केसर से लेकर तेजपत्ता तक, इन 12 मसालों से बनाएं अपनी सेहत

भारतीय भोजन में मसालों का इस्तेमाल हजारों सालों से हो रहा है. इन के इस्तेमाल का मकसद सिर्फ भोजन के स्वाद को बढ़ाना ही नहीं होता, ये भोजन के विकारों को कम कर के उन के गुणों को भी बढ़ाते हैं. साथ ही सेहत से जुड़ी छोटे स्तर पर होने वाली समस्याओं का निदान भी इन मसालों में होता हैं.

हालांकि आज के युग में मिर्चमसाले, घीतेल का प्रयोग दिनबदिन कम होता जा रहा है. कैलोरी की मात्रा तथा आहार की पौष्टिकता ही भोजन की परख है. पर निरंतर हो रहे कई शोधों से पता चलता है कि यदि किसी मसाले का उपयुक्त मात्रा में भोजन में समावेश किया जाए तो वह सेहत के लिए अच्छा रहता है.

आइए जानें कुछ प्रचलित मसालों के बारे में और यह कि उन का कैसे इस्तेमाल कर स्वाद के साथ सेहत का भी ध्यान रखा जा सकता है.

1. दालचीनी

दालचीनी एक ऐसा मसाला है जो गरम तासीर वाला तथा गरम मसाले का अंश है. अगर पुलाव बना रही हों तो उस के साथ खाए जाने वाले रायते में इस का चुटकी भर पाउडर डालें, स्वाद बढ़ जाएगा. ब्रैड पर मक्खन के ऊपर इस का थोड़ा सा पाउडर बुरकें, कौफी के ऊपर चुटकी भर डालें और चौप बनाते समय भी इस को थोड़ा सा डालें स्वाद बढ़ जाएगा. सेब की खीर या मिल्कशेक बनाते समय भी इस के पाउडर को प्रयोग में लाएं.

2. कालीमिर्च

कालीमिर्च गरममसाले का अंश तो है ही, साथ ही इस का प्रयोग सब्जी में साबूत मसाले डालते समय और पाश्चात्य व्यंजनों व सलाद आदि में पिसी कालीमिर्च पाउडर के रूप में होता है. कालीमिर्च 2 प्रकार की होती है. एक तो वह जिस में इस के अधपके दानों को सुखा कर रखा जाता है तो वे काले हो जाते हैं और दूसरी वह जब इस के दाने पूरी तरह पक जाते हैं, तो उस की ऊपरी सतह यानी काला छिलका आसानी से उतर जाता है. पक जाने पर कालीमिर्च की अपेक्षा सफेदमिर्च में ज्यादा गुण पाए जाते हैं.

पकौड़े बनाते समय सफेदमिर्च व कालीमिर्च पाउडर डालें. दाल में तड़का लगाते समय मोटी कुटी कालीमिर्च के 4-5 दाने डालें. स्वाद बढ़ जाएगा. सूप में फ्रैश पिसी कालीमिर्च और मठरी बनाते समय भी कालीमिर्च पाउडर डाल सकते हैं. इस से स्वाद अच्छा आएगा. लड्डू बनाते समय सफेद व कालीमिर्च का पाउडर डालें.

3. अर्जुन की छाल

यह एक प्रकार का पेड़ है, जो हिमालय की तलहटी, उत्तर प्रदेश, बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार आदि में बहुतायत में पाया जाता है. इस पेड़ की छाल खूब प्रयोग में लाई जाती है. इस पर हुए शोधों से पता चला है कि यह विटामिन ई के बराबर ऐंटीऔक्सिडैंट का काम करती है, इसलिए इस का पाउडर बना कर प्रयोग में लाया जाता है.

1 लिटर पानी में 1 से 2 चम्मच छाल पाउडर डाल कर पानी आधा रहने तक उबालें और दिन में 2 बार पिएं. इस के अलावा इसे टोमैटो जूस व दूध में डाल कर भी पिया जा सकता है और चाय में भी इस का प्रयोग किया जा सकता है.

