रिजेक्शन की वजह लोग अजीब बताते है – टीना फिलिप

धारावाहिक ‘एक आस्था ऐसी भी’ से कैरियर की शुरुआत करने वाली छोटे पर्दे की अभिनेत्री टीना फिलिप का जन्म दिल्ली में और पालन-पोषण लन्दन में हुआ. 6 साल की उम्र में उन्हें पिता के नौकरी की वजह से लन्दन शिफ्ट होना पड़ा. उनके पिता फिलिप कोचित्टी फ्रेंच एम्बेसी में काम करते है. टीना चार्टेड अकाउंट है और दो साल लन्दन में जॉब भी कर चुकी है. हंसमुख और विनम्र स्वभाव की टीना को बचपन से ही एक्टिंग और डांसिंग का शौक था, लेकिन पेरेंट्स के जोर देने पर उन्होंने अपनी पढाई पूरी की और जॉब किया.

जॉब करने के दौरान टीना ने लन्दन में थिएटर ग्रुप ज्वाइन किया और अभिनय के लिए ऑडिशन भी दिया , लेकिन भारतीयों के लिए वहां सीमित भूमिकाएं होने की वजह से उन्हें आगे बढ़ना मुश्किल था. इसलिए टीना परिवार की इजाजत लेकर पहले साउथ फिर मुंबई अभिनय के लिए आई. काम के दौरान टीना को अपने को-स्टार निखिल शर्मा से प्यार हुआ और उनकी इंगेजमेंट भी हो गई है. टीना अगले साल शादी भी करने वाली है. 

टीना अभी दंगल टीवी पर प्रसारित शो ‘ऐ मेरे हमसफर’ मुख्य भूमिका निभा रही है, जिसे बहुत पसंद किया जा रहा है. उन्होंने अपनी जर्नी के बारें में बताई, पेश है कुछ खास अंश. 

सवाल-इस शो में आपकी भूमिका क्या है?

मैं इस शो में दो भूमिका निभा रही हूं, पहले मैंने विधि शर्मा एक साधारण लड़की की भूमिका निभाई है, जो बहुत बुद्धिमान है और हर काम को आसानी से कर लेती है. किसी कारणवश विधि की शादी बड़े बहन की पति के साथ हो जाती है, लेकिन बड़ी बहन वापस लौट कर विधि को मौत के मुहँ में धकेल देती है. इसके बाद मेरी दूसरी भूमिका हमशक्ल कोमल कली की है, जो बार डांसर है. पहली भूमिका मेरे जैसी है, लेकिन दूसरी भूमिका मेरे लिए चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि ये मुझसे अलग है, लेकिन इसे करने में मज़ा भी आ रहा है.

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सवाल-दो भूमिका निभाना कितना मुश्किल होता है?

इसमें समय बहुत जाता है. बार-बार मेकअप करना पड़ता है, क्योंकि एकबार शांत बहू की भूमिका ,तो दूसरी लाउड भूमिका है, लेकिन मुझे अच्छा लग रहा है. मेरा स्वभाव विधि की तरह शांत है, ऐसे में लाउड रोल करना मेरे लिए चुनौती है. इसमें अभिनय के कई शेड्स है. इसके लिए मुझे राजस्थानी भाषा भी सीखनी पड़ी. एक शो में दो भूमिका का मिलना मेरे लिए बड़ी बात है. 

सवाल-अभिनय की प्रेरणा कहाँ से मिली?

मुझे बचपन से ही अभिनय के क्षेत्र में जाना था. मैं बहुत क्लियर थी, इसलिए स्कूल में कई नाटकों में भी भाग लिया. बड़े होने पर थिएटर ग्रुप भी ज्वाइन किया और 2 साल तक थिएटर के साथ-साथ पढाई भी की. मेरे परिवार में सभी शिक्षित और अच्छा जॉब कर रहे है. मेरे परिवार को भी मेरा काम जरा भी पसंद नहीं था, पर मुझे अभिनय करने में मज़ा आता था. यू के मैंने चार्टेड अकाउंट का जॉब किया. वहां चार्टेड अकाउंट में पास होना एक बड़ी बात थी. कई बार फेल भी हुई, पर पढाई जारी रखी. इससे मुझे ये प्रेरणा मिली कि आप कभी भी गिवअप न करे. इसके अलावा लन्दन में मुझे मेरे हिसाब से अभिनय मिलना मुश्किल था.  

सवाल-पेरेंट्स की प्रतिक्रिया क्या थी?

पिता ने कभी किसी काम के लिए मना नहीं किया. वे लिबरल विचार के है, लेकिन मेरी माँ अभी भी नहीं मान रही है. वे अभी भी मुझे वापस आने के लिए कहती है. कई बार कहने पर पेरेंट्स ने एक साल का समय अभिनय में ट्राई करने के लिए दिया, लेकिन इससे पहले मुझे पढाई ख़त्म करनी थी, जो मैंने किया. भारत में मैंने पहले साउथ जाकर कोशिश की, क्योंकि साउथ से कई हीरोइने हिंदी फिल्मों में काम किया है, पर वहां भी एक साल में बात कुछ नहीं बनी. इसके बाद मैं मुंबई आई और यहाँ पर ‘एक आस्था ऐसी भी’ में मुख्य भूमिका के लिए ऑडिशन दिया, पायलट भी बन गया. हीरो बदलते गए, पर मैं बदली नहीं गयी. इसके साथ-साथ मैं और भी कई ऑडिशन देती रही. इस बीच मैंने देखा कि एक ‘आस्था ऐसी भी’ शो की फिर से ऑडिशन हो रहा है. मैंने फिर से उन्हें मेरी पहचान छुपाकर ऑडिशन दिया. इस तरह डेढ़ साल तक मैंने उसमें समय गवाया था, लेकिन वह शुरू नहीं हुई. मैं माँ के कहने पर वापस लन्दन चली गयी और जॉब भी करने लगी. 6 महीने के बाद उसी प्रोडक्शन हाउस के किसी ने मुझे फ़ोन कर बताया कि शो शुरू हो रहा है और आप ही मुख्य भूमिका में है. मैंने आने से मना कर दिया. मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि वे उस शो को वाकई कर रहे है, लेकिन प्रोडक्शन हाउस ने मेरा टिकट बुक कराया और मैं फिर से मुंबई आकर अभिनय करने लगी. 

