अगर आप भी हैं पेइंग गेस्ट तो ऐसे सजाएं अपना घर

अक्सर लड़कों का कमरा अव्यवस्थित व गंदा रहता है. परिवार के साथ रहते समय घर की महिलाएं उनके कमरे को साफ कर देती है. परंतु, जब पढ़ाई या नौकरी की वजह से उन्हें किसी अन्य शहर में जाकर रहना पड़ता है तब उनके लिए मुश्किलें बढ जाती है.

लेकिन थोड़ी सी सूझ-भूझ से आप अपने छोटे से कमरे को घर की तरह सजा सकते हैं. यह सजावट आपके घर को आकर्षक ही नहीं बल्कि इससे आपके घर में आने वालों को भी खुशी होगी. ऐसे आप अपने दोस्तों को व अपनी प्रेमिका को अपनी रचनात्मक कला दिखा सकते हैं. बैचलरहुड में अपने घर को सजाने के कुछ सरल तरीके…

1. अपनी रुचि अनुसार अपने कमरे को सजाएं

आप अपने घर को कैसा रुप देना चाहते हैं, यह आप पर निर्भर करता है. अगर अक्सर दोस्तों का जमावड़ा आपके घर में लगा रहा है तो अपने घर को एक कूल लुक दें, अगर आप शांति प्रिय है तब अपने कमरे को एक निर्मल रुप दें.

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2. लाइटिंग

घर के मौहाल को रंगीन बनाने के लिए आप अलग-अलग रंगों की लाइटें लगा सकते हैं. इसके अलावा, कमरे को आकर्षक बनाने के लिए आप मोमबत्ती और रंग-बिरंगे दीपकों को भी रख सकते हैं.

3. कमरे की सफाई

घर की सफाई पर नियमित रुप से ध्यान दें. चादरों, तौलियों व अन्य जरुरी चीजों को हमेशा दो की मात्रा में रखें ताकि जब एक को आप धोने के लिए डाल दें तब बिछाने के लिए दूसरा जोड़ा मौजूद हो. इन चीजों का चयन हमेशा गहरे रंगों में करें क्योंकि सफेद व फीके रंग आपके घर को आकर्षक रुप प्रदान नहीं करेंगे.

4. म्यूजिक सिस्टम

एक अच्छा सा म्यूजिक सिस्टम हर अवसर पर काम आता है. इसके अलावा, जब भी आपको बोरियत महसूस हो तब मूड बदलने के लिए आप अपने पसंदीदा गानों को सुन सकते हैं.

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5. कांच के गिलास

आमतौर पर पुरुषों की पार्टियां बिना शराब के पूरी नहीं होती. अगर आप अपने घर में कांच के गिलास रखेंगे तो ये आपकी पार्टी की शान को बढ़ा सकते हैं.

6. सजावट की वस्तुएं

साफ घर अच्छा लगता है लेकिन खाली घर बोरियत फैलाता है. घर को आकर्षक बनाने के लिए कमरे में कुछ पेंटिंग व शो पीस रखें. इसके अलावा, खिड़कियों पर पर्दे डालें और अगर आप किताबों के शौकीन हैं तो घर में एक बुक शेल्फ के लिए भी स्थान बनाएं. पूरे घर को एक ही रंग के पेंट से कलर करने के बजाय अलग-अलग कलर्स यूज करें.

घर से जुड़ी इन 10 प्रौबल्मस के लिए बेस्ट है बर्फ

अक्सर लोग बर्फ का इस्तेमाल हेल्थ से जुड़ी प्रौब्लम से छुटकारा पाने के लिए करते हैं. वहीं बर्फ का इस्तेमाल गरमी से राहत पाने के लिए कोल्ड ड्रिंक के लिए करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी बर्फ का इस्तेमाल अपने घर से जुड़ी प्रौब्लम्स से छुटकारा पाने के लिए किया है. आज हम आपको घर से जुड़े बर्फ के कुछ ट्रिक्स बताएंगे, जिसे आप अपने घर की क्लीनिंग के लिए ट्राय कर सकते हैं.