4. कलौंजी

कलौंजी के दाने सरसों के बीज की तरह होते हैं. उन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट अच्छी मात्रा में पाया जाता है. इस के अलावा कैल्सियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि भी उन में होते हैं. कलौंजी का स्वाद प्याज, कालीमिर्च और ओरिगैनो का मिलाजुला होता है. वैसे कई अचारों में इस का प्रयोग होता है, लेकिन इस के बिना आम का अचार अधूरा लगता है. इस के अलावा नान, पूरी बनाते समय इस के थोडे़ दाने डालने से उन का स्वाद अच्छा रहता है. इस के थोड़े से दाने डाल कर चाय बना कर पीने से मानसिक तनाव में कमी आती है. कलौंजी का तेल भी कई तरह से प्रयोग में लाया जाता है. अगर कुछ नया करना चाहें तो पंचमेल दाल में इस का तड़का लगाएं. अच्छा स्वाद आएगा.

5. जायफल व जावित्री

जायफल व जावित्री गरम मसाले का एक हिस्सा होते हैं. इन का प्रयोग विशेष डिशेज में ही होता है, लेकिन औषधि के रूप में इन का प्रयोग खूब किया जाता है. जायफल सुगंधित होता है और भारी जायफल ही अच्छा माना जाता है. जायफल के फल की छाल ही जावित्री कहलाती है.

बच्चे को जुकाम हो तो थोड़ा सा जायफल पत्थर पर घिस कर 1 बड़े चम्मच दूध में मिला कर पिलाने से उसे राहत मिलती है. नींद न आने की स्थिति में दूध में जायफल पाउडर, केसर और छोटी इलायची पाउडर डाल कर उबालें और सोते समय पी लें. साबूत मसालों का सब्जी में तड़का लगाते समय जावित्री का छोटा सा टुकड़ा डालें, तो अच्छा स्वाद आएगा.

6. जीरा

किचन में इस्तेमाल होने वाले मसालों में जीरा एक महत्त्वपूर्ण चीज है. यह तीखा और मीठी सुगंध वाला होता है. भारतीय भोजन के अलावा मैक्सिकन भोजन में भी जीरे का बहुत प्रयोग किया जाता है. जीरे में भरपूर आयरन पाया जाता है और यह पाचन में भी सहायक होता है.

जीरे का प्रयोग कई तरह से किया जाता है. एक तो दाल, सब्जी व चावल में तड़का लगाने के लिए, उस के अलावा कच्चा मसाला भूनते समय जीरा पाउडर के रूप में. छाछ, रायता, दहीभल्ला आदि में भुना हींगजीरा, पाउडर के रूप में इस्तेमाल होता है. जीरा किसी भी रूप में इस्तेमाल करें, यह सेहत के लिए अच्छा होता है. यह डायबिटीज के रोगियों व कब्ज की शिकायत वालों के लिए भी लाभकारी है. सर्दियों में इस का नियमित सेवन अच्छा रहता है.

7. राई

यह दालसब्जी में तड़का लगाने के लिए तथा अचारों में मसाले के साथ प्रयोग किया जाने वाला महत्त्वपूर्ण मसाला है. इस के उपयोग से आमाशय व आंतों पर उत्तेजक प्रभाव पड़ता है. फलस्वरूप भूख खुल जाती है. राई मुख्यतया 2 प्रकार की होती है. एक काली और दूसरी पीली. काली राई आमतौर पर तड़के के काम आती है. दक्षिण भारतीय व्यंजनों में उस का इस्तेमाल खूब किया जाता है. जबकि पीली राई, जिसे सरसों के दाने भी कहते हैं, का इस्तेमाल अचार, कुछ दही के रायतों, चटनी, कांजी आदि में पाउडर बना कर किया जाता है. समुद्री भोजन के साथ जब सरसों के दानों को पकाया जाता है, तो मछली आदि में ओमेगा-3 की मात्रा बढ़ जाती है.

