क्रेडिट कार्ड लेते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

क्रेडिट कार्ड आज बहुत से लोगों की जरूरत बन गई है. कई बार क्रेडिट कार्ड हमारे बुरे वक्त का सहारा भी बनता है. जब आपके पास बैलेंस ना हो और आपको पैसों की बेहद जरूरत है ऐसे में क्रेडिट कार्ड काफी काम आता है. बाजार में कई तरह के क्रेडिट कार्ड्स हैं. जरूरी है कि अपनी जरूरतों को जान कर, परख कर हम सही कार्ड का चुनाव करें. कई बार इसकी जानकारी के अभाव में क्रेडिट कार्ड से हमें नुकसान भी होता है. आम तौर पर लोग जो खरीदारी के काफी शौकीन होते हैं, हाई लिमिट वाला कार्ड लेते हैं पर ये एक बुरा विकल्प है. ये गलती आपको कर्ज में डाल देती है.

जब भी आप क्रेडिट कार्ड का चुनाव करें, जरूरी है कि अपनी भुगतान क्षमता को अच्छे से जाने, इसमें लापरवाही आपका नुकसान करती है. इस खबर में हम आपको कुछ जरूरी टिप्स बताने वाले हैं जिन्हें ध्यान में रखने से आप अपने लिए बेहतर कार्ड का चुनाव कर सकेंगी.

नकद निकासी के नियम

क्रेडिट कार्ड से एटीएम के जरिए कैश निकाल सकते हैं. पर इस पर कुछ शुल्क और ब्याज देना होता है. ऐसे में कार्ड का चुनाव करते वक्त ध्यान रखें कि कार्ड आपको कितना शुल्क और ब्याज दर दे रही है.

रिवार्ड प्वाइंट

कार्ड से पेमेंट या कहें तो खर्च के हिसाब से बैंक अपने ग्राहकों को रिवार्ड प्वाइंट्स देती है. इन्हें मौनिटरी और नौन मौनिटरी गिफ्ट्स में बदला जा सकता है. कार्ड के प्रकार पर प्लाइंट्स निर्भर करते हैं.

डिस्काउंट और कैशबैक

ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड से शौपिंग, खरीदारी करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बैंक तरह तरह के औफर्स देते हैं. इन औफर्स में शौपिंग पर कैशबैक, मूवी टिकट पर कैशबैक जैसे औफर्स होते हैं. ऐसे में कार्ड का चुनाव करने से पहले इस तरह की पूरी जाकारी रख लें.

कस्टमर केयर सर्विस

क्रेडिट कार्ट लेने से पहले बैंक की कस्टमर केयर सुविधाओं के बारे में पहले ही सुनिश्चित हो लें. अगर भविष्य में इससे जुड़ी समस्या आती है तो आप इसे कस्टमर केयर से बात कर के सुलझा सकती हैं.

क्रेडिट कार्ड फी

क्रेडिट कार्ड कंपनियां ज्वाइनिंग फी के साथ साथ सलाना फी भी वसूलती हैं. वहीं बहुत सी कंपनियां पहले साल की फी नहीं वसूलती. ऐसे में ऐसे कार्ड का चुनाव करें जो कम ज्वाइनिंग फी और सलाना फी वसूलते हैं.

क्रेडिट लिमिट से  सापेक्ष लोन की सुविधा

आपको कभी भी पैसे की जरूरत आ सकती है. ऐसे में क्रेडिट कार्ड आपको सापेक्ष लोन लेने की सुविधा देता है. इस लोन को आप ईएमआई पर चुका सकती हैं. इस पर ब्याज दर भी देना होता है, ऐसे में उसी कार्ड का चुनाव करें जो कम ब्याज दर लेती हो.

अच्छी सेविंग के लिए ध्यान में रखें ये 5 जरूरी बातें

घर की पूरी जिम्मेदारी महिलाएं संभालती हैं. राशन से लिए हाउस मैनेजमेंट संबंधी सारी चीजें उनके हिस्से की होती हैं. महिलाएं पुरुषों से अच्छा घर संभाल सकती हैं इसका कारण उनके अंदर की बचत की भावना है. महिलाएं पुरुषों से बेहतर बचत करती हैं. उनकी इस आदत में चार चांद लगाने के लिए हम बताने वाले हैं कुछ जरूरी टिप्स. ये टिप्स महिलाओं को बेहतर बचत करने में सहायक होंगी.

1. हर महीने का खर्च की करें तुलना

आपकी बेहतर बचत के लिए जरूरी है कि आप कहां और कितना खर्च कर रही हैं इसका ब्योरा रखें. हर महीने के खर्च की तुलना करें. यह बचत का पहला चरण है. अगक किसी महीने में ज्यादा खर्च हो रहा है तो उसकी वजह जानने की कोशिश करें.

