14 Tips: तो नहीं बढ़ेगा वजन

बढ़ता वजन आप के माथे पर सिकुड़नों को बढ़ाता होगा, तो दिनबदिन बढ़ती चरबी आप को लोगों के सामने नहीं खुद अपनी नजरों में भी शर्मिंदा करती होगी. ऐसा चाहे डिलिवरी के बाद हुआ हो या अचानक यों ही, आप ने अपने वजन को घटाने के लिए व्यायाम, जिम, कार्डियो ऐक्सरसाइज वगैरह क्या कुछ नहीं किया लेकिन याद रखिए कि वजन घटाने का मतलब यह नहीं कि आप क्रैश डाइटिंग कर के एकदम से छरहरे बदन की हो जाएं. ध्यान रहे कि ऐसा करने से स्टैमिना कमजोर हो जाता है, तो न काम में मन लगता है और न दैनिक कार्यों के लिए ऐनर्जी रहती है. आप हैल्दी फूड के साथसाथ नियमित ऐक्सरसाइज व व्यायाम से ही अपना वजन मैंटेन कर सकती हैं.

आप का नाश्ता बिलकुल सही हो और थोड़ीथोड़ी देर बाद आप कुछ न कुछ खाती रहें. लेकिन डाइट में कैलोरी की मात्रा कम होनी चाहिए. तलेभुने और फास्ट फूड से दूर रहें. रात का खाना 8 बजे तक कर लें ताकि खाने को पचने का पर्याप्त समय मिल जाए और रात का खाना आप के पूरे दिन के खाने में सब से हलका होना चाहिए.

कुल मिला कर डाइट संतुलित मात्रा में लेनी चाहिए और डाइट में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट की प्रचुर मात्रा होनी चाहिए. एक आम इनसान को प्रतिदिन 2,500 कैलोरी की डाइट लेनी चाहिए. तभी हमारा शरीर स्वस्थ व छरहरा रह सकता है. आप अपने लिए डाइट प्लान इस तरह करें:

1. दिन में 3 बार की जगह 5 बार मील्स लें. इस में साबूत अनाज (ब्राउन राइस, व्हीट ब्रैड, बाजरा, ज्वार आदि) अवश्य शामिल करें. नौनरिफाइंड व्हाइट प्रोडक्ट्स (व्हाइट ब्रैड, व्हाइट राइस, मैदा आदि) को डाइट से पूरी तरह हटा दें.

2. डाइट में टोंड दूध से बना दही, पनीर व दाल, मछली आदि शामिल करें.

3. कब्ज व पेट की मरोड़ से बचने के लिए खाने में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं. इस के लिए सप्लिमैंट्स के बजाय प्राकृतिक फाइबर लें. फाइबर के प्रमुख स्रोत हैं, साबूत अनाज, होम मेड सूप, दलिया, फल आदि. इन से फाइबर के साथसाथ कई मिनरल्स व विटामिंस भी मिलेंगे.

4. हड्डियों की मजबूती के लिए डाइट में कैल्सियम की मात्रा बढ़ाएं. इस के प्रमुख स्रोत हैं- दूध, मछली, मेवा, खरबूज के बीज, सफेद तिल आदि. याद रहे कि पतले होने के फेर में कैल्सियम को डाइट से नदारद किया तो गठिया आप को जकड़ सकता है.

5. वजन कम करने के लिए आप फैट इनटेक (वसा की मात्रा) कम करना चाहते हैं, तो डाइट से फैट्स एकदम हटाने की जरूरत नहीं. डाइटिशियन के अनुसार, ऐनर्जी लैवल को बनाए रखने, टिशू रिपेयर और विटामिंस को बौडी के सभी हिस्सों तक पहुंचाने के लिए खाने में पर्याप्त मात्रा में फैट्स होने जरूरी हैं. इसलिए डाइट से फैट्स को पूरी तरह हटाने के बजाय आप मक्खन जैसे सैचुरेटेड फैट्स को अवौइड करें और इस की जगह औलिव औयल इस्तेमाल में लाएं.

