प्रैग्नेंसी में रखें ये सेहतमंद आदतें

गर्भावस्था के दौरान मां की सेहत का तुरंत और लंबे समय में बच्चे की सेहत पर गहरा प्रभाव पड़ता है. गर्भकाल की डायबिटीज और एनीमिया, यानी कि मां में एनीमिया और डायबिटीज बच्चे की सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं. मां में एनीमिया हो तो बच्चे का जन्म के समय 6.5 प्रतिशत मामलों में वजन कम होने और 11.5 प्रतिशत मामलों में समय से पहले प्रसव की समस्या हो सकती है. गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज की वजह से बच्चे को 4.9 प्रतिशत मामलों में एनआईसीयू (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) में भरती होने और 32.3 प्रतिशत मामलों में सांस प्रणाली की समस्याएं होने का खतरा रहता है.

गर्भावस्था में इन समस्याओं की वजह से पैदा हुए बच्चों में मोटापे, दिल के विकार और टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा उम्रभर रहता है.

गर्भावस्था के दौरान हाइपरटैंशन, जो कि 20वें सप्ताह में होता है, पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है. इस से गर्भनाल (एअंबीलिकल कौर्ड) की रक्तधमनियां सख्त हो जाती हैं जिस से भू्रूण तक औक्सीजन और पोषण उचित मात्रा में नहीं पहुंच पाता. इस वजह से गर्भाशय में बच्चे की वृद्धि में रोक, जन्म के समय बच्चे का कम वजन, ब्लडशुगर में कमी और लो मसल टोन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. कुछ मामलों में आगे चल कर किशोरावस्था में बच्चे में हाइपरटैंशन की समस्या भी हो सकती है.

मां में मोटापा हो तो गर्भावस्था में डायबिटीज होने की संभावना होती है जिस वजह से समय से पहले प्रसव और बच्चे में डायबिटीज व मोटापा होने के खतरे रहते हैं. गर्भावस्था के दौरान मां के पोषण में मामूली कमी का भी प्रतिकूल असर बच्चे की सेहत पर पड़ सकता है, जैसे कि गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी से आगे चल कर जच्चा और बच्चा दोनों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

डा. संजय कालरा, कंसल्टैंट एंडोक्राइनोलौजिस्ट, भारती हौस्पिटल, करनाल एवं वाइस पै्रसिडैंट, साउथ एशियन फैडरेशन औफ एंडोक्राइन सोसायटीज, कहते हैं कि अगर मां को गर्भावस्था में डायबिटीज या हाइपरटैंशन हो जाए तो बच्चे की सेहत का, खासतौर पर शुरुआती दिनों में, पूरा ध्यान रखना चाहिए. बच्चे के ग्रोथ चार्ट पर नियमित ध्यान देते रहना चाहिए और रोगों की रोकथाम वाली जीवनशैली अपनानी चाहिए. आहार में आयरन, फोलेट और विटामिन बी12 की कमी की वजह से गर्भवती महिलाओं में एनीमिया होने की संभावना काफी ज्यादा होती है.

गर्भावस्था में आयरन की अत्यधिक जरूरत होने की वजह से यह समस्या और भी बढ़ जाती है. एनीमिया की वजह से गर्भनाल से भ्रूण तक औक्सीजन जाने में कमी से शिशु के विकास में कमी हो सकती है और एंडोक्राइन ग्रंथि की कार्यप्रणाली पर असर पड़ सकता है.

भारतीय महिलाओं को आयरन और हेमाटोपौयटिक (रक्तोत्पादक) विटामिन देने चाहिए ताकि गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान हीमोग्लोबीन का उचित स्तर बना रहे. गर्भावस्था में डायबिटीज और हाइपरटैंशन के  आने वाले जीवन में पड़ने वाले प्रभावों से बचने के लिए मां और बच्चे दोनों को ही रोगों की रोकथाम वाली जीवनशैली अपनानी चाहिए.

अच्छी हेल्थ के लिए जरूरी 20 आदतें

हमारी जीवनशैली और आदतें हमारी सेहत पर गहरा प्रभाव छोड़ती हैं. आइए, सरोज सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल की निधि धवन से जानते हैं कुछ ऐसी आदतों के बारे में जिन में से कुछ को अपना कर और कुछ को छोड़ कर आप फिट भी महसूस करेंगे और खुश भी रहेंगे:

1. जौगिंग और ऐक्सरसाइज

रोज व्यायाम करने और दौड़ने से पसीने के जरीए शरीर के जहरीले पदार्थ बाहर निकलते हैं और शरीर फिट रहता है. व्यायाम व रनिंग से शरीर की मांसपेशियां ठोस और मजबूत बनती हैं. इस से त्वचा में कसावट आती है, जिस से झुर्रियों की समस्या नहीं होती है. जो रोज रनिंग व व्यायाम करते हैं वे कम बीमार पड़ते हैं.

