दिवाली के जश्न में दो बड़ी फिल्मों का टकराव, क्या बौक्स औफिस पर होगी हिट?

भारत में पूरे साल में दिवाली एक ऐसा त्योहार होता है जिसमें हिंदुस्तान का हर नागरिक कुछ ना कुछ नया करने की योजना बनाता है. फिर चाहे वह नया घर लेने की बात हो, या नई कार लेने की बात हो. लेकिन दिवाली के दौरान बौलीवुड वालों का कुछ अलग ही फंडा होता है. अब इससे अंधविश्वास पहले या गुड लक, दिवाली के शुभ मौके पर हर मेकर की कोशिश होती है कि उनकी फिल्म दिवाली पर रिलीज हो जाए. इसके पीछे खास वजह यह भी है की अधिकांश लोगों का मानना है कि अगर उनकी फिल्म दिवाली पर रिलीज होगी तो वह फिल्म जरूर बौक्स औफिस पर सफलता के झंडे फहराएगी.

इस बार 1 नवंबर 2024 में दिवाली के मौके पर दो बड़ी फिल्में रिलीज होने जा रही है. जिसमें से एक रोहित शेट्टी निर्देशित और अजय देवगन अभिनीत सिंघम अगेन 3 है और दूसरी फिल्म अनीज़ बज़्मी निर्देशित और कार्तिक आर्यन अभिनीत भूल भुलैया 3 है यह दोनों फिल्में दिवाली पर रिलीज होने जा रही है. इन दोनों फिल्मों में ऐसा क्या खास है जिसे देखने दर्शक सिनेमाघर तक पहुंचेंगे? क्या यह दोनों फिल्में बौक्स औफिस पर धमाका कर पाएगी ? दिवाली पर रिलीज सभी फिल्में क्या हिट साबित होती हैं? पेश है इसी सिलसिले पर एक नजर….

एक्शन से लेकर हौरर कौमेडी तक दिवाली पर होगा बड़ी फिल्मों का धमाका

देशभर में 1 नवंबर 2024 इस साल की दिवाली सभी के लिए खास है , लेकिन उन लोगों के लिए यह दिवाली और भी महत्वपूर्ण है जिनकी फ़िल्में दिवाली के मौके पर ही रिलीज हो रही है. जैसे कार्तिक आर्यन की भूल भुलैया 3 और अजय देवगन की सिंघम अगेन 3 दिवाली के मौके पर रिलीज होने जा रही है. इन दोनों ही फिल्मों का टकराव इस बार बौक्स ऑफिस पर देखने को मिलेगा. सिंघम अगेन 3 और भूल भुलैया 3 का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है . हालांकि सिंघम २ और भूल भुलैया २ भूल भुलैया और सिंघम के मुकाबले उतनी बेहतर नहीं थी. दोनों ही फिल्मों ने एवरेज बिज़नेस किया था . लेकिन फिर भी क्योंकि इस बार दोनों ही फिल्मों का बोलबाला ज्यादा है आकर्षित करने के लिए आने वाली फिल्मों में नई चीजें है और फिर दोनों फिल्मे दिवाली पर रिलीज हो रही है इस लिए भूल भुलैया 3 और सिंघम अगेन 3 का अगला भाग भी दर्शकों के डिमांड पर बनाया गया.

दिवाली पर होगा दो बड़ी फिल्मों का टकराव

दिवाली पर दो बिग बजट फिल्मों का टकराव होने जा रहा है जिसमें एक फिल्म अनीज़ बज्मी निर्देशित फ़िल्म भूल भुलैया 3 है जिसकी खासियत यह है की भूल भुलैया 3 से पहले भूल भुलैया 1 और भूल भुलैया 2 इन दोनों ही फिल्मों को सफलता हासिल हुई . इस बार भूल भुलैया 3 में जहां कहानी सस्पेंस बहुत तगड़ा होने वाला है. वही फिल्म में विद्या बालन जो भूल भुलैया वन में मंजुलिका के किरदार पर नजर आई थी , उनकी फिल्म में एंट्री होने जा रही है, इसके अलावा विद्या बालन के साथसाथ माधुरी दीक्षित नेने भी भूल भुलैया 3 में खास किरदार में नजर आने वाली है. फिल्म की रिलीज से पहले ही दर्शकों द्वारा इस फिल्म की रिलीज़ को लेकर उत्सुकता देखी जा रही है. विद्या बालन और माधुरी के अलावा फ़िल्म के मुख्य कलाकार कार्तिक आर्यन और तृप्ति डिमरी का भी दर्शको में जबरदस्त क्रेज है.

इसके अलावा फ़िल्म में राजपाल यादव, विजय राज , संजय मिश्रा आदि बेहतरीन एक्टर भी है. वही दूसरी ओर रोहित शेट्टी की फिल्म सिंघम अगेन 3 में बौलीवुड के टौप स्टार्स की भरमार है , जैसे अजय देवगन, अक्षय कुमार, करीना कपूर, दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह, और टाइगर श्राफ आदि सिंघम अगेन में नजर आने वाले हैं. रोहित शेट्टी के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म एक्शन से भरपूर है. जिसमें अक्षय कुंमार टाइगर श्राफ अजय देवगन रणवीर सिंह के साथ साथ दीपिका पादुकोण और करीना कपूर का भी जबरदस्त एक्शन देखने को मिलेगा . गौरतलब है कि इससे पहले की सिंघम और सिंघम अगेन को बौक्स औफिस पर जबरदस्त सफलता मिली है. जिसके बाद सिंघम अगेन 3 से की अपेक्षाएं ज्यादा बढ़ गई है. ऐसे में इन दोनों ही फिल्मों की सफलता को लेकर बौक्स औफिस कलेश होना स्वाभाविक है क्योंकि यह दर्शकों की पसंद पर भी निर्भर करेगा कि वह कौन सी फिल्म पहले देखना पसंद करेंगे. ऐसे में आने वाला समय ही बताएगा की सिंघम अगेन 3 और भूल भुलैया 3 में से कौन सी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर दिवाली धमाका साबित होती है.