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2. ट्रांजेक्शन के स्‍टेटमेंट चेक करें

जोभी आपके खर्चे हैं उनको कहीं नोट कर के रखें. जो भी ट्रांजेक्शन बैंक से हैं उनका स्‍टेटमेंट चेक करें और पिछले कुछ महीने के खर्च पर ध्‍यान दें. इसके लिए आपके बैंक का मोबाइल ऐप की सहायता ले सकती हैं. इसके अलावा आप हर सप्‍ताह के खर्च की एक डायरी बना सकती हैं.

3. बजट बनाने की शुरूआत करें

जो भी आपके खर्चे होते हैं उनका बजट बना लें, अपने खर्च का सही ब्योरा रखने के लिए ये जरूरी है.  इसे आप साप्ताहिक, मासिक या हर तिमाही रख सकती हैं. सबसे जरूरी बात यह कि आपको यह ध्‍यान रहे कि आप इस बजट का पालन कर रही हैं या नहीं.

4. घर में करें सेविंग्स

बैंक की सेविंगस अपनी जगह हैं, कोशिश करें की आप अपने घर में भी एक मिनी बैंक बना कर रखें जिसमें हर महीने छोटी-छोटी राशि बचत के रुप में रखें. बजट बनाते समय आपको सेविंग के आप्‍शन पर भी ध्‍यान देना चाहिए. आपकी छोटी-छोटी बचत किसी दिन बड़े निवेश में काम आएगी.

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5. ना करें बिना सोचे समझे खर्च

अक्सर शौपिंग पर आप जरूरत से ज्यादा चीजें खरीद लेती हैं. कभी दोस्तों के साथ बाहर निकलने पर गैर जरूरी खर्च भी कर आती हैं. इन आदतों को छोड़े.

महिलाएं कैसे लें पर्सनल लोन

पर्सनल लोन वह कर्ज होता है, जिस के लिए कुछ गिरवी नहीं रखना पड़ता. इसी वजह से सुरक्षित ऋण के मुकाबले इस की ब्याज दर कुछ अधिक होती है. कर्ज लेने वाले व्यक्ति का क्रैडिट स्कोर, कर्ज चुकाने का इतिहास, आय और उस की नौकरी जैसे पैरामीटरों के आधार पर तय किया जाता है कि उसे कर्ज दिया जाए या नहीं.

पर्सनल लोन की पात्रता से जुड़ी कुछ महत्त्वपूर्ण बातों को हमेशा ध्यान में रखें:

अच्छा क्रैडिट स्कोर

पर्सनल लोन हेतु अच्छा क्रैडिट स्कोर बुनियादी जरूरत है. स्त्री हो या पुरुष, कर्ज देने से पहले कर्जदाता सब से पहले क्रैडिट स्कोर ही देखते हैं. दूसरी ओर फाइनैंशियल टैक्नोलौजी (फिनटैक) युक्त स्टार्टअप कर्जदाता कंपनियां इस शर्त में थोड़ी सी राहत देते हुए कम क्रैडिट स्कोर वालों को भी ऋण दे देती हैं. फिनटैक ऋणदाता सिर्फ क्रैडिट स्कोर नहीं देखते, बल्कि अन्य पैरामीटरों का भी इस्तेमाल करते हैं और इस प्रकार आवेदकों को सबप्राइम क्रैडिट स्कोर के साथ पर्सनल लोन हेतु आवेदन करने की सुविधा देते हैं.

कर्जअदायगी का इतिहास

दूसरी अहम बात ध्यान में रखने की यह है कि जब आप पर्सनल लोन के लिए जाएं तो पुराने कर्ज की अदायगी का अच्छा इतिहास हो. किसी भी व्यक्ति की रिपेमैंट हिस्ट्री बेहद महत्त्वपूर्ण पैरामीटर है और आवेदक के क्रैडिट स्कोर में इसे सब से अधिक महत्त्व मिलता है. आवेदक की रिपेमैंट हिस्ट्री से कर्जदाता को उस का क्रैडिट बिहेवियर समझने में मदद मिलती है और साथ ही उस की कर्जअदायगी क्षमता का भी पता लगता है. जो महिलाएं पर्सनल लोन के लिए आवेदन कर रही हैं उन के पुराने कर्ज चुकाने के इतिहास को सर्वाधिक अहमियत मिलेगी.

