अभिनेता मोहम्मद इकबाल खान ने न्यूकमर के लिए क्या मेसेज दिया, पढ़ें इंटरव्यू

छोटे और बड़े पर्दे पर नजर आने वाले हैंडसम, वेलबिल्ट अभिनेता मोहम्मद इक़बाल खान से कोई अपरिचित नहीं. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कैरियर बनाने के चाह में कश्मीर से मुंबई आये और काफी संघर्ष के बाद कुछ फिल्मों में काम मिला. फिल्मों में उनकी एंट्री वर्ष 2002 में फिल्म ‘कुछ दिल ने कहा’ से हुई. इसके बाद उन्होंने कुल तीन और फिल्में ‘फनटूश’, ‘बुलेट एक धमाका’ और ‘अनफॉर्गेटेबल’ की जो फ्लॉप रहीं, जिसके चलते उन्हें हिंदी फिल्मों में काम मिलना भी बंद हो गया.

फिर उन्होंने खाली न बैठकर टीवी का रुख किया. टीवी में कैरियर बनाने की ठानी और साल 2005 में इकबाल ने ‘कैसा ये प्यार है’ से टीवी में एंट्री की. इसमें उनके किरदार को काफी सराहना मिली और बाद में उन्हें पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा.

पत्नी स्नेह छाबड़ा और इकबाल की मुलाकात एक वीडियो एलबम की शूटिंग के दौरन हुई थी. प्यार हुआ, शादी की और इकबाल दो बेटी के पिता बने.

उनकी वेब सीरीज क्रैकडाउन 2 जीओ सिनेमा पर रिलीज हो चुकी है, जिसमे उन्होंने जोरावर कालरा की भूमिका निभाई है, ये भूमिका उनके लिए काफी अलग और चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन उनके काम की तारीफ मिल रही है, जिससे वे बेहद खुश है. उन्होंने खास गृहशोभा से बात की आइये जानते है उनकी कहानी उनकी जुबानी.

 

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सवाल- हिंदी मनोरंजन की दुनिया में आपने बहुत काम किये है, अभी क्या कर रहे है?

जवाब – मेरी क्रेकडाउन 2 रिलीज हो चुकी है और अभी मैं एक धारावाहिक ‘न उम्र की सीमा हो’ में अभिनय कर रह हूँ. आगे कई वेव शो है, जो रिलीज पर है.

सवाल – किसी भी कहानी में काम करते वक्त किस बात का अधिक ध्यान रखते है?

जवाब – इसमें मैं 3 बातों का ध्यान रखता हूँ, पहला पूरी कहानी में काम करने वाले पात्र, क्योंकि पूरी टीम की अच्छी परफोर्मेंस से ही कहानी अच्छी बनती है, एक अकेला कलाकार कुछ नहीं कर सकता, दूसरा मेरी भूमिका, जिसमे मेरा चरित्र कितना दमदार है. तीसरा पैसा होता है, जिससे मेरा घर चलता है, वह ठीक है या नहीं.

सवाल –  आजकल फिल्म , वेब सीरीज और धारावाहिक ये तीन माध्यम चल रहे है, आप किस माध्यम में अभिनय करना अधिक पसंद करते है?

जवाब – मजा उसी में अधिक आता है, जिसमे काम करने में आनंद हो, वह कभी टीवी, कभी वेबसीरीज तो कभी फिल्म, माध्यम कोई भी हो काम की गहनता को मैं अधिक महत्व देता हूँ. एक छोटी सी भूमिका भी कई बार मुझे बहुत क्रिएटिव संतुष्टि प्रदान करती है. वेब एक ऐसा माध्यम है, जहाँ राइटर, डायरेक्टर या एक्टर सभी को क्रिएटिव आज़ादी मिलती है और वह उसे खुलकर प्रयोग कर सकते है.

सवाल – आजकल के वेब शोज की कहानियां काफी एक जैसी ही है, ऐसे में दर्शकों का वेब शो देखने की उत्सुकता धीरे-धीरे कम होती जा रही है, जैसा आजकल टीवी शोज के साथ हो रहा है, आपकी सोच इस बारें में क्या है?

जवाब – एक जैसी अगर कहानी वेब में दिखाया जायेगा, तो उसका क्रेज कम होगा. ये देखा गया है कि अगर कुछ चीज चल जाती है, तो लोग उसी ही बार-बार करने लगते है, जबकि आर्ट फॉर्म में ऐसा करना बेवकूफी है, क्योंकि आर्ट में कोई फार्मूला नहीं होता. क्रिएटिविटी में इन्सान सोचता है और उसे जो पैसा मिलता है, उसमे वह उस कहानी को कहने की कोशिश करता है.

सवाल – आजकल लोग फिल्मों को हॉल में जाकर अधिक देखना पसंद नहीं करते, क्या वेब ने फिल्म की जगह ले ली है, या कोई और वजह है?

जवाब – कोविड और वेब ने फिफ्टी- फिफ्टी बाँट लिया है. लोगों को वेब पर अच्छी कंटेंट देखने को मिल जाती है, ऐसे में सिनेमा को खुद के गेम हाई करना पड़ेगा, क्योंकि 3 से 4 हज़ार खर्च कर परिवार के साथ फिल्म तभी देखी  जायेगी, जब उसका अनुभव अलग और बहुत बढ़िया हो. नार्मल पिक्चर अब नहीं चल सकती. एक दो को छोड़कर बड़े-बड़े स्टार्स की फिल्मे इस बार फ्लॉप हुई है. इसका अर्थ ये हुआ है कि जो चीज देखने लायक हो, उसे ही दर्शक देखना चाहते है.

