मैं फेस पर क्रीम इस्तेमाल करती हूं तो मेरी स्किन ड्राई लगने लगती है, मैं अब क्या करूं?

सवाल

मैं जब भी क्रीम का इस्तेमाल करती हूं तो स्किन ड्राई लगने लगती है. बताएं क्या करूं?

जवाब

स्किन में पानी और तेल का बैलेंस होना बहुत जरूरी है. अगर  तेल की कमी हो तो स्किन ड्राई हो जाती है. लेकिन जब पानी की कमी होती है तो डीहाइड्रेटेड हो जाती है. ऐसे में तेल लगाने से स्किन काली नजर आने लगती है. स्किन डीहाइड्रेटेड है इसलिए अपने फेस पर मौइस्चर का इस्तेमाल करें. यह आप की स्किन में तुरंत ऐब्जौर्ब हो जाएगी और फेस को बिना औयली किए मौइस्चराइज भी करेगी. वैसे आप अपने फेस को मौइस्चराइज करने के लिए ऐलोवेरा जैल का इस्तेमाल भी कर सकती हैं. घरेलू उपाय के तौर पर पके हुए केले को शहद के साथ मैश कर के फेस पर लगाएं और फिर कुछ देर बाद पानी से धो लें. ऐसा हर हफ्ते करने से स्किन सौफ्टस्मूथ व मौइस्चराइज होगी.

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मेरी स्किन काफी ड्राई है. मेरे फेस पर ग्लो भी नहीं है. मु झे ग्लो लाने के लिए कौन सा फेशियल कराना चाहिए?

जवाब

जब स्किन में सेरामाइड की कमी होती है तो यह सूखापन और जलन पैदा कर सकती है. यह एक लिपिड है जो स्किन की सब से बाहरी परत में पाया जाता है और स्किन की नमी को बनाए रखने में मदद करता है. इस कमी से चेहरे का ग्लो भी खत्म होने लगता है. इसलिए आप ग्लो लाने के लिए  फेशियल का सहारा ले सकती हैं. आप की स्किन ड्राई है इसलिए आप को पोषण युक्त ऐसा फेशियल करवाना चाहिए जिस में नमी की मात्रा अधिक होआजकल हाइड्रा फेशियल अवेलेबल है जो ड्राई स्किन के लिए बहुत ही अच्छा है वरना अल्फा हाइड्रौक्सी ऐसिड फेशियल भी मृत त्वचा को हटा कर त्वचा में नई ऊर्जा भर देता है. इस फेशियल को करवाने के बाद त्वचा रूखी नजर नहीं आती है. इस के साथसाथ ऐसी क्रीम का इस्तेमाल करें जिस में ऐलोवेरा और नियासिनमाइड दोनों हों.

-समस्याओं के समाधान

ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा

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फेस क्रीम चुनते वक्त रखें इन बातों का ख्याल

कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में सल्फेट मिला होता है, जो स्किन को नुकसान पहुंचाता है. इन प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से कोई सुंदर तो दिखने से रहा, उल्टा स्किन खराब हो सकती है. कई शैंपू, माउथवॉश और टूथपेस्ट में भी ये मिला होता है. इनसे स्किन एलर्जी के अलावा, फेस और चिन पर पानी वाले एक्ने होने जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती है. जानिए, सल्फेट प्रोडक्ट्स किस तरह स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

जानलेवा भी हो सकते हैं साबित

आज कई छोटी कंपनियां ब्यूटी प्रोडक्ट्स में सल्फेट की क्वांटिटी ज्यादा मिला देती है, जिससे वे यूज करते समय लगेंगे तो अच्छे, लेकिन नुकसान बेहद करेंगे. शैंपू और फेश वॉश जैसी चीजों में अगर झाग ज्यादा आ रहा है, तो समझ जाएं कि उनमें सल्फेट की मात्रा अधिक मिली है. सल्फेट मिलने से दूसरी चीजें कम मिलानी पड़ती हैं, जिससे प्रोडक्ट की लागत कम हो जाती है. सल्फेट के साथ ही वे टॉक्सिक इंग्रेडिएंट्स प्रोडक्ट्स में मिला देते हैं, जिनका इस्तेमाल आपके लिए खतरनाक हो सकता है. दरअसल, ब्यूटी प्रोडक्ट्स लगाते ही आपकी स्किन पर काम करना शुरू कर देते हैं, ऐसे में कई बार ये प्रोडक्ट स्किन के अंदर समाकर आपके लिए घातक भी हो जाते हैं. सल्फेट स्किन को ड्राई और डल भी कर देता है.

