स्वाद और सेहत का खजाना हरी चटनियां

भारतीय भोजन में चटनियों का विशेष महत्त्व है. चटनी जहां भोजन की थाली को सम्पूर्णता प्रदान करती है वहीं भोजन के स्वाद को भी  दोगुना कर देतीं हैं. धनिया, पोदीना और प्याज की सामान्य चटनियों के अतिरिक्त हरे प्याज, आंवला, लहसुन, अदरक, नारियल, खीरा, चना दाल, साबुत लाल मिर्च, खजूर आदि से भी विभिन्न प्रकार की स्वादिष्ट चटनियां बनायीं जातीं हैं जो निस्संदेह साधारण से भोजन के  स्वाद में भी चार चांद  लगा देतीं हैं. किसी भी प्रकार के प्रिजर्वेटिव और फ़ूड कलर का प्रयोग न किये जाने और ताजी ही बनाई जाने के कारण सभी चटनियां बहुत सेहतमंद होतीं हैं.

अपनी पौष्टिकता के कारण हरी चटनियों का भोजन में अलग ही महत्त्व है क्योंकि इनमें प्रयोग की जाने वाली हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन ए, विटामिन सी, मिनरल्स, कैल्शियम, और आयरन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इनमें पाए जाने वाले ये पौष्टिक तत्व शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाने के साथ साथ प्रतिरक्षा तंत्र को भी मजबूत करते हैं.  इनको बनाने में चूंकि किसी भी प्रकार के तेल अथवा घी का प्रयोग नहीं किया जाता इसलिये इनमें नाममात्र की कैलोरी होती है इसलिए हेल्थ कांशस लोगों को विविध हरी चटनियों का प्रयोग नियमित रूप से अवश्य करना चाहिए. यहां पर प्रस्तुत है चार विभिन्न प्रकार की हरी चटनियों की विधि-

ग्रीन सैंडविच चटनी

सामग्री

हरा धनिया       100 ग्राम

हरी मिर्च            4

अदरक               1 छोटी गांठ

सफेद तिल            1/2टीस्पून

मूंगफली दाना         1/2 टीस्पून

शकर                     1 टेबलस्पून

नींबू का रस             1 टेबलस्पून

जीरा पाउडर             1/4 टीस्पून

धनिया पाउडर            1/2 टीस्पून

हींग                           चुटकी भर

तेल                           1/2टीस्पून

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विधि

1-सफेद तिल और मूंगफली दाना को एक पैन में सूखा ही हल्का सा रोस्ट कर लें.

2-अब नींबू का रस और तेल छोड़कर समस्त सामग्री को मिक्सी में 1 टीस्पून पानी के साथ पीस लें.

3-अंत में नीबू का रस और तेल मिलाकर जार में भरकर उपयोग करें.

नोट-इसे पीसते समय अधिक पानी का प्रयोग न करें. इसे आप सैंडविच के साथ साथ पनीर पकौड़ा और भरवां पराठे में भी प्रयोग कर सकतीं हैं.

खीरा चटनी

सामग्री

ताजा खीरा        1 कप

हरा धनिया          2 कप

हरी मिर्च               4

किसा अदरक         1 छोटी गांठ

अमचूर पाउडर         1 टीस्पून

नारियल बुरादा         1/2 चम्मच

विधि

1-खीरा को छोटे टुकड़ों में काट लें.

2-अमचूर पाउडर को छोड़कर समस्त सामग्री को एक साथ मिक्सी में पीस लें.

3-अमचूर पाउडर और 1/4 टीस्पून तेल मिलाकर एयरटाइट जार में भरें.

नोट-इस चटनी का प्रयोग चाट में अवश्य करें, चाट का स्वाद दोगुना हो जाएगा.

अचारी हरी चटनी

सामग्री

कटा हरा प्याज        2 कप

आम या नीबू का अचार     1 टेबल स्पून

हरी मिर्च                  4

अदरक                     1 छोटी गांठ

काला नमक               1/4चम्मच

जीरा                          1/4चम्मच

विधि

1-यदि आप आम के अचार का प्रयोग कर रहीं हैं तो चाय की छलनी में कुछ देर रखकर इसका तेल निकाल दें.

2-अब समस्त सामग्री को एक साथ मिलाकर मिक्सी में पीस लें.

3-तैयार चटनी को एक जार में निकालकर प्रयोग करें.

आंवले की खट्टी मीठी चटनी

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सामग्री

कटे आंवले     1 कप

पोदीना            2 कप

काला नमक      1/4 टीस्पून

सादा नमक        1/4 टीस्पून

गुड़ अथवा शकर  1 टेबलस्पून

धनिया पाउडर       1 टीस्पून

हरी मिर्च                4

अदरक                  1 छोटी गांठ

विधि

1-पोदीने को साफ करके धो लें.

2-अब समस्त सामग्री को एक साथ मिक्सी में पीस लें.

3-1/4 टीस्पून तेल मिलाकर एयरटाइट जार में भरकर प्रयोग करें.

चटनी बनाते समय रखें कुछ बातों का ध्यान-

1-चटनी को पीसते समय सादा पानी के स्थान पर आइस क्यूब्स या बर्फ के पानी का प्रयोग करने से चटनी बहती नहीं है.

2-एकदम बारीक पेस्ट जैसी चटनी के स्थान पर थोड़ी दरदरी सी चटनी खाने में अधिक स्वादिष्ट लगती है क्योंकि इसका स्वाद सिल बट्टे पर पीसी गयी चटनी जैसा होता है.

3-किसी भी प्रकार की चटनी पीसते समय उसमें चुटकी भर शकर और 1/4 टीस्पून तेल डालने से चटनी का हरा रंग बरकरार रहता है.

4-चटनी में नींबू का रस या अमचूर पाउडर अंत में डालने से चटनी काली नहीं पड़ती.

5-चटनी में धनिया पोदीने के साथ अल्प मात्रा में पालक, बथुआ, खीरा और लौकी का प्रयोग करने से चटनी की पौष्टिकता दोगुनी हो जाती है.

6-केवल पत्तियों के स्थान पर धनिया पोदीना की नरम डंडियों को भी चटनी में पीसें क्योंकि डंडियों में भरपूर मात्रा में आयरन होता है.

7-दाल या सब्जी की चम्मच से चटनी निकालने से चटनी जल्दी खराब हो जाती है इससे बचने के लिए चटनी के जार में एक छोटी चम्मच अवश्य डाल दें.

8.हरी चटनियों को बहुत ज्यादा मात्रा में बनाने की अपेक्षा अधिकतम 7 दिनों के लिए ही बनाएं अन्यथा इनका वास्तविक स्वाद समाप्त हो जाता है.

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