सवाल-संघर्ष कितना रहा?

संघर्ष केवल मुंबई में ही नहीं यूके, साउथ फिल्म इंडस्ट्री में भी रहा. संघर्ष पूरे जीवन का रहता है. ये कभी ख़त्म नहीं होता. मुझे हमेशा से एक्टर ही बनना था. मैं गलती से यहाँ नहीं आई थी. इसके लिये मुझे परिवार से भी लड़ना पड़ा, क्योंकि मेरा सारा परिवार काफी शिक्षित और बड़े ओहदे पर काम कर रहे है. मुंबई में भी मेरा 4 से 5 साल चले गए, लेकिन आखिर में मुझे अच्छा काम मिला. इसके लिए मैंने बहुत मेहनत की है. अच्छी तरह हिंदी बोलना सीखा है. 

सवाल-रिजेक्शन का असर आप पर कितना रहा? 

रिजेक्शन से मन ख़राब होता है. लोग अजीब सी बातें रिजेक्शन की वजह बताते है, जैसे मेरा स्किन टोन सही नहीं है. मैं डार्क हूं, मुझे चमकाने के लिए कहते थे. तब मैं सोचती थी कि ये कोई बर्तन है, जिसे चमकाया जा सकता है. अभी चीजे थोड़ी अच्छी हो गई है, लेकिन मुझे लगता है कि अभी भी हम कोलोनियल हैंगओवर में जी रहे है, क्योंकि हमें विदेश की चीजे अधिक पसंद आती है. यहाँ सबको गोरा बनना पसंद है, लेकिन यूके में सबको टैनिंग पसंद है. वहाँ मेरे स्किन टोन को आज तक किसी ने कुछ नहीं कहा है. यहाँ पर मैंने डार्क स्किन टोन पर विज्ञापनों और टीवी इंडस्ट्री में काफी सुना है, लेकिन शिक्षा की वजह से मैं इससे निकल गई, क्योंकि मेरा बैकअप प्लान है और मेरा आत्मविश्वास भी काफी स्ट्रोंग है. 

सवाल-क्या फिल्मों और वेब सीरीज में काम करने की इच्छा है?

फिल्मों और वेब सीरीज में काम करने के लिए ही लोग बॉलीवुड में आते है और सही स्क्रिप्ट मिली तो मैं अवश्य करना चाहूंगी, लेकिन टीवी में सब लोग एक परिवार की तरह काम करते है, जो फिल्मों में नहीं होता. मैं अलग-अलग माध्यम में अनुभव के लिए काम करना चाहूंगी. मैं टीवी में काम करके बहुत खुश हूं. 

सवाल-इंटिमेट सीन्स के लिए आप कितनी सहज है?

मैं कम्फ़र्टेबल नहीं हूं. इंडियन कल्चर में पली-बड़ी हुई हूं. बिना अन्तरंग दृश्य के भी प्यार के इज़हार को दिखाया जा सकता है. मैंने कई वेब सीरीज को इसलिए छोड़ा भी है. 

सवाल-समय मिलने पर क्या करती है?

समय मिलने पर किताबे पढना, योगा करना, गाने गाना, खाना बनाना और नए-नए विडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करती हूं. इसके अलावा ऑनलाइन चेस भी खेलती हूं.

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सवाल-क्या आपके सपनो का राजकुमार कोई है? 

मेरे सपनो का राजकुमार निखिल शर्मा है, जिनसे मेरी सगाई हो चुकी है और अगले साल शादी भी करने वाले है. 

सवाल-किसी रिश्ते को अच्छा बनाये रखने के लिए किन चीजो को ध्यान में रखना चाहिए?

रिश्तों के लिए ईमानदारी, सच्चाई, एक दूसरे को सम्मान देना आदि होने चाहिए. 

सवाल-इंडस्ट्री में आने से पहले किस बात को सोच लेना चाहिए?

इंडस्ट्री में आने से पहले ये जान लें कि आप किस लिए आना चाहते है, पैसा, फेम या लव ऑफ़ एक्टिंग. इससे सही दिशा मिलती है. अभिनय के लिए थिएटर में काम करना बहुत जरुरी है. आपका पैशन क्राफ्ट के लिए होनी चाहिए. चेहरे या बॉडी के लिए नहीं.

सवाल-डार्क कॉम्प्लेक्शन को लेकर महिलाएं बहुत परेशान रहती है, इस बारें में आपकी राय क्या है?

किसी के कहने पर आप परेशान न होयें. अपनी आत्मविश्वास को बनाए रखें. खुद को अंदर से निखारे, ताकि आपका व्यक्तित्व खुल कर सामने आयें. उसका महत्व अधिक होता है. काली या गोरी रंगत का इस पर प्रभाव नहीं होता. बाहरी दिखावट से अधिक एक अच्छे इंसान का होना जरुरी है. आप जो है, उसे बनाये रखें और खुद पर गर्व महसूस करें.

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