बैक्टीरिया रोकता है

सल्फेट मिलने से प्रोडक्ट में बैक्टीरिया को रोकने और डिओ, लोशन, लिपस्टिक, शैंपू, स्क्रब्स आदि प्रोडक्ट्स में प्रिजर्वेटिव के लिए इस्तेमाल होने वाली चीजें कम हो जाती है, जिससे आपको स्किन इन्फेक्शन, दाग धब्बे और पिंपल्स जैसी प्रॉब्लम्स आ सकती है.

बालों का नेचुरल रंग फेड

अधिक सल्फेट मिले शैंपू से बालों का नेचुरल रंग फेड हो जाता है. यही नहीं, इससे बालों के क्यूटिकल खुल जाते हैं और इनके कमजोर होने और टूटने का खतरा बढ़ जाता है. सल्फेट से बालों के ड्राई होने और स्कैल्प में खुजली होने जैसी परेशानियां सामने आती हैं.

प्रोटेक्टिव लेयर को नुकसान

यह हाथों की त्वचा, बालों या मुंह के लिए ठीक नहीं होता. ज्य़ादा फोमिंग से त्वचा की नमी और प्रोटेक्टिव बैरियर नष्ट हो जाते हैं. सल्फेट युक्त टूथपेस्ट से त्वचा की तरह मुंह की बाहरी प्रोटेक्टिव लेयर नष्ट होती है.

ऑक्सीबेनजॉन

ये सनक्रीम में अधिक मिलाया जाता है. रिसर्च के मुताबिक, ऑक्सीबेनजॉन हमारे हार्मोनल सिस्टम को पूरी तरह बर्बाद कर सकता है. यह प्रोडक्ट स्किन पर एक ऐसी लेयर बना देता है, जिससे इसकी टॉक्सिन्स रिलीज करने की एबिलिटी कम हो जाती है. एक्ने होने के अलावा ये स्किन फंक्शन और सेल्स का डेवलपमेंट भी धीमा कर देता है. यह पारा, कोलतार, एल्युमिनियम, डीट, डाइऑक्सिन, फॉर्मल्डिहाइड, पारा-अमीनोबेन्जॉइक एसिड, कैंफर और कार्बन ब्लैक भी ब्यूटी प्रोड्क्ट्स में इस्तेमाल होने वाले कुछ कॉमन टॉक्सिक इंग्रीडिएंट्स हैं.

टोनर

अगर आपकी स्किन ड्राई है, तो ऐसे प्रोडक्ट का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें, जिसमें अल्कोहल या एथनोल का इस्तेमाल हो. इनके बजाय आप यूज करें नेचरल टोनर का.

क्लींजर

क्लीनजिंग प्रोडक्ट्स में सोडियम लायरल सल्फेट के रूप में सल्फेट पाया जाता है. ये सल्फेट्स फोमिंग एजेंट होते हैं और ये आपकी त्वचा की ड्राईनैस को बढ़ा देते हैं.

स्क्रब्स

अगर स्किन ड्राई है, तो किसी भी तरह के स्क्रब का प्रयोग न करें. हां, हफ्ते में एक बार किसी ऐसे स्क्रब का इस्तेमाल करें, जिसमें किसी दानेदार चीज का इस्तेमाल न हो.

सनस्क्रीन

जेल बेस्ड सनस्क्रीन आपकी रुखी त्वचा पर टिक नहीं पाती है इसलिए यह आपके त्वचा के लिए असरदार नहीं है.

अवाइड करें इन्हें भी

पैराबेन

मेकअप प्रोडक्ट्स, मॉइश्चराइज़र, शेविंग जेल, शैंपू, पर्सनल ल्यूब्रिकैंट्स और स्प्रे टैन प्रोडक्ट्स (स्किन टैन करने लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्प्रे) में पैराबेन की मात्रा डाली जाती है. कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि लॉन्ग चेन वाले पैराबेन (प्रोपाइल और ब्यूटाइल पैराबीन्स) और इस ग्रुप के दूसरे केमिकल्स जैसे आइसोप्रोपाइल और आइसोब्यूटाइल पैराबीन्स एंडोक्राइन सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है और रिप्रोडक्टिव सिस्टम में गड़बड़ियां आने के साथ ही इससे मेंटल ग्रोथ भी रुक सकती है. पेग्स ये भी फेस वॉश, स्क्रब्स, बॉडी वॉश, मेकप और टूथपेस्ट बनाने में इस्तेमाल होता है. फेस वॉश और स्क्रब्स में मौजूद रहने वाले ये बेहद छोटे प्लास्टिक बीड्स पॉलिथिलीन से बने होते हैं.