दिवाली पर रिलीज हुई हिट ओर फ्लौप फिल्में

दिवाली पर रिलीज हुई फिल्में अगर बहुत हिट होती है तो बहुत सारी फिल्में फ्लौप भी होती है. जैसे कि रणबीर कपूर और सोनम कपूर की पहली फिल्म सांवरिया दिवाली पर रिलीज हुई थी और फ्लौप हो गई. सलमान खान सोनम कपूर अभिनित प्रेम रतन धन पायो बौक्स औफिस पर फिल्म धमाकेदार फिल्म साबित हुई. अक्षय कुमार अभिनीत सूर्यवंशी , अक्षय कुमार अभिनेता हाउसफुल 4, वही अजय देवगन अभिनीत गोलमाल अगेन, रितिक रोशन अभिनित कृष ३ सलमान खान अभिनित. टाइगर 3 फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट नहीं . वही दूसरी ओर जान अब्राहम अभिनित ब्लू, आमिर खान अभिनित ठग्स ऑफ हिंदुस्तान, और अभिनित एक्शन रिप्ले, सलमान खान अभिनित जानेमन आदि फिल्में सुपर फ्लौप रही. कहने का तात्पर्य यह है कि होली हो या दिवाली ईद हो या क्रिसमस फिल्मे वही चलेंगी जिन में दम होगा. अंधविश्वास में पढ़ने के बजाय फिल्म में मेहनत करें ताकि फिल्म अपनी काबिलियत पर सफलता के झंडे गाडे .

इस तरह मनाएं यादगार दीवाली

त्योहार है दीपों का, उत्साह और मौजमस्ती का, धूमधड़ाके और मिलनेमिलाने का. इस के साथ ही दीवाली त्योहार दिखावे का भी है. इस दिन कुछ तो दिखावा कीजिए, कुछ तो शो औफ कर लीजिए. आजकल मौका ही कहां मिलता है दिखावा करने का? अपनी महंगी ज्वैलरी और स्टाइलिश ड्रैसेज इठला कर पहनने और दूसरों को जलाने का? अपने घर को सजानेसंवारने का क्योंकि आजकल घरों में शादियां या ऐसे बड़े मौके आते ही बहुत कम हैं.

पहले संयुक्त परिवार होते थे. घर में कोई न कोई शादी होती रहती थी जिस में लोग अपने सारे अरमान पूरे कर लेते थे. मगर आज पूरे परिवार में 2-3 या मुश्किल से 4 सदस्य होते हैं और वे भी अपनेअपने कमरे में बंद मोबाइल में लगे रहते हैं. घर में किसी अपने की शादी 10-15 साल में कभी होती है. अपने घर की जो शादी होती है उस की बात ही अलग होती है. तब इंसान बेहतर से बेहतर कपड़े खरीदता है ताकि सैकड़ों लोग देखें. स्टाइलिश और महंगे कपड़े तथा हैवी ज्वैलरी पहन कर राजारानी बन कर घूमता है, घर को सजाता है. महंगीमहंगी चीजें लाता है. मगर अब शादियों का मौका ही 10-12 साल बाद आता है.

ऐसे में दीवाली एक ऐसा बड़ा त्योहार है जो सब के घर में मनाया जाता है. यह किसी एक व्यक्ति या एक जाति के लोगों का त्योहार नहीं है. यह ऐसा पर्सनल मौका भी नहीं कि हम ने ऐनिवर्सरी मना ली या बर्थडे मना लिया. यह तो ऐसा त्योहार है जिसे सारे लोग मना रहे हैं, मिल कर खुशियां मना रहे हैं तो क्यों न इस मौके पर कुछ खास करें अपने लिए, अपने घर के लिए और अपनों के लिए भी.

शौपिंग करें जीभर कर

जीभर कर शौपिंग करने का मतलब यह नहीं कि सारी दुकान ही उठा कर ले आएं. इस का मतलब यह है कि ऐसी शौपिंग करें जिसे कर के आप को मजा आ जाए, आप का दिल खुश हो जाए. ऐसे कपड़े खरीदें और ऐसी ही ज्वैलरी और ऐक्सैसरीज लें जिन्हें पहन कर आप को अच्छा महसूस हो और आप खुशी महसूस करें. आप को लगे कि आप खास हैं. आप के कपड़ों और ज्वैलरी को 10 लोग देखें तो उन की नजरें हटें नहीं.

आप भले एक ही साड़ी लीजिए या एक ही गाउन या फिर कोई भी ऐसी ड्रैस लीजिए जिसे पहनें तो लोग तारीफ करते न थकें. ज्यादा पैसे लगाने में भी संकोच न करें क्योंकि यह मौका रोजरोज नहीं आता है. एकदम साधारण, सादा या डल कलर की ड्रैस जिस में कोई खास डिजाइन भी न हो मत लीजिए बल्कि ऐसे कपड़े लें जिन में कुछ जरी का काम हो या कुछ खास हाथ की कारीगरी दिख रही हो, कुछ अलग स्टाइल हो. ड्रैस ऐसी हो कि आप को गौर्जियस लुक दे. लोग आप से पूछते रह जाएं कि यह ड्रैसेज कहां से खरीदी, कितने में ली और कौन सा प्रिंट है वगैरहवगैरह.

