पति पर दोबारा कैसे भरोसा करुं?

सवाल-

मैं 23 वर्षीय युवती हूं. मैं ने प्रेम विवाह किया था. मेरे 2 बच्चे हैं. विवाहपूर्व मेरे पति के एक शादीशुदा महिला से संबंध थे. कुछ महीने पहले पता चला है कि पति अब भी उस औरत से तो संबंध बनाए हुए ही है, सुना है एक दूसरी औरत से भी उन की दोस्ती है. जब से मुझे पति के व्यभिचार का पता चला है मैं तनावग्रस्त हूं. मैं ने जहर खा कर जान देने की भी कोशिश की पर बचा ली गई. पति वादा करते हैं कि आइंदा किसी से कोई संबंध नहीं रखेंगे. पर मुझे अब उन पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है. कुछ समझ में नहीं आ रहा कि क्या करूं. जिस व्यक्ति के लिए मैं ने अपना सबकुछ छोड़ दिया उसी ने मेरा भरोसा तोड़ा. बताएं, क्या करूं?

जवाब-

लगता है पति चुनने में आप से भूल हुई है. लेकिन अब पति जैसे भी हैं उन्हें संभालने, राह पर लाने की जिम्मेदारी आप ही की है. उन्हें समझाएं कि वे अब 2-2 बच्चों के पिता हैं, इसलिए अपना आचरण सुधारें वरना इस का प्रभाव बच्चों पर भी पड़ेगा. आप भी उन पर कड़ी नजर रखें. तनावग्रस्त रहना या फिर आत्महत्या जैसा कायराना कदम उठाना सही नहीं है. पति पर घर की और बच्चों की जिम्मेदारी डालें ताकि वे उस में व्यस्त रहें और उन्हें भटकाने के लिए समय ही न मिले.

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‘‘कोई घर अपनी शानदार सजावट खराब होने से नहीं, बल्कि अपने गिनेचुने सदस्यों के दूर चले जाने से खाली होता है,’’ मां उस को फोन करती रहीं और अहसास दिलाती रहीं, ‘‘वह घर से निकला है तो घर खालीखाली सा हो गया है.’’

‘मां, अब मैं 20 साल का हूं, आप ने कहा कि 10 दिन की छुट्टी है तो दुनिया को समझो. अब वही तो कर रहा हूं. कोई भी जीवन यों ही तो खास नहीं होता, उस को संवारना पड़ता है.’

‘‘ठीक है बेबी, तुम अपने दिल की  करो, मगर मां को मत भूल जाना.’’ ‘मां, मैं पिछले 20 साल से सिर्फ आप की ही बात मानता आया हूं. आप जो कहती हो, वही करता हूं न मां.’

‘‘मैं ने कब कहा कि हमेशा अच्छी बातें करो, पर हां मन ही मन यह मनोकामना जरूर की,’’ मां ने ढेर सारा प्यार उडे़लते हुए कहा. वह अब मां को खूब भावुक करता रहा और तब तक जब तक कि मां की किटी पार्टी का समय नहीं हो गया.

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जब हमसफर राह से भटकता है!

पहली घटना-
राजधानी रायपुर में एक महिला ने अपने पति के खिलाफ थाने में यह रपट लिखाई कि पति ने बिना बताए उसके लॉकर से सोने-चांदी के गहने निकाले और बेच दिए.

दूसरी घटना-
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की एक महिला ने पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया कि उसके पति ने बिना बताए उसके बैंक अकाउंट से फर्जी हस्ताक्षर करके डेढ़ लाख रुपए निकाल लिए.

तीसरी घटना-
जिला कोरबा के थाना कटघोरा में एक पत्नी ने अपने पति के खिलाफ यह रपट लिखाई कि उसके नाम की जमीन को, पति ने बिना बताए औने पौने दामों पर बेच दिया और फर्जी हस्ताक्षर किए.

दरअसल,ऐसी घटनाएं अक्सर घटित होती रहती हैं, जब पति पत्नी के आपसी संबंधों में कुछ एक खटास पैदा हो जाती है. उनके रास्ते इस तरह अलग हो जाते हैं कि पति अपने ही पत्नी के साथ धोखाधड़ी करने लगता है, उसकी जमा पूंजी उसके पैसे, उसका स्त्रीधन, उसकी बेशकीमती प्रापर्टी को हथिया रुपए बनाता है.ऐसे में अपने पति के भरोसे में रहने वाली महिला पत्नी आखिर क्या कर सकती है?

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हमारे आस पास ऐसी अनेक घटनाएं घटित होते जाती हैं, ऐसी ही एक घटना छत्तीसगढ़ के रायपुर में घटित हुई है जिसमें पुलिस ने मामला दर्ज किया है, घटनाक्रम के अनुसार-