1. हाउस प्लांट्स को दें राहत

हाउस प्लांट्स आपके घर की खूबसूरती बढ़ाने के साथ ही आपके घर की हवा को भी शुद्ध करते हैं. पर हाउस प्लांट्स को भी देखभाल की जरूरत होती है. आपको कुछ करने की जरूरत नहीं है आपका ये काम आइस क्यूब ही कर देंगे. आप पौधों पर आइस क्यूब रख सकती हैं. बाकि काम रूम टेमप्रेचर से हो जाएगा. ये टिप आजमा कर अपने पौधों को फ्रेश फील दें.

2. बोतल और वास चमकायें

छोटे मुंह वाले बोतल या वास को साफ करने में मेहनत लगती है. अगर आपके पास भी ऐसी कोई बोतल या वास है तो इसे बर्फ से आसानी से साफ किया जा सकता है. बोतल में नमक, नींबू और आइस क्यूब डालें. वास या बोतल को हिलाएं. अब आप बोतल या वास को आसानी से साफ कर सकती हैं.

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3. कपड़ों से chewing गम हटाएं ऐसे

कपड़ों से च्युइंग गम हटाना किसी जंग को जीतने से कम नहीं है. आपने chewing गम हटाने के कई उपाय सुने होंगे. कपड़े को केरोसिन में डूबो कर रखने से लेकर कपड़े पर टूथपेस्ट लगाने तक जैसे आईडिया दिए जाते हैं. पर आइस क्यूब से ये काम आप आसानी से कर सकती हैं. जहां च्युइंग गम लगा हुआ हो, उस पर आइस क्यूब लगाएं, थोड़ी देर के लिए छोड़ दें. फिर च्युइंग गम को किसी चम्मच की मदद से आसानी से निकाल लें.

4. कपड़ों की सिलवटें हटाए

कपड़ों पर सिलवटें हटाने के लिए भी अच्छी खासी मेहनत लगती है. मुलायम कपड़ों में सिलवटें पड़ना अलग ही प्रौब्लम है. ऐसे कपड़ों को बड़ी ही सावधानी से इस्त्री करना पड़ता है. क्योंकि जरा सी हड़बड़ाहट और आपका कपड़ा जल सकता है. पर आइस क्यूब से ये काम भी आसानी से हो सकता है. एक कपड़े में आइस क्यूब को लपेटें और सिलवटों पर लगाएं. अब इस पर आराम से आयरन करें. सिलवटें भी सही हो जाएंगी और आपका कपड़ा भी नहीं जलेगा.

5. मिनटों में हटाये दाग

अगर आपके कपड़ों पर कौफी, चटनी या जूस गिर जाता है तो आप उस पर पानी लगाती हैं. पर स्टेन पर आइस क्यूब लगाना ज्यादा कारगर होता है. दाग पर तुरंत आइस क्यूब लगाएं और बाद में होने वाली झंझट से आसानी से बचें.

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6. चावल को आसानी से गर्म करें

माइक्रोवेव में चावल गर्म करने से चावल सूख जाते हैं और हल्के कड़े लगने लगते हैं. पर अगर आप राइस के बाउल में 3-4 आइस क्यूब डाल कर गर्म करेंगी तो चावल कड़े नहीं होंगे.

7. कार्पेट डेन्ट्स

कार्पेट डेन्ट्स, कार्पेट की रंगत बिगाड़ देते हैं. पर आइस क्यूब से आप अपने कार्पेट को ब्रैंड न्यू लुक दे सकती हैं. जहां डेन्ट बन गए हैं वहां आइस क्यूब रगड़ें. जब आइस मेल्ट हो जाए, तब ब्रश से झाड़ लें. आपका ब्रैंड न्यू कार्पेट हाजिर है.

8. कौफी पौट को चमकाएं

ग्लास कौफी पौट में कौफी जितनी रिफ्रेशिंग बनती है, कौफी स्टेन उतने ही गंदे लगते हैं. स्क्रब करने पर भी ये दाग नहीं छूटते. आइस क्यूब की मदद से आप अपने कौफी पौट को नए जैसी चमक दे सकती हैं.

9. होम मेड एसी का इस्तेमाल करें ऐसे

आप आइस क्यूब की मदद से घर पर ही एसी का मजा ले सकती हैं, और वो भी बिना एसी के. एक बाउल में आइस क्यूब लें और उसे टेबल फैन के सामने रख दें. टेबल फैन औन करें और एसी का मजा लें.