5 Tips: कैसे चुनें सही फेस क्रीम

जब स्किन की जरूरत के अनुसार फेस क्रीम का प्रयोग नहीं होता है तो फेस पर क्रीम का प्रयोग करने के बाद भी फेस पर मनचाहा ग्लो नहीं आता है. अत: स्किन की बेहतर देखभाल के लिए स्किन की जरूरत के अनुसार ही फेस क्रीम का प्रयोग करना चाहिए.

नेचर्स ब्यूटी की मेकअप ऐक्सपर्ट मानसी गुप्ता कहती हैं कि वैसे तो हर फेस क्रीम का दावा होता है कि 1 या 2 हफ्तों में चेहरे में निखार देखने को मिलेगा, पर सही फेस क्रीम का प्रयोग न करने से फेस पर निखार की जगह नुकसान ज्यादा देखने को मिलता है. स्किन के कई प्रकार होते हैं. जैसे सैंसिटिव स्किन, ड्राई स्किन, औयली स्किन, कौंबिनेशन स्किन. चेहरे पर ग्लो पाने के लिए स्किन के हिसाब से ही फेस क्रीम का प्रयोग करें.

1. जैसी स्किन वैसी क्रीम

मानसी गुप्ता कहती हैं कि फेस क्रीम भी स्किन की ही तरह कई तरह से बनी होती है. इस में मौइस्चराजर वाली फेस क्रीम, ग्लिसरीन वाली फेस क्रीम, विटामिन सी वाली फेस क्रीम, ऐंटीऔक्सीडैंट के साथसाथ फेस क्रीम अब ओटमील और अमीनो पेप्टाइड्स वाली क्रीम भी मिलने लगी है. संवेदनशील त्वचा के लिए मौइस्चराइजर फेस क्रीम का प्रयोग करें. यह स्किन को लचीला बना कर उसे हैल्दी और फ्रैश दिखाने में मदद करती है. चेहरे पर आ रही  झुर्रियों को भी कम करने में मदद करती है.

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ड्राई स्किन के लिए ग्लिसरीन युक्त फेस क्रीम लाभकारी होती है. यह त्वचा को अंदर से बाहर तक हाइड्रेट और मजबूत बनाती है. इस का उपयोग करने से त्वचा का रूखापन दूर होता है. ग्लिसरीन फेस क्रीम त्वचा की नमी को बनाए रखने में मदद करती है. यह संवेदनशील त्वचा के लिए भी बेहतर होती है. विटामिंस और ऐंटीआक्सीडैंट क्रीम भी स्किन को हैल्दी बनाने का काम करती है.

2. मौइस्चराइजर और फाउंडेशन

मानसी गुप्ता कहती हैं कि अगर फेस की स्किन ड्राई होने के साथसाथ दानेदार भी हो तो मौइस्चराइजर और फाउंडेशन युक्त क्रीम का प्रयोग करें. यह चेहरे के दागधब्बे छिपाने का काम काफी अच्छी तरह करती है. यह क्रीम स्किन को कई तरह से फायदा पहुंचाती है. यह क्रीम स्किन को केवल सौफ्ट ही नहीं बनाती, बल्कि स्किन के मौइस्चर और शाइनिंग को बरकरार रखते हुए धूप से भी सुरक्षित रखती है. इस में मौइस्चराइजर और फाउंडेशन दोनों के फायदे होते हैं. जब इसे लगा कर मेकअप करती हैं, तो फेस पर शाइनिंग तो आती ही है, यह मेकअप को चेहरे पर लंबे समय तक भी टिकाने का काम करती है.

यह क्रीम प्राइमर, मौइस्चराइजर, फाउंडेशन, ट्रीटमैंट, कंसीलर और सनस्क्रीन का काम एकसाथ करती है.

बीबी क्रीम से स्किन सौफ्ट होती है और उस पर स्पौट भी नहीं दिखते हैं. अगर स्किन पर काफी कीलमुंहासे हैं या वह औयली है तो बीबी क्रीम का इस्तेमाल न करें.

बीबी क्रीम में मल्टीपल न्यूट्रिशंस होते हैं, जिस से स्किन को कई तरह से फायदा मिलता है. फेस के रंग को ठीक करने के लिए सीसी क्रीम का प्रयोग किया जाता है. सीसी यानी कलर करैक्शन क्रीम. यह क्रीम फेस के कलर को निखारने का काम करती है. यह फेस की हर समस्या को दूर करते हुए चेहरे की रंगत को एकसमान बनाने का काम भी करती है. अगर फेस पर काफी कीलमुंहासे हैं, तो सीसी क्रीम का प्रयोग बेहतर रहता है. अगर स्किन काफी ड्राई है तो यह क्रीम लगाने से पहले मौइस्चराइजर जरूर लगा लें.