पति ने क्रेडिट कार्ड से पैसे खर्च कर दिये तो नाराज बीबी ने पति के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करा दी . अब पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी .मामला रायपुर के आमानाका थाना का है. महिला का आरोप है कि उसकी मर्जी के खिलाफ बिना बताए ही अलमारी में सुरक्षित, पति ने उसके दो क्रेडिट कार्ड से पौने चार लाख रुपये खर्च कर दिये हैं. अब वो ना तो पैसे लौटा रहा है और पैसे मांगने पर धमकी दे रहा है. पति के इस हरकत के खिलाफ पत्नी ने आमानाका थाने में एफआईआर दर्ज करायी है.
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ऐसे में, क्या रणनीति हो पत्नी की
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उपरोक्त घटनाक्रम के अंतर्गत कुछ ऐसा पेंच फंस जाता है कि सरल स्वभाव की महिलाएं आखिर क्या करें उन्हें समझ में नहीं आता.
इस तरह कुल मिलाकर वह पति पर विश्वास करके एक ऐसी डूबती नाव में बैठी होती हैं जिसका खेवैया उसे कहां डूबाएगा वह नहीं जानती. ऐसे में छत्तीसगढ़ की राजधानी में घटित घटना क्रम एक सिंबॉल है की महिला क्या करें यहां देखिए महिला ने क्या साहसिक कदम उठाया-
महिला का नाम अंकिता सिंह राठौर है, जबकि पति के नाम विजय विक्रम सिंह है, जो रायपुर के एक निजी कंपनी में कार्यरत है. महिला और पति के बीच कुछ दिनों से विवाद चल रहा है, जिसके बाद महिला रायपुर के सड्डू में अपने मायके में रह रही है, जबकि इससे पहले वो टाटीबंध के सर्वोदय कॉलोनी में रहती थी. इसी दौरान पति ने उसके दोनों क्रेडिट कार्ड ले लिये और उसके जरिये करीब 3 लाख 75 हजार रुपये निकालकर खर्च कर दिये. पत्नी का आरोप है कि पैसे वंदना ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड में खर्च किये गये हैं. मामला पुलिस के अधीन है जान जारी है मगरिया घटनाक्रम बताता है कि किस तरह महिलाओं के साथ कभी-कभी पति भी एक बैरी बनकर पेश आते हैं और उनकी अपनी अमानत को जो गाढ़े वक्त के लिए रखी होती है को उनकी बिना जानकारी के ही उड़ा कर मौज-मस्ती में खर्च कर देते हैं. लाख टके का सवाल यह है कि ऐसी परिस्थितियों में महिला क्या रास्ता अपनाएं घर के भीतर पति को समझा-बुझाकर रास्ते पर लाना जब मुश्किल और दुश्वार हो जाता है तब महिलाएं क्या करें क्योंकि अगर वह थाना जाती हैं तो पति जेल जा सकता है अगर नहीं जाती हैं तो उसका जीवन बर्बाद हो जाता है ऐसे दोराहे पर महिलाएं घने अंधेरे में रास्ता टटोलती हैं. नीचे हम बताएंगे कि ऐसी विषम परिस्थितियों में क्या करें.

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आपसी समझाइश अथवा थाने का डंडा
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महिलाएं जब अपने ही पति के द्वारा ठगी जाती हैं तो उनके सामने बड़ा यक्ष प्रश्न होता है कि वह क्या करें, महिलाएं कई बार यह सोचती है,कि जो हो गया ठीक है और उस जुल्मों को सह लेती हैं. मगर बहुतेरी महिलाएं आज इस परिस्थिति में साहस का काम लेते हुए पुलिस का सहारा लेती हैं और पति के खिलाफ मामला दर्ज कराती हैं. मगर यहां भी यह सबसे बड़ा पेंच है कि पति के के खिलाफ अगर पुलिस में दस्तक देती है तो फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी हस्ताक्षर करके रुपए हड़पने के मामले में पति जेल भी जा सकता है.
यह एक ऐसा विकट रास्ता है जिसमें महिलाओं को आगे बढ़ने में बेहद मुश्किल पेश आती है. कुआं और खाई वाली स्थिति होती है. ऐसे में सामाजिक कार्यकर्ता और विधि के जानकार पुलिस अधिकारी इस संदर्भ में जो कह रहे हैं वह अत्यंत महत्वपूर्ण है.
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के अनुशासन समिति के अध्यक्ष बीके शुक्ला कहते हैं कि उनके 30 वर्ष के वकालत की प्रैक्टिस में कई मामले ऐसे भी आए हैं जब महिलाओं ने अपने ही पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया और उन्हें जेल भेजा है. क्योंकि अहम खाते हुए पति झुककर, समझौता करने को तैयार नहीं होते, ऐसे में महिलाओं के पास एक ही रास्ता है वह है कानून और विधि का.
सामाजिक कार्यकर्ता शिव दास महंत के अनुसार महिलाएं सदैव पीड़ित होती रहती हैं पति जब शराब, जुआ अथवा अन्य स्त्री के संसर्ग में आ जाता है तो अपनी ही पत्नी के साथ, जिसके साथ सात फेरे लिए हैं, विवाह किया है संग निभाने का वादा किया है, धोखा घड़ी पर उतर आता है. ऐसे में पत्नी के सामने एक ही रास्ता है कि वह पुलिस के यहां दस्तक दे.
पुलिस अधिकारी विवेक शर्मा के अनुसार अक्सर महिलाएं पीड़ित होकर थाना आती हैं और पति के खिलाफ शिकायत प्रस्तुत करती हैं पुलिस पति पत्नी को समझौते के लिए प्रेरित करती है और अपेक्षा रखती है कि आपसी समझौते के तहत मामले को सुलझा लें. मगर जब पति समझने को तैयार नहीं होता तो हमारे पास कठोर कार्रवाई करने के अलावा कोई रास्ता नहीं रहता.

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