सांभर, दाल, उपमा आदि में काली राई का तड़का अच्छा रहता है. पीली राई का तड़का ढोकला, खांडवी आदि में किया जाता है. इस के अलावा इंस्टैंट मिर्च के अचार, लौकी के रायते में इस का पाउडर डालने से उन का स्वाद और बढ़ जाता है.

8. अजवाइन

यह पाचक, रुचिकर, गरम और तीखी होती है. इस के सेवन से गैस, गले की खराश आदि में काफी लाभ मिलता है. अजवाइन में कालीमिर्च तथा राई की उष्णता, चिरायते जैसी कड़वाहट (चिरायता एक पौधा है) और हींग की खूबियां, ये तीनों गुण होते हैं. अजवाइन का बघार देने से सब्जी का स्वाद व सुगंध बढ़ती है. यह सभी मसालों में श्रेष्ठ है, क्योंकि गरिष्ठ भोजन में इस का प्रयोग करने से उसे पचाने में आसानी होती है.

अरवी, केले की सब्जी, ग्वार की फली, जिमीकंद वगैरह में जब इस का छौंक लगाया जाता है तो उन का स्वाद तो बढ़ जाता ही है उन्हें पचाने में भी आसानी रहती है. तैयार राजमा में अजवाइन और कसूरी मेथी का तड़का स्वाद को बढ़ा देता है. इसी तरह काबुली चनों के मसाले में इस का पाउडर डालें या परांठों में इस को डालें, स्वाद और सेहत दोनों के लिए अच्छा रहेगा.

9. फ्लैक्स सीड्स (अलसी के बीज)

फ्लैक्स सीड्स (अलसी के बीज) का महत्त्व अब प्रकाश में आया है. पहले तो इन्हें जानवरों को खाने के लिए दिया जाता था, हाल के वर्षों में हुए शोधों से पता चला है कि इन में ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाता है, जो सामान्यतया मछली में मिलता है. शाकाहारी लोगों के लिए अलसी के बीज सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं.

इन बीजों को हलकी गैस पर रोस्ट कर के उन का पाउडर बनाएं. फिर उस को सलाद में डाल लें अथवा सब्जी के शोरबे में मिलाएं. रायते पर बुरकें अथवा आटे में मिलाएं. सेहत के लिए अच्छा रहेगा. जिन महिलाओं के जोड़ों में दर्द रहता है, उन के लिए तो यह बहुत फायदेमंद है. लेकिन इस का सेवन 1 दिन में 2 बड़े चम्मच से ज्यादा नहीं करना चाहिए.

10. केसर

सब से महंगे मसालों में एक है केसर. सर्दियों में जुकामखांसी में, तो गरमियों में ठंडाई में इस का सेवन बखूबी होता है. खजूर, मुनक्के और बादाम के साथ पके दूध में इस के चंद रेशे डालें क्योंकि यह एक बेहतरीन टौनिक होता है. इस की खूबी यह है कि जब ठंडी खीर या दूध में यह डाला जाता है तो यह ठंडक पहुंचाता है और सर्दी के मौसम में यदि यह गरम दूध में डाला जाए तो चमत्कारी गरमी पहुंचाता है. इस को शाही सब्जी, जाफरानी और पुलाव में भी प्रयोग करते हैं. इस के चंद धागों को गुलाबजल या कुनकुने दूध में भिगो कर 10 मिनट रखें फिर उसी में घोट कर डाल दें. स्वाद व खुशबू दोनों बढ़ जाएंगे.

11. सौंफ

सौंफ भी हमारे मसालों में खूब प्रयोग में आती है. मुखशुद्धि के अलावा सूखी सौंफ पाचनतंत्र पर प्रभावशाली असर डालती है. हमारी कई पारंपरिक सब्जियों में इस का प्रयोग पाउडर के रूप में होता है. साथ ही कई अचारों में भी इस को डालते हैं. मुख्यतया यह 2 प्रकार की होती है. एक मोटी सौंफ, जो भोजन के काम आती है और दूसरी बारीक सौंफ जिस को मुखशुद्धि के लिए प्रयोग में लाते हैं. इस के सेवन से कब्ज, पेटदर्द, गले की खराश, पित्त ज्वर, हाथपांव में जलन आदि में राहत मिलती है.

