मौजूदा समय की मांग है ऑनलाइन क्लासेस, लेकिन रहें सावधान

इस कोरोना काल में ऑनलाइन क्लासे की मांग जहां एक ओर बढ़ने के साथ जरूरी भी है वहीं इसके कारण कई दिक्कतों का सामना बच्चों को और उनके परिवार को करना पड़ रहा है.क्योंकि बच्चों को अब काफी समय तक स्कूल नहीं जाना है वहीं घर में बैठ कर पढ़ाई करनी है साथ ही घर से ही परीक्षा भी देनी है. बड़े बच्चे तो चलो समझदार होते हैं वो समझते हैं की उन्हें क्या करना है क्या नहीं या कैसे पढ़ना है और कैसे नहीं लेकिन जो छोटे बच्चे होते हैं उन्हें संभालना और इस तरह से पढ़ाई करवाना वो भी ऑनलाइन तो बड़ा ही मुश्किल है.

1.घर में बच्चे जब तक पढ़ाई करते हैं तब तक उन पर नजर बनाए रखना बहुत ही जरूरी है यदि आपकी नजर हटी तो कुछ भी हो सकता है वैसे भी आजकल के कुछ बच्चे थोड़ से नॉटी या बदमाश तो होते ही है शैतानियां करते हैं क्या पता सिस्टम ही बंद कर दें या फिर कोई उल्टे सीधे बटन दबा दें.

ये भी पढ़ें- 6 टिप्स: मौनसून में ऐसे रखें अनाज को सेफ

2. घर से बच्चे पढ़ रहे हैं तो उनके हैबिट्स में क्या-क्या असर आएगा इसका भी ध्यान रखना है जिसमें परिवार की जिम्मेदारी काफी हद तक बढ़ गई है और खासतौर पर माता पिता की जिम्मेदारी.परीक्षा भी बच्चे घर से दे रहे हैं तो माता-पिता को नजर बनाए रखने की जरूरत होती है उन्हें स्कूल से इंस्ट्रक्शन्स मिलते हैं कि आपको बच्चे के साथ बैठना है तब तक जब की वो अपनी परीक्षा खतम ना कर लें ऐसा इसलिए ताकि बच्चे कुछ गलत ना करें और नकल ना करें.

3.चलो ये सब तो फिर भी ठीक है लेकिन इसमें जो सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात है वो ये कि स्कूल में पढ़ाई करना और घर से ऑनलाइन क्लासेस करने में बहुत अंतर होता है और इसका असर आपके बच्चे की आंखों पर पढ़ सकता है क्योंकि ज्यादा फोन चलाने से या टीवी ज्यादा देखने सें जब बच्चों की आंखे खराब हो जा रही हैं और उन्हें छोटी सी उम्र में चश्मा लग जा रहा है तो जाहिर है कि ज्यादा देर कंप्यूटर या लैपटॉप में ऑनलाइन क्लास करने से भी बच्चों की आंखों पर असर पड़ेगा इसलिए इस बात का खास ख्याल रखें की उनकी आंखें सेफ रहें.आप चाहें तो बिना पावर का चश्मा लगावाकर उन्हें पढ़ते वक्त लगाने को कहें इससे बच्चे की आंख सही रहेगी.

4.जितना हो सके उसे टीवी और फोन से थोड़ा दूर रखे क्योंकि वो पहले ही ऑनलाइन क्लासेस भी कर चुका होगा.तो आंखों को राहत देना बहुत जरूरी है.

ये भी पढ़ें- पेशा तय करता है भविष्य

एचआरडी मंत्रालय ने भी डीजिटल क्लास के लिए कुछ दिशा-निर्देश दिए हैं जिसके मुताबिक प्री-प्राइमरी के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास की जो समय सीमा होगी वो मात्र 30 मिनट ही होगी इससे ज्यदा नहीं.क्लास 1 से 8 तक के बच्चों के लिए दो ऑनलाइन क्लास होंगे जिसमें 45 मिनट ही समय सीमा होगी और 9 से 12 तक के बच्चों के लिए भी 30 से 45 मिनट की क्लास होगी चार सेशन होंगे.इससे ज्यादा कोई भी ऑनलाइन क्लास नहीं चलेगी तो इस बात की भी जानकारी परिवार जन को होनी चाहिए ताकि स्कूल की तरफ से कोई मनमानी ना हो.क्योंकि आपको बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ उनके हेल्थ का भी ध्यान रखना होगा.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें