#coronavirus: लॉकडाउन में रखें दिल का ख्याल   

कोरोना वायरस और लॉक डाउन के चलते बीमार और बुजुर्ग काफी चिंतित है, खासकर हार्ट के मरीज को इस समय अपना ध्यान रखने की जरुरत है, क्योंकि ऐसे समय में सभी लोग घर में कैद है. बुजुर्ग हो या यूथ कोई भी ऐसे माहौल में घर से निकल कर कुछ कर नहीं पा रहे है. उनकी दिनचर्या बदल चुकी है, ऐसे में दिनचर्या को नियमित करना जरुरी है. इस बारें में सर एच एन रिलायंस हॉस्पिटल के इन्टरवेनशनल कार्डियोलोजिस्ट डॉ. निमित शाह कहते है कि ये एक नया और अलग तरीके की वायरस है, जिसका इलाज और वैक्सीन अभी तक नही निकल पाया है, ऐसे में कोविड 19 के शिकार अधिकतर व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी और निमोनिया के लक्षण दिख रहे है.

इस समय पहले से हार्ट की बीमारी वाले लोग हाई रिस्क जोन में आते है, लेकिन सही देखभाल और नियमित दिए गए दवा के सेवन से व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है. ये सौ प्रतिशत सही है कि दिल के बीमारी वाले लोग ,जिसमें पहले से हार्ट एटैक आया हो, हार्ट कमजोर हो जिसे हम हार्ट फैल्योर भी कह सकते है, जिसकी पम्पिंग कमजोर होती है आदि. ऐसे मरीज को कोरोना पॉजिटिव होने पर मृत्यु दर अधिक होने की संभावना होती है, क्योंकि रिकवरी काफी धीमी होती है. कोरोना केवल फेफड़ो को ही नहीं हार्ट के मसल्स को भी प्रभावित करता है. देखने से लगता है कि हार्ट एटैक आ रह है,लेकिन ये इन्सुलेशन ऑफ़ हार्ट मसल्स होता है. लंग्स और हार्ट दोनों प्रभावित होने पर रोगी को कॉम्प्लीकेशन अधिक होने की वजह से उसे बचाना मुश्किल हो जाता है. मैंने अभी तक किसी भी कोरोना मरीज़ के संपर्क में नहीं आया. मेरे कई मरीज है, जो मेरा इलाज लेते है, ऐसे सभी फोलोअप मरीज़ को मैं टेलीफोन की सहायता से सलाह देता रहता हूँ.

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ये कई जगह रिपोर्ट आई है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की दवाई देने के बाद उसके साइड इफ़ेक्ट रोगी में देखे गए, जिसमें कुछ को कोरोना निगेटिव होने पर भी उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गयी, इस बारें में पूछने पर डॉ. निमित का कहना है कि ये हर देश की अलग-अलग इलाज की पद्यति और मरीज़ है, जिसे यहाँ से समझना मुश्किल है. ये सही है कि जब जरुरत नहीं थी, तो लोगों ने इस दवा को कोरोना की रोकथाम समझकर लेने लगे. ऐसे में बाज़ार से दवाइयां गायब होने लगी. केमिस्ट ने भी इसे बिना प्रेस्क्रिप्शन के देना बंद कर दिया, जो सही है. ये उन लोगों के लिए लेना जरुरी है, जो लोग करोना वायरस के मरीज के संपर्क में आते है, इससे कोरोना न होने की गारंटी नहीं , पर उसकी सीरियसनेस कम हो सकती है. कोरोना पॉजिटिव होने पर भी ये दवा उसे दबाने में मदद करता है. असल में ये दवाई रुमेटायड आर्थराइटिस के मरीज सालों से लेते आ रहे है और उन्हें इसका अच्छा परिणाम मिलता है. जिस मरीज़ को हार्ट की समस्या पहले से होती है, उनकी कुछ दवाइयां होती है, जो उनके हार्ट रिदम को काबू में रखती है. अगर उनके हार्ट के रिदम में समस्या हो, कार्डियोग्राफी में क्यु टी इंटरवल काफी बढ़ा हुआ है,ये दवा उनको हानि पहुंचा सकता है. पहले से ही अगर कुछ दवा आलरेडी चल रही हो, साथ में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन भी दे दिया जाय, तो कार्डिएक एटैक हो सकता है, पर ये बहुत कम होने के चांसेस होते है, क्योंकि डॉक्टर जांच के बिना कोई भी दवा मरीज़ को नहीं देता. आम जनता जिन्हें हार्ट या रिदम की समस्या नहीं है, वे इसे कोरोना पॉजिटिव होने पर ले सकते है. ये रोगी की उम्र उसकी शारीरिक संरचना के आधार पर ही दिया जाता है. जिनको कभी हार्ट की समस्या नहीं है उन्हें हार्ट एटैक नहीं आयेगा. हार्ट की इलेक्ट्रिसिटी में पहले से ही कोई समस्या है, तो इसका प्रभाव ख़राब हो सकता है.

इसके आगे डॉक्टर निमित कहते है कि अभी सभी को घर में रहकर सही और संतुलित मात्रा में भोजन करने की जरुरत है. डरने या पैनिक होने की कोई जरुरत नहीं है. लाखों लोग कोरोना पॉजिटिव हो रहे है, लेकिन ठीक भी अधिक संख्या में हो रहे है. खासकर ब्लड प्रेशर, मधुमेह, कैंसर, हार्ट और अस्थमा के मरीज़ को अपनी देखभाल करते रहना चाहिए. इससे अलग जो भी लोग कोरोना पोजिटिव होते है, उन्हें घर पर रहकर आराम करने और बुखार की दवा लेने से 15 दिनों में ठीक भी हो जाते है. ये सभी उम्र के किसी को भी हो सकता है.

कोरोना के मरीज का लगातार बढ़ने की ट्रेंड के बारें में पूछने पर डॉक्टर निमित का कहना है कि अभी हमारी टेस्टिंग बढ़ गयी है, इसलिए मरीजों की संख्या बढ़ रही है. लॉक डाउन का अच्छी तरह से पालन न हो पाने की वजह से मुंबई के धारावी में इतने मरीज़ आये है और लगातार आ रहे है. साथ ही मुंबई में मृत्यु भी अधिक हो रही है, जो दुःख की बात है. मेरे हिसाब से मई तक ये आंकड़ा बढेगा उसके बाद कम होने के आसार है. ये सही है कि भारत में स्थिति दूसरे देशों की अपेक्षा बेहतर है.

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जो भी हार्ट के मरीज़ है, उन्हें अगर कोई तकलीफ नहीं है, तो निम्न बातों पर ध्यान दें,

  • जो भी दवा आप ले रहे है, उसे लगातार लेते रहे, बंद न करें,
  • कोई तकलीफ हो तो अपने डॉक्टर से फ़ोन या इन्टरनेट की सहायता से सलाह लें,
  • घर पर ब्लडप्रेशर चेक करने की मशीन रखें,
  • घर पर वर्कआउट करें, परिवार जन के साथ खुश रहे,
  • ओवर ईटिंग इस समय न करें,
  • तली हुई चीजो से परहेज करें,
  • किसी प्रकार के नशे और धुम्रपान से बचे,
  • जिनके हार्ट कमजोर है, वे डॉक्टर के अनुसार डाइट फोलो करें, ताकि तबियत न बिगड़े और आपको अस्पताल न जाना पड़े, क्योंकि हो सकता है कि अनजाने में आप के परिवारजन किसी कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आ गए हो, इससे समस्या और अधिक बढ़ जाएगी.
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