Winter Special: सर्दी में भी रहे दिल का रखें खास ख्याल

सर्दी के मौसम में तापमान गिरते रहने से रक्त का गाढ़ापन बढ़ने लगता है और रक्त प्रवाह कम होने लगता है, जिस से दिल का दौरा पड़ने और कोरोनरी आर्टरी संबंधी बीमारियों के मामले भी बढ़ने लगते हैं. दिल का दौरा पड़ने के कारणों की जानकारी न होना और सर्दी के मौसम में सावधानियों की अनदेखी इन बीमारियों की बड़ी वजहें हैं.

कार्डियोवैस्क्यूलर रोगों से पीडि़त व्यक्तियों को सर्दी के मौसम में विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि उन का दिल सुरक्षित रह सके.

नियमित जांच जरूरी

सर्दियों में लोगों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा ज्यादा रहता है. बाईं धमनी से निकलने वाली रक्तधमनियां गिरते तापमान के साथ सिकुड़ने लगती हैं. परिणामस्वरूप दिल को रक्त प्रवाहित करने के लिए अधिक प्रयास करना पड़ता है. इस से दिल पर अधिक दबाव पड़ने लगता है और यही दिल का दौरा पड़ने का कारण बनता है. ऐसी स्थिति में उन लोगों के लिए खतरा और बढ़ जाता है, जिन्हें अपने दिल की स्थिति के बारे में पहले से जानकारी नहीं होती है.

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कार्डियोवैस्क्यूलर के खतरे के बारे में जानकारी रखने के लिए नियमित जांच कराते रहना बहुत जरूरी है.

बढ़ जाता है खतरा

मौसम बदलने के साथ ही कोलैस्ट्रौल लैवल में भी व्यापक उतारचढ़ाव होता है, जिस कारण उच्च कोलैस्ट्रौल की स्थिति में पहुंच चुके व्यक्तियों को सर्दी के महीनों में कार्डियोवैस्क्यूलर रोग का खतरा बढ़ सकता है. उन के लिए कोलैस्ट्रौल लैवल नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है.

इस दौरान ज्यादा मेहनत वाला काम करने से बचें. लगातार काम करने के दौरान बीचबीच में आराम करते रहें ताकि दिल पर ज्यादा दबाव न पड़े. यही नहीं व्यायाम के तौरतरीकों में भी बदलाव लाते रहें.

ज्यादा ठंडे दिनों में सुबह की सैर करने से बचें. सामान्य खुराक से ज्यादा खाने से भी परहेज करें. लेकिन ध्यान रहे कि एक बार में ही ज्यादा मात्रा में भोजन कर लेने से भी दिल पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है. अत: ऐसा न करें, बल्कि थोड़ेथोड़े अंतराल पर थोड़ाथोड़ा खाते रहें.

सर्दी के मौसम में कभी यह सोच कर शराब का सेवन न करें कि इस से शरीर में गरमी बनी रहेगी, बल्कि यह उलटा नुकसान करती है. शराब से शरीर में गरमी बनी रहेगी, यह सोचना गलतफहमी है.

– डा. वनिता अरोड़ा
मैक्स हौस्पिटल

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सर्दियों में ऐसे करें अपने दिल की देखभाल

लेखक डॉ. ज़ाकिया खान, सीनियर कंसलटेंट – इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, कल्याण 

जैसे-जैसे तापमान गिरने लगता है, दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ने लगता है. ठंड का मौसम हृदय संबंधी समस्याओं के लिए जोखिम पैदा कर सकता है. यहाँ जानिए इससे संबंधित आवश्यक बातें.

ठंड का मौसम और हृदय स्वास्थ्य

ठंड का मौसम आपके हृदय की मांसपेशियों में ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति को कम कर सकता है. यह आपके हृदय को अधिक काम करने के लिए मजबूर कर सकता है; नतीजतन आपका दिल अधिक ऑक्सीजन युक्त रक्त की मांग करता है. दिल में ऑक्सीजन की कम सप्लाई होना फिर दिल द्वारा ऑक्सीजन की अधिक मांग हार्ट अटैक का कारण बनता है. ठंड रक्त के थक्कों को विकसित करने के जोखिम को भी बढ़ा सकती है, जिससे फिर से दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है.

