Heart Disease Tips in Hindi: इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं गृहशोभा की 10 Heart Disease Tips Stories in Hindi 2021. हाल ही में बिग बॉस 13 के विजेता सिद्धार्थ शुक्ला का मात्र 40 साल की उम्र में हार्ट अटैक से अचानक निधन हो गया है.खबर सुनकर हर कोई हैरान है आखिर ऐसा कैसे हो गया.एक हँसता खेलता जीवन के लिए सपने देखने वाला शख़्स इस तरह कैसे जा सकता है. वहीं इसका कारण दिल का दौरा बताया जा रहा है. इसी के चलते आज हम आपको Heart से जुड़ी बीमारियों की Stories के बारे में बताएंगे, जिससे आपकी हेल्थ पर फर्क पड़ सकता है. तो यहां पढ़िए गृहशोभा की Heart Disease Tips Stories in Hindi.
1. सावधान : हार्ट अटैक का बड़ा कारण है ज्यादा तनाव
बिग बॉस 13 के विनर और टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का महज 40 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन हो गया. जिससे हर कोई सदमे में हैं. उनके फैंस इसलिए भी दुखी और हैरान हैं क्योंकि वो एक हेल्दी पर्सन थे और फिटनेस का पूरा ख्याल रखते थे. फिर भी वो हार्ट अटैक का शिकार हो गए.
मौजूदा समय में बदलती लाइफस्टाइल और तनाव के बीच आम लोग भी इस समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. ताकी आपका दिल स्वस्थ रहे.
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2. क्यों होते हैं कम उम्र में हार्ट अटैक
पहले तो हार्ट अटैक बड़ी उम्र के लोगों में देखा जाता था पर पिछले 2 सालों से कम उम्र के युवा इसका शिकार होने लगे हैं. स्टडी है कि हर मिनिट में 3 से 4 भारतीय जिनकी उम्र 30 से 50 के मध्य है वो एक सीवियर हार्ट अटैक से गुजरते हैं .साउथ एशिया के लोग अन्य किसी भी जगह के लोगों की अपेक्षा ज्यादा हार्ट अटैक झेलते हैं .क्योंकि ये हाई ब्लड प्रेशर, टाइप टू डायबिटीज और बढ़े कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित होते हैं.आखिर क्या कारण है कि युवा इतनी कम उम्र में दिल के मरीज़ हो जा रहे हैं तो आइए इसके कारण जानते हैं.
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3. बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा, ऐसे रखें दिल का ख्याल
बिग बॉस 13 के विनर और टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का महज 40 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन हो गया. जिससे हर कोई सदमे में हैं. उनके फैंस इसलिए भी दुखी और हैरान हैं क्योंकि वो एक हेल्दी पर्सन थे और फिटनेस का पूरा ख्याल रखते थे. फिर भी वो हार्ट अटैक का शिकार हो गए.
मौजूदा समय में बदलती लाइफस्टाइल और तनाव के बीच आम लोग भी इस समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. ताकी आपका दिल स्वस्थ रहे.
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4. अधिक उबासी लेना हो सकता है आने वाले हार्ट अटैक का संकेत
हार्ट अटैक एक बहुत ही गंभीर स्थिति होती है जिसमें हमारी जान जाने तक का खतरा भी होता है. इसमें हमारा रक्त प्रवाह ब्लॉक हो जाता है और हमारे ह्रदय की मसल्स डेमेज होने लगती हैं. जैसा कि हमने आज तक देखा या सुना है हम सोचते हैं कि हार्ट अटैक के लक्षण केवल छाती में दर्द होना या फिर जमीन पर गिरना ही होते हैं. परन्तु असल में जब आप को हार्ट अटैक आने की सम्भावना होती है तो यह लक्षण आप के आस पास भी नहीं फिरते हैं. हार्ट अटैक के कुछ लक्षण बहुत ही अजीब व हैरान पूर्वक भी हो सकते हैं जिनमें से एक लक्षण होता है उबासियां लेना. क्या आप चौंक गए? चलिए जानते हैं इसके बारे में.
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5. हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर में क्या फर्क है?
मेरी उम्र 32 साल है. कुछ साल पहले मेरे पापा को दिल का दोरा पड़ा था और कुछ दिनों पहले ही पता चला कि मेरा दिल लगभग फेल हो चुका है. समस्या गंभीर होने के कारण डाक्टर ने हार्ट ट्रांसप्लांट की सलाह दी है. मैं जानना चाहता हूं कि हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर में क्या फर्क है?
जवाब-
किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक तब आता है, जब हृदय की तरफ बहने वाले रक्त में बाधा पैदा हो. अमूमन ऐसा धमनियों में प्लाक जमा होने के कारण होता है. हृदय तक खून नहीं पहुंच पाने की ऐसी गंभीर समस्या के चलते हृदय की मांसपेशियों के बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने की आशंका पैदा हो जाती है. दूसरी तरफ, हार्ट फेल्योर एक ऐसी बीमारी है, जो व्यक्ति को धीरेधीरे शिकार बनाती है. इस में हृदय की मांसपेशियां कमजोर और कड़ी पड़ जाती हैं और ऐसे में उन्हें रक्त को पंप करने में मुश्किल आती है, जोकि रक्तप्रवाह के लिए एक जरूरी प्रक्रिया है.