इस को करेले, गोभी व अचारी सब्जी आदि में प्रयोग किया जाता है. पंचफोड़न में भी सौंफ होती है. कुल मिला कर इस का प्रयोग सेहत और भोजन की स्वादिष्ठता को बढ़ाने के लिए होता है.

12. तेजपत्ता

इस का उपयोग भी लौंग, दालचीनी या बड़ी इलायची की भांति सुगंध व स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है. विशेष रूप से इस का सेवन कफ प्रधान रोगों, अपचता, उदर रोग व पाचनतंत्र संबंधी रोगों के लिए फायदेमंद रहता है. लेकिन इस के ज्यादा पुराने पत्तों से खुशबू निकल जाती है.

सब्जी में खड़े गरम मसाले के साथ व पुलाव में इस का प्रयोग खूब होता है. पिसा मसाला भूनने से पहले कड़ाही में तेल में इस के 2-3 पत्ते डालें फिर मसाला भून कर सब्जी डालें. स्वाद बढ़ जाएगा.

उपरोक्त मसालों के अलावा और भी बहुत से मसाले ऐसे हैं. जिन का प्रयोग सब्जी बनाते समय होता है. जैसे मेथीदाना, खसखस, हरड़, हींग, मिर्च, बड़ी और छोटी इलायची, हलदी पाउडर, धनिया पाउडर आदि. ये सभी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं. बस जरूरत इस बात की होती है कि इन सब का प्रयोग सीमित मात्रा में सही तरीके से किया जाए. इस के अलावा मसालों को सही तरीके से रखें ताकि उन की खुशबू बरकरार रहे.

भूख न लगने और थकान होने का कारण और इलाज बताएं?

सवाल-

मेरी उम्र 47 वर्ष है. मेरी समस्या यह है कि मुझे बिलकुल भूख नहीं लगती. थकान बहुत होती है. कुछ भी करने की इच्छा नहीं होती है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

आप रोजाना आधे से 1 घंटा व्यायाम करें, अपनी मांसपेशियों पर काम करें और हो सके तो इस के लिए किसी जिम का सहारा लें. शरीर की सुबहशाम स्ट्रैचिंग करें. रोज 2 घंटे टहलें. धूप का सेवन करें, मल्टी विटामिन और प्रोटीन का सेवन करें, पानी या जूस अर्थात तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करें, कैफीन, शराब और तंबाकू का कम सेवन करें तथा पौष्टिक भोजन लें.

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क्या आपको भी भूख नहीं लगती, अगर हां तो आप कुछ कुदरती नुस्खें अपनाकर अपनी भूख बढ़ा सकती हैं. मुनक्का के सेवन से आप अपनी भूख बढ़ा सकती हैं.

जानिए मुनक्का के सेवन के फायदे…

1. अगर आपको भूख कम लगती है तो रात को दूध में 30-40 मुनक्‍का को उबालकर नियमित रूप से पीएं भूख बढ़ जाएगी. इससे शरीर की कमजोरी भी दूर होगी.

2. कई बार कब्ज की वजह से भी भूख नहीं लगती है. कब्ज बहुत ज्यादा है तो मुनक्का के दूध के साथ ईसबघोल भी मिला लें. इससे कब्ज भी दूर होगी और पेट भी साफ रहेगा.

3. जिन लोगों को बार-बार घबराहट होती है और हृदय में दर्द होता है तो उनके लिए भी रामबाण है मुनक्का.