कंपनी का स्टेटस

ऋण आवेदन की स्वीकृति या मनाही में कंपनी का स्टेटस बहुत महत्त्व रखता है. निजी बैंक केवल उन्हीं लोगों को पर्सनल लोन देते हैं जो ‘ए’ श्रेणी या कभीकभार ‘बी’ श्रेणी की कंपनी में नौकरी करते हैं. ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी की कंपनी में नौकरी करने वालों को अकसर अस्वीकृत कर दिया जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि निजी बैंक क्रैडिट हैल्थ की जांच व कंपनियों की रिस्क प्रोफाइलिंग करते हैं और उन्हें उसी हिसाब से श्रेणियों में रखते हैं. निजी बैंक इस जानकारी का इस्तेमाल यह तय करने के लिए करते हैं कि आवेदक की कर्ज चुकाने की क्षमता क्या है. ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी में आने वाली कंपनियां नईनई स्टार्टअप कंपनियां होती हैं या वे होती हैं जिन के पास पर्याप्त नकद प्रवाह नहीं होता, इसलिए ऐसी कंपनियों में काम कर रहे लोगों की कर्ज चुका पाने की संभावना कम होती है.

फिनटैक कर्जदाता और पी2पी लैंडिंग प्लेटफौर्म के मामले में हालांकि कंपनी के स्टेटस की ज्यादा फिक्र नहीं की जाती और उस के बाद ही ऋण देते हैं. इसलिए अगर आप महिला हैं और आप को स्टेटस कंपनी में काम न करने की वजह से लोन नहीं मिला तो आप को फिनटैक कर्जदाता या पी2पी लैंडिंग प्लेटफौर्म के पास जाना चाहिए.

नौकरी में स्थिरता

वर्तमान संगठन में आप कितने सालों से नौकरी कर रहे हैं- यह पहलू भी पैरामीटर में शामिल होता है और लोन की स्वीकृति को प्रभावित करता है. कर्जदाता यह देखते हैं कि किसी आवेदक का नौकरी करने का रिकौर्ड कितना स्थिर है और उसी हिसाब से वे जोखिम का मूल्यांकन करते हैं. इसलिए कई वर्षों की नौकरी का अनुभव यह जताता है कि आवेदक कम जोखिम वाला है और इसीलिए कर्ज स्वीकृति की संभावना अपनेआप बढ़ जाती है.

कर्ज की रकम का इस्तेमाल

पर्सनल लोन में कई सारी ऐप्लिकेशंस शामिल होती हैं. एक महिला होने के नाते आप कर्ज की रकम का इस्तेमाल परिवार के साथ बढि़या छुट्टियां मनाने, शानदार शादी, घर को नया रूप देने या कैरियर में प्रगति हेतु अतिरिक्त शिक्षा प्राप्त करने के लिए कर सकती है.

एकसाथ बहुत सारे कर्जदाताओं के पास न जाएं

लोगों को यह बात मालूम नहीं है, लेकिन यह पहलू आप के क्रैडिट स्कोर पर गलत असर डाल सकता है, क्योंकि इस से कर्जदाताओं के पास यह छवि बनेगी कि आवेदक कर्ज का लालची है, जिस का परिणाम आवेदन की अस्वीकृति के रूप में हो सकता है. कर्ज की अस्वीकृति का भी क्रैडिट स्कोर पर गलत असर पड़ता है और एक से अधिक बार अस्वीकृति के बाद कर्ज स्वीकार होना अकसर कठिन हो जाता है.

सह आवेदक का विकल्प: यह बहुत बढि़या कदम हो सकता है. विशेषकर महिलाओं के लिए. पर्सनल लोन लेते वक्त सह आवेदक का विकल्प चुनना कोई नई बात नहीं है और सभी किस्म के कर्जदाता चाहे निजी बैंक हों या फिनटैक, लैंडर, सभी इसे अनुमति दे रहे हैं. सह आवेदक के होने से कर्ज के पुन: भुगतान का बोझ बहुत कम हो जाता है, साथ ही पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलता है. सह आवेदक को गारंटर चुनने के बारे में एक और अच्छी बात यह है कि प्रभावशाली क्रैडिट स्कोर के बिना भी कर्ज मिल जाता है, बशर्ते सह आवेदक का क्रैडिट स्कोर स्वीकार करने योग्य हो. खास तौर पर कामकाजी, विवाहित महिलाओं के लिए सह आवेदक का विकल्प चुनना बहुत ही लाभकारी हो सकता है. यद्यपि आवेदक के कर्ज चुकाने में नाकाम रहने पर सह आवेदक कर्ज अदायगी के लिए जिम्मेदार होगा.

जितना चाहिए उस से ज्यादा न लें

अकसर पर्सनल लोन लेने वाले इस चक्कर में फंस जाते हैं. क्रैडिट स्कोर, आय व कंपनी का स्टेटस जैसे पैरामीटरों के आधार पर कर्जदाता आवेदन की गई राशि से बहुत ज्यादा कर्ज स्वीकृत कर देते हैं. बड़े काम की बात यह है कि जितना आप को चाहिए उतना ही कर्ज लें.

