शादी से पहले Financial Issues पर करें बात

आपमें से कई लोगों ने डेविड धवन की फिल्म मुझसे शादी करोगी देखी होगी. इस फिल्म में सनी बार-बार समीर और रानी के बीच तरह-तरह की गलत फहमियां पैदा करने की कोशिश करता है. फिल्म में एक तरह का संदेश था कि किसी भी कपल के रिश्तों में सनी नाम की कई तरह की समस्याएं हमेशा आती हैं और रिश्तों की परीक्षा लेती रहती हैं. कई बार इनके कारण गलत फहमियां पैदा होती है जो रिश्ते टूटने तक पहुंच जाती है.

द इमोशन बिहाइंड मनी की लेखक जूली मर्फी के मुताबिक शादी में वित्तीय मामले हमेशा से दिक्कत पैदा करते हैं. मौजूदा आर्थिक संकट और बदलती जीवन शैली लोगों के रिश्तों में ज्यादा दरार डाल रही है.

कई बार नई-नई शादी होने पर पति-पत्नी वित्तीय मामलों पर ज्यादा बात नहीं करते. अगर आपकी शादी नहीं हुई है तो अपनी मंगेतर से शादी से पहले वित्तीय मामलों पर जरूर बात करें. भारत में अरेंज मैरिज होने के कारण कई बार कपल आपस में इस तरह की बातें नहीं करते हैं. लेकिन बेहतर भविष्य के लिए शुरूआत में वित्तीय मामलों पर बात करना बहुत जरूरी है.

इन मुद्दों पर बात करें

शादी के बाद की उम्मीदें

शादी के बाद न्युली वेड कपल के कई सपने होते हैं. पर क्या आपने कभी सोचा है कि इन सपनों के लिए पैसा कहां से आएगा? शायद नहीं. अगर आप जीवन भर के लिए रिश्ते में बंधने जा रहे हैं तो अपने सपने और उनको कैसे पूरे करेंगे इस पर जरूर बात करें. ये रोमांटिक नहीं है लेकिन कड़वा सच है. कितनी जल्दी आप घर खरीदने जा रहे हैं. बच्चे होने के बाद वित्तीय भार कैसे बदलेगा. क्या कोई सिर्फ एक नौकरी करेगा. क्या आप नौकरी बदलेंगे. इस तरह की बाते शुरूआत में करने पर बाद में दिक्कतें कम आती हैं.

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बचत

बचत में आपके पास भले ही 1 लाख हो या 50 लाख हो. आपको अपने पार्टनर को बताना चाहिए कि आप कितनी बचत कर रहे हैं और किस चीज के लिए. बचत कितनी जरूरी है. आप पैसे बचाने के लिए क्या-क्या त्याग कर सकते हैं? आप दोनों किस तरह का निवेश करना चाहते हैं? रिटायरमेंट की योजना भी शुरूआत से ही बनाएं. बाहर छुट्टी और इमरजेंसी फंड की व्यवस्था पर आपकी बातचीत होती रहन चाहिए.

मनी पर्सनालिटी

आप और आपके पार्टनर किस तरह के मनी पर्सनालिटी है? क्या वो खर्चीले हैं या बचत करने वाले? पैसे को लेकर क्या सोच है? किसी भी बड़े खर्च के समय ये बहुत काम आती है. अगर आप दोनों खर्चीले हैं तो पैसा बचाना मुश्किल होगा. इसलिए इस तरह के मुद्दों पर बातचीत करते रहें.

कर्ज

कर्ज एक संवेदनशील विषय है. कुछ लोग बहुत बड़ी परेशानी आने पर ही कर्ज लेते हैं तो कुछ को ये शिक्षा मिली होती है लग्जरी चीजों के लिए भी कर्ज लिया जा सकता है. रिश्तों में इस विषय पर बात करने में थोड़ी मुश्किल होती है. अगर कर्ज ले रहे हैं तो अपने पार्टनर को जरूर बताएं. बड़ी चीजों के लिए कर्ज लेने योजना से पहले उसके चुकाने के इंतजाम के बारे में सोंचे. अगले साल ये कर्ज किस तरह से आपकी स्थिति पर असर डालेगा इस पर भी विचार करें.