4. 8 से 10 मुनक्का को 2 लौंग के साथ पानी में उबालें. बाद में मुनक्का को पीसकर छानकर चाय की तरह पीएं. ये नुस्खा डायबिटीज के मरीजों के लिए भी अच्छा है.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

गरबा 2022: फेस्टिवल की थकान को दूर करने के लिए बेस्ट है ये फूड

फैस्टिवल सीजन में अकसर थकान और कमजोरी के कारण हमारी हेल्थ को नुकसान होता है. वहीं गरबा की बात करें तो 4-5 घंटे लगातार डांस करने से हमारे अंदर थकान और कमजोरी हो जाती है, जो खतरनाक भी साबित हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि इस फैस्टिव सीजन में आप अपने एनर्जी लेवल को बढ़ाने के लिए अपनी डाइट पर भी ध्यान दें. लगातार काम करने से आप थकान महसूस करती हैं. अगर आप थकान से लड़ने के लिए अपने शरीर को मजबूत बनाना और एनर्जी लेवल बढ़ाना चाहती हैं तो नियमित रूप से नाश्ता करना कभी न भूलें. आइए आपको बताते कुछ ऐसे फूड सप्लिमेंट लें, जिससे आपकी हेल्थ बनी रहे….

1. फेस्टिवल थकान मिटाने के लिए परफेक्ट है ओटमील

थकान मिटाने के लिए ओटमील परफेक्ट फूड है. इस में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स ग्लाइकोजिन के रूप में शरीर में जमा हो जाते हैं और दिन भर दिमाग और मांसपेशियों को ऐनर्जी देते हैं. साथ ही इस में मौजूद पौष्टिक तत्त्व ऐनर्जी लैवल बढ़ाते हैं.

2. हर्बल ड्रिंक है फायदेमंद

हर्बल ड्रिंक, जैसे आंवला या एलोवेरा जूस या ग्रीन टी पीने से शरीर में ऐनर्जी बरकरार रहती है क्योंकि इस में अधिक मात्रा में पौष्टिक तत्त्व पाए जाते हैं जो हमारे इम्यून सिस्टम को स्ट्रौंग बनाते हैं. हर्बल टी में तो ऐंटीऔक्सीडैंट फ्लैवोनाइड तत्त्व भरपूर मात्रा में होते हैं, इसलिए इस के नियमित सेवन से कई फायदे होते हैं. जैसे पाचनतंत्र मजबूत रहता है और शरीर अंदर से साफ रहता है. ऐनर्जी भी भरपूर बनी रहती है.

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3. केला दे पेन से आराम

केले में पर्याप्त पोटैशियम होता है जो शरीर में मौजूद शुगर को ऐनर्जी में बदल देता है. इस के साथ ही केले में कई और पौष्टिक तत्त्व होते हैं जो सुस्ती को दूर करते हैं, मसल्स पेन में आराम देते हैं और थकान मिटाने में मददगार होते हैं.

4. फाइबर युक्त खाएं अखरोट

वर्कआउट के बाद होने वाली थकान को दूर करने के लिए फाइबरयुक्त अखरोट खाना चाहिए. ओमेगा 3 फैटी ऐसिड से भरपूर अखरोट डिप्रेशन दूर करने में मदद करता है और थकान मिटाने में भी मददगार होता है.

5. प्रोटीन से भरपूर दही

प्रोटीन से भरपूर दही में कार्बोहाइड्रेट भी होता है जो थकान से लड़ने में मदद करता है. जब भी आप को ऐनर्जी चाहिए तब आप दही खा सकती हैं पर दही मलाई वाला नहीं होना चाहिए.

6. मेटाबौलिज्म को बढ़ाए पालक

थकान मिटाने के लिए आयरन से भरपूर पालक भी खाया जा सकता है. मेटाबौलिज्म बढ़ाना हो या ऐनर्जी के घटते स्तर को नियंत्रित करना हो, पालक फायदेमंद होता है.

7. मूंगफली करे कौलेस्ट्रोल को कम

इस में न्यूट्रिऐंट्स, मिनरल, ऐंटी औक्सीडैंट और विटामिन जैसे पदार्थ पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक हैं. इस में मोनो इनसैचुरेटेड फैटी ऐसिड भी पाया जाता है जो खराब कोलैस्ट्रौल को कम कर के अच्छे कौलैस्ट्रौल को बढ़ाता है.

8. कौफी भी है फायदेमंद

कौफी का सही मात्रा में सेवन शरीर में ऊर्जा को बूस्टअप करता है और थकान से दूर भगाता है. ऐसे में शरीर में अंदरूनी ताकत का एहसास होता है.