वेतनभोगी होने के नाते

आजकल कर्जदाता वेतनभोगी और स्वरोजगार दोनों किस्म के लोगों को पर्सनल लोन की पेशकश कर रहे हैं. लेकिन फिनटैक कंपनियां और पी2पी लैंडिंग प्लेटफौर्म अधिकतर वेतनभोगी लोगों को ही कर्ज की पेशकश करते हैं. इसीलिए यदि आप वेतनभोगी महिला हैं और कम से कम कागजी कार्यवाही करते हुए तुरंत अपने बैंक खाते में लोन पाना चाहती हैं तो यह आप के लिए ज्यादा सरल व सुविधाजनक है.

-आदित्य कुमार

संस्थापक व सीईओ, क्यूबेरा

फायदा चाहिए तो 31 मार्च से पहले जुटाएं ये 7 डाक्यूमेंट्स

चालू वित्तीय वर्ष 2019, 31 मार्च को खत्म होने वाला है. ऐसे में विभिन्न स्रोतों से हुई आय की जानकारी जुटा लें. इसके लिए जरूरी है कि आप कुछ जरूरी कागजातों को इक्कठ्ठा कर लें. ये डाक्यूमेंट्स आपके आय की वैद्यता के लिए जरूरी हैं. इनमें इंटरेस्ट सर्टिफिकेट, ट्रांजेक्शन सर्टिफिकेट, कैपिटल गेन स्टेटमेंट, टीडीएस सर्टिफिकेट जैसे अन्य कागजात शामिल हैं. इन डाक्यूमेंट्स में कैपिटल गेन और इंटरेस्ट या डिविडेंट भी शामिल हैं. ये इस लिए भी जरूरी है ताकि रिटर्न फाइलिंग करते वक्त पकी कर देयता का निर्धारण आसानी से हो सके.

तो आइए जाने कि कौन कौन से दस्तावेजों को जुटाना आपके लिए जरूरी है.

सिक्योरिटी स्टेटमेंट

म्यूचुअल फंड निवेशक अपने निवेश के लिए एक कंसौलिडेटेड होल्डिंग स्टेटमेंट प्राप्त करते हैं. शेयर्स की सिक्योरिटी और अन्य डिमेट सिक्योरिटीज के लिए भी निवेशक एनुअल होल्डिंग स्टेटमेंट प्राप्त करते हैं.

टीडीएस सर्टिफिकेट

ब्याज के 10,000 रुपये से अधिक होने की सूरत में बैंक ब्याज आय पर टीडीएस की कटौती करता है. टीडीएस कटौती को बैंक की ओर से प्राप्त किया जा सकता है.

कैपिटल स्टेटमेंट

ब्रोकर और म्युचुअल फंड, यूजर के आग्रह पर कैपिटल गेन स्टेटमेंट उपलब्ध करवाते हैं. इससे पूरे वित्तीय पर्ष में कुल फायदा या नुकसान की जानकारी मिलती है.

होम लोन इंटरेस्ट

होम लोन लेने पर बैंक एक सर्टिफिकेट उपलब्ध करवाता है. इस सर्टिफिकेट में एक वित्तीय वर्ष के दौरान हुए कुल रीपेमेंट की जानकारी होती है. इसमें प्रिंसिपल औप मिले ब्याज का ब्रेकअप होता है. इनकम टैक्स डिडक्सन को क्लेम करने के लिए इसका इस्तेमाल होता है.

बैंक स्टेटमेंट

निवेशक वित्तीय वर्ष के आखिर में अपना बैंक स्टेटमेंट जुटा लें जिसमें उनकी प्राप्त हुई आय और निवेश की पूरी जानकारी शामिल हो. बैंक जा कर लेने के अलावा इसे औनलाइन माध्यम से भी पाया जा सकता है.

इंटरेस्ट सर्टिफिकेट

निवेशक की सभी जमाओं पर एक वित्त वर्ष के दौरान ब्याज भुगतान के संबंध में बैंक एक सर्टिफिकेट औफ इंटरेस्ट भी उपलब्ध करवाता है. बचत खातों के लिए बैंक ये सर्टिफिकेट देता है. अगर किसी कारण से ये नहीं मिल पाता है तो इसे बैंक स्टेटमेंट से प्राप्त किया जा सकता है.

ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट

अगर किसी सूरतच में निवेशक सिक्योरिटी की बिक्री करता है या उसकी ट्रेडिंग करता है तो ऐसे में ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट और अकाउंट स्टेटमेंट को प्राप्त करना जरूरी है. ये एक वित्तीय वर्ष के लिए होता है.