10. दवाई की कड़वाहट को करें दूर

कड़वी दवाइयां असरदायक तो होती हैं, पर कुछ दवाइयां इतनी ज्यादा कड़वी होती है कि पीने वाले को उलटियां आने लगती है. नाक बंद कर के भी आप दवाई पी सकते हैं. पर इसके अलावा भी एक तरीका है जिससे दवाई की कड़वाहट कम की जा सकती है. दवाई खाने से पहले आप एक आइस क्यूब चूस लें. इससे दवाई की कड़वाहट कम हो जाएगी.

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ऐसे ही बर्फ का इस्तेमाल घर से जुड़ी प्रौब्लम्स को दूर करने के लिए आप आसानी से कर सकते हैं. ये आपके घर पर आसानी से मौजूद होती है और इसका कोई खर्चा भी नही होता.

#coronavirus: स्मार्ट तरीके से करें घर की सफाई

कोरोनावायरस के बढ़ते केस लोगों के दिल में डर बढा रहे हैं, जबकि सरकार लोगों को इन सबसे बचने के लिए घर पर रहने की सलाह दे रहे हैं. ऐसे में घर की साफ सफाई और जरूरी हो गई है. इसीलिए हम आपको घर को जर्म फ्री क्लीनिंग और कोरोनावायरस से बचाने के लिए कुछ टिप्स बताएंगे.

घर में फर्श, दीवारों, सिरैमिक टाइल फ्लोर्स, सीढि़यों व सीढि़यों की रेलिंग, फर्नीचर आदि पर जानेअनजाने दागधब्बे पड़ ही जाते हैं. मगर इन के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं. बाजार में भी और घर में भी ऐसा बहुत सा सामान उपलब्ध रहता है, जिस से इन दागधब्बों से छुटकारा पाया जा सकता है.

अमेरिका के मैरी मैडस के ट्रैनिंग मैनेजर डेबरा जौनसन द्वारा जांचेपरखे व आजमाए गए इन नुसखों द्वारा आप भी अपने घर में कहीं भी पड़े दागधब्बों को आसानी से छुड़ा सकती हैं.

यदि आप के घर में सिरैमिक फ्लोर है और उस पर दागधब्बे पड़ गए हैं, तो स्पंज पर बेकिंग सोडा बुरक कर हलके गीले किए धब्बों पर तब तक रगड़ें जब तक कि धब्बा मिट न जाए. इसी तरह सोडियम बाइकार्बोनेट के इस्तेमाल से न केवल दागधब्बे दूर होते हैं, बल्कि उस जगह की चमक भी बरकरार रहती है.

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चमक रहे बरकरार

दीवारों और सीढि़यों की रेलिंग की चमक को बरकरार रखने के लिए बाजार में उपलब्ध मिस्टर क्लीन मैजिक इरेजर को पानी से गीला कर निशान वाले स्थान पर हलके हाथों से धीरेधीरे गोलाई में घुमाते हुए रगड़ने से दागधब्बे कुछ ही मिनटों में छूट जाते हैं. यदि दाग जिद्दी हैं तो जरा रुकिए. इस स्थान को सूखने दीजिए, फिर यही प्रक्रिया दोहराइए. दाग चले जाएंगे.

आज भी कई घरों, पुराने होटलों या रेस्तरांओं में लिनोलियम के फर्श दिखाई देते हैं. यदि इस फर्श पर कहीं दाग पड़ गए हों तो घर में उपलब्ध टूथपेस्ट को किसी पुराने कपड़े पर लगा कर दागों पर रगड़ने पर जिद्दी दागों से छुटकारा पाया जा सकता है.

बाजार में उपलब्ध माइक्रोफाइबर कपड़े को फर्नीचर पर लगे दाग पर धीरेधीरे मलने से दाग आसानी से छुड़ाया जा सकता है. लेकिन ध्यान रहे कि माइक्रोफाइबर कपड़े को रगड़ें नहीं.

अमेरिका में हौलिडे क्लीनिंग का बहुत चलन है. रोजमर्रा की भागमभाग में वहां रोजाना सफाई करने का न तो किसी के पास वक्त होता है और न ही जरूरत. इसलिए अमेरिकी लोग वीकऐंड में या फिर हौलिडे पर पूरे घर की जम कर सफाई करते हैं, जिसे डीप क्लीनिंग का नाम दिया जाता है.