कुछ अलग दिखने के लिए

दीवाली पर शो औफ करना है और कुछ अलग दिखना है तो इस तरह की ड्रैसेज चूज कर सकती हैं:

आप दीवाली के लिए फ्लोर लैंथ गाउन ले सकती हैं. कोई भी अवसर हो गाउन हमेशा खूबसूरत दिखता है. इस दीवाली के लिए हलके ब्राइट कलर के गाउन का चुनाव करें जिस पर थोड़ा जरी या स्टोन का काम हो. इसे दीवाली पार्टी या गैटटुगैदर के लिए पहन सकती हैं.

कुछ अलग दिखने के लिए क्रौप टौप और स्कर्ट पहन सकती हैं. यह लुक आप के ऐथनिक पहनावे में एक मौडर्न टच जोड़ देगा. लुक को और ड्रामैटिक बनाने के लिए एक अच्छा झिलमिलाता दुपट्टा ड्रैप करें. इस के आलावा फैस्टिव सीजन में लहंगे हमेशा ट्रैंड में रहते हैं. हैवी मिररवर्क ऐसे आउटफिट्स को और भी खूबसूरत बनाती है.

वैसे आप धोती स्टाइल ड्रैस भी ले सकती हैं. यह लुक ट्रैडिशनल है लेकिन कंटैंपरेरी ट्विस्ट के साथ.

साड़ी में महिलाएं इतनी सुंदर लगती हैं कि हर किसी का ध्यान उन की ओर जाता है. आप इस बार दीवाली पर साड़ी पहन सकती हैं. बाजार में आप को साड़ी की कई वैरायटीज मिल जाएंगी जैसे गुजराती, राजस्थानी साडि़यां, सिल्क, मैसूर, बनारसी आदि साडि़यां शानदार दिखती हैं.

अगर आप सूट पहनने की शौकीन हैं तो दीवाली के लिए प्लाजो का सूट एकदम परफैक्ट आउटफिट है. वैसे तो आप इसे कई तरह से कैरी कर सकती हैं. बाजार में आप को प्लाजो के साथ सैंटर कट वाली खूबसूरत कौटन या सिल्क की कुरती की कई वैरायटीज मिल जाएंगी. इस के अलावा आप इस तरह की कुरतियों को लौगिंग, प्लाजो पैंट, जींस या सलवार आदि के साथ भी स्टाइल कर सकती हैं और अलग दिख सकती हैं.

ज्वैलरी हो खास

ज्वैलरी भी ऐसी लीजिए कि आप फिर सालभर उसे किसी भी बड़े फंक्शन में पहन कर जा सकें. दीवाली के दिन जब आप वह ज्वैलरी पहन कर बाहर निकलें या किसी के घर जाएं या कोई आप से मिलने आए तो उस पर से नजरें न हटा सकें. लोग पूछते फिरें कि यह ज्वैलरी कहां से ली? आप व्हाट्सऐप पर स्टेटस में अपना फोटो डालें तो लोग भरभर कर आप के लुक और आप की पसंद की तारीफ करें. पड़ोसी, दोस्त या रिश्तेदार जो भी आप को देखे देखता रह जाए.

आप इस दिन के लिए ड्रैस से मैचिंग चोकर नैकलैस, स्टेटमैंट इयररिंग्स, स्टोन स्टड ज्वैलरी सैट आदि देख सकती हैं. कोई महंगी गोल्ड या डायमंड की ज्वैलरी ले सकती हैं. इस में सोने का हार, चूडि़यां, ?ामके और अंगूठियां आदि शामिल हो सकती हैं. कुंदन, पोल्की, मीनाकारी के आभूषण चुन सकती हैं जो तरहतरह की डिजाइनों से सजाए जाते हैं और रंगीन रत्नों से सुसज्जित होते हैं. माणिक, पन्ना, नीलम या अन्य कीमती पत्थरों वाले आभूषण पहन सकती हैं.

नवरत्न आभूषण यानी नौ विभिन्न रत्नों का उपयोग कर के तैयार किया गया शानदार आभूषण लें और सब के आगे खास दिखें. पोल्की से जड़ी भारी सोने की अंगूठियां लें. सफेद या पीले सोने में तैयार किए गए रूबी और हीरे का हार पहनें. चाहे पारंपरिक परिधान हो या रात में रेशमी साड़ी दोनों पर यह अद्भुत लगेगा क्योंकि यह आभूषण चांदनी में एकदम सही चमक के साथ चमकता है.

सोने की चांदबाली इस दीवाली में एक और आकर्षक आभूषण के रूप में देखी जा सकती है. चांदबाली बालियां अर्धचंद्राकार बालियां होती हैं जो आमतौर पर पोल्की और अन्य कीमती पत्थरों से जड़ी होती हैं. सिर्फ एक स्टेटमैंट चांदबाली आप को एक दीवा की तरह दिखने में मदद कर सकती है.

दीवाली के दिन आप अपने महंगे कपड़ों की ऐक्सैसरीज या घर के सामान का दिखावा जरूर करें. मगर यह दिखावा स्टेटस से जुड़ा हुआ दिखावा नहीं है. यह सालभर के त्योहार की खुशी का दिखावा है, जिस में आप अपने लिए दिखावा कर रही हैं, शो औफ कर रही हैं ताकि आप को अच्छा लगे. आप अपने जीवन में कुछ नया उत्साह, कुछ नई उमंग महसूस कर सकें.

घर को सजाएं शो औफ के लिए आप घर को सजाने में कोई कमी न रखें. यह न सोचें कि पैसे ज्यादा लग रहे हैं. कोई सजावटी सामान खूबसूरत होने के साथ महंगा है तो उसे छोड़ कर साधारण खरीद कर लाने की जरूरत नहीं. सालभर का त्योहार है. आराम से कुछ अच्छा ऐसा खरीदें कि जब दीवाली पर कोई घर आए तो पूछे बिना न रह सके कि यह कहां से लिया? क्या गजब का है.