6. दिन की शुरुआत जीरा वाटर, अजवाइन वाटर, मेथी वाटर या आंवला जूस से करनी चाहिए. इस से मैटाबोलिक रेट बढ़ता है.

7. बहुत ज्यादा देर तक खाली पेट न रहें. इस से आप एक बार में अधिक भोजन करेंगी. बेहतर होगा कि आप बीचबीच में कम वसा वाले स्नैक्स या फिर फल, सूप जैसी चीजें लेती रहें.

8. रामदायक लाइफस्टाइल अपनाने के बजाय कुछ परिश्रम भी करें. याद रहे कि वजन तभी बढ़ता है, जब खाने से मिलने वाली कैलोरी पूरी तरह बर्न नहीं होती.

9. वजन कम करने का अनहैल्दी तरीका है क्रैश डाइटिंग. इस से न सिर्फ वजन कम होता है, बल्कि मसल्स व टिशूज पर भी इस का बुरा असर पड़ता है.

10. दिन में 8-10 गिलास पानी पीएं.

11. आप के खाने में सोडियम की मात्रा कम होनी चाहिए. सोडियम शरीर से पानी सोखता है और ब्लडप्रैशर बढ़ाता है, इसलिए दिन भर में नमक बस 1 या 11/2 चम्मच ही लें.

12. कोलैस्ट्रौल लैवल कंट्रोल करने के लिए फैट की मात्रा पर ध्यान दें.

13. पानी वाले फलसब्जी (मौसंबी, अंगूर, तरबूज, खरबूजा, खीरा, प्याज, बंदगोभी आदि) रैग्युलर लें.

14. कम से कम चीनी व नमक का प्रयोग करें.

कामकाजी लोग क्या करें

कामकाजी लोगों का ज्यादातर समय औफिस की कुरसी पर बैठेबैठे ही बीत जाता है. ऐसे में वजन बढ़ाना तो आसान होता है पर एक बार बढ़ जाए तो घटाना बहुत मुश्किल होता है. ऐसे लोगों को अपने खाने के प्रति काफी सतर्क रहना चाहिए. वे कुछ निश्चित नियमों का पालन कर के ही अपने वजन को काबू में रख सकते हैं. औफिस में कार्बोहाइड्रेट वाली चीजें बाहर निकाल कर या कैंटीन में खाना आम बात होती है और उन्हें खा कर बैठे रहना वजन ही बढ़ाता है. ऐसा न हो, इस के लिए घर का बना टिफिन आप की काफी मदद करेगा.

जब उम्र कम हो

बेवजह का खानपान और असमय भोजन लेने की आदत ऐसे लोगों के वजन को बढ़ाने का काम करती है. फास्ट फूड पर निर्भरता भी इस उम्र के लोगों में औरों की अपेक्षा ज्यादा ही होती है. इसलिए दिन भर में 2 बार का भोजन और सुबह का प्रोटीनयुक्त नाश्ता दिन भर आप को चुस्त रखेगा और आप का वजन भी नियंत्रित करेगा. साथ ही खाने में सलाद का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें तो बेहतर होगा. कम उम्र में वजन बढ़ जाने से बुरा और कुछ नहीं हो सकता. ऐसा न हो इस के लिए जरूरी है कि पहले फास्ट फूड से बचें. इस उम्र में सब से ज्यादा ताकत की आवश्यकता होती है, इसलिए प्रोटीन से भरपूर भोजन लें. कार्बोहाइड्रेट को नाश्ते में जरूर शामिल करें.