इन 2 योजनाओं से अपना बिजनेस शुरू करें महिलाएं

देश की महिलाएं अब चौका बेलन से आगे निकल चुकी हैं. इंद्रा नूई, चंदा कोचर जैसी पौध पैदा करने वाले इस धरती पर अब उंची उड़ान भरने की ख्वाहिश के साथ औरते खुद को तैयार करती हैं. महिलाओं के लिए अब कोई काम मुश्किल नहीं रहा. नौकरी से लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर रही हैं महिलाएं. महिलाओं को और ज्यादा सशक्त करने के लिए सरकार भी काफी प्रयासरत है. यही कारण है कि उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं लाती रहती है. इस खबर में हम आपको ऐसी दो योजनाओं के बारे में बताएंगे जिनकी मदद से महिलाएं अपने सपनों को साकार कर सकती हैं.

ट्रेड सब्सिडी स्कीम

ट्रेड रिलेटेड एंटरप्रेनरशिप असिस्टेंस एंड डेवलपमेंट (ट्रेडर) स्कीम मिनिस्ट्री औफ माइक्रो, स्मौल एंड मीडियम एंटरप्राइजेस की ओर से कम पढ़ी-लिखी, अशिक्षित, असंगठित और जरूरतमंद महिला उद्यमियों के लिए है.

इस लोन के तहत जरूरतमंदों को लोन मुहैया किया जाता है.

छोटे मोटे रोजगार के लिए महिलाओं को 30 फीसदी की आर्थिक सहायता मिलती है.

ये सुविधा उन महिलाओं के लिए है, जिन्हें बैंक से लोन की सुविधा नहीं मिल पा रही है.

इस योजना के तहत आर्थिक मदद पाने के लिए आपको किसी एनजीओ की मदद लेनी होगी. सीधे तौर पर स़िर्फ किसी महिला को यह सुविधा नहीं दी जाती यानी अगर आप किसी ग़ैरसरकारी संगठन से जुड़ी हैं, तो आपको इस योजना का फ़ायदा मिलेगा.

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना

देश के लोगों को व्यवसाय के लिए प्रेरित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य था कि ज्यादा से ज्यादा लोग नौकरी की भीड़ से दूर हो कर कुछ खुद का काम शुरू करें. महिलाएं इस योजना का लाभ उठा कर अपना खुद का काम शुरू कर सकती हैं.

कैसे लें इस योजना का लाभ

  • इस योजना से पैसा उठा कर आप ब्यूटी पार्लर, टेलरिंग और ट्यूशन जैसे उद्यम की शुरुआत कर सकती हैं.
  • इसके अलावा कई महिलाएं मिल कर साथ में कुछ काम शुरू कर सकती हैं. इस योजना के तहत उन्हें लोन और फंड की सुविधाएं मिल सकेंगी.
  • इस योजना के तहत महिलाओं को 50 हजार से 10 लाख तक का लोन मुहैया किया जा सकता है.
  • इसका लाभ किसी भी सहकारी बैंक से लिया जा सकता है.
  • योजना के तहत लोन जारी होने पर आपको मुद्रा कार्ड मुहैया किया जाएगा. इसका उपयोग आप क्रेडिट कार्ड की तरह कर सकती हैं.
  • इस योजना को तीन हिस्सों में बांटा गया है, जिसके तहत आपको 50 हजार से लिए 10 लाख तक का लोन मिल सकेगा.

निवेश के लिए जरूरी हैं ये बातें

समझदारी से निवेश करना आसान काम नहीं है. इसके लिए धैर्य, निवेश में भरोसा और अपनी गलती मानने जैसी आदतें डालनी पड़ती हैं. वौरेन बफेट जैसी शख्सियत ने भी बर्कशायर स्टौक्स में की गई गलती को माना था. निवेश के दौरान कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए. इस खबर में हम आपको ऐसी ही चार बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आप निवेश के बिल्डिंग ब्लौक्स भी कह सकती हैं.

सही लक्ष्य रखें

अपना पैसा किसी भी तरह के निवेश में डालने से पहले अपने लक्ष्य को परिभाषित कर लें. अपने लक्ष्य को तय करने के लिए कई तरीके हो सकते हैं. निवेश से पहले खुद से ये सवाल जरूर करें.

  • आपकी जोखिम क्षमता कितनी है?
  • आपको अपने पोर्टफोलियो पर कितना समय बिताना होगा?
  • आपके शौर्ट टर्म और लौन्ग टर्म योजनाएं क्या हैं?
  • आपके शौर्ट टर्म और लौन्ग टर्म योजनाएं क्या हैं?
  • क्या आपका निवेश उदेश्य अपनी पूंजी को जमा करना और लंबी अवधि में महंगाई को मात देने वाले रिटर्न रेट के साथ बढ़ने वाला होना चाहिए?