ऐसे सजाएं घर को

आजकल दीवाली और दूसरे फैस्टिवल के मौकों पर घर को सजाने की तरहतरह की चीजें मिलती हैं जैसे वंदनवार, इलैक्ट्रिक लाइटिंग, 3डी रंगोली जिसे स्टिकर की तरह लगाया जा सकता है, वालपेपर, क्रिस्टल और बीड्स की रंगोली, फ्लोटिंग और सैंटेड मोमबत्तियां, कांच के कंदील, झालर आदि. बाजार में कई पैटर्न वाली इलैक्ट्रिक लाइट्स उपलब्ध हैं जिन से आप दीवाली के मौके पर घर को स्टाइल में रोशन कर सकती हैं.

ऐंट्रैंस पर लगातार जलने वाली नीली, हरी, सफेद या लाल लडि़यां लगा सकती हैं तो वहीं ब्राइट लुक के लिए मल्टी कलर्ड लाइट्स भी खूबसूरत लगती हैं. इन के अलावा गोल्डन स्ट्रिंग लाइट्स से आप अपने घर के अलगअलग हिस्सों को सजा सकती हैं. आजकल बाजार में कई तरह की मोमबत्तियां उपलब्ध हैं. आप सैंटेड कलर चेंजिंग कैंडल्स लगा सकती हैं. ये लाइट्स रिमोट बेस्ड या बिजली वाली होती हैं. इन में कलर बदलने का विकल्प भी होता है जिस से घर की खूबसूरती को चार चांद लग जाते हैं. सजावटी लालटेन से भी आप घर के डैकोर को मनचाहा लुक दे सकती हैं.

यहां भी ध्यान रखें कि बहुत सारी सजावट की चीज लेने के बजाय कुछ खास प्रोडक्ट्स लें. भले ही आप का घर बड़ा न हो पर सब से खूबसूरत जरूर दिखे ताकि 10 लोग आप के घर की तरफ टकटकी लगा कर देखें और सोचें कि ऐसा सजावटी सामान कहां से लाए होंगे.

स्वागत भी शानदार हो

यही नहीं घर के लिए कुछ कीमती सामान होगा जिसे आप कई महीनों से टाल रहे थे यह सोच कर कि पैसा होगा तो खरीदेंगे. यही वह समय है जब आप ऐसी खरीदारी भी कर डालें. दीवाली पर आप को बोनस मिला होगा और नहीं भी मिला तो भी सालभर में इतना तो खर्च कर ही सकते हैं ताकि आप को अच्छा महसूस हो और आप दूसरों को दिखा सकें कि आज दीवाली के दिन हम ने यह शानदार चीज खरीदी.

इस दिन लोगों का स्वागत भी शानदार तरीके से कीजिए. नया महंगा सोफा सैट लेना है या औटोमैटिक वाशिंग मशीन या नई बाइक जो भी लेना है दीवाली के मौके पर लीजिए. फिर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों आदि को बुला कर पार्टी कीजिए और उस में अपने नए सामान और चीजों का जम कर शो औफ भी कीजिए.

पार्टी कीजिए धमाल मचा कर

दीवाली पर पार्टी तो ज्यादातर लोग घरों में रखते हैं या दूसरे के घर में जाते हैं. आप भी अपने घर में पार्टी रखें ताकि शो औफ कर सकें अपनी चीजों का, अपनी ज्वैलरी और अपने कपड़ों का, अपने घर की सजावट और महंगे सामान का. फिर आप पार्टी ऐसीवैसी साधारण न रखें कि लोग आएं, खाना खा कर हंसीमजाक करें और चले जाएं. पार्टी कुछ मजेदार थीम वाली हो.

डैक पर गाने बजाएं. उन गानों पर डांस करें. कुछ डांस के गेम्स खेलें. कुछ मनोरंजक गतिविधियां करें. ट्रुथ और डेयर जैसे खेल खेलें और ऐसा हंगाम और मस्ती करें कि महल्ले में सब को पता चल जाए कि आप के यहां पार्टी है. फिर जीभर कर खिलाएंपिलाएं ताकि उस दिन की रौनक बढ़ जाए. जरूरी नहीं है कि दीवाली के दिन ही आप पार्टी करें. उस से 1-2 दिन पहले भी पार्टी कर सकती हैं.

जिस दिन आप के पास समय है या आप छुट्टी ले सकती हैं या फिर आप की छुट्टियां शुरू हो गई हैं उस दिन अपने दोस्तों को बुला लें. रिश्तेदार जो आप के आसपास मौजूद हैं उन्हें भी बुलाएं. अपने करीबी, पड़ोसियों को भी बुला लें और मिल कर धूम मचाएं ताकि इस दिन की तसवीरें यादें बन कर सालभर आप के जेहन में रहें. इन तसवीरों को अपने स्टेटस या फेसबुक पर डाल कर लोगों को जलाएं भी जरूर.

