लेखिका- स्नेहा सिंह 

इंडियन फूड का नाम लेते ही हमारे दिमाग में पंजाबी,साउथ इंडियन, राजस्थानी आदि व्यंजनो की छवि नजर आ जाती है और मुंह में पानी आ जाता है. यह स्वाभाविक भी है. क्योंकि हमारे देश में सब से अधिक प्रकार के व्यंजन खाए जाते हैं. पर इस के साथ हमारे मन में हमेशा एक्स्ट्रा चर्बी और फैट को ले कर भी चिंता बनी रहती है कि क्या खाएं और क्या न खाएं? कितना खाएं और कब खाएं? इन सभी समस्या को दूर करने के लिए अपने स्वाद को ध्यान में रख कर वेट लौस डायट के प्लान की बात करेंगे.

हम जो भी खाते हैं, उससे हमें कार्य करने की शक्ति मिलती है और यह शक्ति हमें केलरी के रूप में मिलती है. केलरी चार तरह की होती है.

1. कार्बोहाइड्रेट 

यह शरीर को कार्बन के रूप में ऊर्जा (शक्ति) देता है. ऊर्जा का मुख्य स्रोत कार्बोहाइड्रेट है. जिससे शरीर को सभी प्रकार के कार्य करने की शक्ति मिलती है. एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट से चार केलरी के बराबर ऊर्जा मिलती है.

2. प्रोटीन

प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर के स्नायुओं और पेशियों का निर्माण करना और उन्हें स्वस्थ रखना है. इसलिए बच्चों एवं युवकों के शरीर के विकास के लिए प्रोटीन बहुत महत्वपूर्ण है. एक ग्राम प्रोटीन से भी 4 केलरी ऊर्जा मिलती है.

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3. फैट

फैट शरीर के स्नायुओं को फैटी एसिड के रूप में ऊर्जा प्रदान करता है. इस बीच जो फैट रह जाता है, वह ड्राइग्लिसराइड्स के रूप में स्नायुओं में जमा होता है. एक ग्राम फैट में 9 केलरी होती है. इसलिए वेट लौस डायट में ज्यादा चर्बी वाला खाना खाने से मना किया जाता है.

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