यही चलन आजकल भारतीय मल्टी नैशनल कंपनियों (एमएनसी) में काम कर रहे युवा जोड़ों का है. इन में काम करने वालों के पास खाना खाने तक का वक्त नहीं होता तो सफाई का कहां से होगा? इसलिए ये क्लीनिंग के लिए बाजार में उपलब्ध क्लीनिंग एजेंट के साथ बेकिंग सोडा लाना नहीं भूलते. बाथरूम की टाइलों, दीवारों, लौंड्रीरूम, लिविंगरूम आदि में लगे दागधब्बों को बेकिंग सोडे से आसानी से छुड़ाया जा सकता है. इस के अलावा कालीन पर थोड़ा सा बेकिंग सोडा बुरक कर कालीन को वैक्यूम करें. कालीन एकदम साफ हो जाएगा और बदबू भी दूर हो जाएगी.

बैडरूम में ताजगी

इसी प्रकार बैडरूम में ताजगी लाने के लिए कंबल पर थोड़ा सा बेकिंग सोडा बुरक दें. फिर उसे जोरजोर से झाड़ दें. बदबू भी दूर हो जाएगी. फ्रिज में रखी चीजें देर तक ताजा बनी रहें, इस के लिए एक डब्बी में बेकिंग सोडा डाल कर उसे फ्रिज में रख दें. उन की ताजगी बनी रहेगी. इसी तरह कुकिंग रेंज, माइक्रोवेव ओवन, चिमनी आदि पर भी बेकिंग सोडा मिले पानी में भीगे कपड़े को इन पर मलने से इन की गंदगी से छुटकारा पाया जा सकता है. सिंक को भी बेकिंग सोडे से चमकाया जा सकता है. डस्टबिन की चमक बरकरार रखनी हो तो भी इसे आजमाना न भूलें.

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फेस्टिवल स्पेशल: दिवाली से पहले ऐसे करें किचन की सफाई

दिवाली से पहले किचन और बाथरूम की सफाई करना जरूरी होता है. अगर आप भी दिवाली से पहले सफाई करने का सोच रहे हैं तो पढ़िए ये टिप्स…

बाथरूम

बाथरूम एरिया में टौयलेट सीट, वाशबेसिन, शावर, कर्टेन, शावर हैड, बालटी, मग, डोर हैंडल, फ्लश हैंडल, शीशा, स्विचबोर्ड आदि पर बैक्टीरिया बहुत ज्यादा पाए जाते हैं और सही वातावरण मिलने पर कुछ ही समय में दोगुने हो जाते हैं.

उपचार

नहाने की प्लास्टिक की बालटी, मग को प्रतिदिन थोड़े से साबुन से अवश्य साफ करें, बाद में 2 बूंदें ऐंटीसेप्टिक लोशन डाल कर रिंस करें.

नहाने के बाद बाथरूम को वाइपर से साफ करें और ऐक्जौस्ट व पंखा चला दें ताकि बाथरूम गीला न रहे.

नहाने के लिए बाथटब है तो सप्ताह में 3 बार उस का पानी हटा कर ऐंटीसेप्टिक लोशन डाल कर साफ करें.

तौलिए को प्रतिदिन गरम पानी से धोएं.

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प्रतिदिन थोड़ी देर बाथरूम की खिड़कियां खुली रखें ताकि ताजा हवा व धूप की किरणें अंदर आ सकें.

जूते, चप्पलों को शू रैक में रखें, बैडरूम में न रखें.

बैडरूम में रखी अलमारियों को सप्ताह में 1 बार अवश्य साफ करें.

बच्चों के सौफ्ट टौयज को 10-15 दिन में साफ करें. उन्हें तकिए के कवर में बंद कर वाशिंग मशीन में धो लें.

सप्ताह में 3 बार फ्लश हैंडल, टौयलेट सीट, डोर हैंडल लाइट स्विच आदि को ऐंटीसैप्टिक वाइप्स से अवश्य पोंछें.

शावर हैड्स पर कीटाणु बहुत जल्दी पनपते हैं. अत: यदि कम प्रयोग में आता हो तो 2 मिनट हौट सैटिंग पर पानी के साथ चलाएं ताकि कीटाणु मर जाएं.

बाथरूम की नाली में कूड़ा पड़ा न रहने दें. नाली को साफ कर 2 कप सिरका डालें. सिरका लगभग 99% बैक्टीरिया को समाप्त कर देता है.

