आयरन की शक्ति से जीवन को बनाएं स्वस्थ

अकसर देखा जाता है कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य को ले कर सतर्क नहीं रहतीं. कारण कभी प्रोफैशनल लाइफ में आगे बढ़ने की होड़ तो कभी घर के कामों को जल्दी निबटाने की जरूरत. सभी कामों को सही समय पर करने के चक्कर में वे अपना ध्यान रखना ही भूल जाती हैं. कभी इन का ब्रेकफास्ट स्किप होता है तो कभी लंच.

अगर ऐसा कभीकभी हो तो ठीक है लेकिन ऐसी रूटीन हमेशा फौलो करने पर कुछ दिनों में ही थकान महसूस होने लगती है. धीरेधीरे यह थकान कमजोरी का रूप ले लेती है. कई बार तो महिलाओं को यह समझ में ही नहीं आता कि ऐसा हो क्यों रहा है. उन्हें लगता है कि शायद ज्यादा काम करने की वजह से थकान हो गई है. यहीं पर महिलाओं को सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि ये लक्षण आप के शरीर में आयरन की कमी को दर्शाते हैं. अगर इस के बाद भी महिलाएं लापरवाही करती हैं तो उन के शरीर में खून की कमी हो जाती है और वे एनीमिक हो जाती हैं. और जब शरीर में खून की कमी हो जाती है तो छोटीछोटी बीमारियां भी उन्हें अपनी चपेट में ले लेती हैं.

आयरन की कमी के साइड इफैक्ट्स

जब शरीर में आयरन की कमी होती है तो महिलाओं का एनीमिया का शिकार होना आम बात है. रिसर्च में यह बात सामने आई है कि भारत की हर 3 महिलाओं में एक एनीमिया से ग्रसित होती है. आकड़ों के अनुसार एक और बात सामने आई है कि इन की उम्र 15 से 49 के बीच में होती है. साथ ही अगर कोई महिला एनीमिक है तो उस के बच्चे का एनीमिक होना स्वाभाविक है.

इस का कारण है कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य को ले कर लापरवाही करती हैं और सही डाइट नहीं लेती हैं जिस से उन्हें कमजोरी और थकान महसूस होने लगती है. जरा सोचिए जहां तीन में एक महिला एनीमिक हो वहां फौलिक ऐसिड और आयरन सप्लिमैंट की कितनी जरूरत होगी.

इस मामले में वैज्ञानिकों का कहना है कि महिलाओं की शारीरिक बनावट पुरूषों की तुलना में कमजोर होती है. इसलिए पुरूषों की अपेक्षा इन्हें ज्यादा कमजोरी महसूस होती है. यही वह समय है जब इन को अपने ऊपर ध्यान देने की जरूरत होती है.

इस मामले में मुंबई की डा. मीता बाली, जो कि एक क्रेनियो थेरैपिस्ट हैं, का कहना है कि ऐसा अकसर होता है कि पहले शादी फिर बच्चा वाली प्रक्रिया में महिलाएं खुद की बजाय पूरा ध्यान बच्चों और पति पर ही देती हैं. यानी वे अपना ध्यान रखना ही भूल जाती हैं. पूरा फोकस बच्चों और पति पर हो जाता है. वे प्रैग्नैंसी के दौरान आयरन की दवाइयां तो लेती हैं लेकिन बच्चा होने के बाद इस बात को भूल जाती हैं कि बच्चे के साथसाथ उन्हें अपना भी ध्यान रखना है. ऐसे में अगर महिलाएं डाक्टर की सलाह से आयरन सप्लिमैंट का सेवन करती हैं तो उन्हें इस तरह की समस्या नहीं झेलनी पड़ती. डा. मीता का कहना है कि कुछ महिलाओं का ध्यान तब खुद पर जाता है जब वे एनीमिक हो चुकी होती हैं. जब थकान महसूस होती है तब उन्हें समझ में आता है कि उन के शरीर में कोई परेशानी है. वे अपनी बात परिवार वालों के साथ शेयर नहीं करतीं और अकेले काम करती रहती हैं. साथ ही इस का जिम्मेदार भी वे परिवार के लोगों को ही मान बैठती हैं. डा. मीता का मानना है कि महिलाओं को अपनी परेशानियां घरवालों के साथ शेयर करनी चाहिए. ऐसा करने से वे बीमारी से भी बच जाएंगी और परिवार वाले उन के कामों में हाथ भी बटा सकेंगे. महिलाओं को परिवार का खयाल रखने के साथ ही थोड़ा समय खुद के लिए भी निकालना चाहिए और साल में एक बार अपनी जांच जरूर करवानी चाहिए ताकि समय रहते यह पता लग जाए कि आप के शरीर में किन विटामिंस और मिनरल्स की कमी है. फिर आप उस हिसाब से सप्लिमैंट ले सकती हैं. ऐसा अगर आप छोटी उम्र से शुरू कर देती हैं तो 50 की उम्र में भी आप हैल्दी रह सकती हैं.