पटाखे भी हों हट कर

दीवाली में पटाखों के बिना मजा नहीं आता खासकर बच्चों को. उन के लिए कुछ अच्छी क्वालिटी के पटाखे लें. ऐसे पटाखे जो भले ही थोड़े महंगे हों मगर उन की रोशनी और आवाज दूर तक जाती हो ताकि जब आप छत पर या दरवाजे के बाहर उन्हें जलाएं तो दूरदूर से लोग उन्हें देख सकें. 1 घंटा भी अगर मन भर कर रोशनी वाले पटाखे जैसे अनार रैकेट, चकरी आदि जला लिए तो दीवाली की खुशी दोगुनी हो जाती है. हर बार कुछ नए तरह के पटाखे जरूर आते हैं. उन्हें जरूर ट्राई करें और बच्चों का उत्साह बढ़ाएं

इस Diwali बाजार से महंगी मिठाई लाने के बजाय घर पर ही इन सस्ती चीजों से बनाएं ये टैस्टी स्वीट्स

बस कुछ ही दिनों बाद दिवाली (Diwali) का त्योहार आने वाला है. लेकिन लोग महीनों पहले से ही इस त्योहार की तैयारी में जुट गए हैं. इन दिनों हर शाम मार्केट में खूब भीड़ देखने को मिलती है. घर की डेकोरेशन से लेकर नए कपड़े तक लोग इस त्योहार को सेलिब्रैट करने के लिए तरहतरह की चीजें खरीदते हैं. इसके अलावा मिठाइयों की दुकान पर सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है. मिठाई लेने के लिए लोग घंटों लाइन में खड़े रहते हैं और त्योहार पर मिठाइयों की महंगाई ज्याद बढ़ जाती है, तो क्यों न इस दिवाली आप घर पर ही खुद से आसान तरीकों से मीठे में कुछ डिशेज बनाएं. आपको इनकी सामग्री भी खरीदने में भी कम पैसे लगेंगे. तो आइए जानते हैं इन स्वीट्स की आसान रेसिपी.

1. बेसन की बर्फी

सामग्री

3 कप बेसन
1 कप देसी घी
2 कप चीनी
7 कटे हुए बादाम
7 कटे हुए काजू

बनाने की विधि

  • एक पैन या ट्रे को घी से अच्छी तरह चिकना कर लें. आप इस पर बटर पेपर या एल्युमिनियम फौयल भी लगा सकते हैं और फिर थोड़ा घी इस पर डाल कर फैला सकते हैं.
  • अब एक पैन गर्म करें, अब इसमें देसी घी डालें और इसे धीमी आंच पर पिघलने दें.
  • घी पिघलने के बाद इसमें बेसन डालें और अच्छी तरह मिलाएं.
  • बेसन का मिश्रण एक पूरी गांठ जैसा हो जाएगा या आप इसे गाढ़ा होने दें. आप इस मिश्रण को चलाते रहें.
  • कुछ मिनट बाद आप देखेंगे कि बेसन का मिश्रण पिघलने लगेगा और किनारों से घी निकलने लगेगा.
  • घी निकलने के बाद भी लगातार चलाते रहें, बेसन अच्छे से भुन जाएगा और उसका रंग हल्का सुनहरा होने दें.
  • एक तरफ चीनी की चाशनी तैयार कर लें और बादाम, काजू को भी बारीक काट लें.
  • बेसन के गाढ़े पेस्ट में चाशनी और ड्राई फ्रूट्स मिक्स करें.
  • इसे अच्छी तरह मिलाएं. अब इस मिश्रण को ट्रे पर रखें.
  • और इसे ट्रे पर पूरा फैलाएं. गर्म मिश्रण हो, तभी क्यूबस के आकार में काट लें. इसे एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करें.

2. सूजी के लड्डू

सामग्री
2 कप सूजी
1 कप दूध
3 बड़ा चम्मच देसी घी
3 बड़े चम्मच मलाई
1 बड़े चम्मच ड्राई फ्रूट्स
1 चम्मच इलाइची पाउडर
आवश्यकतानुसार चीनी का बूरा

बनाने की विधि

  • सबसे पहले एक पैन गर्म करें, इसमें घी डालें.
  • जब घी पिघल जाए, तो इसमें सूजी डालकर भून लें.
  • अब इसमें चीनी का बूरा, ड्राई फ्रूट्स और इलाइची पाउडर भी मिला दें. इसे भूनते रहें.
  • अब इस मिश्रण में मलाई डालें. अगर आपको ये मिश्रण थोड़ा सूखा लग रहा है, तो इसमें दूध डालकर थोड़ा गिला कर दें.
  • अब मिश्रण ठंडा होने के लिए रख दें. आप इनसे स्वादिष्ट लड्डू बांध लें.
  • इससे लड्डू आसानी से बन जाएंगे.

3. खोए की बर्फी

सामग्री

2 कप खोया

आधा कप घी

1 चम्मच इलायची पाउडर

1 कप चीनी

बनाने की विधि

  • एक पैन में घी गर्म कर लें, इसमें  खोया डालकर भून लें.
  • इसे हल्की आंच पर चलाते रहें. फिर इसमें चीनी डालें
  • इसे तब तक चलाते रहें, जब तक चीनी अच्छी तरह न घुल जाए.
  • जब इसका रंग पूरी तरह बदल जाए, तो गैस बंद कर दें.
  • एक ट्रे में घी लगाएं, और खोए को इस पर फैला दें.
  • जब ठंडा हो जाए तो, इलायची पाउडर मिलाएं और बर्फी की शेप में इसे काट दें

Festival में धर्मगुरुओं का दखल क्यों ? त्योहार तो खुशियों की है चाबी

हमारे देश में हर साल कई तरह के त्योहार (Festival) मनाए जाते हैं. ये त्योहार लोगों को उन की रोजमर्रा की दिनचर्या से सिर्फ कुछ समय का ब्रेक ही नहीं देते हैं बल्कि जश्न मनाने और अपनों के साथ रिश्ते मजबूत करने का मौका भी देते हैं. इन त्योहारों का मतलब उपवास करना या धार्मिक रीतिरिवाजों को निभाना नहीं बल्कि जिंदगी में प्यार और उत्साह भरना है. इन्हें धर्म से नहीं बल्कि खुशियों से जोड़ कर देखना चाहिए. प्राचीनकाल से हर त्योहार कुछ खास मतलब से मनाया जाता रहा है.कभी कृषि कार्य आरंभ करने की खुशी, कभी फसल काटने का हर्ष तो कभी मौसम के बदलाव का संकेत. ये बहुआयामी उत्सव हैं.