2. एक गिलास कुनकुना पानी

शरीर में ऐनर्जी लैवल बना रहे, इस के लिए दिन की शुरुआत कुनकुना पानी पीने से करें. इसे पीने से शरीर का मैटाबोलिक रेट बढ़ जाता है और शरीर में पूरा दिन ताजगी बनी रहती है. खाना खाने के बाद कुनकुने पानी में नीबू का रस मिला कर पीने से खाना आसानी से पचता है.

3. ग्रीन टी या ब्लैक कौफी

ग्रीन टी में मौजूद ऐंटीऔक्सीडैंट्स शरीर के जहरीले पदार्थों को बाहर करते हैं और शरीर से अतिरिक्त वसा को भी कम करते हैं. ग्रीन टी न सिर्फ वजन कम करने में सहायक है, बल्कि इस से सिरदर्द की समस्या से भी छुटकारा मिलता है. इसी तरह बिना शक्कर वाली ब्लैक काफी में कैलोरी न के बराबर होती है, जबकि कैल्सियम और पोटैशियम की भरपूर मात्रा मौजूद होती है.

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4. टहलना

यह जरूरी नहीं कि आप सुबह वाक करेंगे तभी फायदे मिलेंगे. वाक एक ऐसी ऐक्सरसाइज है, जिसे दिन में किसी भी वक्त किया जा सकता है. लंच और डिनर के बाद आधा घंटा टहलने से खाना आसानी से पचता है.

5. खाने का एक समय

खाने का एक समय तय कर लें और फिर उस का पालन करें. नाश्ता सुबह 8-9 बजे के बीच, लंच 1-2 बजे के बीच और डिनर 7:30 से 8:30 बजे के बीच करें. बीच में लंबा गैप होने के कारण आप को खुद भूख महसूस होने लगेगी. लंच और डिनर के बीच ज्यादा गैप होने के कारण 4-5 बजे के बीच कुछ हलका नाश्ता कर सकते हैं.

6. 8 घंटे की नींद

अच्छी और पर्याप्त नींद सेहत के लिए बहुत जरूरी है. जो लोग रात को 10 बजे सोते हैं और 6 बजे उठते हैं वे पूरा दिन फ्रैश महसूस करते हैं, साथ ही ऐसे लोगों में तनाव और चिंता की समस्या भी कम देखने को मिलती है.

7. आउटडोर गेम्स को दें महत्त्व

आज के समय में लोग बच्चों को मौल में उपलब्ध गेमिंग एरिया में ले जाते हैं, जहां उन का मनोरंजन तो हो जाता है, लेकिन शारीरिक व मानसिक विकास नहीं हो पाता है. पहले के समय के बच्चे घर पर खेलने के अलावा बाहर खेलना भी ज्यादा पसंद करते थे, जिस से उन का शारीरिक व मानसिक विकास अच्छा हो जाता था. क्रिकेट, बैडमिंटन, फुटबौल, वौलीबौल, कबड्डी जैसे खेल ओवरआल ग्रोथ के लिए अच्छे होते हैं.

8. परिवार के साथ वक्त गुजारें

दिन में 1 घंटा परिवार को जरूर दें. जब आप परिवार वालों के साथ वक्त बिताते हैं तो उन से अपने दिल की बातें साझा कर पाते हैं और उन की बात भी समझ पाते हैं. इसलिए रोज 1 घंटा अपने परिवार के साथ जरूर रहें.

9. 3 लिटर पानी का सेवन

पानी सिर्फ हमारी प्यास ही नहीं बुझाता है, बल्कि यह कई बीमारियों का इलाज भी है. जो रोज कम से कम 3 लिटर पानी का सेवन करते हैं वे कम बीमार पड़ते हैं. ऐसे लोग पेट की समस्याओं से कभी परेशान नहीं होते हैं, उन की स्किन भी ग्लो करती है और उन्हें पिंपल्स की समस्या भी नहीं होती है.

10. हंसनाहंसाना

हंसना सेहत के लिए बहुत अच्छा रहता है. हंसने से न सिर्फ व्यक्ति का तनाव कम होता है, बल्कि कई बीमारियां भी दूर होती हैं. खुद तो हंसें ही साथ ही औरों को भी हंसाएं. खुल कर हंसने से ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहता है. हंसने के दौरान शरीर में औक्सीजन भी ज्यादा मात्रा में पहुंचती है.