3. फेस के लिए जरूरी सनस्क्रीन

मानसी गुप्ता कहती हैं कि सीसी क्रीम फेस की स्किन को सेमी मैट और शाइनिंग देती है, तो बीबी क्रीम फेस स्किन को मैट, मौइस्चराइज और शाइनिंग देती है. सीसी क्रीम का टैक्स्चर बीबी क्रीम की तुलना में हलका होता है. बीबी क्रीम अच्छे बेस का काम करती है और यह रोजाना के लुक को निखार देती है. सीसी क्रीम उन के लिए है, जिन की त्वचा में लालिमा की समस्या होती है. बीबी और सीसी दोनों ही क्रीमें त्वचा के साथ अच्छी तरह ब्लैंड हो जाती हैं और फेस को एकसमान कोमल और चमकदार रंगत देती हैं.

4. सनस्क्रीन 2 तरह का होता है

20 एसपीएफ युक्त क्रीम में कैमिकल बेहद कम होता है, जबकि कैमिकल सनस्क्रीन में 20 से ज्यादा एसपीएफ होता है. इस में काफी ज्यादा मात्रा में कैमिकल होता है. जितना ज्यादा एसपीएफ होगा उतना ही ज्यादा कैमिकल होगा. भारत में यूवी किरणें ज्यादा खतरनाक स्तर की नहीं होती हैं, इसलिए यहां कम कैमिकल वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल काफी होता है. ज्यादातर महिलाओं के लिए 25 से 30 एसपीएफ काफी होता है. फेस की स्किन के रखरखाव के लिए नाइट क्रीम का प्रयोग करना भी जरूरी होता है.

5. फेस स्किन को हैल्दी बनाने के टिप्स

– हैल्दी स्किन के लिए फेस के मेकअप को हटाना जरूरी होता है. मेकअप हटाने के लिए अच्छे मिल्क क्लींजर का प्रयेग करें. मिल्क क्लींजर से दिनभर की गंदगी को कौटन से साफ करें. इस के बाद चेहरे को अच्छे फेस वाश से धोएं.

– फेस की स्किन को सही रखने के लिए सप्ताह में 2 बार स्किन को अच्छी तरह ऐक्सफौलिएट करें. इस से स्किन पोर्स में से गंदगी निकल जाती है. इस से ऐक्ने और पिंपल्स कम होंगे. अगर फेस पर पहले से पिंपल्स हों तो उन्हें बचा कर चेहरे को स्क्रब करें.

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– पूरे दिन की थकान और स्ट्रैस अंडरआई एरिया में दिखती है. इसीलिए बहुत जरूरी हो जाता है कि आंखों की खास देखभाल की जाए. इस के लिए बैस्ट क्वालिटी की आई क्रीम या जैल से आंखों की मसाज करें. इस के अलावा बादाम तेल या औलिव औयल से हलके हाथों से आंखों की मसाज करें.

– फेस को सुंदर बनाने के लिए लिप केयर जरूरी होती है. इसलिए रोजाना रात को होंठों पर बादाम तेल या घी लगा कर सोएं. इस से वे काले नहीं होंगे पिंक बने रहेंगे.

– फेस के लिए नाइट क्रीम बेहद जरूरी होती है. स्किन टाइप के हिसाब से नाइट क्रीम मिलती है. इसे लगाने से स्किन हाइड्रेट रहती है. स्किन का टैक्स्चर बेहतर होगा और रंगत एकजैसी हो जाएगी.

क्या आप जानते हैं सेहत से जुड़े इन 5 मिथों का सच

“गोरे पन को बढ़ाना हो या खूबसूरती को निखारना, दाग धब्बे हटाना हो या चेहरे को चमकाना”. हम अक्सर टीवी पर दिखने वाली फैंसी बोतलों और उनपर लिखी चंद पंक्तियों के दावों को सच मानकर दुकानों पर जाकर प्रोडक्ट्स को खरीद लेते हैं. हमारी इस लालसा को और बढ़ाती है उस प्रोडक्ट्स पर छपी तस्वीरें. खूबसूरती को बढ़ाने के चक्कर में हम ये भूल जाते है की त्वचा की देखभाल के लिए सभी प्रोडक्ट्स फिट नहीं बैठते. आपकी स्किन के लिए क्या सही है और क्या गलत, आपकी स्किन के लिए कौनसा प्रोडक्ट्स असर करेगा कौनसा नहीं,आपका बजट और अन्य चीजों की उधेड़बुन में हम अक्सर गलत उत्पादों को खरीद बैठते हैं और कई समस्याओं का शिकार हो जाते हैं. इसलिए आज हम आपको बतायेंगे वो पांच मिथों के बारे में जिसकी सच्चाई जानना आपके लिए बेहद जरूरी है.