आज हम ने भले ही इन्हें रीतिरिवाजों और धार्मिक कर्मकांडों में इतना ज्यादा डुबो रखा है कि इन के असली अर्थ और आनंद को भूल गए हैं. फैस्टिवल का मतलब तो हंसीखुशी और ऐंजौय करने का दिन है न कि पूजापाठ करने का दिन. याद रखिए यह पंडितों और धर्मगुरुओं की तिजोरी भरने का दिन नहीं है बल्कि अपने लिए खुशियां ढूंढ़ कर लाने का दिन है. त्योहार की खासीयत है कि यह एकसाथ सब का होता है. आप बर्थडे मनाते हैं, ऐनिवर्सरी मनाते हैं, ये सब दिन आप के पर्सनल होते हैं, आप की फैमिली के लिए खास होते हैं. मगर फैस्टिवल्स पूरे देश में एकसाथ मनाए जाते हैं. हरकोई उसी दिन फैस्टिवल मना रहा होता है. इस का आनंद ही अलग होता है.धर्म का दखल क्योंमगर धर्म ने हमारी खुशियों, हमारे फैस्टिवल्स पर कब्जा कर रखा है. अगर इंसान पैदा होता है तो धर्म और धर्मगुरु आ जाते हैं. धर्मगुरु इस बहाने पैसा कमाते हैं. इंसान मरता है तो भी धर्मगुरुओं की चांदी हो जाती है. जबकि कोई इंसान पैदा या मर रहा है या शादी कर रहा है उस में धर्म का या धर्मगुरुओं का दखल क्यों? इसी तरह कोई भी फैस्टिवल हो धर्मगुरु, पंडित, पुजारी सब अपनी चांदी करने की कोशिश में लग जाते हैं.लोग आंख बंद कर उन के हिसाब से चलते हैं. उन के हिसाब से पूजापाठ में पूरा दिन बिताते हैं और फिर दानधर्म के नाम पर अपनी मेहनत से कमाई हुई दौलत उन पर लुटा देते हैं.

यह फैस्टिवल नहीं हुआ यह तो एक तरह से बस पंडितों की चांदी हुई.मानसिक सेहत के लिए लाभकारी हैं ये फैस्टिवल्सत्योहार यानी खुशियों को महसूस करने का मौका है. अपने सांस्कृतिक महत्त्व से परे त्योहारों का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा लाभ होता है. ये अपनेपन की भावना को बढ़ावा देने, तनाव दूर करने और सकारात्मकता फैलाने में बेहद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. त्योहार ऐसा मौका होता है जब लोग जिंदगी की तमाम चुनौतियों के बावजूद एकसाथ मिल कर मौजमस्ती करते हैं, खातेपीते हैं और खुशियां मनाते हैं. दीपावली, रक्षाबंधन और क्रिसमस जैसे आने वाले त्योहार लोगों के बीच प्यार और सद्भाव को बढ़ावा देते हैं.नवरात्रि का त्योहार हो या दीवाली, क्रिसमस हो या नइया ईयर ये सभी देश के ज्यादातर हिस्सों में काफी धूमधाम से मनाए जाते हैं. त्योहार अपने साथ खुशी और उत्साह लाते हैं.

हैल्थ ऐक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि त्योहार हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डालते हैं. यह एक ऐसा समय होता है जब लोग चिंताओं और परेशानियों को भूल त्योहार के रंग में रंग जाते हैं. गरबा नाइट्स से ले कर पटाखे जलाने या मिठाइयां खाने जैसी कई ऐक्टिविटीज हैं जिन में आप हिस्सा ले सकते हैं. स्वादिष्ठ खाना, करीबी लोगों के साथ वक्त बिताना, फैस्टिव वाइब सभी हम सभी को दिल से खुश कर देते हैं.तनाव से राहतत्योहारों का मौसम ऐसा होता है जब हरकोई सब से अच्छा दिखना चाहता है. महिलाएं अपनी स्किन की देखभाल करती हैं. चेहरे के मास्क से ले कर नेलपौलिश और मेहंदी लगाना या सौंदर्य प्रसाधनों के साथ प्रयोग करना उन्हें भाने लगता है. ये चीजें शरीर और मन को आराम और सुकून देती हैं. जब आप इन का इस्तेमाल करती हैं तो आप को ऐसा लगता है जैसे आप अपना खयाल रख रही हैं. यह सोच तनाव हारमोन को कम करती है. त्वचा को रगड़ना और थपथपाना जैसी सरल क्रियाएं आप की हृदय गति और चिंता को कम करने में मदद कर सकती हैं.

जब आप क्लींजिंग, टोनिंग, मौइस्चराइजिंग जैसे कामों पर ध्यान केंद्रित करती हैं तो आप शांत महसूस करती हैं जिस का आप के मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है.कई अध्ययनों के अनुसार उत्सव के लिए तैयार होने के दौरान बालों को ब्रश करना और स्टाइल देना, शौपिंग करना, नईनई ड्रैसेज पहनना, मेहंदी लगाना जैसे छोटेमोटे प्रयास भी आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और यौवन की अनुभूति देते हैं. हम खुद को खूबसूरत महसूस करते हैं. हमारा दिल और दिमाग उस दौरान काफी स्फूर्तिवान और आनंदित रहता है.त्योहारों के दौरान घर को सजाना, जश्न की तैयारी करना जैसी ऐक्टिविटीज का असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. भले ही हम इन सब कामों को कर थक जाते हैं लेकिन इन से दिमाग और शरीर को नई ऊर्जा मिलती है. तनाव पैदा करने वाले हारमोन का स्तर कम होता चला जाता है.