इन लक्ष्यों को निर्धारित करने से आप एसेट एलोकेशन तय कर सकती हैं. साथ ही इसके आप अपने पोर्टफोलियो की खरीद व बिक्री की रणनीति भी बना सकती हैं. लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि आप अपना लक्ष्य समय के अनुसार बदल भी सकती हैं.

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घबराएं नहीं

आमतौर पर निवेशक छोटी अवधि में हो रहे नुकसान को देखकर घबरा जाते हैं. ऐसी स्थिति में अपने स्वाभव पर नियंत्रण रखना आना चाहिए. कई निवेशक बाहरी संकेत जैसे कि न्यूजपेपर, टीवी चैनल्स पर चलाई गईं खबरों और वर्ड औफ माउथ के आधार पर अपनी निवेश रणनीति बदल लेते हैं. बाजार में हलचल दो कारणों से होती है पहला डर और दूसरा लालच. आपको अपनी निवेश रणनीति पर भरोसा रखना चाहिए और शांत रहना चाहिए. इस चीज को स्वीकार करें कि बाजार की प्रव़ृत्ति अस्थिर होती है. ऐसे में इस अस्थिरता को लाभ उठाना सीखें.

अच्छा फाइनेंशियल एडवाइजर हायर करें

ऐसा न सोचिए कि आप सब कुछ कर सकते हैं, अपनी मेहनत की कमाई को अच्छे से मैनेज करने और निवेश पर बेहतर रिटर्न पाने के लिए वित्तीय सलाहाकार की मदद जरूर लें. ये अपनी फील्ड में ट्रेंड होते हैं. साथ इनके पास वर्षों का अनुभव होता है. ये अपने क्षेत्र में फुल टाइम काम करते हैं. यह बाजार पर नजर बनाएं रखे होते हैं. इन्हें किसी भी आम निवेशक की तुलना में निवेश और उसके मैनेजमेंट के बारे में ज्यादा पता होता है.

समझदारी से करें एसेट एलोकेशन

अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें. बाजार में कई निवेश विकल्प मौजूद हैं. लेकिन हर विकल्प का अपना रिस्क फैक्टर है. अधिकांश लोग निवेश में कई गलतियां कर देते हैं. एसेट एलोकेशन एक ऐसी स्ट्रैटेजी है जिसके जरिए आप न सिर्फ सही एसेट क्लास का चुनाव करते हैं बल्कि यह आपके निवेश को भी उचित तरह से मैनेज करता है.

 

आप एटीएम से कर सकती हैं ये 10 काम

आम तौर पर लोग एटीएम (एटीएम मशीन) का इस्तेमाल केवल पैसा निकालने के लिए करते हैं. इसके अन्य सुविधाओं के बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती. हम आपको बताएंगे कि कैश निकालने के अलावा एटीएम और कौन से 10 काम कर सकता है. आइए जानते हैं एटीएम की अन्य सुविधाओं के बारे में.

करें बिल की पेमेंट

आजकल लगभग सभी एटीएम मशीनों में ये सुविधा मौजूद है. इससे कई तरह के बिल, जैसे इलेक्ट्रिसिटी, डीटीएच और गैस बिल, एटीएम मशीन में मौजूद पे यूटिलिटी बिल्स विकल्प पर क्लिक करके कर सकती हैं.

करें मोबाइल रिचार्ज

अपने मोबाइल फोन को रिचार्ज करें एटीएम से. जी हां, प्री-पेड फोन का रिचार्ज अब एटीएम से संभव है. इसके लिए आपको मशीन में मौजूद रिचार्ज मोबाइल ऑप्शन को सिलेक्ट करके ज़रूरी निर्देशों का पालन करना होगा.

करें क्रेडिट कार्ड का पेमेंट

अपने क्रेडिट कार्ड बिल का पेमेंट करने के लिए आप एटीएम का इस्तेमाल कर सकती हैं. इसके लिए आपको अपने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करना होगा. इसकी बकायदा आपको रसीद दी जाएगी. इसके लिए जरूरी है कि आपका डेबिट और क्रेडिट कार्ड एक ही बैंक का हो.

पिन बदलना

एटीएम से आप अपने कार्ड का पिन जेनरेट करने के अलावा बदल भी सकती हैं.

मिनी स्टेटमेंट

एटीएम से आप अपने अकाउंट ट्रांजेक्शन्स की जानकारी ले सकती हैं. इसे मिनी स्टेटमेंट कहते हैं. इसके लिए आपको बैंक जाने की जरूरत नहीं है.