11. सब्जियों और फलों का सेवन

फल और सब्जियां खाने से एक ओर जहां कैंसर से बचाव होता है, वहीं दूसरी ओर दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम होता है. इन में फाइबर के साथसाथ विटामिन ए, सी, ऐंटीऔक्सीडैंट्स और मिनरल होते हैं, जिन से आप फिट और ऐक्टिव महसूस करते हैं.

12. धूम्रपान न करें

सिगरेट में मौजूद विषैले तत्त्वों के कारण त्वचा में झुर्रियां होने लगती हैं और व्यक्ति समय से पहले बूढ़ा दिखने लगता है. धूम्रपान के कारण शरीर में औक्सीजन की कमी होने लगती है, जिस से त्वचा बेजान हो जाती है. इतना ही नहीं धूम्रपान से प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है. इसलिए यदि स्वस्थ और लंबा जीवन जीना है तो आज से ही धूम्रपान का त्याग कर दें.

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13. थोड़ा वक्त अकेले में बिताएं

हर दिन आधा घंटा अकेले गुजारने से व्यक्ति को खुद को समझने का मौका मिलता है. यही नहीं लोग अकेले में चीजों को ले कर सोचविचार कर सकते हैं, जिस से उन्हें सही फैसला लेने में मदद मिलेगी. जो लोग अकेले में वक्त नहीं बिताते हैं उन की तुलना में अकेले में वक्त बिताने वाले ज्यादा शांत और खुश रहते हैं.

14. अपने पोस्चर को सीधा रखें

औफिस का काम हो या घर का, अपने शरीर के पोस्चर को सही रखने के लिए सीधा उठनाबैठना चाहिए. पोस्चर सीधा न रखने से अकसर पीठ दर्द, कंधों का दर्द, गरदन का दर्द, कमर का दर्द आदि समस्याएं होती हैं. यदि आप इन सभी समस्याओं से दूर रहना चाहते हैं तो सीधा बैठने की आदत डालें.

15. सोडे का सेवन बंद कर दें

सोडा न केवल दांतों में सड़न पैदा करता है, बल्कि इस में अत्यधिक मात्रा में मौजूद रिफाइंड शुगर, कैलोरी की मात्रा बढ़ा कर मोटापा बढ़ाने का काम करती है. अगर आप कैलोरी कम करने के लालच में डाइट सोडा लेना पसंद करते हैं तो आप को जानने की जरूरत है कि यह आप की किडनियों की कार्यक्षमता को कम करता है.

16. हैल्दी डाइट

आप वेट कम करने का प्लान बना रहे हैं तो खाली पेट रहने की गलती न करें. अपने खाने में प्रौपर प्रोटीन, कैल्सियम और विटामिन शामिल करें.

17. शरीर व घर की साफसफाई

हमारा स्वास्थ्य हमारे शरीर की सफाई के साथसाथ घर और आसपास की साफसफाई पर भी निर्भर करता है. गरमी हो या सर्दी, रोज नहाना चाहिए और नहाने के बाद धूप में बैठ कर शरीर पर कुनकुना तेल मलना चाहिए. ऐसा करने से आप कई बीमारियों से बचे रहेंगे.

18. हफ्ते में एक दिन फास्ट

फास्ट रखने के दौरान चरबी तेजी से गलनी शुरू हो जाती है. फैट सैल्स लैप्टिन नाम का हारमोन स्रावित करते हैं. इस दौरान कम कैलोरी मिलने से लैप्टिन की सक्रियता पर असर पड़ता है और वजन कम होता है. शरीर में पोषण बनाए रखने के लिए फास्ट के दौरान ताजा फलों व उबली हरी सब्जियों का सेवन कर सकते हैं.

19. खाने से पहले हाथ धोएं

दिनभर हम न जाने कितनी चीजों को छूते हैं, जिस कारण हाथों में अनगिनत बैक्टीरिया चिपक जाते हैं. यदि हम बिना हाथ धोए खाना खाते हैं तो खाने के साथ बैक्टीरिया हमारे शरीर में चले जाते हैं, जिस से हम बीमार पड़ जाते हैं.

20. सोने से पहले दांतों की सफाई

दांतों को स्वस्थ रखने के लिए रात को ब्रश करना न भूलें. यह प्लाक को निकालने में  भी मददगार होता है जो दांतों में बैक्टीरिया पैदा करता है.

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