ऐसे नहीं होगी आयरन की कमी

अगर आप थोड़ा ध्यान खुद पर भी देंगी तो आप के शरीर में आयरन की कमी नहीं होगी. इस के लिए आप सब से पहले ऐसी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें जिन में भरपूर मात्रा में आयरन हो. साथ ही डाक्टर की सलाह से आप आयरन की गोलियां भी ले सकती हैं. अकसर देखा जाता है कि लोग बीमारी से निबटने के लिए पूरी तरह से डाक्टर पर निर्भर हो जाते हैं और अपने स्तर पर कोशिश ही नहीं करते. आप भी शरीर में आयरन की भरपाई के लिए सिर्फ सप्लिमैंट पर निर्भर न हो कर नैचुरल चीजों का सेवन करें.

खाने में ऐसे पदार्थों को शामिल करें जिन को खाने से आयरन की कमी दूर हो सके. हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, बथुआ, चोकरयुक्त आटा, मल्टीग्रेन आटा, चुकंदर, अनार, काबुली चना, अंकुरित अनाज, राजमा, संतरे का रस, सोयाबीन, हरी मूंग व मसूर दाल, सूखे मेवे, गुड़, अंगूर, अमरूद, अंडा और दूध, मेथी, रैड मीट, सरसों का साग, पालक, चौराई, मछली आदि अपनी डाइट में शामिल करें. साथ ही सप्लिमैंट में आप आयरन की कमी को दूर करने के लिए डाक्टर की सलाह से रुद्ब1शद्दद्गठ्ठ का भी उपयोग कर सकतीं हैं. शायद आप को पता भी हो कि आयरन की कमी से एनीमिया रोग हो जाता है. जब शरीर में आयरन की कमी होती है तो लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण नहीं हो पाता है. ये लाल रक्त कोशिकाएं ही दिमाग को ऊर्जा प्रदान करने का काम करती हैं.

गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन और फौलिक ऐसिड की जरूरत ज्यादा होती है, क्योंकि फौलिक ऐसिड नई कोशिकाओं को विकसित करने का काम करता है. साथ ही गर्भ में जब बच्चा पल रहा होता है तो उस के विकास में सहायक होता है. इसी पर बच्चे का दिमाग और स्पाइनल कौर्ड का विकास भी निर्भर होता है. साथ ही लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और एनीमिया से बचे रहने के लिए शरीर में इस का होना जरूरी है. यही नहीं फौलिक ऐसिड से महिलाओं में ब्रैस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर का खतरा भी कम रहता है. आयरन और फौलिक ऐसिड की कमी को दूर करने के लिए जितनी हो सके उतनी मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें और फलों का सेवन करना चाहिए.

जब शरीर में आयरन की कमी होती है तो हमारा मैटाबोलिज्म ठीक से काम नहीं करता है. नतीजतन, हमारे शरीर को भरपूर ऊर्जा नहीं मिल पाती. महिलाओं के शरीर को जब भरपूर मात्रा में ऊर्जा नहीं मिलती तो उन्हें थकान महसूस होती है. लेकिन उन्हें लगता है कि यह कामकाज और भागदौड़ की वजह से थकान हो रही है. इस के बावजूद वे अपने शरीर पर ध्यान नहीं देतीं. और जब तक उन्हें पता चलता है बहुत देर हो चुकी होती है. जो महिलाएं घर और बाहर दोनों जगह काम करती हैं उन के अंदर आयरन की कमी बाकी महिलाओं के मुकाबले ज्यादा पाई जाती है. क्योंकि कभीकभी उन्हें नाइट शिफ्ट में भी काम करना पड़ता है. नाइट शिफ्ट में काम करने के बाद जब वे घर आती हैं तो दिन में भी घर का काम करना पड़ता है. इस कारण इन के शरीर को भरपूर मात्रा में भोजन नहीं मिल पाता और शरीर कमजोर हो जाता है. महिलाएं सोचतीं हैं कि पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होना आम बात है लेकिन ऐसा नहीं है. ज्यादा ब्लीडिंग के कारण महिलाओं में आयरन की कमी हो जाती है. ऐसे में अगर आप डाक्टर की सलाह से आयरन सप्लीमैंट जैसे रुद्ब1शद्दद्गठ्ठ का प्रयोग करती हैं तो भी आप के अंदर आयरन की कमी नहीं होगी. इस के अलावा शाकाहारी महिलाओं में आयरन की कमी ज्यादा देखने को मिलती है. ऐसा नहीं है कि आयरन की कमी सिर्फ ज्यादा उम्र की महिलाओं में होती है या सिर्फ 40 से 50 उम्र की महिलाएं ही इस के लक्षण महसूस करती हैं. यंग महिलाएं भी थक जाती हैं और उन के अंदर भी आयरन की कमी हो सकती है.