पता करें अकाउंट बैलेंस

अपके खाते में कितना पैसा है इसकी जानकारी आप एटीएम से ले सकती हैं.

करें फंड ट्रांसफर

एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसा भेजन की सुविधा एटीएम पर मिलती है. आपको बता दें कि एक बार में 15 हज़ार और एक दिन में आप 30 हजार तक ट्रांसफर कर सकती हैं.

करें कैश डिपौजिट

आजकल कई एटीएम में कैश डिपौजिट की सुविधा मिलती है. वहां से आप पैसे जमा कर सकती हैं.

फिक्ड डिपौजिट अकाउंट खोलें

बचत के लिए फिक्स्ड डिपौजिट एक बेहतर विकल्प है. इसके लिए किसी तरह के फौर्म को भरने की जरूरत नहीं है. एटीएम के ज़रिए भी आप यह कर सकती हैं. कुछ बैंक 10 हज़ार से लेकर 50 हजार तक के फिक्स्ड डिपौजिट एटीएम से करने की सुविधा देते हैं.

करें चेक बुक रिक्वेस्ट

अगर आपकी चेकबुक खत्म हो जाए और आप उसे दोबारा प्रिंट करवाना चाहती हैं तो एटीएम पर आपको ये सुविधा मिलेगी. एटीएम से रिक्वेस्ट भेजें और आपकी चेक बुक आपके घर पहुंच जाएगी.

बिना पिन डाले करें पेमेंट, जानिए इस नई तकनीक को

एटीएम कार्डों की तकनीक में 1 जनवरी से एक बड़ा बदलाव हुआ है. अब बैंक कौंटेक्टलेस एटीएम कार्ड भी जारी करेंगे. इन कार्ड्स की खासियत है कि इनसे पेमेंट करने के लिए पीओएस पर आपको पिन डालने की जरूरत नहीं है. बस पीओएस पर कार्ड को टच करने की जरूरत है और आपका पेमेंट हो जाएगा. आपको बता दें कि इस तकनीक से आप

2000 रुपये तक का पेमेंट कर सकती हैं. इससे ज्यादा का भुगतान करने के लिए पिन डालने की जरूरत होगा.जानकारों की माने तो सुरक्षा के मामले में ये बेहद कमजोर है. अगर आपका कार्ड खो जाता है तो बिना पिन जाने कोई भी आपके कार्ड से खरीदारी कर भुगतान कर सकता है. एक्सपर्ट्स की माने तो इस दिशा में लोगों को और अधिक जागरुक करने की जरूरत है.  ग्राहकों को भी इस कार्ड का इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए. आपको बता दें कि इस  मामले में मौजूदा कानून पर्याप्त नहीं हैं.

कार्ड चोरी होने या गिरने की स्थिति में ग्राहक को साबित करने में परेशानी होगी कि कौंटेक्टलेस फीचर का इस्तेमाल कर उसने पेमेंट नहीं किया है.एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में होने वाले कुल वित्तीय लेन-देन में 60% दो हजार रुपए से कम का होता है. इसे आसान बनाने के लिए कौंटेक्टलेस कार्ड का आइडिया इस्तेमाल किया जा रहा है.

आपको बता दें कि वीजा ने देश में पहली बार 2015 में कौंटेक्टलेस कार्ड जारी किए थे. तब से अब तक यह 2 करोड़ से ज्यादा ऐसे कार्ड जारी कर चुका है. विभिन्न बैंकों की बिना पिन/ओटीपी के ट्रांजैक्शन सीमा की बात की जाए तो एसबीआई, एक्सिस और यूनियन बैंक ने एक दिन में अधिकतम 5 कौंटेक्टलेस ट्रांजैक्शन की सीमा तय कर रखी है. कई बैंकों ने कौंटेक्टलेस तकनीक से एक दिन में 10,000 रुपये का प्रावधान किया है.

औनलाइन फ्रौड से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

आज अधिकतर बैंक ग्राहकों को नेट बैंकिंग की सुविधा दी जाने लगी है. इससे लेनदेन आसान, सुविधाजनक और सुरक्षित हो गई है. आसानी से घर बैठे तमाम तरह के पेमेंट्स नेट बैंकिंग के माध्यम से होते हैं. पर इसकी अपनी चुनौतियां भी हैं. अगर आप इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करती हैं तो आपको सर्तक रहने की भी जरूरत है. इस लिए आपको कुछ जरूरी बातों का खासा ख्याल रखना होगा. इसी बाबत हम आपके लिए लाएं हैं ये खबर. इस खबर में हम आपको कुछ जरूरी टिप्स बताएंगे जिन्हें ध्यान में रख कर आप अपने पैसों को और अधिक सुरक्षित रख सकती हैं.