किचन

एरिजोना विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने किचन में बरतन साफ करने वाले स्पंज, बरतनों को पोंछने वाले कपड़े और सिंक में सब से ज्यादा कीटाणु पाए. इस के अलावा कूड़ेदान, रैफ्रीजरेटर, डिश रैक आदि पर भी. हम सोचते हैं कि हमारे बरतन साफ हैं, पोंछने वाला कपड़ा साफ है पर यह सही नहीं है. रोगाणुरहित बनना है तो किचन की भी सफाई ठीक प्रकार से होनी चाहिए.

उपचार

किचन स्लैब व गैस चूल्हे को पहले साबुन वाले स्पंज से साफ करें फिर 2 बार दूसरे कपड़े से ताकि वर्किंग स्पेस साफसुथरी रहे.

किचन सिंक को हमेशा साफ रखें. बरतन धोने से पहले व उस के बाद उसे विम पाउडर से साफ करें और काम के बाद पोंछ दें.

किचन सिंक को जर्म फ्री बनाने के लिए एकचौथाई कप सिरके में समभाग पानी मिलाएं और सिंक में फैला दें. थोड़ी देर बाद साफ करें.

बरतन पोंछने के लिए डस्टर, हाथ पोंछने के लिए तौलिए और स्लैब पोंछने के लिए नेपकिंस अलग रखें. प्रतिदिन सुबहशाम अलग धुला नैपकिन प्रयोग में लाएं.

बरतन धोने वाले स्क्रब को काम करने के बाद ऐंटीसैप्टिक लोशन से रिंस कर के सुखा लें. विप को भी ढक कर रखें.

किचन ऐक्जौस्ट फैन, कैबिनेट हैंडल, चिमनी आदि को भी सप्ताह में 1 बार अवश्य साफ करें.

फ्रिज को भी सप्ताह में 1 बार अवश्य साफ करें. इस के लिए मैडिकेटेड डिटर्जैंट का इस्तेमाल करें.

किचन की खिड़कियां व जालियों को साफ करने के लिए एकतिहाई कप सिरके में एकचौथाई कप अल्कोहल मिलाएं और मिश्रण से खिड़कियां व जालियां साफ करें.

माइक्रोवेव ओवन, आदि को भी सप्ताह में 1 बार अवश्य साफ करें.

किचन के डस्टबिन में सूखा विम पाउडर और सिरका डाल कर सप्ताह में 1 बार रगड़ें और धो कर सुखाएं. कचरा डालने से पहले उस में डस्टबिन वाला थैला अवश्य लगाएं.

किचन की नालियों को साफ रखें. उन में कूड़ाकचरा न रहने दें ताकि बैक्टीरिया न पनपें.

सब्जी काटने वाले बोर्ड की भी सफाई करें, क्योंकि सब से अधिक बैक्टीरिया यहीं पनपते हैं. वैज और नौनवैज काटने के लिए अलगअलग चौपिंग बोर्ड का इस्तेमाल करें.

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अन्य सावधानियां

वाशिंग मशीन में भी बैक्टीरिया बहुत जल्दी पनपते हैं. अत: कपड़े धोने के बाद वाशर ड्रम को डिसइन्फैक्टैंट से पोंछें.

ऐसे आइटम्स जो ज्यादा प्रयोग में आते हैं जैसे रिमोट कंट्रोल, टैलीफोन रिसीवर, फ्रिज का हैंडल, मोबाइल, डोर की बैल आदि को प्रतिदिन ऐंटीबैक्टीरियल वाइप्स से पोंछें.

मोबाइल, कंप्यूटर की बोर्ड को तो दिन में 4-5 बार साफ करें.

बौडी हाइजीन

सिर्फ घर को साफसुथरा रखने से ही काम नहीं चलता स्वयं की सफाई भी आवश्यक है. शारीरिक हाइजीन में हाथों की अहम भूमिका है. यह बात कम लोग ही जानते हैं कि घरों में संक्रमण फैलाने में हाथ सब से अधिक जिम्मेदार होते हैं. उस के बाद नाखूनों की, बालों की व शरीर के अन्य अंगों की सफाई.

उपचार

बाहर से आने के तुरंत बाद, खांसनेछींकने के बाद, टौयलेट से आने के बाद, पालतू जानवर को छूने के बाद, बच्चों को खिलाने और खुद खाना खाने से पहले हाथ अवश्य धो लें.