बुजुर्गों की डाइट

अगर आप 60 की उम्र पार कर चुके हैं, तो सेहत के प्रति ज्यादा सजग होंगे. इस उम्र में पाचन क्रिया के साथसाथ हड्डियां और मांसपेशियां दोनों ही कमजोर हो जाती हैं. बुजुर्गों के लिए बेहतर है कि कम खाएं पर कई बार खाएं. साथ ही व्यायाम को भी अपने दिन के प्लान में जरूर शामिल करें. दिन में 1 बार 20 मिनट टहलने से आप खुद को काफी तरोताजा रख पाएंगे. -दीप्ति अंगरीश डाइटिशियन, शिखा शर्मा से की गई बातचीत पर आधारित

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वजन कम करने के लिए ऐसे करें डायट प्लान

लेखिका- स्नेहा सिंह 

इंडियन फूड का नाम लेते ही हमारे दिमाग में पंजाबी,साउथ इंडियन, राजस्थानी आदि व्यंजनो की छवि नजर आ जाती है और मुंह में पानी आ जाता है. यह स्वाभाविक भी है. क्योंकि हमारे देश में सब से अधिक प्रकार के व्यंजन खाए जाते हैं. पर इस के साथ हमारे मन में हमेशा एक्स्ट्रा चर्बी और फैट को ले कर भी चिंता बनी रहती है कि क्या खाएं और क्या न खाएं? कितना खाएं और कब खाएं? इन सभी समस्या को दूर करने के लिए अपने स्वाद को ध्यान में रख कर वेट लौस डायट के प्लान की बात करेंगे.

हम जो भी खाते हैं, उससे हमें कार्य करने की शक्ति मिलती है और यह शक्ति हमें केलरी के रूप में मिलती है. केलरी चार तरह की होती है.

1. कार्बोहाइड्रेट 

यह शरीर को कार्बन के रूप में ऊर्जा (शक्ति) देता है. ऊर्जा का मुख्य स्रोत कार्बोहाइड्रेट है. जिससे शरीर को सभी प्रकार के कार्य करने की शक्ति मिलती है. एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट से चार केलरी के बराबर ऊर्जा मिलती है.

2. प्रोटीन

प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर के स्नायुओं और पेशियों का निर्माण करना और उन्हें स्वस्थ रखना है. इसलिए बच्चों एवं युवकों के शरीर के विकास के लिए प्रोटीन बहुत महत्वपूर्ण है. एक ग्राम प्रोटीन से भी 4 केलरी ऊर्जा मिलती है.

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3. फैट

फैट शरीर के स्नायुओं को फैटी एसिड के रूप में ऊर्जा प्रदान करता है. इस बीच जो फैट रह जाता है, वह ड्राइग्लिसराइड्स के रूप में स्नायुओं में जमा होता है. एक ग्राम फैट में 9 केलरी होती है. इसलिए वेट लौस डायट में ज्यादा चर्बी वाला खाना खाने से मना किया जाता है.

4. विटामिन और मिनरल्स

विटामिन और मिनरल्स हड्डियों को मजबूत बनाने में, घाव ठीक करने में और शरीर में रोगप्रतिकारक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है. ये भोजन को ऊर्जा में रूपांतरित करते हैं और स्नायुओं को स्वस्थ रखते हैं.

5. वेट लौस के लिए कितनी केलरी लें

यह जानना बहुत जरूरी है कि पूरे दिन में महिलाओं को कितनी केलरीयुक्त भोजन खाना चाहिए, जिससे शरीर का वजन नियंत्रण में रहे. तो इसका जवाब यह है कि सामान्य रूप से पूरे दिन में महिलाओं को 18– से 2— केलरीयुक्त खुराक खानी चाहिए. पूरे दिन में केलरी लेने का मापदंड कई बातों पर निर्भर करता है. इसमें पूरे दिन काम करने के प्रकार, उम्र, शरीर के आकार और जीवनशैली आदि के आधार पर तय किया जाता है. अगर आप 25– केलरीयुक्त भोजन लेती हैं और इतनी ही ऊर्जा खर्च करती हैं तो शरीर में शून्य केलरी रहती है. इस परिस्थिति में वजन एकदम स्टबल रहता है. परंतु अगर आप मात्र 2— केलरी खर्च करती हैं तो 5– केलरी बचेगी और आप का वजन एक सप्ताह में आधा किलोग्राम बढ़ जाएगा. महीने में 2 से 3 किलोग्राम शरीर का वजन बढ़ जाएगा.

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तो वजन कम करने के लिए पूरे दिन में 3 बार खाएं, पर थोड़ाथोड़ा खाएं. कुछ डायटीशियन दिन में 5 बार डायट की सलाह देते हैं, तब थोड़ी मुश्किल होती है. वर्कआउट अधिक करना पड़ता है. इसके अलावा अगर आप का मेटाबोलिज्म कम होगा, तो पाचनतंत्र पर अधिक श्रम पड़ेगा और पाचन ठीक से नहीं होगा.

वजन कम करने के लिए सब से महत्वपूर्ण बात यह है कि दिन के शुरू में सुबह का नाश्ता दिन भर की डायट की अपेक्षा अधिक होना चाहिए. क्योंकि सुबह के नाश्ते की केलरी तेजी और पूरी तरह बर्न हो जाती है. यानी कि हम दिन भर अनेक एक्टिविटी करते हैं, जिसमें अधिक केलरी खर्च होती है. इसलिए सुबह नाश्ता जरूर करपा चाहिए.

ऑस्टियोपोरोसिस: 50+ महिलाओं के लिए फायदेमंद होगी ये डाइट

50 की उम्र तक पहुंचते पहुंचते,अक्सर महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस,स्क़िन प्राब्लम्ज़,वज़न में बढ़ोतरी जैसी बीमारियों से सामना पड़ने लगता है. ऐसी अवस्था में अपनी डायट के प्रति ज़रा सी लापरवाही भी आपकी दशा को बद से बदतर बना देती है. उम्र बढ़ने के साथ साथ महिलाओं को इन महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को अपने भोजन में ज़रूर शामिल करना चाहिए.

A-मज़बूत हड्डियों के लिए कैलशियम

पचास से अधिक उम्र की तीन में एक महिला की ऑस्टीयोपोरोसिस की वजह से हड्डियां टूटने की समस्या का सामना करना पड़ता हैं. उम्र बढ़ने के साथ हमारा शरीर कम कैलशियम अवशोषित करता है. इसलिए इस ओर ध्यान देना हर महिला के लिए ज़रूरी हो जाता है.पचास से अधिक उम्र की महिलाओं को रोज़ाना १२०० मिलिग्राम कैलशियम की ज़रूरत पड़ती है.जिसे अपने डॉक्टर की सलाह पर ,टेबलेट या कैप्सूल फ़ॉर्म में ले सकती हैं. डेयरी प्रॉडक्ट्स कैलशियम का सबसे अच्छा सत्रोत है,लेकिन इन्हें पचाने की क्षमता,कई महिलाओं में कम होती है.

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B-स्वस्थ मांसपेशियों के लिए प्रोटीन

उम्र बढ़ने के साथ गति विधि कम हो जाती है,जो सारकोपेनिया से जुड़ा है.यह एक प्राकृतिक प्रोसेस है जिससे मांसपेशियों को नुक़सान पहुँचता है. 80 की उम्र तक पहुंचते पहुंचते ,महिलाएं अपनी मांसपेशियों का ज़्यादातर हिस्सा खो चुकी होती हैं.अगर आप खाने में प्रोटीन का सेवन अच्छी तरह करती रहें तो आपकी मांसपेशियां सुदृढ़ बनी रहेंगी.यदि आप शाकाहारी हैं तो प्रोटीन युक्त सब्ज़ियां खाएं,जिससे आपके शरीर को भरपेट प्रोटीन मिले.

अपनी डायट में सोया,क्विनोवा,अंडे, डेयरी प्रॉडक्ट्स,नट्स,और बीन्स को शामिल करें,आपके शरीर को कितने प्रोटीन को शामिल करें ये आपके वज़न पर निर्भर करता है.समान्यत:एक्स्पर्ट्स 1.5; ग्राम प्रोटीन ,प्रति किलोग्राम वज़न पर पर लेने की सलाह देते हैं.