खर्च

अपने खर्च की स्थिति पर बात करें. अगर कार की ईएमआई भर रहे हैं, मेडिकल का खर्च उठा रहे हैं तो इसकी चर्चा करें. आपको इस बात का अंदाजा होगा कि एक महीने में आप कितना पैसा खर्च करते हैं. अगर नहीं है तो बैठकर इस बात का अंदाजा लगाएं. अपने खर्च और आय का हिसाब बिठाएं. बजट बनाकर काम करें.

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मनी मैनेजमेंट पर शुरूआत से ही बातचीत करना शुरू कर बजट, खर्च और निवेश की योजना बनाएंगे तो ये वित्तीय अनुशासन जीवन भर काम आएगा. यही नहीं आगे जाकर इससे आपको वित्तीय स्वायत्तता मिलेगी. इस मोर्चे पर टीम की तरह काम करेंगे तो जीवन में वित्तीय मौकों पर कई तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल जाएगा.

फाइनेंशियल मुद्दों पर भी बात कर लें शादी से पहले

डिवोर्स या तलाक के कई महत्वपूर्ण कारण हैं- जैसे एक दूसरे के चरित्र पर शक होना, एक दूसरे का स्वभाव बर्दास्त न होना, संवादहीनता तथा और भी कई कारण. लेकिन हाल में जो एक कारण बहुत तेजी से उभरा है, वह है पति पत्नी के बीच फाइनेंशियल मुद्दों पर अस्पष्टता और एक दूसरे से असहमति. मशहूर पत्रिका ‘इकोनाॅमिक्स एंड पाॅलीटिकल वीकली’ के एक शोध के मुताबिक भारत में जैसे जैसे कृषि अर्थव्यवस्था खत्म हो रही है और सर्विस इकोनाॅमी बढ़ रही है, वैसे वैसे कमाने वाले पति, पत्नियों की संख्या भी बढ़ रही है और इसी के साथ ऐसे युगलों के बीच झगड़े, मनमुटाव और तलाक का सबसे बड़ा कारण वित्तीय मुद्दे होते जा रहे हैं.

साल 2016 में भारत में एक करोड़ 36 लाख लोग तलाकशुदा थे, जो कि तब तक की विवाहित आबादी का करीब 0.24 प्रतिशत था और कुल आबादी का 0.11 प्रतिशत थे. लेकिन याद रखिये ये ऐसे तलाकशुदा लोग थे, जिनका बकायदा अदालत से तलाक हुआ था. इन आंकड़ों में बड़ी संख्या में वे लोग शामिल नहीं हैं, जो बिना किसी तलाक के अलग अलग रह रहे थे और न ही ऐसे लोग शामिल हैं, जिन्होंने मुंहजबानी यानी तलाक, तलाक, तलाक कहकर तलाक हासिल किया था और बिना किसी लिखत-पढ़त के तलाकशुदा हो चुके थे. मतलब यह कि वास्तविक रूप से तलाकशुदा लोगों की संख्या और भी ज्यादा है.

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अगर यह देखना हो कि देश में सबसे ज्यादा तलाक कहां होते हैं तो मिजोरम देश में नंबर एक तलाक लेने वाला राज्य है और दूसरे नंबर पर उच्चतम तलाक दर वाला राज्य नागालैंड है. मिजोरम में कुल विवाहित लोगांे में से 4.08 प्रतिशत लोग तलाकशुदा हैं, तो नागालैंड में 0.88 प्रतिशत तलाकशुदा लोगों की आबादी हैं. एक करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले राज्यांे में सबसे ज्यादा तलाक गुजरात में होते हैं, उसके बाद क्रमशः असम, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल आते हैं. लेकिन नोट करने वाली बात यह है कि मिजोरम और गुजरात दोनो ही राज्यों मंे हर चैथे व्यक्ति के तलाकशुदा होने के पीछे किसी न किसी रूप में वित्तीय मुद्दा कारण है.