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6. सर्दियों में बढ़ता हार्ट अटैक का खतरा, जानें क्यों
ठंड का मौसम खुशियों का मौसम होता है, इस खुशनुमा मौसम का मतबल है ढेर सारे त्यौहार, छुट्टियां और कई और चीजें. सर्दियों का यह मौसम बच्चों और बुजुर्गों की सेहत के लिये परेशानी खड़ी कर कर सकता है, ठंड का यह मौसम अपने साथ हमेशा ही कुछ चुनौतियां और सेहत से जुड़े खतरे लेकर आता है, खासकर बुजुर्गों के लिये. वातावरण में काफी बदलाव होने की वजह से बुजुर्गों के लिये एक सामान्य जीवनशैली का पालन कर पाना मुश्किल हो जाता है.
बुजुर्ग जब युवा होते हैं तो उसकी तुलना में इस उम्र में बौडी हीट जल्दी खो देते हैं. शरीर में होने वाला बदलाव उम्र बढ़ने के साथ आता है, जिससे आपके लिये ठंड महसूस होना ज्यादा मुश्किल हो सकता है. इससे पहले कि बुजुर्ग व्यक्ति को कुछ पता चले कि आखिर क्या हो रहा है, बहुत ज्यादा ठंड खतरनाक समस्याओं में बदल सकता है.
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7. जानिए किन ब्लड ग्रुप के लोगों में है हार्ट अटैक की ज्यादा संभावना
क्या आपको पता है कि आपका ब्लड ग्रुप इस बात की जानकारी देता है कि आपको दिल से संबंधित बीमारियां होंगी या नहीं? जी हां, आपका ब्लड ग्रुप ऐसी कई बातें बताता है. एक शोध के अनुसार जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ‘A’, ‘B’ या ‘AB’ है, उन्हें दिल संबंधित बीमारी होने की संभावना अन्य से 9 फीसदी ज्यादा होती है. वहीं ‘O’ ब्लड ग्रुप के लोगों में ये खतरा तुलनात्मक रूप से कम होता है. शोध परिणामों से पता चला है कि ‘A’, ‘B’ या ‘AB’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में ये परेशानी विलेब्रांड के कारण है. विलेब्रांड एक तरह का प्रोटीन है, जो रक्त को जमा देता है.
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8. ..तो आने वाला है हार्ट अटैक
हार्ट अटैक कभी भी अचानक आ सकता है, लेकिन कुछ लक्षण हैं, जो हार्ट अटैक के 1 महीने पहले नजर आने लगते हैं. अगर आपको भी नजर आते हैं यह 6 लक्षण तो सावधान हो जाएं, क्योंकि आप हार्ट अटैक के शिकार हो सकते हैं. अभी जानिए इन लक्षणों को, ताकि हार्ट अटैक से बचा जा सके.
1. सीने में असहजता
यह दिल के दौरे के लिए जिम्मेदार लक्षणों में से एक है. सीने में होने वाली किसी भी प्रकार की असहजता आपको दिल के दौरे का शिकार बना सकती है. खास तौर से सीने में दबाव या जलन महसूस होना. इसके अलावा भी अगर आपको सीने में कुछ परिवर्तन या असहजता का अनुभव हो, तो तुरंत अपने चिकित्सक से सलाह लें.
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9. सेक्स के दौरान हार्टअटैक, जानें क्या है सच्चाई
सेक्स के कारण दिल का धड़कना बंद हो जाए, यह दुर्लभ होता है. यूएसए टुडे की संवाददाता किम पेंटर का कहना है कि एक बड़ी शोध के अनुसार यह तथ्य सामने आया है कि सेक्स के दौरान या इसके बाद आमतौर पर हृदय गति रुकना बहुत कम अवसरों पर होता है और अगर ऐसा होता भी है तो यह आम तौर पर एक पुरुष के साथ ज्यादा होता है.
1 हजार महिलाओं में से किसी एक को तकलीफ…
शोध में बताया गया है कि एकाएक दिल की धड़कन रुकने के एक सौ मामलों में मात्र एक मामला सेक्स से जुड़ा होता है और एक हजार महिलाओं में से किसी एक को यह तकलीफ होती है. यह अध्ययन अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की वैज्ञानिक बैठक के दौरान पेश किया गया था. इस अध्ययन को जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलाजी में प्रकाशित किया गया है.
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10. पेन किलर दवाइयों से बढ़ता है हार्टअटैक का खतरा
सामान्य दर्द निवारक दवाई डाइक्लोफेनेक का इस्तेमाल दिल का दौरा और आघात जैसी हृदय संबंधी प्रमुख बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकता है. एक नए अध्ययन में इस बात को लेकर आगाह किया गया है. एक अध्ययन में डाइक्लोफेनेक के उपयोग की तुलना कोई भी दवा का प्रयोग नहीं करने, पैरासिटामोल तथा अन्य पारंपरिक दवा निवारक दवाओं से करने के साथ की गई है.
पेन किलर के पैकेट पर हो जोखिम का उल्लेख
डेनमार्क स्थित आरहुस विश्वविद्यालय अस्पताल के शोधकर्ताओं ने बताया कि डाइक्लोफेनेक सामान्य बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं होनी चाहिए और अगर यह बिकती है, तो उसके पैकेट के आगे के भाग पर इसके संभावित जोखिम का विस्तारपूर्वक उल्लेख किया जाना चाहिए. डाइक्लोफेनेक एक पारंपरिक नौन-स्टेरोयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग (एनएसएआईडी) होता है, जिसका इस्तेमाल दुनियाभर में बड़े पैमाने पर दर्द और सूजन के निवारण के लिए किया जाता है.
इस शोध में डाइक्लोफेनेक का इस्तेमाल शुरू करने वाले लोगों में हृदय रोग संबंधी जोखिम की तुलना अन्य एनएसएआईडी दवाइयों और पैरासिटामोल के इस्तेमाल करने वालों से की गई है.
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