जब आप त्योहार मनाते हैं, लोगों से मिलते हैं तो आप की दिल की धड़कनें भी सही चलती हैं और बेचैनी दूर रहती है.अगर आप त्योहारों में पूरी तरह से हिस्सा लेते हैं तो आप देखेंगे कि ये किस तरह एक थेरैपी की तरह काम करते हैं. शोध से पता चलता है कि मेकअप या घर की सजावट बेचैनी को दूर करती है. इस से आप के दिमाग में स्ट्रैस कम होता है और नकारात्मक खयाल नहीं आते.आत्मविश्वास बढ़ता हैजब आप अच्छे से तैयार होती हैं और मेकअप कर खूबसूरत दिखती हैं तो इस से सुरक्षा और ताकत की भावना आती है. दरअसल, मेकअप और अच्छे कपड़े आप का आत्मविश्वास बढ़ाने का काम करते हैं. सजनेसंवरने से हमारे शरीर में औक्सीटोसिन नाम का हारमोन रिलीज होता है, जिस से भावनाएं पौजिटिव होती हैं.सकारात्मक सोचत्योहार लोगों में आशा और सकारात्मक सोच का संचार करने में मदद करते हैं. इस दौरान लोग उत्साह का अनुभव करते हैं.

इस से लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है. त्योहार निश्चित रूप से हमें रोजमर्रा की नीरस दिनचर्या से एक ब्रेक देते हैं. इस से लोगों में सकारात्मक भावनाएं पैदा होती हैं और बोरियत की भावना कम होती है.त्योहारों में भाग लेना और उन की तैयारी करना, डांसगाने के प्रोग्रामों में अपनी अच्छी परफौर्मैंस देना व्यक्ति को जीत का एहसास कराता है. किसी भी कार्य को पूरा करना, पकवान पकाना, दीए जलना, खुशियां फैलाना आदि लोगों में प्रेरणा और आत्मसम्मान को बढ़ावा देते हैं.त्योहार व्यक्ति को वर्तमान में मौजूद रहने के लिए प्रेरित करते हैं. ये व्यक्ति को विभिन्न गतिविधियों में शामिल करते हैं जैसेकि भोजन का स्वाद लेना, डांस करना, संगीत बजाना, हंसीखुशी से मिलनामिलाना और छोटों की सराहना करना. इस से लोगों में सकारात्मकता बढ़ती है. त्योहार हमारे जीवन में खुशियां ले कर आते हैं. हम अपने आसपास कई खुशमिजाज लोगों को देखते हैं.

इस का हमारे मूड पर सीधा असर पड़ता है, साथ ही यह एक ऐसा समय होता है जब आप अपने परिवार के लोगों के साथ क्वालिटी टाइम बिताते हैं, गपशप करते हैं और ऐसे काम करते हैं जो आप को खुश करती हैं. त्योहार हमारे जीवन का एक हिस्सा बन जाते हैं और यही कारण है कि लोग एकसाथ क्वालिटी टाइम बिताने के लिए इकट्ठा होते हैं.यह परिवार के साथ घूमने का अच्छा समय होता हैआजकल जीवन में अकसर लोग एकाकी हो गए हैं. हरकोई आत्मनिर्भर है फिर भी काफी व्यस्त है. ये छुट्टियां आप को एकसाथ लाती हैं और आप को अपने परिवार, आनंद और उत्सव का एहसास कराती हैं जो आप के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है. त्योहार आप को महसूस कराते हैं कि आप के पास लोग हैं जिन्हें आप का साथ पसंद है. सा?ा खुशी हमेशा अकेले बैठने से बेहतर होती है. त्योहार मूड के सकारात्मक पक्ष और शरीर में खुशी के हारमोन के उत्पादन को बढ़ाते हैं. ये एकाकीपन को चुनौती देते हैं. त्योहारों के दौरान ऐसी कई गतिविधियां होती हैं जो आप का उत्साह बढ़ाती हैं और आप को अपने बारे में अच्छा महसूस कराती हैं.

कुछ नया सोचेंहमेशा जरूरी नहीं कि त्योहारों को एक ही तरह से मनाया जाए या एक ही तरह से सारी बातें की जाएं, वही पुराने रीतिरिवाज, वही पाठपूजन और वही दिनभर लेनदेन. कोशिश करें कि हर बार त्योहारों को एक नए तरीके से मनाया जाए. एक नए जज्बे के साथ कुछ अलग करें. अगर हर बार आप त्योहार पर अपने घर में धूम मचाते हैं तो इस बार किसी खास रिश्तेदार के घर चले जाएं और मिल कर फैस्टिवल मनाएं या फिर इस बार आप कुछ नया खरीदें. घर की जरूरत की कुछ बड़ी चीज जैसे गाड़ी वगैरह या रसोई का बड़ा सामान ताकि वह फैस्टिवल यादगार बन जाए. आप इस दिन नए घर में शिफ्ट कर सकते हैं या नया घर खरीद सकते हैं.यही नहीं आप फैस्टिवल के दिन किसी और के बारे में भी सोचें. किसी अनजान को खुशियों का उपहार दें. किसी अनाथालय चले जाएं या किसी वृद्धाश्रम चले जाएं. वहां सब के साथ मिल कर खुशियां मनाएं. उन लोगों के चेहरों पर मुसकान लाएं.

