जानें क्या हैं फिटनैस से जुड़े 10 मिथ और उनके सच

लेखिका- शकुंतला

आजकल युवाओं में अपनी बौडी को हैल्दी बनाने का क्रेज है. इस के लिए वे तरहतरह के व्यायाम करते हैं, जिम जाते हैं और डाइटिंग करते हैं. फिटनैस को ले कर अकसर उन के मन में कुछ गलतफहमियां रहती हैं, जिन्हें मन से निकाल देना ही बेहतर होगा.

1. व्यायाम के पहले स्ट्रैच करना जरूरी है:

कुछ लोगों का कहना है कि व्यायाम करने से पहले स्ट्रैच करना चाहिए, जबकि इस से बेहतर व्यायाम के बाद डाइनामिक स्ट्रैच करना होता है जब जौइंट्स और मसल्स गरम रहती हैं. इस से स्ट्रैस कम होता है, मसल्स टैंशन कम होती है, पोस्चर और रक्तसंचार बेहतर होता है.

2. जिम में घंटों ऐक्सरसाइज करना ज्यादा लाभदायक:

यह भी सही नहीं है. ज्यादा समय तक व्यायाम या वर्कआउट करने से अच्छा है जो भी करें धैर्य से करें और सही तरीके से वर्कआउट से सर्वाधिक लाभ के लिए ऐरोबिक ऐक्सरसाइज से पहले स्ट्रैंथ ट्रेनिंग लेनी चाहिए. इस से शरीर में मौजूद कार्बोहाइड्रेट की खपत पहले होती है.

इस के बाद ऐरोबिक ऐक्सरसाइज  करने से बौडी का फैट और कोलैस्ट्रौल जलता है. सिर्फ जिम में वर्कआउट से ही सबकुछ ठीक नहीं होता है, साथ में कुछ मौडरेट ऐक्सरसाइज जैसे वाकिंग, स्विमिंग, साइक्लिंग आदि भी करते रहना चाहिए.

3. स्ट्रैंथ ट्रेनिंग बंद होने से मसल्स फैट में बदल जाती हैं:

मसल्स कभी फैट में नहीं बदलती हैं. स्ट्रैंथ ट्रेनिंग बंद होने से मसल्स मास घट सकता है, जिस के चलते मैटाबोलिज्म कम हो जाएगा. मैटाबोलिज्म धीमा होने से कम कैलोरी जलेगी और वजन बढ़ने की संभावना रहेगी. मोटापा बढ़ने से कोलन, पैंक्रियाज, किडनी, गालब्लैडर, ब्रैस्ट आदि अंगों में कैंसर की संभावना बढ़ जाती है.

4. बौडी फैट जलाने का लक्ष्य साध सकते हैं:

वर्कआउट से आप अपने शरीर का फैट तो जला सकते हैं पर आप शरीर के किसी खास अंग के फैट का जलना सुनिश्चित नहीं कर सकते हैं. वर्कआउट के दौरान आप की बौडी का फैट जलेगा पर बौडी किसी मनचाहे अंग का फैट जलाने का लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकती है.

5. ज्यादा वजन उठाने से बौडी टोन और शेप बेहतर होगी:

वेट लिफ्टिंग से बौडी टोन और शेप अच्छी होती है पर इस से आप बौडीबिल्डर की तरह नहीं दिख सकते. महिलाओं में टेस्टोस्टेरौन की मात्रा बहुत कम होती है, जिस के चलते उन में मसल्स बिल्डिंग पुरुषों जैसी नहीं हो सकती है. वेटलिफ्टिंग से आप की कैलोरी अवश्य जलेगी और हैल्दी वेट मैंटेन रहेगा. हैल्दी वेट अनेक रोगों को दूर रखता है.

6. क्रंचेज एक बेहतर वर्कआउट है:

क्रंचेज बैली फैट जलाने में सक्षम नहीं होता है. इस के लिए कार्डियो वर्कआउट और रिजिस्टैंस ट्रेनिंग बेहतर ऐक्सरसाइज है.

7. ऐक्सरसाइज कर आप कुछ भी खा सकते हैं:

ऐक्सरसाइज का मतलब यह नहीं है कि आप का खानपान मनचाहा होगा. संतुलित और पौष्टिक आहार किसी भी ऐक्सरसाइज या वर्कआउट से ज्यादा जरूरी है. समुचित आहार  वेट मैनेजमैंट और स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है. ऐक्सरसाइज या वर्कआउट आप को उचित खानपान से समझौता करने की इजाजत नहीं  देता है.

8. ट्रेडमिल पर ज्यादा चलने से वजन मैंटेन रहेगा:

ट्रेडमिल पर ज्यादा देर वर्कआउट करने से वजन ठीक रहेगा ऐसा कुछ नहीं है उलटे यह आप की कैलोरी जलाती है. ट्रेडमिल एक कार्डियो ऐक्सरसाइज है. वेट मैनेजमैंट के लिए अलग से वेट ट्रेनिंग वर्कआउट करना पड़ता है.

9. जब तक पसीना न निकले वर्कआउट पूरा नहीं होता है:

यह सब के लिए जरूरी नहीं है विशेषकर वेट लिफ्टर के लिए. वजन बढ़ाने के क्रम में बीचबीच में उसे कुछ मिनट रिलैक्स करना पड़ता है ताकि उस का नर्वस सिस्टम रिकवर कर सके और अत्यधिक वजन उठाने के लिए तैयार हो सके. इस दौरान उसे पसीना नहीं भी आ सकता है.

10. प्रत्येक वर्कआउट के बाद इलैक्ट्रोलाइट जरूरी है:

नौर्मल वर्कआउट के बाद स्पोर्ट ड्रिंक्स या इलैक्ट्रोलाइट जरूरी नहीं है. 1 घंटे से ज्यादा कार्डियो वर्कआउट या लंबी मैराथन रनिंग के मध्य में इसे लिया जा सकता है अन्यथा स्पोर्ट ड्रिंक्स पीने से अनावश्यक शुगर मिलेगा और फैट जलाने की प्रक्रिया में बाधा होगी.

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