C-स्वस्थ दिमाग़ के लिए विटामिन बी-12

बढ़ती उम्र के साथ महिलाएं एक महत्वपूर्णपोषक तत्व,विटामिन B-12 अवशोषित नहीं कर पातीं हैं। जो,स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं और दिमाग़ दोनों के लिए आवश्यक है.अंडे,दूध,लीन मीट,मछली जैसे पदार्थ बी-१२ के अच्छे स्त्रोत हैं. हालांकि 5० से अधिक उम्र की महिलाओं को रोज़ाना 2.4 माइक्रोग्राम विटामिन बी-12 का सेवन करना चाहिए.

D-स्वस्थ बालों और त्वचा के और बालों के लिए उम्र बढ़ने के साथ महिलाएं अपनी त्वचा और बालों की रंगत खोने लगती हैं. इन्हें बरक़रार रखने के लिए तमाम प्रयास करने के बावजूद कुछ ख़ास असर दिखाई नहीं देता.

  • विटामिन ई के सेवन से आपकी त्वचा में ग़ज़ब का असर दिखलाई देने लगता है.
  • रात में सोने से पहले विटामिन ई और एलोवेरा जेल को मिक्स कर हल्के हाथों से चेहरे पर लगाने से कुछ ही दिनों में चेहरा चमक उठता है.
  • बादाम के तेल में विटामिन ई के साथ मिक्स करके आंखों के नीचे लगाने से काले घेरे ख़त्म हो जाते हैं.
  • विटामिन ई ऑयल में एक चम्मच शहद मिलाकर सोने से पहले अपने होंठों पर लगाने से होठों की शुष्क पपड़ियां जाती रहती हैं.
  • इतना ही नहीं विटामिन ई का सेवन,बढ़ती उम्र के साथ ह्रदय की मांसपेशियों को भी मज़बूत करने में मददगार सिद्ध होता है.

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E-कोशिकाओं के नुक़सान के लिए एंटीआक्सिडेंटस

यदि आप बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करना चाहती हैं ,जैसे सूजन,डायबिटीज़,हार्ट की समस्या,दृष्टि दोष,और अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहती हैं तो अपनी डायट में एंटीओक्सीडेंट आहार युक्त आहार का सेवन करें जैसे,

  • डार्क
  • चाकलेट ,
  • लहसुन,
  • हल्दी,
  • चुकंदर,
  • अदरक,
  • अनार,
  • कीवी आदि.

कैसा हो सर्दियों का डाइटचार्ट

सर्दियों के मौसम में आप खूब खाना खा कर सेहत बना सकते हैं. इस दौरान डाइजेशन सिस्टम भी अच्छी तरह काम करता है. इन दिनों सभी हैवी डाइट खाना पसंद करते हैं. ड्राइफ्रूट्स और नट्स अपने डाइट चार्ट में शामिल कर सकते हैं. हैवी डाइट लेने की वजह से इन दिनों खूब कसरत करें. मौसम बदलते ही शरीर को चुस्तदुरुस्त बनाए रखने के लिए अपने खानपान में कुछ फेरबदल करना चाहिए.

हम जैसा भोजन करते हैं, हमारे तनमन पर उस का असर होता है. हैल्थ कौंशियस युवाओं के लिए यह मौसम चुनौती भरा होता है. ठंडे मौसम में एक्सरसाइज कर शरीर को ऊर्जावान बनाए रखना जरूरी है. साथ ही ऐसा आहार जिस की कम मात्रा लेने से शरीर को पूरी कैलोरी मिले. अधिकतर युवा सर्दियों में अपनी डाइट को ले कर कर कन्फ्यूज रहते हैं. इसलिए इस सर्दी में लो फैट विद हाई कैलोरी से भरपूर डाइटचार्ट पर आप ध्यान देंगे तो अपने शरीर के बढ़ते वजन को नियंत्रित रख पाएंगे और स्वस्थ रहेंगे.