ठंड का मौसम थकान पैदा करता है और हार्ट फेलियर का कारण बनता है. ठंड का मौसम आपके शरीर को गर्म रखने के लिए आपके दिल को अधिक मेहनत कराता है. आपकी रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं ताकि हृदय आपके मस्तिष्क और अन्य प्रमुख अंगों में रक्त पंप करने पर ध्यान केंद्रित कर सके. यदि आपके शरीर का तापमान 95 डिग्री से नीचे चला जाता है तो हाइपोथर्मिया हो सकता है, जिससे हृदय की मांसपेशियों को गंभीर नुकसान पहुंचता है. इसके अलावा सामान्य से अधिक तेजी से चलना तब आम है जब आपके चेहरे पर हवा लग रही हो. ठंड में बाहर रहना हमें अधिक काम करने के लिए उत्तेजित करता है.

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फ्लू का प्रभाव

पहले से ही हृदय रोग के जोखिम वाले लोगों में मौसमी फ्लू का होना हार्ट अटैक को ट्रिगर कर सकता है. यह बुखार का कारण बनता है जिससे आपका दिल तेजी से धड़कता है (जिससे ऑक्सीजन की मांग बढ़ जाती है). फ्लू डिहाइड्रेशन का कारण भी बन सकता है, जो आपके रक्तचाप को कम कर सकता है (हृदय में ऑक्सीजन की आपूर्ति को कम कर सकता है). फिर जब मांग आपूर्ति से अधिक हो जाती है तो दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. यदि आपको हृदय की समस्या है तो यह सलाह दी जाती है कि आप फ्लू के टीके लगवाने के लिए अपने जीपी से बात करें.

सबसे अधिक जोखिम

बुजुर्ग लोगों और बहुत छोटे बच्चों के लिए अपने तापमान को विनियमित करना कठिन होता है. अत्यधिक तापमान उन्हें अधिक जोखिम में डालता है. अपने स्वयं के स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए, ठंड के दिनों में बुजुर्ग और अस्वस्थ्य दोस्तों, परिवार और पड़ोसियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखें और यह सुनिश्चित करें कि वे गर्म और आरामदायक माहौल में हों. सुनिश्चित करें कि आप हार्ट अटैक के लक्षणों और संकेतों को पहचान सकते हैं और तुरंत इसकी जानकारी किसी मेडिकल एक्सपर्ट को दे सकते हैं.

चेतावनी के संकेत

यदि आप सीने में दर्द महसूस कर रहे हैं जो असहनीय है और वह आपकी गर्दन, कंधे और हाथ तक रैडीऐट हो रहा है, तो यह हार्ट अटैक का सबसे आम लक्षण है. लक्षण पुरुषों और महिलाओं के लिए भिन्न हो सकते हैं. पुरुष कभी-कभी मतली और चक्कर आने की शिकायत करते हैं जबकि महिलाएं चक्कर आना और थकान जैसे असामान्य लक्षण की शिकायत करती हैं.

स्वस्थ रहें, अपने दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखें, एक सक्रिय जीवन जीएं और इस सर्दी के मौसम में अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए नीचे दिए गए सुझावों का पालन करें:

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● स्वस्थ आहार खाएं

• कम से कम 30 मिनट तक नियमित व्यायाम करें.

• अपने तनाव को कम करें.

• अपने रक्त शर्करा, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखें.

• यदि आप अपने शरीर में कुछ अनियमित महसूस करते हैं, तो अपने चिकित्सक से मिलें.

• त्योहारों के दौरान असंतुलित खाने से बचें; हल्का और स्वस्थ भोजन ही खाएं.

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