूर मात्रा में होता है. यह न्यूट्रिशन फूड होने के साथ तेजी से वजन को कम करने वालों के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है. यह पचने में भी काफी आसान होता है. आप इसे रोजाना अपने ब्रेकफास्ट में शामिल कर सकते हैं.

अगर आप इस के 2 बड़े पीस लेते हैं तो इस से आप को 15 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

ओट्स: इस की गिनती हैल्दी ग्रेंस में की जाती है. यह ग्लूटेन फ्री साबूत अनाज होता है, जो विटामिंस, मिनरल्स, फाइबर व ऐंटीऔक्सीडैंट्स रिच होता है. रिसर्च में यह साबित हुआ है कि अगर आप अपने वजन व शुगर लैवल को नियंत्रित रखने के साथसाथ दिल की सेहत को भी दुरुस्त रखना चाहते हैं तो आप अपनी डाइट में ओट्स व ओट्समील जरूर शामिल करें.

आप इसे खिचड़ी, कटलेट, पोहा आदि किसी भी तरह से बना कर अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. यह खाने में स्वादिष्ठ होने के साथसाथ आप की हैल्थ के लिए भी उतना ही फायदेमंद होता है.

अगर आप एक मीडियम आकार का  बाउल ओट्स खाते हैं तो उस से आप को  15 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

किनोवा: यह प्रोटीन से भरपूर अनाज है. इस में ऐमिनो ऐसिड होता है, जो स्वस्थ ऊतकों के लिए बहुत जरूरी होता है, साथ ही यह आयरन, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटैशियम का अच्छा स्रोत माना जाता है. इस में ओमेगा 3 फैटी ऐसिड होने के साथ यह दिल की सेहत के लिए भी काफी अच्छा रहता है. इसे आप रोजाना अपने ब्रेकफास्ट या डिनर में शामिल कर के हैल्दी रह सकते हैं.

आप को एक बाउल किनोवा से 13 से  15 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

स्टफिंग ब्राउन ब्रैड: ब्राउन ब्रैड फाइबर में रिच होने के कारण इस से कब्ज की दिक्कत नहीं होती, साथ ही यह आसानी से पच भी जाती है. यह ब्लड शुगर लैवल को भी कंट्रोल रखने का काम करती है. जब इस में वैजिटेबल्स को ऐड किया जाता है तो इस की न्यूट्रिशन वैल्यू काफी बढ़ जाती है. आप इस में पनीर को ऐड कर के इसे प्रोटीन रिच भी बना सकते हैं.

अगर आप एक दिन में 2 स्टफिंग ब्राउन बै्रड लेते हैं तो उस से आप को 16-18 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

थेपला या परांठा: अगर आप थेपला  या परांठा खाने के शौकीन हैं तो जान लें कि थेपला विटामिन बी कौंप्लैक्स और फाइबर में  रिच होने के कारण तेजी से कैलोरीज को बर्न करने के कारण आप के वजन को कम करने  का काम करेगा.

वहीं अगर आप साबूत अनाज से बना  परांठा खाते हैं तो यह प्रोटीन में रिच होने के साथ इस में मैग्नीशियम, आयरन और कौपर जैसे मिनरल्स भी होते हैं, जो दिल के लिए अच्छे  माने जाते हैं. इसलिए परांठे से परहेज नहीं बल्कि इस की क्वांटिटी को सीमित करने की जरूरत होती है.

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अगर आप 1 थेपला खाते हैं तो उस से  आप को 13-14 कार्ब्स मिलते हैं, वहीं अगर आप 1 परांठा खाते हैं तो उस से आप को  15-16 कार्ब्स मिलते हैं.

बेक्ड टैको शैल: यहां हम डीप फ्राई  टैको शैल की बात नहीं कर रहे, बल्कि 6 इंच  के बेक्ड टैको शैल की बात कर रहे हैं, जो न्यूट्रिशन से भरपूर होता है. इस में सब्जियां ऐड करने के कारण यह विटामिंस व मिनरल्स से भर जाता है.