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1.“छोटी मात्रा

यह मिथ हमारे बालों से लेकर त्वचा की देखभाल तक के लिए है. आम तौर पर कंपनियों अपने प्रमोशन के दौरान कहती हैं की इस  प्रोडक्ट को छोटी मात्रा में लगाते ही भरपूर निखार और सुंदर त्वचा हो जायेगी तो ये एक भ्रम हैं. इसलिए जब भी आप संदेह की स्थिति में हो तो बोतल के पीछे लिखी मात्रा से थोड़ा ज्यादा प्रयोग करें क्योंकि हर किसी व्यक्ति के चेहरे का आकार अलग होता है और उसके चेहरे द्वारा सोखी जानी वाली मात्रा भी. उदाहरण के ले फेस क्रीम का तो दो बूंदें संतुलित औयली स्किन के लिए बेहद ज्यादा हैं लेकिन जब इसे डिहाइड्रेटेड स्किन पर प्रयोग किया जाएगा तो यह बहुत कम होगी।

2.“टोनर की बिल्कुल जरूरत है

मॉस्चराइजर लगाने से पहले अगर आप स्टैंडर्ड टोनर का प्रयोग करते हैं तो वह त्वचा पर जमा अत्याधित धूल और तेल को हटाता है. ब्रांड पर निर्भर होने के नाते वह आपकी त्वचा को चमक और नरम बनाने में मदद का वादा करते हैं. जबकि एक्सपर्ट का मानना है कि टोनर केवल आपके ब्यूटी रूटिन में सहायता कर सकता है, और हर किसी को इसकी जरूरत नहीं है. बहुत से प्रोडक्ट्स का प्रयोग आपकी त्वचा को खराब कर सकता है.

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3.“चेहरे को हाथों से नहीं छुएं

त्वचा से जुड़े मिथ कहीं से भी आ सकते हैं विशेषकर किसी के भी मुंह से.

आपने अक्सर सुना होगा कि मुंहासों को रोकने के लिए अपने चेहरे को छूना बंद करें लेकिन इन्हें दूर करने के लिए छूना ही एकमात्र रास्ता है. त्वचा विशेषज्ञ कहते हैं कि फोन पर स्क्रॉल करने और फिर बाद में चेहरे को छूने से यह समस्या बढ़ सकती है. जाहिर तौर पर टॉयलेट सीट से अधिक बैक्टीरिया हमारे फोन पर जमा होते हैं. दरअसल इसकी वजह हमारे नाखून हैं, जिनसे अधिकतर बीमारियां फैलती हैं. लंबे नाखूनों में गंद ज्यादा जमा होता है और अगर उसमें बैक्टीरिया है तो यह आपके चेहरे पर फैल सकता है और संक्रमण का कारण बन सकता है.

4.“मेकअप हटाओं बस मेकअप वाइप्स से

अगर आपको हाइपर पिग्मेंटेशन का खतरा है, तो मेकअप वाइप्स वास्तव में रगड़ का कारण बन सकता है और अगर आप रोजाना इनका इस्तेमाल करते हैं तो धीरे-धीरे आपकी त्वचा हार्श हो सकती है. इसके अलावा बहुत सारे मेकअप वाइप्स में अल्कोहल होता है, जो सेंसिटिव स्किन के लिए चुभन का कारण बन सकता है.

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5.“प्राइस बताता है प्रोडक्ट्स अच्छा या बुरा

कभी-कभी एक सस्ता प्रोडक्ट भी महंगे की अपेक्षा ज्यादा कारगर होता है इसका कारण है उसमें मौजूद सामग्री की. ऐसी धारणा रही है कि हर महंगी चीज हमारी सेहत व त्वचा के लिए फायदेमंद होती है जबकि ऐसा नहीं है। चूंकि बाजार में कई कंपनियां है और इस प्रतिस्पर्धी दौर में हर कंपनी अपना सामान बेचने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है इसलिए उत्पादों का मिलान करना बहुत जरूरी है. एक बड़ी कंपनी वहीं सामान अधिक कीमत पर बेच रही है और दूसरी कंपनी कम कीमत पर वह उत्पाद बेच रही है तो यह मत समझिए की कम कीमत वाला उत्पाद खराब या कम प्रभावकारी होगा.  इसलिए किसी भी सामान को खरीदने से पहले उसके पीछे लिखी सामग्री को पढ़िए.

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