हाथ धोने के लिए मैडिकेटेड लिक्विड सोप सब से अधिक उपयुक्त रहता है.

नहाने के पानी में कुछ बूंदें ऐंटीबैक्टीरियल लोशन अवश्य डालें.

पसीना ज्यादा आता हो तो अंडरआर्म्स की सफाई पर पूरा ध्यान दें. प्यूबिक एरिया के बालों की सफाई भी समयसमय पर करें.

नहाने के लिए अपना सोप अलग रखें. नाखूनों को समयसमय पर जरूर काटें. गंदे नाखूनों से भी अस्वस्थ होने की संभावना ज्यादा रहती है.

पर्सनल हाइजीन

हमेशा साफ कपड़े पहनें, जो सिर्फ धुले ही नहीं वरन संक्रमण रहित भी हों.

दूसरे का तौलिया, कपड़े, चश्मा, कंघा, लिपस्टिक आदि प्रयोग न करें.

मेकअप किट में भी जर्म्स पाए जाते हैं. अत: मेकअप ब्रश, पफ, आईब्रो पैंसिल आदि को भी प्रयोग में लाने से पहले ऐंटीसैप्टिक वाइप्स से पोंछ लें.

महिलाओं के पर्स के हैंडल में उतने ही जर्म्स पाए जाते हैं जितने एक टौयलेट सीट पर. यह बात हाल ही में हुए सर्वे में पता चली. अत: अपने पर्स की भी नियमित सफाई करती रहें.

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फेस्टिवल स्पेशल: दीवाली से पहले घर को ऐसे करें जर्म फ्री

क्या आप प्रतिदिन खुद के नहाने, घर में झाड़ूपोंछा करने और बरतनों व कपड़ों की सफाई को ही घर का रोगाणुरहित होना मानती हैं? अगर हां तो आप गलत हैं. कभी आप ने सोचा है कि ऐसा करने के बावजूद आप या घर के दूसरे सदस्य बारबार बीमार क्यों पड़ते हैं? उदाहरण के लिए आप नहाने की ही बात करें तो क्या जिस बालटी व मग का प्रयोग आप नहाने के लिए करती हैं या शावर से नहाती हैं उसे प्रतिदिन ऐंटीसेप्टिक लोशन से साफ किया जाता है? यहां भी बैक्टीरिया पनपते हैं.

यद्यपि बढ़ते प्रदूषण और बदलते लाइफस्टाइल के चलते घर को जर्म फ्री रखना किसी चुनौती से कम नहीं है और फिर वातावरण को पूरी तरह से नहीं बदला जा सकता पर फिर भी घर व घर के सदस्यों का थोड़ीबहुत सूझबूझ व थोड़ा सा ज्यादा समय लगा कर बचाव तो किया ही जा सकता है. रोगाणुरहित बनना है तो शारीरिक हाइजीन, पर्सनल हाइजीन व घर के हाइजीन के बारे में जानना ही होगा.

1. घर को बनाएं जर्म फ्री

घर की बात करें तो लिविंगरूम या ड्राइंगरूम, बैडरूम, किचन और बाथरूम का जिक्र अनिवार्य है. यहां पर ही पनपते हैं जर्म्स और इन के संपर्क में आने से हम हो जाते हैं बीमार.

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2. लिविंगरूम/ड्राइंगरूम

इस जगह का प्रयोग घर के सदस्यों के द्वारा सर्वाधिक किया जाता है. यहां की खिड़कियां, दरवाजे अकसर लोग बंद रखते हैं ताकि धूल अंदर न आए. पर ऐसा होता नहीं है. कुशन कवर, सोफे की गद्दियों, सैंटर टेबल, डाइनिंग टेबल कवर पर धूल जम ही जाती है, जो हमें दिखाई नहीं देती. कालीन तो सब से अधिक धूल अब्जौर्ब करता है. इसी तरह परदों पर भी धूल इकट्ठा होती रहती है. आप भले ही कितनी डस्टिंग करें धूल पुन: उड़ कर आ जाएगी और इसी से उपजते हैं बैक्टीरिया. पंखे, स्विचबोर्ड आदि पर भी धूल की परत साफ देखी जा सकती है.

रोकथाम

सब से अधिक जरूरी यह है कि ड्राइंगरूम की खिड़कियों को कुछ देर खुला रखें ताकि ताजा हवा का सर्कुलेशन अच्छी तरह हो.