आयरन की कमी को दूर करने के लिए इन चीजों को डाइट में करें शामिल

आयरन की कमी को दूर करने के लिए आप भी अपनी डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करें जो इस के अच्छे स्रोत हैं. अपने खानपान में बदलाव ला कर भी आयरन की कमी को पूरा कर सकती हैं. हरी पत्तेदार सब्जियां खाना हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, यह आप ने न जाने कितनी बार सुना होगा लेकिन शायद ही इसे फौलो किया हो. तो अब इसे अपनी डाइट में शामिल करने का सही समय आ गया है. इसे खाने से आप को भरपूर मात्रा में आयरन मिलेगा. इस के अलावा बींस, मटर, इमली, फलियां, चुकंदर, ब्रोकली, टमाटर, मशरूम भी खाने चाहिए. इन में से कुछ चीजें तो हर सीजन में बाजार में आसानी से मिल जाती हें, तो इन का सेवन कर आप खुद को हैल्दी रख सकती हैं.

आयरन के अन्य स्रोत

आयरन की कमी को दूर करने के लिए फलों और सब्जियों के अलावा कुछ पदार्थ हैं जिन्हें डाइट में शामिल करने से आयरन की भरपाई शरीर में तेजी से होगी. जैसे चिकन, रैड मीट, काबुली चने, सोयाबीन और साबूत अनाज इत्यादि. साथ ही अंडे, ब्रैड, मूंगफली, टूना फिश, गुड़, कद्दू के बीज और पोहा खाने से आप के अंदर आयरन की कमी नहीं होगी.

कब करें आयरन सप्लिमैंट का सेवन

आयरन की मात्रा न कम होनी चाहिए न ज्यादा. अगर आप के शरीर में आयरन की कमी ज्यादा हो गई है तो आप को डाक्टर की सलाह से आयरन सप्लिमैंट जैसे लीवोजिन लेना चाहिए. साथ ही सप्लिमैंट के साइड इफैक्ट्स से बचने के लिए अपनी डाइट में फाइबर की मात्रा को बढ़ा देना चाहिए.

आयरन की कमी से होगी यह परेशानी

महिलाएं सब से ज्यादा इस समस्या से जूझ रहीं हैं. भारत में हर तीन में से एक महिला इस की चपेट में है. अगर आप के शरीर में आयरन की कमी होगी तो थकान के साथ आप कई अन्य बीमारियों से भी ग्रसित हो सकती हैं. मसलन:

धड़कनों का तेज हो जाना

जब शरीर में आयरन की कमी होती है तो धड़कनें तेज हो जाती है क्योंकि, आक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए दिल अधिक रक्त पंप करता है. इस कारण धड़कनें बढ़ जाती हैं. यही नहीं अगर आप के अंदर आयरन की कमी बहुत ज्यादा है तो हार्ट फेल होने के चांसेस भी बढ़ जाते हैं.

एनीमिया

जिन महिलाओं के शरीर में आयरन की कमी होती है वे जल्द ही एनीमिया की चपेट में आ जाती हैं. कारण है पीरियड्स में अधिक ब्लीडिंग और प्रैग्नैंसी. इस तरह की समस्या से बचने के लिए आयरन से भरपूर भोजन और सप्लिमैंट ले सकती हैं.

प्रैग्नैंसी में प्रौब्लम

जिन महिलाओं में प्रैग्नैंसी के समय आयरन की कमी होती है, उन के बच्चे पर इस का गहरा असर पड़ता है. उन का विकास ठीक से नहीं हो पाता है. साथ ही समय के पहले ही डिलिवरी भी हो सकती है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि वे आयरन सप्लिमैंट लेने के साथ खाने में भी ऐसी चीजों को शामिल करें जिन में आयरन की मात्रा भरपूर हो.

विटामिन सी है सहायक

अगर आप भी आयरन सप्लिमैंट लेती हैं तो इसे विटामिन सी के साथ लें. आप पहले विटामिन सी से भरपूर कोई फल या जूस पी लें. इस के बाद आयरन की सप्लिमैंट लें. ऐसा करने से आप का पेट ज्यादा ऐसिडिक हो जाएगा और ज्यादा से ज्यादा आयरन को अवशोषित करेगा. साथ ही आयरन सप्लिमैंट लेने के दौरान 1 घंटे पहले और बाद में चाय या कौफी का सेवन करने से बचें, क्योंकि ये पेय पदार्थ शरीर में आयरन के अवशोषण की गति को धीमा कर देते हैं.

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