सर्दियों की डाइट : इस मौसम में शरीर से थकान व आलस्य दूर भगाने के साथ ही दिन भर स्फूर्ति और ऊर्जा से भरपूर रहने के लिए युवाओं को डाइट चार्ट पर ध्यान देना चाहिए. अपने खानपान में उन सब चीजों को शामिल करें, जिस से शरीर को एनर्जी मिले और आप चुस्तदुरस्त बने रहें.

ब्रेकफास्ट : सुबह का नाश्ता ऊर्जावान होना चाहिए. नाश्ते में अंडे के साथ ब्रेड, उपमा सैंडविच, डोसा आदि का सेवन करें. रोजाना नाश्ते के बाद मलाई निकला एक गिलास गरम दूध पीना न भूलें. इस सब के साथ एक प्लेट फ्रूट या वेजीटेबल सलाद आप के नाश्ते को कंप्लीट करता है. नाश्ता हैवी होना चाहिए.

लंच स्पैशल :  दोपहर के भोजन में हरी सब्जी, चपाती, ताजा दही या छाछ, छिलके वाली दाल के साथ चावल, गरमगरम सूप लेना अच्छा रहता है. लंच में हरी चटनी भोजन में मल्टीविटामिन्स की कमी को पूरा करती है.

डिलीशियस डिनर : सर्दियों में रात को जल्दी भोजन करें. रात का भोजन दोपहर के भोजन की अपेक्षा हलका होना चाहिए. रात के भोजन में हमेशा हलका व साधारण खाना खिचड़ी या दलिया ले सकते हैं. सोने से कम से कम 4 घंटे पहले भोजन करने से शरीर में भोजन का पाचन ठीक तरह से होता है. सोने से पहले हलदी, खारेक या अदरक मिला एक गिलास गरम दूध जरूर पिएं.

स्वस्थ और निरोगी रहने के टिप्स :  कुछ आसान से घरेलू उपाय अपना कर हम इस मौसम में स्वस्थ व निरोगी रह सकते हैं. सर्दियों का मौसम शुरू होते ही सर्दी, खांसी और जुकाम का हमला तेज हो जाता है. अकसर लोग बीमार होने के बाद अपने खानपान में बदलाव के बारे में सोचते हैं जबकि बीमार होने से पहले ही यदि हम मौसम के अनुसार उचित आहार लेना शुरू कर दें तो शरीर को सर्दियों में स्वस्थ और निरोगी रखा जा सकता है.

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के नुस्खे काफी आसान हैं. पर्याप्त नींद लें और अपना खानपान सही रखें. सर्दी के मौसम में विभिन्न प्रकार के पोषक पदार्थ और जड़ीबूटियों का सेवन कर आप खुद को स्वस्थ और कई तरह के वायरल संक्रमण से बचा सकते हैं. इस मौसम में स्वस्थ रहने के लिए ऐसे आहार की जरूरत होती है जो शरीर को गरम रखें. आप को अस्थमा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसा कोई रोग है तो सर्दी में अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें.

सर्दियों में स्वस्थ रहने के लिए अपने खानपान में खास फलों और सब्जियों का इस्तेमाल कर बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता. आइए, जानते हैं उन चीजों के बारे में जिन्हें अपना कर हम सर्दियों में स्वस्थ रह सकते हैं :

सब्जियों का सेवन करें :  सर्दी में हरी सब्जियों को अपने भोजन में अवश्य शामिल करें, क्योंकि इन में प्रचुर मात्रा में विटामिन्स होते हैं, जो शरीर को गरम रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं. सर्दियों में पालक की सब्जी, बीटरूट, लहसुन, बथुआ, ब्रोकली, पत्तागोभी, गाजर का सेवन अवश्य करें.

