बहुत कम लोग जानते हैं कि हाथों के एक वर्ग सेंटीमीटर वाले हिस्से में ही लगभग 1 हजार से भी ज्यादा कीटाणु होते हैं , जो व्यक्ति को बीमार बनाने के लिए काफी है. इसलिए किसी भी व्यक्ति को बचपन से ही स्वच्छ रहने और हाथ धोने की शिक्षा दी जाती है, ताकि वो हाथों की स्वचछ्ता का महत्व समझ सके.
क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे
वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे हर साल 5 मई को मनाया जाता है. यह दिन विश्व स्वास्थय संगठन (who ) द्वारा घोषित किया गया है. यह रोगियों और उनके परिवार के सदस्यों को हाथों की स्वच्छता का अभ्यास करवाने के लिए स्वास्थय कार्यकर्ताओं से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है. विश्व स्वास्थय संगठन के अनुसार, हर साल, दुनिया भर में लाखों लोग स्वास्थय देखभाल से जुड़े संक्रमणों से प्रभावित होते हैं.
इस साल अभियान की थीम ‘ सेव लाइफ, क्लीन योर हैंड्स’ है. हाथ की स्वच्छता विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जो भोजन सम्बंधित क्षेत्रों में या फिर चिकित्सा के क्षेत्रों में कार्यरत हैं. लेकिन यह आम जनता के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है और आज इसकी महत्ता और भी बढ़ गयी है, क्योंकि कोविद 19 पूरी दुनिया में फैल जो चुका है. अभी फिलहाल हाथों को स्वच्छ रखने के अलावा इससे बचे रहने का कोई दूसरा उपाय नहीं है.
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पी सेफ के संस्थापक विकास बगारिया बताते हैं कि यदि लोग हाथ नहीं धोते हैं तो वह सांस की बीमारियों या फिर सामान्य फ्लू से भी संक्रमित हो सकते हैं. उदाहरण के लिए यदि वे अपनी आंख, नाक , मुंह को छूने से पहले अपने हाथ नहीं धोते, तो इन बीमारियों की गिरफ्त में आने की सम्भावना कहीं अधिक बढ़ जाती है. इसलिए ही लोगों में जागरूकता फेलाने हेतु हर साल वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे मनाया जाता है.
हाथों की स्वच्छता का महत्व
पुराने लाइफस्टाइल और कंफर्ट को छोड़कर नई आदतों में खुद को ढालना बहुत मुश्किल होता है. लेकिन जीवन में कभी कुछ ऐसा घट जाता है जब हमें अपनी आदतों को बदलना ही पड़ता है वार्ना परिणाम बहुत खतरनाक हो सकते हैं. बिलकुल ऐसी ही एक आदत हाथों को साफ न रखने की है.
इस बात से स्पष्ट अनुमान लगाया गया है कि यदि हाथों को साफ रखा जाए तो डायरिया द्वारा होने वाली मौतों को 50 प्रतिशत तक रोक सकते हैं और केवल यही नहीं बल्कि और बीमारियों से भी बचाव हो सकता है. बहुत लोग आज भी सैनिटाइजर की भूमिका को नहीं समझ रहे हैं और सिर्फ पानी से हाथ धोकर खानापूर्ति कर रहे हैं, जो सही नहीं है.
आपको बता दें कि हाथों में कीटाणु कई तरीकों से दाखिल होते हैं जैसे कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल आदि के जरिए. परंतु हम इन्हें अनदेखा कर देते हैं. इसके अलावा नोट और सिक्कों के द्वारा भी बैक्टीरिया हमारे संपर्क में आ जाते हैं. यदि ऐसे में साबुन या सैनिटाइजर का उपयोग नहीं करते हैं तो बैक्टीरिया हमारे हाथों द्वारा हमारी नाक, आंख और मुँह में चले जाते हैं.
हाथ कब धोएं
– भोजन करने से पहले व बाद में
– किसी रोगी से मिलने से पहले व बाद में
– ऐसी वस्तुओं को छूने से पहले और बाद में, जिसका उपयोग एक से अधिक लोग करते हैं.
– अगर किसी जानवर को छुआ जैसे- कुत्ता, बिल्ली आदि.
– टॉयलेट यूज़ करने के बाद.
हाथ कैसे धोने हैं यह जानना आपके लिए बहुत अहम है.
हाथ कैसे धोएं
– सबसे पहले हाथों को साफ ठंडे या गरम पानी से गीला करें और फिर साबुन या हैंडवाश लगाएं.
– झाग को हाथों के दोनों तरफ रगड़ने के साथ नाखूनों को भी रगड़े.
– हाथों को लगभग 20 सेकंड तक आगे पीछे रगड़ते रहें.
– अब हाथों को साफ पानी से धोएं.
– अंत में किसी टोवेल से पोंछे या फिर हवा से सुखाएं.
हमेशा साफ पानी, साबुन या हैंड वाश का मिलना मुश्किल है, विषेशकर तब जब आप यात्रा पर हो या किसी कारण घर से बहार हो. इसलिए हमेशा सैनिटीज़र अपने पास रखें.
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कोविड 19 से बड़ा हाथ धोने का महत्व
कोरोना वायरस यानि कोविद 19 की जबसे दुनिया में दस्तक हुई है, तक से लेकर अब तक इसके खिलाफ अगर कोई सबसे बड़ा हथियार माना गया है , तो वह है हाथों की सफाई. दुनिया में इस बात की पुस्टि हो चुकी है कि इस समय दुनिया की ज्यादातर आबादी हाथ धोने को पूरी गंभीरता से ले रही है. हाल ही में किए गए एक सर्वे के अनवर, भारत में इस समय लगभग 73 प्रतिशत आबादी कोविद 19 से बचाव के लिए हाथ धोने को प्राथमिकता दे रही है. यही नहीं बल्कि बाकी देश भी हाथों की स्वच्छता को लेकर गंभीर हैं. इसलिए बीमारियों से बचना है तो हाथ धोने की आदत डालें.