अब इस कहानी को समझिये. रश्मि और सुनील ने दो वर्ष की डेटिंग के बाद शादी की थी. लेकिन विवाह को अभी छह माह भी नहीं हुए थे कि दोनो का मनमुटाव तलाक की दहलीज तक पहुंच गया. वजह थी दोनो का एक दूसरे पर अपना पैसा खर्च न करने का या अपना पैसा दबाकर रखने का आरोप. हम देखते हैं कि शादी के पहले आजकल के जोड़े महीनों और कई बार तो सालों डेटिंग करते हैं. माना जाता है कि इस दौरान शादी के बंधन में जल्द बंधने वाले जोड़े एक दूसरे में स्वभावगत समानताएं तलाशते हैं और ऐसे मुद्दों पर खुलकर बाते करते हैं, जिन पर बाद में मनमुटाव होने की आशंका रहती है. अगर रश्मि और सुनील ने डेटिंग के दौरान एक दूसरे से फाइनेंशियल मुद्दों पर भी पूरी स्पष्टता के साथ बातचीत की होती तो शायद यह स्थिति नहीं आती.

दरअसल यह रश्मि और सुनील की ही बात नहीं है, ज्यादातर जोड़े शादी के पहले की तमाम मुलाकातों और साथ-साथ रहने के दौरान सारी बातें तो करते हैं, लेकिन संकोचवश एक दूसरे से फाइनेंशियल ग्राउंड पर बातें नहीं करते. जबकि इस पर बात करना आज की तारीख में बहुत जरूरी है. अगर डेटिंग के दौरान रश्मि व सुनील भी इस मुद्दे को बुनियादी मुद्दा समझकर इस संबंध में एक दूसरे से बातचीत की होती तो शायद वे आज अदालत के दरवाजे पर न होते. पैसा जीवन का बुनियादी आधार है, इसलिए उस पर कोई बात न करना, बाद में कई किस्म की समस्याएं खड़ी करता है. कम से कम महिलाओं को तो शादी के पहले की डेटिंग के दौरान अपने पार्टनर में फाइनेंशियल बिहेवियर को पहचानने की कोशिश करनी ही चाहिए. यह काम मुश्किल नहीं है. लड़कों के व्यवहार में उनका फाइनेंशियल बरताव बहुत स्पष्ट होता है. लड़कियों को इस बरताव में छिपे तौर तरीकों को समझने की भूल नहीं करनी चाहिए.

सुनील के स्वभाव में भी उसके फाइनेंशियल व्यवहार का पैटर्न बहुत स्पष्ट था. लेकिन रश्मि ने कभी उनको गंभीरता से नहीं लिया. डेटिंग के दिनों मंे सुनील हमेशा अपने परिवार की दौलत का बखान करता था. इसके प्रमुखता से दो अर्थ निकलते हैं- एक, कमजोर कॅरियर विकास और दूसरा यह कि परिवार पर आर्थिक निर्भरता. इसलिए अगर आपका पार्टनर आपके सामने अपने परिवार की दौलत पर घमंड करता है तो इसका सीधा सा यह मतलब है कि उसे अपने कौशल पर कम विश्वास है. इस कारण से उसका कॅरियर विकास प्रभावित हो सकता है. इसका सीधा अधिक प्रभाव यह होगा कि वह आर्थिक दृष्टि से अपने पैरेंट्स पर निर्भर रहे, जिससे बाद में महिला को काफी पाबंदियों व सीमाओं का सामना करना पड़ सकता है. आर्थिक रूप से अपने परिवार पर निर्भर होने के कारण सुनील हर समय यही उम्मीद करता कि रश्मि उसका खर्च उठाये व तोहफों आदि से उसकी जरूरतें पूरी करती रहे.

इस आदत से तंग बजट, कम बचत व ऋण में फंसने के संकेत मिलते हैं. अगर आपकी आय नियमित व महंगे गिफ्ट्स देने की अनुमति नहीं देती है तो न दें. अगर आप चादर से बाहर पैर फैलायेंगी तो आपका बजट गड़बड़ा जायेगा और आप बचत नहीं कर पायेंगी. उधार लेने से आप कर्ज के जाल में फंस जायेंगी या अपने लक्ष्य की पूर्ति नहीं कर पायेंगी. अगर आपका पार्टनर यह नहीं समझता है तो उसे समझाने का प्रयास करें. अगर तब भी उसकी समझ में न आये और इसका अर्थ ब्रेकअप करना हो तो ब्रेकअप कर लें.