 

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सवाल – अभिनय की प्रेरणा कहां से मिली?

जवाब – अभिनय का कीड़ा बचपन से ही था. स्कूल में रहते हुए कसौली में मैंने एक नाटक ‘करन द सन ऑफ़ सूर्य’ में करन की भूमिका निभाई थी. वहां से मुझे लगा कि मुझे इस फील्ड में जाना चाहिए. मैं कश्मीर का रहने वाला हूँ.

सवाल – कश्मीर से मुंबई आने में परिवार का सहयोग कितना रहा?

जवाब – मैं ग्रेजुएशन के फाइनल परीक्षा देने से पहले घरवालों को बताकर मुंबई चला आया था और परीक्षा के लिए वापस जाऊंगा, ऐसा सोचा था, लेकिन यही रह गया. एग्जाम नहीं दिया, लेकिन परिवार वालों ने जब मेरे छोटे-छोटे मॉडलिंग के काम देखे, तो वे भी खुश हो गए और कुछ नहीं बोले, बल्कि साथ दिया.

सवाल – मुंबई में पहला ब्रेक मिलने तक कितना संघर्ष रहा?

जवाब – पहला दो साल काफी मुश्किल भरा था, इसके बाद जब मैंने दो फिल्मे की और वह भी फ्लॉप हो गई तो मुश्किलें और बढ़ी. इससे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला और इस दौरान मैं कुछ काम कर अपनी जिंदगी गुजार रहा था. वित्तीय सहयोग परिवार से कभी नहीं माँगा, उन्हें पता भी नहीं चलने दिया, क्योंकि तब वे वापस लौटने को कहते. उन्हें लग रहा था कि यहाँ सब अच्छा चल रहा है. थिएटर में भी तब पैसे मिलते नहीं थे, मिले तो भी कम थे. एक्टिंग सीखने की संस्थाएं भी कम थी और जो थे भी उनकी फीस उस समय 20 हज़ार थी, जो मेरे लिए अधिक थी. मैं 20 साल पहले यहाँ आया था. संघर्ष करते-करते मुझे अचानक टीवी ऑफर हुआ और मैं कुछ न सोचते हुए उसे ज्वाइन कर लिया, क्योंकि मेरे महीने का हाउस रेंट निकलना था, लेकिन शो बहुत हिट हो गई और मेरी जिंदगी बदल गई.

सवाल – किस शो से आप घर-घर पहचाने गए?

जवाब – एकता कपूर की शो ‘कैसा ये प्यार है’ से मैं पोपुलर हुआ और पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा. इसे मैं पेरेंट्स का योगदान मानता हूँ, क्योंकि उन्होंने हर परिस्थिति में मेरा साथ दिया.

सवाल – आप कश्मीर के कसौली से है, क्या अपने गांव में किसी प्रकार की परिवर्तन की इच्छा रखते है?

जवाब – मैं अपने गांव के लोगों को इमानदारी, सच्चाई और हार्डवर्क की तरफ ले जाना चाहता हूँ, इसके लिए मैं उनकी जागरूकता पर अधिक काम करना चाहता हूँ.

सवाल – इतने सालों के कैरियर में कहानियों के कहने और लोगों के पसंद  कितनी बदली है, आपकी सोच क्या है?

जवाब – हाँ सिनेमा काफी बदला है, वेब की कहानियां अच्छी है, लेकिन टीवी में बदलाव अधिक नहीं आया है. टीवी में 20 साल में कंटेंट में बदलाव केवल 5 प्रतिशत हुई है. वजह को बताना मुश्किल है, क्योंकि चैनल्स की रिसर्च टीम तो यही कहती है कि दर्शकों की पसंद यही है, जो वे दे रहे है.

सवाल – क्या एक्टिंग के अलावा कुछ करने की इच्छा रखते है?

जवाब – एक्टिंग के अलावा मैं डायरेक्ट और प्रोड्यूस करना चाहता हूँ, कभी-कभी कुछ फिक्शन कहानियाँ लिख भी लेता हूँ.

सवाल – क्या आप अपनी जर्नी से संतुस्ट है? कोई रिग्रेट है क्या?

जवाब – मैं 40 साल से ऊपर का हूँ और अबतक ये जान गया हूँ कि जीवन में रिग्रेट कुछ होता ही नहीं है. बहुत सारी चीजें जिंदगी में हो जाती है, उससे मैने बहुत कुछ सीखा है और खुद में बदलाव भी लाया हूँ.

सवाल – क्या आप न्यूकमर को कोई मेसेज देना चाहते है?

जवाब – मेसेज कोई नहीं सुनता, जब तक व्यक्ति उस परिस्थिति में नहीं पड़ता उसे किसी प्रकार की सीख समझ में नहीं आती. काम मांगना गलत नहीं, लेकिन किसी को जीवन का सबकुछ समझ लेना, उसके आगे गिडगिडाना ये कभी न करें. खुद पर भरोषा रखे, अपनी कमियों को समझे, मेहनत करें.  अच्छा काम करने की कोशिश करें और धीरज बनाए रखे, लगन से काम अवश्य मिलता है.

सवाल – आपको सुपर पॉवर मिलने पर क्या करना चाहते है?

जवाब – सुपर पॉवर मिलने पर मैं सामने वाला व्यक्ति गलत है या सही, इसे समझना चाहता हूँ.

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