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9. ड्राई फ्रूट्स

गरी, छुहारा, मुनक्का, चिलगोजा, बादाम आदि ड्राई फू्रट्स शरीर में अंदरूनी ताकत लाते हैं. इन के रोजाना सेवन करने से बौडी में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिस से शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत मिल जाती है.

10. पानी मिटाए थकान

पानी शरीर की थकान हटाने के लिए एक अच्छा स्रोत है. खूब पानी पीएं, जिस से डिहाइड्रेशन नहीं होगा और थकान महसूस नहीं होगी.

बार-बार होने वाली थकान बढ़ाती है परेशानी

थकान मानसिक या शारीरिक दोनों तरह की हो सकती है.  आपके शरीर में होने वाली थकावट कई तरह के कारणों की वजह से होती है. थकान या सुस्ती होने से आलस का अनुभव होता है. जिस व्यक्ति को हर समय थकान होती है, उसे अपने जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. अगर आपको भी थकान रहती है, तो इससे निजात पाना बहुत मुश्किल होता है. आज हम आपको बताना चाहते हैं कि वास्तव में थकान से उत्पन्न होने वाले लक्षणों को पहचानना एक बहुत मुश्किल काम है.

आपने यह देखा तो होगा कि आप में से कई लोग एक ही समय में दस काम बेहतर तरीके से कर लेते हैं पर आप में पहले जितनी एनर्जी बाकी नहीं रह पाती और थकान के बाद आप उतने ही समय में सही तरीके से अपना काम पूरा नहीं कर पाते हैं. इसे ही शारीरिक या मानसिक थकान भी कहते हैं.

कई बार थोड़े आराम और सही पौष्टिक आहार की कमी से भी ऐसा होता है. यहां हम थकान की मुख्य वजहों और उनके निवारण के उपाय बता रहे हैं.

1. पर्याप्त नींद न होने की वजह से थकान

अगर आप देर तक बिस्तर में केवल सोये रहने हैं तो ये थकान भगाने का सही तरीका नहीं है. रात की नींद पूरी न होने की वजह से आपको थकान का सामना करना पड़ता है. कम नींद की वजह से आपको बहुत सी दिक्कतें होती हैं. नींद पूरी न हो तो एक जगह ध्यान केन्द्रित करने में भी मुश्किल होती है और फिर इस कारण मानसिक थकान का अनुभव भी होने लगता है.

समाधान

अपना बिस्तर में जाने का और नींद का या सोने का समय सुनिश्चित करे लें. एक समय सारिणी सीमा बनाकर उसका पालन करें और नींद भी अच्छे से पूरी करें. नींद पूरी होगी तो सुबह उठकर आप अपने सभी कामों को फुर्ती के साथ आसानी से करेंगे. रात की नींद ठीक तरह से न होना थकान का एक मुख्य कारण है.

2. स्लीप एप्नीय

नींद के वक्त होने वाला एक स्लीपिंग डिसऑर्डर है स्लीप एप्नीय. इस बिमारी में नींद की अवस्था में अपने आप सांस रुक जाने की वजह से नींद खुल जाती है और ऐसा बार बार होने के कारण आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती और व्यक्ति शारीरिक व मानसिक थकान से परेशान रहता है.

समाधान

जरुरत से ज्यादा वजन बढ़ने और अत्यधिक मोटापे की वजह से यह समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा बहुत धूम्रपान करने वाले लोगों को भी इस परेशानी से गुजरना पड़ता है. इस परेशानी से बचने के लिए एक्सरसाइज और वर्कआउट आदि की शुरुआत करें और धूम्रपान करने की बुरी आदत से छुटकारा पाएं.

3. उचित और संतुलित आहार

शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए और खुद को थकान से दूर रखने के लिए सही और उपयुक्त भोजन करना बहुत जरूरी है. भोजन में कम पोषण की वजह से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती है, जिसके कारण थकान होती है. यह बात ध्यान रखें कि आपके भोजन में सभी प्रकार के पोशाक तत्वों का सही अनुपात में होना जरूरी है और साथ ही नमक और चीनी की भी उचित मात्रा में होनी चाहिए. आलस को शरीर से दूर रखने के लिए ये आवश्यक होते हैं.