अकसर यह भी होता कि रश्मि का क्रेडिट कार्ड प्रयोग करने से पहले सुनील उससे मालूम ही नहीं करता था, जो इस बात का संकेत था कि वह आर्थिक दृष्टि से लापरवाह व अपने पार्टनर पर निर्भर था. बिना अनुमति के अपने पार्टनर का क्रेडिट कार्ड प्रयोग करना न सिर्फ अनैतिक है बल्कि भविष्य के लिए यह संकेत भी देता है कि आपका पार्टनर लापरवाही से खर्च करता है या घर की आय में योगदान करने के लिए आर्थिक निर्भरता को प्राथमिकता देता है. रश्मि जिन चीजों पर खर्च करना पसंद करती वह सुनील को हमेशा बेकार लगतीं, जो इस बात का स्पष्ट संकेत था कि वह आर्थिक मामलों में केवल अपनी हुक्मरानी चाहता था.

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उस पार्टनर से सावधान रहें जो आपकी खरीदारी या आर्थिक निर्णयों की आलोचना करता है; क्योंकि वह या तो संबंध में तानाशाह बनना चाहता है या अपने पैसे व निर्णयों को लेकर असुरक्षित है. ध्यान रहे कि पैसे की समस्या अकसर व्यक्ति में गहरे मनोवैज्ञानिक मुद्दों का संकेत देती है. सुनील रश्मि की आधिकारिक पोजीशन का भी लाभ उठाता था, जिसका अर्थ यह होता है कि आर्थिक घोटाला किया जायेगा, कॅरियर संभावनाएं अच्छी नहीं हैं या भरोसा कम है. अगर पार्टनर आपकी पोजीशन का शोषण अपने लाभ के लिए कर रहा है, तो बेहतर यह है कि उसे छोड़ दिया जाये. वह आपको सिर्फ सोने का अंडा देने वाली मुर्गी के रूप में देख रहा है. उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता क्योंकि संकट के समय में वह आपको अधर में छोड़ देगा. यह भी हो सकता है कि उसका अपना कॅरियर अच्छा नहीं है और वह तरक्की नहीं कर सकता.

कुछ अन्य प्रश्न भी हैं, जिनका संबंध रश्मि व सुनील से नहीं है, लेकिन डेटिंग के दौरान उन पर गौर करना चाहिए और उनके आधार पर ही तय करना चाहिए कि ब्रेकअप किया जाये या नहीं. आपका पार्टनर आर्थिक संकट में है. अगर यह स्थिति अस्थाई नहीं है और वह एक आर्थिक संकट के बाद दूसरे आर्थिक संकट में घिरता रहता है और उम्मीद करता है कि हर बार आप उसे बाहर निकालें तो आपको उससे ब्रेकअप कर लेना चाहिए क्योंकि डेटिंग के दौरान ब्रेकअप तलाक से कहीं अधिक आसान होता है. ज्यादा दौलत भी कभी-कभार समस्या बन जाती है; क्योंकि वह अपने साथ बहुत सी बुराइयां व आर्थिक गैर-जिम्मेदारियां भी लाती है. अगर पार्टनर के नैतिक मूल्य मजबूत हैं तो उसकी रईसी कोई समस्या नहीं है, डेटिंग जारी रखें. अगर नहीं, तो छोड़ दें.

अगर पार्टनर के पास पैसे का अभाव है तो निर्णय लेने से पहले उसके कॅरियर के स्टेज को समझें. अगर वह करियर आरंभ कर रहा है तो उसके पास पैसे की कमी हो सकती है और अगर वह कॅरियर के बीच में है और विकास के चिन्ह नजर नहीं आ रहे तो यह समस्या है. वह पैसा बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाता या आपके पैसे पर निर्भर है तो ब्रेकअप के बारे में सोचें. अगर वह पैसे को लेकर लापरवाह है, उधार लेकर लौटना भूल जाता है. क्रेडिट कार्ड या फोन खोता रहता है. महंगी चीज खरीदने से पहले अपने अकाउंट बैलेंस को चेक नहीं करता. बेकार की चीजों पर खर्च करता है व बिल अदा करना भूल जाता है. इन मुद्दों को गंभीरता से नहीं लेता, ऋण या कर्ज पर जीवन गुजारता है. निवेश के मामले में फिक्स्ड डिपाजिट से आगे नहीं सोचता …संक्षेप में उसके आर्थिक मूल्य आप जैसे नहीं हैं, तो उसे क्यों डेट कर रही हैं? छोड़ दो.

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