तो हाजमा रहेगा सही

अगर पाचनतंत्र ठीक से काम न कर सके तो अपच की समस्या हो सकती है. अपच आमतौर पर कई बीमारियों और जीवनशैली से जुड़े कारकों की वजह से होता है. पाचन संबंधी समस्याओं के लक्षण आमतौर पर कुछ इस तरह होते हैं:

पेट फूलना, गैस, कब्ज, डायरिया, उलटी, सीने में जलन. आहार जो पाचनतंत्र के लिए फायदेमंद है

छिलके वाली सब्जियां: सब्जियों में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो पाचन के लिए महत्त्वपूर्ण है. फाइबर कब्ज दूर करने में मदद करता है. सब्जियों के छिलके में फाइबर बहुत अधिक होता है, इसलिए अच्छा होगा कि आप पूरी सब्जी खाएं. आलू, बींस और फलियों के छिलकों में फाइबर बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है.

फल: फलों में फाइबर बहुत अधिक पाया जाता है. इन में विटामिन और मिनरल्स भी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जैसे विटामिन सी और पोटैशियम. उदाहरण के लिए सेब, संतरा और केला पाचन के लिए बेहद कारगर हैं.

साबूत अनाज से युक्त आहार: साबूत अनाज भी घुलनशील और अघुलनशील फाइबर का अच्छा स्रोत है. घुलनशील फाइबर बड़ी आंत में जैल जैसा पदार्थ बना लेता है, जिस से पेट भरा महसूस करते हैं और शरीर में ग्लूकोस का अवशोषण धीरेधीरे होता रहता है. अघुलनशील फाइबर कब्ज से बचाने में मदद करता है. फाइबर पाचनतंत्र में अच्छे बैक्टीरिया को पोषण भी देता है.

खूब तरल का सेवन करें: त्वचा को स्वस्थ रखने, इम्यूनिटी और ऊर्जा बढ़ाने के लिए शरीर को पानी की जरूरत होती है. पानी पाचन के लिए भी जरूरी है. जिस तरह हमारे पाचनतंत्र में अच्छे बैक्टीरिया को होना जरूरी है उसी तरह तरल भी बहुत अधिक महत्त्वपूर्ण है.

अदरक: अदरक पाचन की समस्याओं जैसे पेट फूलना में राहत देती है. सूखा अदरक पाउडर बेहतरीन मसाला है, जो भोजन को बेहतरीन स्वाद देता है. अदरक का इस्तेमाल चाय बनाने में भी किया जाता है. अच्छी गुणवत्ता का अदरक चुनें. चाय के लिए ताजा अदरक लें.

हलदी: हलदी आप की किचन में मौजूद ऐंटीइनफ्लैमेटरी और ऐंटीकैंसर मसाला है. इस में करक्युमिन पाया जाता है, जो पाचनतंत्र के भीतरी स्तर को सुरक्षित रखता है, अच्छे बैक्टीरिया को पनपने में मदद करता है और बोवल रोगों एवं कोलोरैक्टल कैंसर के उपचार में भी कारगर पाया गया है.

योगहर्ट: इस में प्रोबायोटिक्स होते हैं. ये लाइव बैक्टीरिया और यीस्ट हैं, जो पाचनतंत्र के लिए फायदेमंद होते हैं.

असंतृप्त वसा: इस तरह की वसा यानी फैट शरीर को विटामिनों के अवशोषण में मदद करते हैं. इन के साथ फाइबर पाचन को आसान बनाता है. पौधों से मिलने वाले तेल जैसे जैतून का तेल अनसैचुरेटेड फैट का अच्छा स्रोत है, लेकिन वसा का इस्तेमाल हमेशा ठीक मात्रा में करें. एक वयस्क को रोजाना अपने आहार में 2000 कैलोरी की जरूरत होती है, जिस में वसा की मात्रा 77 ग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए.

क्या न खाएं

कुछ खाद्य एवं पेयपदार्थों के कारण पेट फूलना, सीने में जलन और डायरिया जैसी समस्याएं होती हैं. उदाहरण के लिए:

तेलीय/वसा युक्त आहार: तले और मसालेदार भोजन के सेवन से बचें, क्योंकि यह आप के पाचनतंत्र के लिए कई समस्याओं का कारण बन सकता है. ऐसे आहार को पचने में ज्यादा समय लगता है. इस कारण कब्ज, पेट फूलना या डायरिया जैसी समस्याएं होती हैं. तले खाद्यपदार्थों के सेवन से ऐसिडिटी और पेट फूलना जैसी समस्याएं होती हैं.

मसालेदार भोजन: मसालेदार भोजन पेट में दर्द या मलत्याग करते समय असहजता का कारण बन सकता है.

प्रोसैस्ड फूड: अगर आप को पाचन संबंधी समस्याएं हैं. प्रोसैस्ड खाद्यपदार्थों का सेवन न करें, इस तरह के आहार में फाइबर कम मात्रा में होता है, जबकि कृतिम चीनी, कृत्रिम रंग, नमक एवं प्रीजरर्वेटिव बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो आप की पाचन संबंधी समस्याओं को और बदतर बना सकते हैं, साथ ही फाइबर न होने के कारण इस तरह के भोजन को पचाने के लिए शरीर के ज्यादा काम करना पड़ता है और यह कब्ज का कारण बन सकता है.

रिफाइंड चीनी, सफेद रिफाइंड चीनी इनफ्लैमेटरी कैमिकल बनाती है और पाचनतंत्र में डिसबायोसिस को बढ़ावा देती है. इस से पाचनतंत्र में बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है. इस तरह की चीनी हानिकर बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है.

शराब: शराब के सेवन से डीहाइड्रेशन हो जाता है, जो कब्ज और पेट फूलने का कारण बन सकता है. यह पेट एवं पाचनतंत्र के लिए नुकसानदायक है और लिवर के मैटाबोलिज्म में बदलाव ला सकती है. शराब ऐसिडिक होती है, इसलिए स्टमक यानी आमाशय के भीतरी अस्तर को नुकसान पहुंचा सकती है.

कैफीन: कैफीन, चाय, कौफी, चौकलेट, सौफ्ट ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक, बेक्ड फूड, आईसक्रीम में पाया जाता है. यह पाचनतंत्र के मूवमैंट को तेज करता है, जिस से पेट जल्दी खाली हो जाता है. इस से पेट दर्द और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

कार्बोनेटेड पेय: इन में मौजूद गैस पेट फूलना जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है. इस का असर आमाशय के भीतरी स्तर पर भी पड़ता है. साथ ही इस तरह के पेयपदार्थों में चीनी बहुत अधिक मात्रा में पाई जाती है, जो पाचन की समस्याओं को और बढ़ा सकती है. कार्बोनेटेड पेय, शरीर में इलैक्ट्रोलाइट के संतुलन को बिगाड़ सकते हैं, जिस से शरीर डीहाइड्रेट हो सकता है.

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