समाधान

नाश्ता करना कभी भी नहीं भूलना चाहिए. सुबह का नाश्ता शरीर के लिए बहुत ज़्यादा ज़रूरी है. सुबह की यह एक और पहली खुराक शरीर को दिन भर ऊर्जा देने में मदद करती है और यह भी आवश्यक ध्यान में रखें कि आप जो कुछ भी नाश्ते के वक्त ले रहे हैं वह पर्याप्त पोषक तत्वों से भरपूर होना चाहिए. नाश्ते के अलावा भोजन में सभी प्रकार के प्रोटीन, विटामिन और कार्बोहाइड्रेट भी उचित मात्रा में होना चाहिए. ये सभी आपकी एनर्जी को ज्यादा से ज्यादा समय तक बनाए रखने में मदद करते हैं और साथ ही आपका प्रतिरोधी तंत्र भी मजबूत करता है जो थकान से बचने के लिए बहुत जरूरी है.

एसी में बैठना हो सकता है खतरनाक

क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो एसी वाले ऑफिस में काम करके खुद को खुशनसीब समझते हैं? क्या आप जब घर में होते हैं तो उस वक्त भी एसी ऑन ही रहता है और आप ठीक उसके सामने बैठना ही पसंद करते हैं?

अगर आप भी ऐसा करने वालों में से हैं तो आपको बता दें कि ऐसा करना खतरनाक हो सकता है और आपको अपनी इस आदत के बारे में एकबार और सोचने की जरूरत है.

एक अध्ययन में पाया गया है कि भले ही लोग एसी को लक्जरी लाइफस्टाइल से जोड़कर देखते हों लेकिन सच्चाई ये है कि एसी में 24 घंटे बैठे रहना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.

बीते कुछ समय में एसी का इस्तेमाल अचानक से बढ़ गया है. गर्मियों में प्रदूषण और ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से धरती का तापमान इतना अधिक हो जाता है कि एसी के बिना काम भी नहीं चलता.

ऐसे में जो लोग अफोर्ड कर पाते हैं वो एसी लगवाने में जरा भी देर नहीं करते हैं. रही बात ऑफिसों की तो आज के समय में ज्यादातर दफ्तरों में एसी लगा ही होता है. ये मूलभूत जरूरत हो चुकी है.

पर सोचने वाली बात ये है कि एक आर्टिफिशियल टेंपरेचर में बहुत देर तक रहना किस हद तक खतरनाक हो सकता है, इस ओर कभी भी हमारा ध्यान ही नहीं जाता है. इस टेंपरेचर के बदलाव का सबसे बुरा असर हमारे इम्यून सिस्टम पर पड़ता है.

अगर आपको लगता है कि आप अक्सर ही बीमार पड़ने लगे हैं, तो हो न हो आपकी इस आदत ने आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर दिया है.

एसी के सामने ज्यादा वक्त बिताने वालों को हो सकती हैं ये हेल्थ प्रॉब्लम्स-

1. साइनस की प्रॉब्लम

प्रोफेशनल्स की मानें तो जो लोग एसी में चार या उससे अधिक घंटे रहते हैं , उनमें साइनस इंफेक्शन होने की आशंका बहुत बढ़ जाती है. दरअसल, बहुत देर तक ठंड में रहने से मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं.

2. थकान

अगर आप एसी को बहुत लो करके सोते हैं या उसके सामने बैठते हैं तो आपको हर समय कमजोरी और थकान रहने लगेगी.

3. वायरल इंफेक्शन

बहुत अधिक देर तक एसी में बैठने से, फ्रेश एयर सर्कुलेट नहीं हो पाती है. ऐसे में फ्लू, कॉमन कोल्ड जैसी बीमारियां होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है.

4. आंखों का ड्राई हो जाना

एसी में घंटों बिताने वालों में ये प्रॉब्लम सबसे ज्यादा कॉमन है. एसी में बैठने से आंखों ड्राई हो जाती हैं. एसी में बैठने का ये असर स्क‍िन पर भी नजर आता है.