अगर आप 1 बेक्ड टैको शैल खाते हैं तो उस से आप को 15 से 17 कार्ब्स मिलते हैं.

धानसक: यह सब्जियों से बना होने के कारण इस में फौलिक ऐसिड, विटामिन बी, सी, ई, प्रोटीन, फाइबर, कैल्सियम, आयरन, मैग्नीशियम आदि होते हैं, जो आप की फिटनैस का खयाल रखने के साथसाथ आप की टम्मी को भी फुल रखने के साथसाथ शरीर की अन्य जरूरतों को भी पूरा करने का काम करता है.

आप को 1/2 कप धानसक से 14-15 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

रसम : इसे विटामिंस और मिनरल्स का पावरहाउस कहा जाए तो गलत नहीं होगा, साथ ही यह ऐंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर होता है. यह पाचनतंत्र को ठीक रखने के साथसाथ तेजी से वजन को भी कम करने का काम करता है.

1 कप रसम से आप को 15 ग्राम  कार्ब्स मिलेंगे.

बींस, पीज ऐंड लेनटिल्स : ये तीनों विटामिंस और मिनरल्स के अच्छे स्रोत होते हैं खासकर इन में फौलेट और आयरन होने के कारण खून की कमी को होने से रोकने के साथसाथ मैटाबोलिज्म को बूस्ट करने का भी काम करते हैं. इसलिए इन्हें अपनी डाइट से आउट करने की गलती न करें.

अगर आप इन को आधाआधा कप लेते हैं तो उस से आप को 14-15 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

ग्रेनोला : यह हाई फाइबर व ऐंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर होने के कारण आप के पेट की हैल्थ के लिए अच्छा माना जाता है. यह कोलैस्ट्रौल व ब्लड शुगर लैवल को भी कंट्रोल रखने का काम करता है.

ग्रेनोला के एकचौथाई कप से आप को  13-14 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

इस तरह के हैल्दी औप्शंस को आप अपनी डाइट में शामिल कर के कार्ब्स, फाइबर, प्रोटीन, विटामिंस व मिनरल्स जैसे सभी जरूरी न्यूट्रिऐंट्स ले सकते हैं.

कार्ब्स रहित डाइट लेने के नुकसान

अकसर जब भी हम तेजी से वजन को कम करने के बारे में सोचते हैं तो सब से पहले अपनी डाइट से कार्ब्स को ही आउट करते हैं, जबकि कार्ब्स शरीर के लिए ऊर्जा का बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्रोत होते हैं. इन के अभाव में शरीर प्रोटीन व फैट से ऊर्जा प्राप्त करने की कोशिश करता है, लेकिन ऐसा अगर लंबे समय तक चलता रहता है तो आप गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं. जानते हैं इस से होने वाले नुकसान के बारे में:

हड्डियों का कमजोर पड़ना  

जब भी हम कार्ब कंटेनिंग फाइबर  को अपनी डाइट से आउट करते हैं, तो उस से शरीर में कैल्सियम की कमी होने लगती है, क्योंकि फाइबर में फैटिक ऐसिड, औक्सलेट्स और टेनिंस नामक महत्त्वपूर्ण फाइटोकैमिकल्स  होते हैं, लेकिन इस के अभाव में पेट  कैल्सियम को अवशोषित करना बंद कर देता  है. जिस से हड्डियां कमजोर होने से टूटने  लगती हैं. पैरों में दर्द

जब हम अपनी डाइट से ऐसे न्यूट्रिऐंट्स और मिनरल्स को निकाल देते हैं, जो मसल्स के कार्य करने के लिए जरूरी होते हैं, जिन में सोडियम, कैल्सियम और पोटैशियम शामिल हैं, तो उस से कमजोरी होने से पैरों में दर्द की समस्या काफी बढ़ जाती है.