वैज्ञानिकों का कहना है कि कमरे में इनडोर प्लांट्स रखें, जो वायु क्वालिटी को बढ़ाते हैं और टौक्सिन को अब्जार्ब कर लेते हैं. इनडोर प्लांट्स में मनी प्लांट सब से अधिक उपयुक्त हैं.

कारपेट बिछाया है तो उसे सप्ताह में एक बार अवश्य वैक्यूम क्लीनर से साफ करें व 1 या 2 महीने बाद ड्राईक्लीन करवाएं. या फिर 1 महीने बाद धूप अवश्य दिखाएं.

कुशन कवर, टेबल कवर आदि को 10 दिनों बाद अवश्य धोएं.

परदों को हर महीने धोएं और अच्छा हो यदि सूती परदों का इस्तेमाल करें.

लकड़ी के फर्नीचर को प्रतिदिन पहले गीले कपड़े से और फिर सूखे से पोछें. हर चौथे महीने वार्निश करवाएं.

सजावटी सामान को भी प्रतिदिन ऐंटीसैप्टिक लोशन लगा कर कपड़े से पोंछें.

एअरकंडीशन की जाली को सप्ताह में 1 बार अवश्य धोएं. पंखों की सफाई सप्ताह में 1 बार जरूर करें.

फर्श की रोज सफाई करें. इस के लिए पानी में थोड़ा सा डिसइन्फैक्टैंट क्लीनर अवश्य डालें.

मेनडोर पर धूलमिट्टी सोखने वाला डोरमैट लगाएं. इस से घर में बाहर से आने वाली डस्ट से बचा जा सकता है.

सप्ताह में कम से कम 2 बार घर की खिड़कियों को अच्छी तरह साफ करें. अंदर वाले हिस्सों को लंबाई में व बाहर वालों को चौड़ाई में साफ करें. ऐसा करने पर अगर दागधब्बा न छूटा हो तो यह पता चल जाता है.

स्विचबोर्ड, खिड़कियों के हैंडल आदि को डिसइन्फैक्टैंट कपड़े से प्रतिदिन साफ करें, क्योंकि दिन में कितनी ही बार हमारे हाथ इन चीजों के संपर्क में आते हैं. अत: इन का साफसुथरा रहना बहुत जरूरी है.

3. बैडरूम

बैडरूम में धूल के कणों से उपजे कीटाणु गद्दों और तकियों में अपनी जगह बनाते हैं. इन्हीं में ये अपना भोजन लेते हैं. डा. फिलिप टियरनो ने अपनी पुस्तक ‘द सीक्रेट लाइफ औफ जर्म्स’ में लिखा है कि बिस्तर पर पसीना और वीर्य के अलावा कुछ और पदार्थ भी गिरते रहते हैं, जिन से बैक्टीरिया पनपते हैं.

दिल्ली के अपोलो अस्पताल ईएनटी स्पैशलिस्ट डा. कविता नागपाल का भी यह मानना है कि त्वचा संबंधी रोगों व ऐलर्जी होने का मुख्य कारण बैक्टीरिया ही है.

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रोकथाम

तकियों और गद्दों पर कवर चढ़ाएं. हर महीने गद्दों को पलट दें. महीने में 1 बार धूप दिखाएं.

तकियों व गद्दों के कवरों को सप्ताह में 1 बार गरम पानी से धोएं ताकि कीटाणु नष्ट हो सकें.

ध्यान रहे, एक तकिए की उम्र 3 से 5 साल होती है. इंटरनैशनल कंज्यूमर हाइजीन सर्वे के अनुसार 5 साल में 1 तकिए में 10% धूल जमा हो जाती है. अत: 5 साल बाद उसे जरूर बदल देना चाहिए.

पिलो कवर, चादर व बैड कवर को हर हफ्ते बदलें.

ओढ़ने वाली चादरों को भी सप्ताह में 1 बार धोएं. कंबल को भी सप्ताह में 1 बार वैक्यूम क्लीनर से साफ करें और 1 महीने बाद ड्राइक्लीन करवाएं अथवा उस पर भी कवर चढ़ा कर रखें और उसे नियमित धोएं.

इसी कड़ी में आगे पढ़िए- कैसे करें बाथरूम और किचन की सफाई

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