किसी गरीब बस्ती में चले जाएं और मिठाइयां बांटें. कुछ ऐसा कीजिए जो आप हर बार नहीं करते और उसे कर आप को बहुत खुशी मिले.कहीं घूमने जाएंजरूरी नहीं कि फैस्टिवल का मतलब घर में ही रौनक बढ़ाई जाए या घर को सजाया जाए अथवा नए कपड़े पहने जाएं. कभी आप ऐसा भी करें कि कहीं घूमने निकल जाएं. लंबी छुट्टी मिल जाती है. सैटरडेसंडे और त्योहार के 2 दिन मिला कर 3-4 दिन के लिए कहीं घूमने जा सकते हैं वरना औफिस और घर के बाद आप को कहीं जाने का समय नहीं मिलता. यही समय है अपनी जिंदगी जीने का या अपनों के करीब आने का. यही वह समय है जब आप कुछ नई जगह ऐक्सप्लोर कर सकते हैं.कहीं ऐसी जगह घूमने जाएं जहां आप अपनी पसंद के हिसाब से घूम सकें. फिर वैसे भी फैस्टिवल हर जगह मनाया जाता है तो आप कहीं भी हों वहां पर आप फैस्टिवल का मजा भी ले सकते हैं.फैस्टिवल पार्टीकभी ऐसा भी कीजिए कि फैस्टिवल के दिन या उस से 1-2 दिन पहले आप फैस्टिवल पार्टी रखें.

अपने घर में सब को बुलाएं जो आप के करीब हैं या आप के दोस्त और रिश्तेदार हैं. उन सब के साथ मिल कर कुछ वक्त साथ बिताएं. धूम मचाएं और गानों पर डांस करें. सारी परेशानी, चिंता और कमियां भूल कर बस खुशियां और खुशियां ही बटोरें. आप घर में मिठाइयां बना सकते हैं. कुछ नमकीन वगैरह तैयार करें.घर का एक कमरा अच्छे से सजा दें. सब के साथ समय बिताएं. गेम्स खेलें. एकदूसरे के दिल का हाल जाने. साथ समय बिताएं और खानापीना करें. हंसीमजाक करें. जिंदगी का एक दिन इतना खूबसूरत बना लीजिए कि उस दिन की यादें महीनोंसालों तक कायम रहें.दिल को छूने वाले गिफ्टफैस्टिवल एक ऐसा मौका है जब आप किसी को उस का मनपसंद गिफ्ट दे कर उस के चेहरे पर मुसकराहट ला सकते हैं. उस की जिंदगी को संवार सकते हैं. उसे नई खुशी दे सकते हैं.

जरूरी नहीं कि आप कोई महंगी चीज ही खरीदें. आप किसी के लिए अगर उस की जरूरत की चीज खरीदते हैं और गिफ्ट के रूप में उसे इस दिन देते हैं तो वह कभी आप को भूल नहीं पाएगा. आप गौर करें कि किस को किस चीज की जरूरत है और फिर फैस्टिवल के मौके पर उसे बहाने से वह चीज दे सकते हैं.वह शख्स आप का अपना भी हो सकता है या पराया भी, अनजान भी. मगर आप अगर इस तरह किसी को गिफ्ट देते हैं तो आप को अंदर से खुशी मिलेगी. आप का अपना कोई कई महीने से किसी चीज के लिए आप को कह रहा है तो बस यही समय है जब आप उसे वह चीज ला कर दें और फिर देखें कैसे वह आप के गले लग जाता है.पूजापाठ नहीं खुशियां बटोरेंफैस्टिवल का मतलब यह नहीं कि आप सुबह से पूजापाठ की तैयारी में लगे रहें. बाजार से पूजा का सामान ले कर आएं. पंडित के घर जा कर उस को न्योता दे कर आएं और फिर प्रसाद बनाने और पूजा का सामान व्यवस्थित करने में लग जाएं. खुद नहाधो कर पूजापाठ करने लग जाएं और फिर पंडितजी के आने का इंतजार करें.

फिर जब पंडित पूजा शुरू करें तो सुबह से रात शाम तक बस उसी में लगी रहें.फैस्टिवल का मतलब पूजापाठ में समय लगाना नहीं बल्कि खुशियां बटोरने में समय लगना होता है. फैस्टिवल हमारे लिए आते हैं ताकि हम अपने दिलोदिमाग में, अपनी जिंदगी में कुछ परिवर्तन ला सकें. कुछ खुशियां बटोर सके. लेकिन महिलाएं धार्मिक रीतिरिवाजों में सुबह से रात तक बिजी रहती हैं और फिर वे इतनी थक जाती हैं कि फैस्टिवल का आनंद ही नहीं ले पातीं.फैस्टिवल दिमाग को तनाव मुक्त करने के लिए आते हैं न कि अपने दिमाग को पूजापाठ में लगाने के लिए. अगर आप बस इसी सोच में रह जाएं कि कहीं कोई रिवाज छूट न जाए, कुछ गलत न हो जाए, पूजा में कोई कमी न रह जाए तो आप को कुछ और करने का समय ही नहीं मिलेगा. अकसर देखा जाता है महिलाएं अपने बच्चों और पति को डांटती रहती हैं कि ऐसे करो वैसे करो. यह चीज ले कर आओ वह काम करो. कई दफा खुद ही बाजार चली जाती हैं पूजा के लिए सामग्री लाने के लिए.घर में फैस्टिवल के दिन कोई पूजा के लिए लकडि़यां ला रहा है तो कोई खास तरह के पत्ते. इसी तरह खास तरह की पूजा की सामग्री लानी भी जरूरी हो जाता है. इंसान का पूरा दिन इसी सब में निकल जाता है. कुछ लोग मंदिर जाते हैं तो मसजिद, चर्च जाते हैं. पूरा दिन इस तरह से बिता देते हैं. इस तरह फैस्टिवल मनाने का कोई फायदा नहीं. आप फैस्टिवल में जिंदगी जीने का प्रयास करें. पूरे उत्साह और प्यार से इस दिन को ऐंजौय करें.

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