5. एलर्जी

कई बार ऐसा होता है कि लोग एसी को टाइम टू टाइम साफ करना भूल जाते हैं, जिससे एसी की ठंडी हवा के साथ ही डस्ट पार्टिकल भी हवा में मिल जाते हैं. सांस लेने के दौरान ये डस्ट पार्ट‍िकल शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है.

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क्या आपको सुबह उठने पर थकान महसूस होती है?

अच्छी नींद लोगों की जिंदगी में खाने, पानी और हवा जितना ही महत्वपूर्ण होता है. 7-8 घंटे की नींद फ्रेश रहने के लिए बहुत जरूरी है. यदि आपकी नींद पूरी हो जाती है तो आपका काम करने में भी मन लगता है.

अच्छी नींद बीमारियों को दूर भगाती है. इससे आपका स्किन भी ग्लो करता है और दिल मजबूत रहता है.

लेकिन अगर उठने के बाद भी आपको थकान महसूस हो रही है तो आपका बिजी शेड्यूल इसका कारण हो सकता है. हो सकता है काम के टेंशन के कारण आपको अच्छी नींद ना आ रही हो और इसी कारण आप थकान महसूस कर रहे हों.

लेकिन इससे बचने के भी उपाय हैं. अपनी आदतों में थोड़ा बदलाव करने से सुबह उठने पर आप रिफ्रेश महसूस कर सकते हैं. हम कुछ ऐसे ही टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें अपनाने से सुबह उठने पर आपको थकान महसूस नहीं होगी.

1. एक ही समय पर सोएं:

यह आपने बहुत बार सुना होगा और यह सच भी है. आपके शरीर को एक समय पर सोने की आदत हो जाती है और उससे थोड़ा भी इधर-उधर होने पर दिक्कत हो जाती है. कोशिश करें कि रोज एक ही समय पर सोएं और उठें.

2. रूटिन बनाएं:

आपको जो काम करने से शांति मिलती है और अच्छी नींद आती है, वो काम आप सोने से पहले जरूर करें. जैसे, किसी को किताब पढ़ने से अच्छी नींद आती है तो किसी को मेडीटेशन करने से. लेकिन सोने से पहले ज्यादा लिक्विड ना लें इससे आपको वॉशरुम जाना पड़ सकता है, जिससे आपकी नींद खराब हो जाएगी.

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3. सोने से पहले गैसेट्स यूज मत करें:

Healthline.org के मुताबिक, ‘सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक्स का यूज करने से दिमाग पर खराब प्रभाव पड़ता है और इससे नींद खराब होती है.’

4. स्किन साफ करना ना भूलें:

सोने से पहले क्लीन्ज, टोन और मोश्चराइज करना ना भूलें. पूरा मेकअप उतार कर सोएं. इससे आपके स्किन को सांस लेने में मदद मिलेगी.

5. खान-पान का ध्यान रखें:

कैफीन, एल्कोहल और चौकलेट आपकी नींद में बाधा उत्पन्न करती है. इससे दिन में लें. अगर आपको अपच की शिकायत है तो ज्यादा तला हुआ खाना न खाएं. डिनर को हल्का रखें.

6. दिन मे ना सोएं:

आपने बच्चों को देखा है, यदि वो दिन में सो जाते हैं तो रात भर जगे रह जाते हैं. यह बात आप पर भी लागू होती है. दिन में सो जाने से रात में आपकी नींद डिस्टर्ब हो जाती है.

7. लाइट बंद कर के सोएं और कमरे का तापमान नॉर्मल रखें:

जलती हुई लाइट में सोने से नींद डिस्टर्ब होती है. रुम में पर्दे लगाकर सोएं और एसी का तापमान नॉर्मल रखे.

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8. गद्दे और तकिया आरामदायक होना चाहिए:

अगर तकिया और गद्दे आरामदायक नहीं होंगे तो आपके शरीर में दर्द होने लगेगा औक आपको अच्छी नींद भी नहीं आएगी.

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