मूंगफली का सेवन कर सर्दियों में रहें फिट :  सर्दी के दिनों में मूंगफली का सेवन अवश्य करें, क्योंकि मूंगफली में प्रोटीन, फाइबर, मिनरल, आयरन, विटामिन प्रचुर मात्रा में होते हैं. इसीलिए तो इसे गरीबों का बादाम कहा जाता है. सर्दी के मौसम में शरीर को गरम रखने और खून की मात्रा बढ़ाने के लिए मूंगफली और देशी गुड़ खाएं. इस का सेवन करने से आप स्वस्थ रहेंगे.

लहसुन का सेवन बचाएगा जुकाम से :  सर्दियों में लहसुन का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि और किचन में किया जाता है. आज विज्ञान भी इस के औषधीय गुणों को मान रहा है. सर्दी के मौसम में लहसुन का नियमित सेवन सर्दी, जुकाम और खांसी से छुटकारा दिला सकता है.

स्वस्थ रहने के लिए करें तिल का सेवन :  सर्दियों में तिल खाने से ऊर्जा मिलती है. तिल के तेल से मालिश करने से त्वचा मुलायम रहती है और ठंड से भी बचाव होता है. तिल और गुड़ का एकसाथ खाने से शरीर को जरूरी पोषक तत्त्व मिलते हैं. इम्युनिटी बढ़ती है और खांसीकफ से राहत मिलती है.

गाजर का सेवन फायदेमंद : गाजर में विटामिन प्रचुर मात्रा में होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आंखें भी स्वस्थ रहती हैं. सर्दी के मौसम में गाजर खाने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है.

स्वस्थ रहने के लिए बाजरा का सेवन करें :  देश के कई हिस्सों में सर्दियों में बाजरा अधिक खाया जाता है. बाजरे में मैग्नीशियम, कैल्शियम, फाइबर, विटामिन और एंटी औक्सीडैंट प्रचुर मात्रा में होते हैं. खास कर छोटे बच्चों को बाजरा अवश्य खिलाना चाहिए.

सर्दियों में हलदी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है :  सर्दियों में हलदी मिला गरम दूध रोजाना रात को पीने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है. इस में एंटीबायोटिक गुणों के साथ एंटीएलर्जिक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी हैं. रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ने के लिए यह श्रेष्ठ आयुर्वेदिक औषधि है.

स्वस्थ रहने के लिए मेथी का करें सेवन :  मेथी में विटामिन के, आयरन और फोलिक एसिड होता है. शरीर को गरम रखने के साथ ही यह खून की मात्रा बढ़ाने में भी मददगार है.

बादाम का सेवन लाभदायक :  बादाम में प्रोटीन, फाइबर मिनरल होते हैं, जो सर्दी में मौसमी बीमारियों से बचाव करते हैं. सर्दी के मौसम में बादाम रोजाना खाने से दिमाग तो तेज होता ही है साथ ही कब्ज की समस्या से भी नजात मिलती है और डायबिटीज को नियंत्रित करने में भी यह मदद करता है.

स्वस्थ रहने के लिए सर्दियों में फल देंगे पोषण और ऊर्जा :  सर्दियों में मौसमी फल जैसे संतरा, सेब, अनार, आंवला आदि खाना चाहिए, शरीर को पोषण, और ऊर्जा और गर्माहट देते हैं. फलों का जूस बना कर पीने से अच्छा है, आप सीधे स्वच्छ फल खाएं. इस से पाचन भी ठीक रहता है और पर्याप्त मात्रा में शरीर को फाइबर भी मिलता है.

च्यवनप्राश का सेवन है स्वास्थ्यवर्द्धक :  सर्दियों में च्यवनप्राश का सेवन जरूर करें सुबहशाम एक चम्मच च्यवनप्राश के साथ एक ग्लास गरम दूध पीने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है. यह बुढ़ापे दूर करने के लिए सब से अच्छा तरीका है.

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