देश में जहां अब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रफ्तार थमती दिख रही है… वहीं आंकड़े लगातार कम हो रहे हैं… इतना ही नहीं लगातार सात दिनों से देश में कोरोना के नए केस का आंकड़ा एक लाख से नीचे आ चुका है. लेकिन राहत भरे इन आंकड़ों के बीच एक बार फिर से फिक्र बढ़ाने वाली खबर भी आई है…और वो ये है कि देश में कोरोना के एक नए वेरिएंट सामने आते जा रहे हैं, जिसका नाम है डेल्टा वैरिएंट जो कि डेल्टा प्लस में बदल चुका है …और ये बेहद ही खतरनाक वैरिएंट साबित हो चुका है.
दरअसल ये महामारी के अब तक का सबसे ज्यादा संक्रामक वैरिएंट का अपग्रेड वर्जन है… वो भी ऐसे वक्त में जब भारत समेत दुनिया के ज्यादा राज्यों में अनलॉक की तैयारी चल रही है…धीरे-धीरे सारी जगहों पर दुकानें, मॉल्स खोले जा रहें हैं और ज्यादातर जगहों पर अनलॉक की प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है…पूरा देश अनलॉक के इंतजार में होता है लेकिन यहां पर संकट टलता नहीं बल्कि बढ़ता हुआ नजर आ रहा है
आखिर क्या है ये डेल्टा वैरिएंट और कितना ख़तरनाक है ? ये डेल्टा वैरिएंट और इसके डेल्टा प्लस में बदलने का मतलब क्या है इसे जानना बहुत ही जरूरी है
दरअसल अब तक हाहाकारी मचाने वाले कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट ने अपने आप में म्यूटेशन करके ख़ुद को डेल्टा प्लस में बदल लिया है… यानी महामारी फैलाने वाला कोरोना अब डेल्टा में बदलकर हाहाकार मचा रखा है. जिससे दुनिया थर्रा गई, उसने और भी ज्यादा खतरनाक रूप धारण कर लिया है… और इससे ज्यादा डराने वाली ख़बर ये है, कि कोविड-19 का यही डेल्टा वैरिएंट पूरी दुनिया में धीरे-धीरे पैर पसार रहा है… और इसी कारण से कई देशों में सख्त पाबंदियां शुरू हो रही हैं… तो कुछ देशों ने अनलॉक की प्रक्रिया भी टाल दी गई है…ये माना जा रहा है कि अगर अभी से पाबंदियां नहीं लगाई गई तो आगे मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.
वायरस के इस नए रूप का मतलब है ज्यादा संक्रामक होने की आशंका . डेल्टा प्लस कोरोना के उसी डेल्टा वेरिएंट में बदलाव के बाद बना है, जिसने देश में दूसरी लहर में तबाही मचाई और मौत का ऐसा मंजर दिखाया, जिसने सबको दहला दिया और अब वही डेल्टा वेरिएंट और ज्यादा खतरनाक डेल्टा प्लस में बदल गया है. कोरोना वायरस इस कदर रंग बदल रहा है कि अब उस पर एंटीबॉडी कॉकटेल नाम की दवा भी असर नहीं कर रही है और देश का भविष्य इससे भी ज्यादा भयावह हालात में जाता हुआ दिखाई दे रहा है. भारत में डेल्टा वैरिएंट के अब तक 6 केस मिल चुके हैं.
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एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में डेल्टा वैरिएंट पर विस्तार से स्टडी की गई है.. इस स्टडी में डेल्टा वर्जन के 63 जीनोम की पहचान हुई है…63 में से 36 लोगों में डेल्टा प्लस वैरिएंट पाया गया है. 36 लोगों को वैक्सीन के 2 डोज़ भी लगाए जा चुके थे और 27 लोग ऐसे थे जिन्हें वैक्सीन की एक डोज़ मिली थी.
एक खबर के मुताबिक जिम्बाब्वे में भी कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है जिसके बाद हुरुंग्वे, करिबा में दो हफ्ते का लॉकडाउन लगा दिया गया है. ब्रिटेन में भी डेल्टा वैरिएंट के मामले लगातार बढ़ते रहने के कारण लॉकडाउन पर विचार हो रहा है और शायद कुछ ही दिनों में लग ही जाएगा. और भी ऐसे कई देश हैं जहां डेल्टा वैरिएंट तेजी के साथ फैल रहा है जिनमें फ्रांस, श्रीलंका और अकेले चीन में 100 से ज्याद केस और पाकिस्तान के सिंध और खैबरपख्तून में भी डेल्टा वैरिेएंट मिला है.
आइए अब जरा जानते हैं कि डेल्टा वैरिएंट कितना ज्यादा खतरनाक है.. और इसके डेल्टा प्लस में बदले का मतलब क्या है ?
एक खबर के मुताबिक डेल्टा वैरिएंट का डेल्टा प्लस में बदलने का सीधा मतलब है वायरस का वो अवतार जिसने खुद को पहले के मुकाबले और भी ज्यादा ताकतवर बनाया है. और पहले जिन दवाओं के सहारे कोरोना का इलाज संभव था, उसकी क्षमता पर संदेह खड़ा हो रहा है क्योंकि उस दवा का इस वैरिएंट पर कोई असर नहीं हो रहा है. सीधा मतलब ये है कि जो दवा अब तक कोरोना वायरस के खिलाफ़ एंटीबॉडी बना रही थी, वो इस वैरिएंट पर बेअसर हो सकती हैं..इसे ऐसे समझा जा सकता है ….
B.1.617.2 डेल्टा वैरिएंट के कारण दूसरी लहर आई…मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल से इसका इलाज हुआ लेकिन अब ये B.1.617.2 बदलकर AY.1 बन गया या कह सकते हैं डेल्टा बना. अब इस वैरिएंट पर एंटीबॉडी कॉकटेल दवा का असर पता नहीं है क्योंकि वैक्सीन की दोनों डोज़ लेने के बाद भी डेल्टा वैरिएंट लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. डेल्टा वैरिएंट को B.1.617.2 नाम से जाना जाता है.
जानकारों के मुताबिक उनकी चिंता का पहला कारण तो डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण है, दूसरा कारण इस वैरिएंट का अपग्रेड वर्जन है, और तीसरा कारण है उन देशों के हालात जहां डेल्टा तेजी से अपने पैर पसार रहा है. अब दूसरे देशों की तरह ही भारत में भी कुछ केस आ चुके हैं तो डर इसी बात का है कहीं ये डेल्टा ज्यादा संक्रामक हो कर देश को अपनी चपेट में ले सकता है और यदि ऐसा हुआ तो इसे रोकना बहुत मुश्किल हो जाएगा. वैज्ञानिकों ने कहर से बचने की तैयारी भी शुरू कर दी है लेकिन भारत के कुछ राज्यों में फैले संक्रमण के बाद लॉकडाउन लगाया गया था लेकिन धीरे- धीरे अब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है… जिससे आशंका है कि, महामारी और कहर बरपा सकती है इसलिए हो सकता है देश में लॉकडाउन अभी कुछ दिन और बरकरार रहे तो शायद इस खतरनाक वैरिएंट से बचा जा सकता है. साथ ही सरकार को इस बार और चौकन्ना रहने की आवश्यकता है.