थकान महसूस होना

वर्कआउट तो पहले की तरह ही करते हैं, लेकिन अपनी डाइट से ऐनर्जी के स्रोत यानी कार्ब्स को आउट कर देते हैं, जिस से शरीर अन्य चीजों से ऐनर्जी प्राप्त करने की कोशिश करता है, जिस से थकान के साथ चक्कर आने की भी शिकायत शुरू हो जाती है, जो धीरेधीरे गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है.

पीरियड सर्किल का बिगड़ना

जब आप लंबे समय तक कार्ब रहित डाइट लेते हैं तो उस से आप के वजन पर असर पड़ने के साथसाथ आप के हारमोन पर भी असर पड़ता है, जिस से पीरियड सर्किल बिगड़ जाता है.

भूख लगना

बता दें कि साबूत अनाज, दाल, बींस में कार्ब्स व फाइबर होते हैं. लेकिन जब आप ऐसे खाने से दूरी बना लेते हैं तो आप को ज्यादा भूख लगने के साथसाथ कब्ज की भी शिकायत हो सकती है, क्योंकि फाइबर पेट को लंबे समय तक फुल रखने के साथसाथ हमेशा फिट रखने का काम करता है.

सिरदर्द की शिकायत

लंबे समय तक कार्ब्स रहित डाइट लेने से सिरदर्र्द की शिकायत होनी शुरू हो जाती है, क्योंकि आप का मस्तिष्क ग्लूकोस के साथ कार्य करना पसंद करता है. लेकिन जब उस तक इस की आपूर्ति होनी बंद हो जाती है तो काम में ध्यान नहीं लगता है, जो आगे चल कर सिरदर्द का कारण बनता है.

  क्या है ग्लाइसेमिक इंडैक्स

ग्लाइसेमिक इंडैक्स वह माप है, जिस से पता लगाया जाता है कि किसी खाने की चीज में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स कितनी देर में ग्लूकोस बनता है और फिर उस से कितनी देर में शुगर लैवल प्रभावित होता है. इस के अलावा और भी कई कारण होते हैं, जो कार्बोहाइड्रेट्स के प्रति शरीर में होने वाली प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं, जिन में उम्र, हमारे ऐक्सरसाइज करने का रूटीन इत्यादि शामिल हैं.

बदलें अपनी सोच

आम धारणा यही है कि आलू में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं जिन्हें वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है. इसलिए जब भी हम वजन कम करने के बारे में सोचते हैं तो आलू से दूरी बनाने में ही समझदारी समझते हैं.

जर्नल न्यूट्रिशन में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, आलू एक स्टार्ची फूड है, जिस में कौंप्लैक्स कार्बोहाइड्रेट्स ज्यादा होते हैं, जो वजन बढ़ाने का नहीं, बल्कि उसे कम करने का काम करते हैं, क्योंकि इसे खाने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती. यह हमारी फूड क्रेविंग को कम करने का काम करता है.

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अब आप सोच रहे होंगे कि स्टार्च क्या होता है तो आप को बता दें कि मुख्यरूप से चीनी को ही स्टार्च कहते हैं, जो शरीर में ग्लूकोस में बदल कर शरीर की थकावट या कमजोरी को कम समय में ऊर्जा प्रदान करने का काम करती है और जान लें कि जिन फूड्स में कौंप्लैक्स कार्बोहाइड्रेट्स होता है जैसे ब्रैड, दाल, चावल, आलू, साबूत अनाज, फलियां, वे डाइटरी फाइबर, मिनरल्स व विटामिन बी से भरपूर होते हैं, जो ब्लड शुगर लैवल को मैंटेन रखने के साथसाथ हमें फिट व ऊर्जा प्रदान करने का काम करते हैं. इसलिए आप को अपनी इस सोच को बदलना होगा कि आलू से वजन बढ़ता है.

यह जान लें कि वजन आलू से नहीं बल्कि उसे स्वादिष्ठ बनाने के चक्कर में जब हम उस में बटर, चीज या फिर उसे डीप फ्राई कर देते हैं तब उस में कैलोरीज बढ़ती है और उस में जो भी न्यूट्रिशन वैल्यू होती है वह घट जाती है.

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