सिस्टम से लौग आउट करना ना भूलें

जब भी आप अपने नेट बैंकिंग खाते को किसी सिस्टम में लौगइन करते हैं तो ध्यान रखें कि काम होने के बाद आपने लौग आउट किया है. ऐसा ना करने से आपका पूरा पैसा लूट लिया जा सकता है और आपको पता भी नहीं चलेगा.

किसी भी तरह के फ्रौड की जानकारी बैंक को दें

किसी भी अनजान स्रोत से आपको पैसा मिल रहा है तो बैंक को तुरंत सूचित करें. या अगर आपके खाते से कोई बिना आपकी जानकारी के पैसा जा भी रहा है तो सतर्क रहें. किसी भी तरह के संदेहास्पद लेनदेन होने पर जानकारी बैंक को दें.

url बार में लौक का निशान देखें

अपने इंटरनेट बैंकिंग क्रेडेंशियल्स को इंटर करते वक्त ध्यान में रखें कि यूआरएल बार में लौक का निशान आ रहा है या नहीं. अगर लौक का निशान नहीं है तो उस पेज पर अपना अकाउंट लौकइन ना करें. ये निशान वेबसाइट की गोपनीयता और सुरक्षा का सूचक है.

फर्जी ई-मेल्स से रहें सावधान

जब कोई फ्रौड व्यक्ति या संस्था आपको फर्जी ई-मेल भेजती है तो इसे फिशिंग कहते हैं. इस ई-मेल के माध्यम से अगला इंसान आपके बैंक से जुड़ी गोपनीय जानकारियां लेने की कोशिश करता है. इन जानकारियों में बैंक अकाउंट नंबर, लौगइन पासवर्ड, पिन जैसी जानकारियां होती हैं. इस तरह  के ई-मेल के किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें.

किसी से भी शेयर ना करें गोपनीय जानकारियां

किसी भी सूरत में किसी भी व्यक्ति से अपने बैंक  से जुड़ी गोपनीय जानकारियां शेयर ना करें. इससे आपको नुकसान झेलना पड़ सकता है. अगर आपने मोबाइल से पेमेंट के दौरान अपने कार्ड की जानकारी सेव कर दी है तो ध्यान रखें कि मोबाइल लौक रहे और किसी गलत व्यक्ति के हाथों में न जाए.

बचत करने के लिए इन बातों को ध्यान में रखें महिलाएं

घर के वित्तीय मामलों में घर की औरतों का खासा दखल होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वो घर की वित्तीय कार्यों को पुरुषों से बेहतर ढंग से संभाल लेती हैं. उनमें प्रबंधन और बचत की भावना भी पुरुषों की अपेक्षा बेहतर रहती है. ऐसे में हम महिलाओं के लिए कुछ जरूरी टिप्स ले आए हैं जो उन्हें इन बातों में खासा मदद करेंगे और इन मामलों में उनकी समझ को और अधिक विकसित करने में मदद करेंगे.

सोचें निवेश के बारे में

पैसों के बचत के लिए जरूरी है कि आप निवेश जरूर करें. पैसा बचा कर घर में रखने से कोई लाभ नहीं होता. बेहतर होगा कि आप उसे बाजार और पौलिसी में निवेश करें. इससे आपका पैसा भी सुरक्षित रहेगा और निवेश से पैसों में बढ़ोत्तरी होगी.

वित्तीय मामलों की समझ

एक महिला के लिए ये बेहद जरूरी है कि वो वित्तीय मामलों के बारे में समझ अच्छी रखे. इसके लिए आप चाहें तो फाइनेंशियल प्लानर की मदद ले सकती है.

जरूरत की चीजों की करें खरीदारी

जो भी चीजें जरूरी हैं उसे खरीदने से पीछे ना हटें पर गैर जरूरी खर्चों से दूर रहें. अगर आप शौपिंग करने जा रहीं और आपको अचानक कुछ खरीदने का मन होने लगा तो खुद से पूछें कि क्या आपको उस सामान की जरूरत है. क्या जरूरत है उस सामन की आपको?  इसके बाद भी अगर आपको लगता है कि आपको सामान खरीदना चाहिए तो खरीदें नहीं तो छोड़ दें.

ध्यान रखें कहां और कितना करना है खर्च

जहां भी आपको पैसे खर्च करने हैं उसकी पूरी जानकारी रखें. बेहतर होगा कि आप अपने खर्चों को नोट करते रहें. ध्यान रखें कि जहां और जितनी जरूरत हो उतना ही खर्च करें.

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