सुबह जल्दी जगना क्यों जरूरी है?

हर रोज रात को सोते समय हम अलार्म लगाते हैं, कि कल से सुबह जल्दी उठना शुरू करेंगे, लेकिन जब अलार्म बजता है तो इतना गुस्सा आता है कि मोबाइल को कहीं दूर उठाकर फेंक दें. बार-बार अलार्म को बंद कर देते हैं. घर वाले उठा उठाकर परेशान हो जाते हैं, लेकिन सुबह की नींद को खराब करने का मन नहीं करता. ये समस्या आजकल ज्यादातर लोगों की है. वे रोज सुबह जल्दी उठने की आदत डालना तो चाहते हैं, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी सफल नहीं हो पाते.

यह विषय ऐसे लोगों के लिए ही है जो चाहकर भी अपनी आदतों को नहीं बदल पाते, लेकिन सबसे पहले ऐसे लोगों के लिए ये जानना जरूरी है कि दुनिया के बेहद कामयाब लोग जैसे स्टीव जॉब्स, टिम कुक, बराक ओबामा, मार्क जुकरबर्ग से लेकर नरेंद्र मोदी तक एक बात बहुत कॉमन है कि ये लोग सुबह हर हाल में जल्दी उठते हैं.

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हालांकि इसका ये मतलब नहीं है कि सुबह देर से उठने वाले लोग कामयाब नहीं होते, लेकिन सुबह जल्दी उठने वालों और देर से उठने वालों के बीच क्या फर्क होता है? सुबह जल्दी उठने के क्या फायदे होते हैं? साथ ही सुबह जल्दी उठने की आदत कैसे डाली जाए? इस बारे में हमने बात की आगरा की मोटिवेशनल स्पीकर सुचिता मिश्रा से.

जानिए सुबह उठने के फायदे

सुबह उठने से मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है. डिप्रेशन और स्ट्रेस जैसी परेशानियां नहीं सताती हैं. तमाम शोध में ये बात सामने आई है कि सुबह जो लोग जल्दी उठते हैं, उनका एनर्जी लेवल हाई होता है, दिमाग तरोताजा यानी फ्रेश होता है. इसके अलावा सुबह का वातावरण शांत होता है. लिहाजा सुबह जल्दी उठने वाले लोग अपना काम फ्रेश माइंड से और बेहतर एनर्जी के साथ अपना काम बेहतर एकाग्रता के साथ करते हैं. इससे प्रोडक्टिविटी बढ़ती है और परिणाम बेहतर आते हैं. सुबह उठने वालों को आत्मविश्वास मजबूत रहता है.

जानिए देर से उठने वालों और जल्दी उठने वालों के बीच का फर्क

आमतौर पर हर घर में दोनों तरह के लोग मिल जाते हैं, सुबह जल्दी उठने वाले भी और देर से उठने वाले भी. जब आप उन दोनों के बीच तुलना करेंगे तो पाएंगे कि जो लोग रात में देर तक जागते हैं और सुबह देर तक सोते हैं वे उठने के बाद भी खुद को फ्रेश महसूस नहीं कर पाते.

उठने के बाद उनका एनर्जी लेवल डाउन होता है. आलसपन रहता है. उठने के बाद भी वे करीब आधे से एक घंटे का समय इधर-उधर बैठकर या लेटकर गुजार देते हैं. जबकि जल्दी उठने वाले लोगों में एक अलग एनर्जी होती है. अपने महत्तवपूर्ण काम सुबह निपटा देने के बाद भी वे थकते नहीं. याद रखिए थके हुए शरीर से आप बहुत ज्यादा काम नहीं ले सकते. अगर जबरन कोशिश की तो शरीर बीमार पड़ जाएगा. इसलिए सुबह जल्दी उठने की आदत डालिए.

देर से उठने की आदत को कैसे बदलें

सबसे पहले देर से सोने की आदत को बदलें. देर से सोने के कारण हमारे शरीर की पूरी साइकिल गड़बड़ा जाती है. इसलिए रोजाना रात को कम से कम 10 से 11 के बीच जरूर सो जाएं ताकि शरीर को छह से सात घंटे की नींद मिल सके और आप सुबह समय से उठ सकें.

हर रोज रात को सोते समय खुद को ये रिमाइंड कराएं कि आपको सुबह जल्दी उठना है. इससे आपका दिमाग अलर्ट मोड पर रहेगा और आपकी आंख खुद ही सुबह जल्दी खुल जाएगी. जब भी कोई आदत बदलने की ठाने तो उस काम को कम से कम धैर्यपूर्वक 21 दिनों तक जरूर करें, क्योंकि किसी भी नई आदत को बनने में 21 से 30 दिनों का समय लगता है. अपने दिमाग को कंफर्ट जोन से बाहर निकालने के लिए खुद को किसी कारण से जोड़िए. इससे उस काम को करने की आपकी आत्मशक्ति और मजबूत होगी.

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सबसे महत्त्वपूर्ण बात जो आपके लिए समझना बहुत जरूरी है कि जितने भी कामयाब लोग हैं. उन सभी के पास एक दिन में 24 घंटे होते हैं और हमारे पास भी, लेकिन वो किस मुकाम पर बैठे हैं और हम कहां हैं. इस बात पर कभी विचार करेंगे तो आप पाएंगे कि उन सभी का टाइम मैनेजमेंट बहुत जबरदस्त होता है. वे सभी एक एक मिनट की अहमियत को समझते हैं और उसे फिजूल बर्बाद नहीं करते. इसलिए अगर आप वाकई किसी भी तरह से कामयाब होना चाहते हैं, तो ऐसे सफल लोगों के बारे में जरूर पढ़ें ताकि आपको समय की अहमियत और उसका प्रबंधन समझ में आ सके.

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